एनआरसी की बात की जाए तो एनआरसी देश की सभी स्थानीय निवासियों की एक सूची होती है। स्थानीय स्तर के अनुसार गांव, कस्बे, राज्य और केंद्रीय स्तर पर डेटाबेस तैयार करना होता है। एनआरसी, एनपीआर राष्ट्रीय जनसंख्या से संबंधित प्रावधान है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के प्रावधान को 2004 में सिटीजनशिप एक्ट 1955 को संशोधित करने के बाद जोड़ा गया। हमारे देश के प्रत्येक व्यक्ति को यह जानकारी होना आवश्यक है कि NRC AUR NRP KYA HOTA HAI? क्योंकि हमारे आसपास की जानकारी से जागरूक रहना हमारा अधिकार है। साथ ही साथ यह हमारे लिए आवश्यक भी है।
केंद्र सरकार के द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक का पंजीकरण करके राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी किया जा सकता है। केंद्र सरकार भारत के प्रत्येक व्यक्ति का रजिस्टर तैयार करने में सक्षम होती है। हमारे देश की सभी जानकारी देश के प्रत्येक व्यक्ति को पता होना आवश्यक है क्योंकि हमारे देश में आसपास की जागरूकता को ग्रहण करना हमारा अधिकार है। इसीलिए आपको पता होना चाहिए कि NRC AUR NPR KYA HOTA HAI? हमारे द्वारा नीचे इस लेख में एनआरसी, एनपीआर से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको दी गई है। यदि आप यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हमारे दिए गए लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
एनआरसी, एनपीआर की फुल फॉर्म क्या होती है? (What is the full form of NRC, NPR?)
एनआरसी और एनसीआर के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले आपको यह अवश्य ही पता होना चाहिए कि एनआरसी और एनपीआर की फुल फॉर्म क्या होती है? हमारे द्वारा यहां आपको What is the full form of NRC, NPR? के बारे में बताया गया है। एनआरसी की फुल फॉर्म “National register of citizens” होती है जिसे हिंदी में “राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर” के नाम से जाना जाता है। इसका कार्य देश के सभी नागरिकों की पहचान करना और देश में आए घुसपैठियों की पहचान करके देश से बाहर निकालने का होता है।
यदि एनपीआर की बात करें, तो एमपीआर की फुल फॉर्म “National population register” होती है। जिसे हिंदी में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के नाम से जाना जाता है। इसके द्वारा देश के सभी नागरिकों का ब्यौरा रखा जाता है। अर्थात कह सकते हैं कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अंदर सामान्य नागरिकों की जानकारी को सम्मिलित किया जाता है। जो भारतीय नागरिकों को कानूनी ढांचा प्रदान करता है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपने आप में सरकार और वर्तमान में भारतीयों के लिए एक कानूनी अधिकार है।
एनआरसी क्या होता है? (What is NRC?)
एनआरसी के माध्यम से केंद्र सरकार के द्वारा देश में अवैध रूप से निवास कर रहे प्रवासियों की पहचान की जाती है। सरकार के द्वारा किसी निजी क्षेत्र में जांच के दौरान क्षेत्र के लोगों से अपने वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जाता है। इन सभी दस्तावेजों को इकट्ठा करके इनका परीक्षण किया जाता है। इसकी तत्पश्चात ही एनआरसी के माध्यम से वैध नागरिकों की सूची को जारी किया जाता है।
साथ ही साथ इस सूची के अंतर्गत दावे और आपत्तियों का भी प्रावधान होता है। इसके तत्पश्चात ही एनआरसी के माध्यम से एक आखरी सूची तैयार की जाती है। जिसके अंतर्गत उस राज्य तथा निश्चित क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों का ही नाम अंकित होता है। जो वहां के नागरिक होते हैं अर्थात जिनके दस्तावेज वैध करार होते हैं। अभी जल्दी में ही असम में एनआरसी लागू की गई थी। जिसमें इसी प्रकार की संपूर्ण प्रक्रिया हुई थी।
एनपीआर क्या होता है? (What is NPR?)
एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का उपयोग सरकार द्वारा अपनी योजनाओं को लागू कराने के लिए किया जाता है। हम कह सकते हैं एनपीआर सरकार की योजनाओं को लागू करने में सहायता करता है। बायोमैट्रिक डाटा के माध्यम से योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान बहुत आसानी से की जा सकती है। यदि कोई अन्य प्रवासी हमारे देश के किसी हिस्से में 6 महीने से अधिक समय तक रह रहा हो। तो इसका सारा विवरण एनपीआर में दर्ज किया जाता है। एनपीआर नागरिकता का प्रमाण नहीं होता है। इसके अंतर्गत लोगों के द्वारा पूछताछ की गई जानकारी को ही सही माना जाता है।
एनआरसी और एनपीआर में अंतर? (Difference between NRC and NPR?)
