तलाक कैसे होता है? तलाक के प्रकार, नियम शर्ते, कागजात व प्रक्रिया

|| तलाक कैसे होता है? तलाक के प्रकार | तलाक क्या होता है? | Types of Divorce In hindi | सहमति तलाक क्या होता है? | एक तरफा तलाक क्या होता है? | What is one sided divorce? | talak kya hota hai aur kab liya jata hai | talak kaise liya jata hai | talak lene ke niyam hindi me | Talak Kaise le | talak lene ke niyam hindi me ||

भारत में पति और पत्नी के रिश्ते को एक पवित्र रिश्ता माना जाता है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कुछ पति – पत्नियों के बीच आपसी संबंध अच्छे नही बन पाते है. जिस कारण छोटी – छोटी बातें पर लड़ाई झगड़े होने लगते है। जिस कारण से एक समय ऐसी स्थिति बन जाती है कि पत्नी और पति एक दूसरे से अलग रहने (talak kaise liya jata hai) का मन बना लेते है।

लेकिन यह इतना आसान भी नही होता है क्योंकि इसमें दोनो पक्षो को अलग होने के लिए कानूनी नियमो का पालन करना (talak lene ke niyam hindi me) होता है। सरल शब्दों में समझे तो पत्नी और पति को अलग होने के लिए कानूनी रूप से तलाक लेना होता है जिसमें कुछ कागज़ात, नियम व शर्तों को पूरा करना पड़ता है।

लेकिन अभी काफी लोग इस बात से अंजान है कि तलाक क्या होता है और तलाक कैसे लिया जाता है। (talak kya hota hai aur kab liya jata hai) बेशक अगर आप हमारे इस लेख पर आए है तो आप तलाक (Talak Kaise le) जैसे वर्ड से अंजान होंगे। अगर हाँ तो अब आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नही है क्योंकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में तलाक कैसे होता है? तलाक के प्रकार, नियम शर्ते, कागज़ात व प्रक्रिया के बारे में सभी जानकारी शेयर करने जा रहे है। तो आइए जानते है –

तलाक क्या होता है? | talak kya hota hai

जब कोई पत्नी और पति अपने आपसी सहमति से कानूनी नियम के अनुसार एक दूसरे से अलग रहने का निर्णय कर लेते है तो इसे तलाक का नाम दिया जाता है। दोस्तो आपको बता दे कि जब पति पत्नी और पति एक दूसरे के साथ न रहने का मन बना लेते है तो भारतीय हिंदू अधिनियम 1995 की धारा 13 (Section 13 of Indian Hindu Act 1995) के अंतर्गत पति और पत्नी को अलग अलग रहने के निर्णय को सुनिश्चित करती है। कहने का मतलब है कि धारा 13 के अंतर्गत पति पत्नी के आपसी रिश्ते सामाजिक, और कानूनी रूप से समाप्त करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है जिसे तलाक का नाम दिया जाता है।

तलाक कैसे होता है? तलाक के प्रकार, नियम शर्ते, कागजात व प्रक्रिया

तलाक कैसे होता है? | How does divorce happen?

भारत में हिंदू ला अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत महिला और पुरुष को आपस में शादी यानी कि विवाह (Marriage) करने की अनुमति दी गई है। लेकिन विवाह के बाद पत्नी और पत्नी में कई ऐसी परिस्थितियां (Circumstances) बन जाती है कि पति और पत्नी को तलाक लेना ही पड़ता है। बैसे देखा जाए तो तलाक होना आज भारत में एक आम बात हो गयी है। आये दिन तलाक के मामले सामने आते रहते है।

लेकिन अभी तलाक कैसे होता है?” (How to does Divorce Happen) इस बात से अंजान है। इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में तलाक कैसे ले? उसकी संपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहे है। नींचे हमने तलाक के प्रकार, तलाक के नियम, दस्तावेजो आदि से जुड़ी जानकारी शेयर की है। तो आइए जानते है –

तलाक के प्रकार ( Types of Divorce In hindi)

मित्रो आपको बता दे तलाक मुख्य रूप से 2 प्रकार होते है। दोनो की प्रक्रियाएं और नियम अलग – अलग होते है। आइए इनके बारे में थोड़ा डिटेल में जानने की कोशिश करते है।

सहमति तलाक क्या होता है? | What is consent divorce?

सहमति तलाक एक ऐसा तलाक जिसमे पति और पति आपसी से सहमति से अलग होने का निर्णय करते है। सहमति तलाक की प्रक्रिया (consent divorce process) बेहद सरल होती है। क्योंकि यह आपसी सहमति से होता इसलिए इसमें एक दूसरे पर वाद – विवाद लगाने की कोई बात नही होती है। इसलिए इस तलाक में काफी समय लगता है। इस तलाक के लिए न्यायलय (Court ) में आवेदन करने के कुछ ही समय बाद कानूनी रूप से पति पत्नी को अलग रहने की इजाज़त दे दी जाती है। सहमति तलाक में कुछ शर्ते निर्धारित की गई है जो कि निम्नलिखित हैं –

  • पति और पत्नी शादी को पूरा 1 साल हो गया हो।
  • दोनों पक्ष तलाक के लिए सहमत हो।
  • दोनों लोग 1 साल से अलग अलग रह रहे हो
  • आगे दोनों पक्ष एक साथ रहने असमर्थ हो।

एक तरफा तलाक क्या होता है? | What is one sided divorce?