एनआरसी यानि राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन तथा एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) में बहुत अंतर होता है। जिसके बारे में आपको जानकारी होना आवश्यक है। हमारे द्वारा यहां आपको Differences between NRC and NPR? के बारे में बताया जा रहा है। एक तरफ जहां एनआरसी का मुख्य उद्देश्य देश के अवैध नागरिकों की पहचान करना होता है। वहीं दूसरी तरफ नागरिकता से एनपीआर का कोई भी संबंध नहीं होता है। एनसीआर में 6 महीने से किसी निश्चित क्षेत्र में रह रहे स्थानीय व्यक्ति को पंजीकरण कराना आवश्यक होता है। वहीं दूसरे देश के व्यक्तियों को भी एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।
एनटीआर की अगर बात करें तो इस पर जल्द ही मोदी कैबिनेट की मुहर लगाई जा सकती है। एनपीआर की स्वीकृति मिलने के तत्पश्चात ही देश के प्रत्येक नागरिक को इसके अंतर्गत पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। यह पंजीकरण प्रत्येक व्यक्ति के नाम से होगा। जो व्यक्ति 6 महीने से किसी स्थानीय निवास पर रह रहा है। उसे एनपीआर में रजिस्टर कराना होगा। एनआरसी में नागरिकता के आधार पर आपको देश का नागरिक माना जाता है और इसके लिए आपके पास वैध दस्तावेज होने आवश्यक है। जिनका परीक्षण करके यह पता लगाया जाता है कि आप यहां के नागरिक हैं या नहीं।
एनआरसी क्यों लागू किया गया? (Why was NRC implemented?)
एनआरसी एक ऐसा अभियान है। जिसे दुनिया भर में अभी तक कहीं भी नहीं चलाया गया है। परंतु भारत के असम राज्य में इस अभियान को सरकार द्वारा चलाया गया क्योंकि वहां अवैध रूप से रह रहे लोगों के कारण बहुत समस्या हो रही थी। इस समस्या का समाधान करने हेतु सरकार द्वारा एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन को लागू किया गया था।
इस अभियान के तहत वहां पर अवैध रूप से रह रहे नागरिकों की पहचान करके उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा। 50 लाख से भी अधिक बांग्लादेश के लोग भारत में बिना किसी वैध दस्तावेजों के रह रहे थे। इसीलिए इन लोगों के कारण सामाजिक और आर्थिक समस्याएं बढ़ती जा रही थी। इस कारण सरकार को एनआरसी का सहारा लेना पड़ा।
एनआरसी के नियम? (Rule of NRC?)
एनआरसी को किसी निश्चित क्षेत्र में लागू करने के लिए कुछ नियम होते हैं। इसकी जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को पता होना आवश्यक है। यदि आपको नहीं पता कि एनआरसी को जारी करने के क्या नियम होते हैं? तो हमारे द्वारा नीचे आपको Rules of NRC? की जानकारी दी गई है जो कि निम्न प्रकार है-
- जिस राज्य में भी एनआरसी की सूची जारी की जाती है। उस सूची में जिन व्यक्तियों के नाम शामिल होते हैं। उन व्यक्तियों को किसी भी देश का नागरिक नहीं माना जाता है अर्थात उन्हें दुनिया का कोई भी देश अपनी नागरिकता प्रदान नहीं करता है और वह सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित रहते हैं।
- इस सूची में जितने भी नागरिकों के नाम शामिल होते हैं या फिर जिन नागरिकों की भारतीय नागरिकता का समय समाप्त हो गया होता है। उन्हें पहले की भांति ही मतदान करने का कोई भी अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
- इन सभी नागरिकों को किसी भी कल्याणकारी योजना का हिस्सेदार नहीं बनाया जाता है। साथ ही साथ इन सभी को अपनी ही संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है और वह सारी संपत्ति सरकार द्वारा जप्त कर ली जाती है।
- क्योंकि एनआरसी में किसी व्यक्ति को उस स्थान का नागरिक होने के लिए वैध दस्तावेज होने आवश्यक होते हैं। जिन व्यक्तियों के पास दस्तावेज नहीं होते हैं। उन्हें उस क्षेत्र से बेदखल कर दिया जाता है। तथा उनका स्वयं की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहता है।
एनपीआर लाने के उद्देश्य क्या है? (What is the aim of NPR?)
एनपीआर लाने का सरकार का कोई ना कोई आदेश अवश्य ही रहा होगा इसलिए आप पर यह जानकारी होना आवश्यक है कि What is the aim of NPR? पिंटिया का मुख्य उद्देश्य देश के सभी नागरिकों की पहचान का डाटा बेस तैयार करना होता है इसके अंतर्गत प्रत्येक नागरिक का परिचय और बायोमैट्रिक डाटा अंकित होता है यदि सरल शब्दों में समझा जाए तो यह कार्य देश के प्रत्येक नागरिक की सभी जानकारी को इकट्ठा करने का होता है इसके अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है। जैसा की ऊपर भी बताया गया है। इसका आपकी नागरिकता से कोई भी संबंध नहीं होता है। इसमें आप के दस्तावेज नहीं देखे जाते हैं।
एनपीआर से जानकारी? (Information from NPR?)