एक तरफा तलाक एक ऐसा तलाक जिसमे सिर्फ एक पक्ष तलाक लेना चाहता है और दूसरा तलाक लेना नही चाहता है। कहने का मतलब की अगर पति और पत्नी में सिर्फ़ एक ही व्यक्ति तलाक लेना चाहता है दूसरा व्यक्ति तलाक लेना नही चाहता है तो इसे एक तरफ़ा तलाक कहाँ जाता है। क्योंकि इसमें सिर्फ एक व्यक्ति तलाक चाहता है इसलिए तरफा तलाक की प्रक्रिया (Process of Divorce ) काफी जटिल और विवादित होती है।

जो भी पत्नी या पति एक तरफा तलाक लेना चाहते है उसे पहले न्यायलय में कुछ ऐसे सबूतों को दिखाकर प्रमाणित करना पड़ता है कि वह दूसरे व्यक्ति के साथ रहने में सक्षम नही है तभी न्यायालय के द्वारा एक तरफा तलाक को मंजूरी दी जाती है। इस तरह के तलाक में अगर पति अपनी पत्नी से एक तरफा तलाक ले रहा है तो तलाक के दौरान न्यायलय के द्वारा पत्नी को पति कि आये अनुसार गुजारा भत्ता (alimony) देने का भी प्रबंध किया जाता है। भत्ते में बारे में हमने नींचे विस्तार से बताया है।

लेकिन दोस्तों आपको बता दें कि जिस तरह से सहमत थी तलाक के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई है. वैसे ही एकतरफा तलाक के लिए कुछ शर्तों को निर्धारित किया गया है। इन शर्तों को पूरा करते हुए ही आप एकतरफा तलाक के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो कि निम्नलिखित हैं –

  • किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना।
  • शारीरिक या मानसिक क्रूरता
  • दो या दो से अधिक वर्षों से अलग रहने की स्थिति में।
  • गंभीर यौन रोग होने पर
  • मानसिक बीमारी होने पर
  • धर्म परिवर्तन आदि करने पर

गुजारा भत्ता

जब न्यायालय में तलाक की सुनवाई की जाती है तब न्यायालय के द्वारा पत्नी को गुजारा भत्ता (alimony) देने का निर्णय लिया जाता है यह भत्ता राशि पति के आय के अनुसार निर्धारित की जाती है जैसे कि अगर पति सरकारी जॉब में है तो उसकी सैलरी के अनुसार पत्नी को भत्ता के रूप में प्रतिमाह कुछ राशि देने का निर्णय न्यायालय (Court) के द्वारा किया जाएगा। कहने का मतलब की पति की आर्थिक स्थिति जैसी होगी उसी के अनुसार न्यायालय के द्वारा पत्नी को गुजारा भत्ता देने का निर्णय किया जाएगा।

बच्चों की देखभाल

बच्चों की देखभाल करना तलाक के दौरान एक असहमति मुद्दा होता है। इसलिए न्यायालय के द्वारा यह फैसला काफी सोच-समझकर किया जाता है। जैसे कि अगर बच्चे की उम्र 7 साल या इससे कम है तो बच्चे की देखरेख की जिम्मेदारी बच्चे की मां को दी जाती है परंतु अगर बच्चे की आयु 7 साल से अधिक है तो उसकी देखरेख की जिम्मेदारी उसके पिता को दी जाती है। परंतु अगर बच्चे की देख रेख माता और पिता दोनों करना चाहते हैं तो न्यायालय द्वारा उन्हें ज्वाइंट कस्टडी या चाइल्ड कस्टडी (joint custody or child custody) दी जाती है।

तलाक लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज | documents required for divorce

दोस्तों जैसा कि आपको ऊपर ही बता चुके हैं कि तलाक लेने के लिए कानूनी कार्यवाही हेतू कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। जिसकी लिस्ट कुछ इस प्रकार है –

  • शादी का मैरिज सर्टिफिकेट
  • शादी की फोटो
  • पहचान पत्र
  • आधार कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट फ़ोटो

आपसी सहमति से तलाक लेने की आवेदन प्रक्रिया | Procedure to apply for divorce by mutual consent

जैसा कि ऊपर आपको बताया जा चुका है कि आपसी सहमति तलाक की प्रक्रिया काफी सरल होती है। क्योंकि इस तलाक में दोनों पक्ष पति और पत्नी आपस की सहमति से अलग होना चाहते हैं। इसलिए इसकी प्रक्रिया बेहद सरल है। बस इसके लिए एक कंडीशन है वह यह है कि पति और पत्नी पिछले एक साल से अलग – अलग रहते हो। इसके बाद ही आपसी समहति तलाक के लिए केश दायर किया जाता है। जिसके बाद न्यायलय के द्वारा कानूनी रूप से अलग होने की इजाजत दे दी जाती है। बाकी आपसी सहमति तलाक लेने के लिए आप नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो कर सकते है।

  • आपसी सहमति से तलाक लेने लेने के लिए पति और पत्नी को न्यायालय में एक स्पष्ट रूप से याचिका दायर (filed a petition) करनी होगी जिसमें लिखा होगा कि वह आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं।
  • न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद न्यायालय के द्वारा दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए जाएंगे और कुछ जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी लिए जाएंगे।
  • इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद न्यायालय के द्वारा दोनों पक्षों को 6 महीने का समय दिया जाता है कि वह स्पष्ट रूप से एक बार दोबारा निर्णय कर ले कि वह वास्तव में तलाक लेना चाहते हैं या नहीं।
  • 6 महीने के बाद दोनों पक्षों को दोबारा न्यायालय में उपस्थित होना पड़ता है। इस दौरान भी दोनों पक्ष तलाक लेना चाहते हैं तो न्यायालय के द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाता है और पति और पत्नी को कानूनी रूप से अलग होने की इजाजत दे दी जाती है

एकतरफा तलाक कैसे लें? | How to get unilateral divorce?

जिस तरह से सहमति तलाक के लिए कुछ प्रक्रिया को पूरा करना हुआ था ठीक उसी तरह से एकतरफा तलाक के लिए कुछ प्रक्रिया को पूरा करना होगा। जिनके बारे में स्टेप बाय स्टेप नीचे बताया गया –

  • एकतरफा तलाक लेने के लिए पहले आपको वकील से तलाक का मसौदा तैयार कराकर उसे कोर्ट में पेश करना होगा।
  • कोर्ट में एक तरफा तलाक की याचिका दायर करने के बाद कोर्ट के द्वारा दूसरे पक्ष के घर एक नोटिस भेजा जाएगा।
  • कोर्ट के द्वारा नोटिस में निर्धारित की गई तिथि के अनुसार दूसरे पक्ष को कोर्ट के सामने हाजिर होना होगा।
  • कोर्ट के द्वारा दोनों पक्षों को समझाया जाता है लेकिन अगर मामला बातचीत से नहीं सुलझता है। तो दूसरा पक्ष कोर्ट में याचिका दाखिल करता है।
  • इसके पश्चात दोनों पक्षों के कोर्ट में 90 दिनों के बयान दर्ज किए जाते हैं।
  • इस तरह से यह प्रक्रिया काफी लंबी चलती रहती है। लेकिन अंतिम समय मे कागजातों और सबूतों के आधार पर कोर्ट के द्वारा अपना फैसला सुना देता है।

Divorce Related FAQ

तलाक क्या होता है?

जब शादी के बाद पति पत्नी एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं और कानूनी रूप से अलग होने का निर्णय कर सम्बंध विच्छेद)” लेते हैं तो उसे तलाक का कहा जाता है।

शादी के कितने दिन बाद तलाक लिया जा सकता है?

दोस्तों शादी के 1 साल पूर्ण होने के बाद ही तलाक के लिए आवेदन किया जा सकता है।

तलाक कितने प्रकार के होते हैं

तलाक दो प्रकार के होते हैं सहमति तलाक और एकतरफा तलाक। इन दोनों के ही बारे में हमने ऊपर विस्तार से बताया भी है।

तलाक किस धारा के अंतर्गत होता है?”

दोस्तों आपको जानकारी दे दें कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 के अंतर्गत तलाक का प्रावधान किया गया है।

तलाक लेने की प्रक्रिया क्या है

तलाक लेने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ऊपर आर्टिकल में उपलब्ध है

निष्कर्ष

इस तरह से दोस्तों आज हमने आपको अपने इस आर्टिकल में तलाक क्या होता है तलाक के प्रकार और तलाक कैसे लिया जाता है। उसकी पूरी जानकारी साझा की है मैं आशा करता हूं कि देख जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हुई होगी। बाकी अगर आपको तलाक यह कानूनी नियम से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।

Mukesh Chandra

मुकेश चंद्रा ने बीटेक आईटी से 2020 में इंजीनियरिंग की है। वह पिछले 5 साल से सामाजिक.इन पर मुख्य एडिटर के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें लेखन के क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव है। अपने अनुभव के अनुसार वह सामाजिक.इन पर प्रकाशित किये जानें वाले सभी लेखों का निरिक्षण और विषयों का विश्लेषण करने का कार्य करते है।

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