एनसीआर में किस प्रकार कार्य किया जाता है। इसकी कुछ जानकारी हमने यहां देने की कोशिश की है। एनपीआर के अंतर्गत पंजीकरण करने हेतु सरकारी कर्मचारी लोगों के घर घर जाकर लोगों से उनके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं। प्रत्येक स्थानीय निवासी से नाम, पिता का नाम, माता का नाम, पति/पत्नी का नाम, लिंग, वैवाहिक स्थिति, घर के मुखिया से संबंध, जन्म तिथि, जन्म स्थान, वर्तमान पता, निवास की अवधि, शैक्षणिक योग्यता और व्यवसाय से संबंधित संपूर्ण जानकारी पूछी जाती है। इन सभी जानकारी को नोट करके कर्मचारियों द्वारा एक रसीद भी प्रदान की जाती है।
एनपीआर के अनुसार स्थानीय निवासी कौन है? (Who are the local residents according to the NRC?)
हमारे द्वारा यहां आपको एनपीआर के अनुसार स्थानीय निवासी कौन से हो सकते है? उसके बारे में जानकारी दी जा रही है। स्थानीय निवासी को अगर सरल भाषा में समझाया जाए। तो 6 महीने या फिर उससे अधिक समय तक कोई व्यक्ति यदि एक निश्चित स्थान पर निवास कर रहा हो। तो उसी को स्थानीय निवासी माना जाता है।
इसमें सूचना के आधार पर ही एनपीआर के अनुसार स्थानीय निवासी को चुना जाता है। साथ ही साथ रहने वाली निवासी की भी संपूर्ण जानकारी एनपीआर में पंजीकृत होती है। इसके पश्चात ही उन्हें उस निश्चित स्थान का निवासी माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति किसी स्थानीय क्षेत्र में रहने की इच्छा रखता है। तो उसे एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।
एनआरसी, एनपीआर का क्या मतलब होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)
Q:-1. एनआरसी क्या होता है?
Ans:-1. एनआरसी के माध्यम से अवैध रूप से रह रहे नागरिकों की पहचान की जाती है और उनकी पहचान करके उन्हें देश से बाहर निकाला जाता है। साथ ही साथ इसके अंतर्गत नागरिकता का बहुत महत्व होता है।
Q:-2. एनपीआर क्या होता है?
Ans:-2. एनपीआर में देश के प्रत्येक व्यक्ति को पंजीकरण जाना आवश्यक होता है। इसमें यदि कोई व्यक्ति किसी स्थान पर 6 महीने से अधिक रहता है। तो उसे पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।
Q:-3. एनआरसी के नियम क्या होते हैं?
Ans:-3. एनआरसी के तहत प्रत्येक व्यक्ति के पास दस्तावेज होने आवश्यक है क्योंकि एनआरसी में किसी व्यक्ति को निश्चित स्थान का नागरिक उसके वैध दस्तावेजों के आधार पर माना जाता है।
Q:-4. एनपीआर के अनुसार स्थानीय निवासी कौन होते हैं?
Ans:-4. एनपीआर के अनुसार जो व्यक्ति किसी निश्चित स्थान पर 6 महीने से अधिक समय पर रह रहे हो और उन्होंने एनपीआर में रजिस्टर करा दिया हो। वह निवासी स्थानीय निवासी कहलाते है।
Q:-5. एनपीआर लाने का उद्देश्य क्या है?
Ans:-5. देश के प्रत्येक नागरिक की जानकारी एक जगह इकट्ठा हो। इस कारण एनपीआर को लाया गया है। इसमें प्रत्येक नागरिक का परिचय और बायोमैट्रिक डाटा अंकित होता है।
Q:-6. एनआरसी और एनपीआर की फुल फॉर्म क्या होती है?
Ans:-6. NRC की फुल फॉर्म National register of citizens होती है तथा NPR की फुल फॉर्म National populatin
निष्कर्ष (Conclusion):- आज हमारे द्वारा आपको इसलिए NRC AUR NPR KYA HOTA HAI? इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यदि आपको एनआरसी और एनसीआर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। तो हमारे द्वारा इस लेख में इस सभी जानकारी दी गई है और अब आपको अवश्य ही इस जानकारी में कोई भी समस्या नहीं आई होगी। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अवश्य ही पसंद आई होगी। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई हो तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही साथ हमारे इस लेख को अपने जरूरतमंद दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूले।