हमारे देश में विभिन्न प्रकार के रोजगार उपस्थित हैं। जिनमें लोग अपना भविष्य बनाते हैं, जिसमें से एक इंजीनियरिंग भी है। इंजीनियरिंग विभिन्न प्रकार की हो सकती है। इन्हीं में से एक एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग होती है। बहुत से लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं। परंतु उन्हें इंजीनियर के विभिन्न प्रकार के पदों की जानकारी नहीं होती है। वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोगों को इसकी जानकारी होती है परंतु वह अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हैं। तथा एक विशेष क्षेत्र में इंजीनियर बनने के लिए आगे बढ़ते हैं। इन्हीं में से कुछ लोग एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं। जिनके लिए हमने आज अपने लेख में Aeronautical Engineer kya hota hai? इसके बारे में बताया है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। परंतु हम आपको बता दें, यह एक इंटरेस्टेड फील्ड है। वैसे तो इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर और शिपिंग आदि विभिन्न क्षेत्र में इंजीनियर की जरूरत होती है। परंतु इस क्षेत्र के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी होती है। इसीलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के अंतर्गत What is an Aeronautical Engineer? How to become an Aeronautical Engineer? के बारे में संपूर्ण जानकारी दे रहे है। बहुत से लोग एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का नाम सुनकर ही इसके बारे में जानने के उत्सुक होते हैं। तो यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के बारे में जानना चाहते है तो आपको हमारा यह लेकर अंत तक अवश्य पढ़ना होगा।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर क्या है? (What is an Aeronautical Engineer?)
एयरोनॉटिकल इंजीनियर के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। इसलिए हम आपको सर्वप्रथम What is an Aeronautical Engineer? इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। ताकि आप आगे चलकर किसी भी परेशानी का सामना नाकरें। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एक प्रकार का वह क्षेत्र है। जिसके अंतर्गत तकनीकों के अध्ययन, विकास, डिज़ाइन और ऑपरेटिंग विमान से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की जाती है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को वैमानिक अभियांत्रिकी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें अभ्यार्थियों को समय के अंतराल को चेक करना, कमर्शियल एविएशन और डिफेंस सिस्टम जैसे संपूर्ण कार्य को करने की क्षमता एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Aeronautical Engineer kaise bane) में सिखाई जाती है।
जो व्यक्ति किसी भी प्रकार की तकनीकी, विकास और ऑपरेटिंग जैसी चीजों में दिलचस्पी रखता हो। वह एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करके अपना भविष्य बेहतरीन कर सकता है। परंतु इस फील्ड में अपना करियर बनाने के लिए अभ्यर्थियों को बहुत मेहनत करनी होती है। एयरोनॉटिकल इंजीनियर के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाते है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग अपने आप में एक बेहतरीन कोर्स होता है। यदि किसी व्यक्ति को एक्स्प्लोर करना बहुत पसंद है। तो वह इस कोर्स के बारे में अवश्य जानकारी हासिल करें। साथ ही साथ अपने करियर को भी ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने की योग्यता? (Qualification for becoming an Aeronautical Engineer?)
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए आपके पास कुछ योग्यता होनी आवश्यक है। यदि आपको एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने की योग्यता की जानकारी नहीं है। तो हमारे द्वारा नीचे Qualification for becoming an Aeronautical Engineer? की जानकारी दी गई है-
शैक्षणिक योग्यता (Educational education)
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए हमारे द्वारा नीचे आपको कुछ शैक्षणिक योग्यता की जानकारी दी गई है। जो कि निम्न प्रकार है-
- यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं। तो इसके लिए आवश्यक है, कि आप 10th से ही अपनी पढ़ाई शुरु कर दें, क्योंकि 10th के बाद ही आप पहले एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने में सक्षम होते हैं।
- 10th के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के लिए आपको कम से कम 60% अंक लाना अनिवार्य होता है। साथ ही साथ यदि आप 10th के बाद ही एरयोनॉटिकल इंजीनियरिंग करते हैं। तो आप केवल इसमें डिप्लोमा प्राप्त करते हैं।
- यदि आपका 10th कंप्लीट हो चुका है और आप 12th में है। तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आप 12th के बाद एरयोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकते हैं। परंतु 12th में आपको 60% अंक लाना अनिवार्य है।
- यदि 10th और 12th की ऊपर बताई गई योग्यता आपके पास है। तभी आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने में सक्षम होते हैं।
आयु सीमा (Age limit)
किसी भी क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने तथा किसी भी कोर्स को करने के लिए कुछ आयु सीमा निर्धारित की जाती है। यदि आपको एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करनी है। तो हमारे द्वारा नीचे आपको इसकी आयु सीमा की जानकारी दी गई है-
- यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करते हैं। तो इसके लिए मिनिमम आयु 17 वर्ष तथा मैक्सिमम आयु 25 वर्ष निर्धारित की गई है। इस आयु तक आपको एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करनी होगी।
- वही जो लोग आरक्षित वर्ग के अंतर्गत आते हैं। उन लोगों को 5 वर्ष तक की आयु सीमा में छूट प्रदान की जाती है। हम कह सकते हैं कि आरक्षित वर्ग वाले मैक्सिमम 30 वर्ष तक एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कर सकते हैं।
- इस प्रकार आप ऊपर दी गई आयु सीमा की योग्यता के अनुसार एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने में सक्षम हो सकते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर कैसे बने? (How to become an Aeronautical Engineer?)
यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको Aeronautical Engineer Kaise Bane? इसकी संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी पता होना चाहिए। तभी आप एक अच्छे एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने में सक्षम हो सकते हैं। एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इसमें एक अच्छी गाइडेंस आपका सफर और भी अच्छा बना सकती है। एक अच्छी गाइडेंस के साथ आप सही डायरेक्शन में पढ़ाई करने में सक्षम हो सकते हैं। हमारे द्वारा नीचे आपको कुछ स्टेप्स दिए गए हैं। जिन्हें फॉलो करके आप एक अच्छे एयरोनॉटिकल इंजीनियर बन सकते हैं।
#1. दसवीं कक्षा पास करें (Pass 10th class)
एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए कुछ विद्यार्थी दसवीं कक्षा से ही पढ़ाई करते हैं। इसके लिए उन्हें शुरुआत से ही मैथ, इंग्लिश तथा साइंस जैसे सब्जेक्ट पर अपनी पकड़ मजबूत करनी होती है। यदि आप 10th क्लास से ही इन सब्जेक्ट पर फोकस करेंगे। तो आगे चलकर आपको बहुत सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही साथ आपको 10th क्लास में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करने होंगे। ताकि आप 10th के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। तो आपको किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े। बल्कि आपको अपनी पढ़ाई की सहायता आगे मिले।
यही कारण है की आपको 10th की पढ़ाई बहुत मन लगाकर करनी होती है क्योंकि यही कक्षा आपके भविष्य का बेस होता है। यदि आप 10th क्लास में अच्छे नंबर प्राप्त करते हैं। तो आप किसी भी फील्ड में अपने भविष्य को सफल बनाने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आप 10th के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग बनना चाहते हैं। तो आप इसमें डिप्लोमा कर सकते हैं। परंतु एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के लिए आपको 10th क्लास में कम से कम 60% अंक लाना अनिवार्य है। इसलिए आपको 10th में अच्छे से पढ़ाई करनी होती है। ताकि आप अपने भविष्य को सफल बना सकें।
#2. 12वीं कक्षा पीसीएम से करें (Doing 12th class in PCM)
यदि आपने 10th पास करके तुरंत ट्वेल्थ क्लास में एडमिशन ले लिया है और अब आप एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के के बारे में सोच रहे हैं। तो आप 12th के बाद भी एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने में सक्षम होते हैं। जब आप सामान्य तौर पर 10th क्लास पास करते हैं। तो आप किसी भी कॉलेज तथा किसी भी सब्जेक्ट में 12th पास करने के सक्षम होते हैं। हालांकि, यदि आप कोई और कोर्स करना चाहते हैं। तो 12th में उससे संबंधित सब्जेक्ट लेते हैं।
परंतु यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं। तो उसके लिए आपको 12th क्लास में पीसीएम यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ जैसे सब्जेक्ट के साथ पढ़ाई करनी होंगी। इसके बाद आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकते हैं। परंतु एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए आपको ट्वेल्थ क्लास में 60% अंक लाना अनिवार्य होता है। इसके पश्चात ही आप अपने करियर को सफल बनाने के मार्ग पर ले जा सकते हैं।
#3. एंट्रेंस एग्जाम पास करें (Pass Entrance Exam)
जब आप 12th क्लास पीसीएम सब्जेक्ट के साथ 60% अंक के साथ पास कर लेते हैं। तो आप किसी भी कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने में सक्षम होते हैं। परंतु यदि आप चाहते है कि आप भारत के सबसे अच्छे कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करें, तो आपको इसके लिए एंट्रेंस एग्जाम से होकर गुजरना पड़ता है। इसकी तैयारी के लिए आपको बहुत पहले से पढ़ाई करनी होती है। साथ ही साथ एंट्रेंस एग्जाम पास करने हेतु आप कोचिंग सेंटर या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं। इनके साथ साथ आपको सेल्फ स्टडी भी करनी होती है। तभी आप कोई भी एंट्रेंस एग्जाम पास कर सकेंगे।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कराने हेतु बहुत से एंट्रेंस एग्जाम जैसे:- IIST, IIA, SIT, AIEEE, HITSEEE आयोजित कराए जाते हैं। जब आप इन एंट्रेंस एग्जाम में से किसी एक एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर कर लेते हैं। तो आप भारत के अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के कोर्स को कर पाते हैं। यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनकर अपने भविष्य को सफल बनाना चाहते हैं। तो आप अवश्य ही इन एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करें, क्योंकि बेहतरीन कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने पर आपके भविष्य में सफल होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
जब आप 12th पास करके IIST, IIA, SIT, AIEEE, HITSEEE में से किसी एक एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेते हैं। तो आपको आपके नंबर के आधार पर एक रैंक प्रदान कर दी जाती है। इस रैंक के आधार पर ही आपको भारत में इंजीनियरिंग के बेस्ट कॉलेज को चुनने का अवसर प्रदान किया जाता है। यदि आपने पेपर में अच्छे नंबर प्राप्त किए होंगे। तो आपका रेंक अच्छा बनता है, जिससे आपको भारत का सबसे अच्छा कॉलेज इंजीनियरिंग के लिए प्रदान किया जाता है।
अच्छी रैंक लाने वाले बच्चों को अच्छा कॉलेज प्रदान किया जाता है। तथा नंबरों के अनुसार ही जैसे जैसे बच्चों की रैंक नीचे आती जाती है। उन्हें अच्छे कॉलेजों से नीचे की लिस्ट वाले कॉलेज में एडमिशन दे दिया जाता है। इसीलिए आपको एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी जी जान लगाकर करनी होती है। ताकि आपके अच्छे नंबर आ सके और आपको बेहतरीन कॉलेज प्राप्त हो सके। यदि आप अच्छे कॉलेज से इंजीनियरिंग करते हैं। तो आपको अच्छा प्लेसमेंट मिलता है। तथा आप एक अच्छे इंजीनियर करने में सक्षम होते हैं।
#5. एयरोनॉटिकल इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करें (Complete the study of Aeronautical Engineer)
जैसे ही आपको एयरोनॉटिकल इंजीनियर में एडमिशन प्रदान किया जाता है। तो आप BI in aeronautical engineering या B. tech in aeronautical engineering कोर्स को कर सकते हैं। यह कोर्स लगभग 4 साल का होता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियर कहलाते हैं। यदि आप अच्छे कॉलेज से यह कोर्स करते हैं। तो आपको एक अच्छा प्लेसमेंट मिलता है। इसलिए आपको एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके एक अच्छी जॉब प्राप्त हो सकती है। एरयोनॉटिकल इंजीनियर बन के बाद आप एक अच्छी कमाई कर सकते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के फायदे? (Benefits to becoming an Aeronautical Engineer?)
जितने भी लोग इस लेख को पढ़ रहे हैं। उनके मन में यह सवाल अवश्य आया होगा कि एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने से उन्हें किस प्रकार के फायदे देखने को मिल सकते हैं? यदि आपको एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के फायदे नहीं पता है। तो हम आपको Benefits to becoming an Aeronautical Engineer? के बारे में बता रहे हैं। वैसे तो एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के बहुत फायदे होते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग आज के समय में केवल जहाजों को डिजाइन करने या उनका निर्माण करने तक सीमित नहीं है। बल्कि यह फील्ड अन्य दूसरी फील्ड में भी अपना योगदान देने में सक्षम है।
यदि आपको बताया जाए, कि एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग फील्ड अन्य दूसरी फील्ड जैसे:; ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, बेहवीयरल फिजियोलॉजी, रेगुलेशन, सप्लाई चेन तथा एविएशन लॉ जैसे क्षेत्र में भी अपनी भूमिका निभाती है। क्योंकि इन सभी क्षेत्र के अंतर्गत कार्य करने वाले एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट होते हैं। यही कारण है कि एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आपको करियर का बहुत स्कोप देखने को मिलता है। साथ ही साथ आप थोड़ी मेहनत करके इस फील्ड के अंतर्गत एक अच्छा करियर बनाने में सक्षम हो सकते हैं। परंतु आपको मेहनत करनी पड़ेगी। बिना मेहनत के आप किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने में सक्षम नहीं हो सकते है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का सिलेबस? (Syllabus of Aeronautical Engineering?)
बहुत से लोगों के द्वारा एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का नाम पहली बार सुना गया होगा। इसीलिए हमने आपको यहां Syllabus of Aeronautical Engineering? के बारे में जानकारी दी है। सिलेबस के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार कोर्स को करने का फैसला ले सकता है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के अंदर आपको कई सारे सब्जेक्ट और टॉपिक पढ़ने पड़ते हैं। यही कारण है कि एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स 4 साल का होता है अर्थात हम कह सकते हैं, कि इसके अंतर्गत आपको 8 सेमेस्टर तक पढ़ाई करनी पड़ती है। आइए जानते हैं कि इन 8 सेमेस्टर के अंतर्गत आपको कितने सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं-
- Semester 1 – एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करते समय सेमेस्टर 1 में आपको 8 सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं
- Semester 2 – सेमेस्टर टू के अंतर्गत आप सभी को 7 सब्जेक्ट की पढ़ाई करनी होती है।
- Semester 3 – इसी प्रकार सेमेस्टर 3 में भी आपके पास 7 सब्जेक्ट होते हैं।
- Semester 4 – सेमेस्टर 2 और सेमेस्टर 3 की तरह सेमेस्टर 4 में भी सभी अभ्यार्थी 7 सब्जेक्ट्स की पढ़ाई करते हैं। परंतु सब्जेक्ट हर सेमेस्टर में बदलते रहते हैं।
- Semester 5 – सेमेस्टर 5 में आपके सब्जेक्ट को 7 से बढ़ाकर 8 कर दिया जाता है। यानी सेमेस्टर 5 में आप 8 सब्जेक्ट पढ़ते हैं।
- Semester 6 – सेमेस्टर 6 के अंतर्गत भी आप के 8 सब्जेक्ट होते हैं। परंतु यह सब्जेक्ट सेमेस्टर 8 की तुलना में बदल दिए जाते हैं।
- Semester 7 – जैसे ही आप अपनी पढ़ाई के आखरी वर्ष में पहुंचते हैं। तो आपका सेमेस्टर 7 शुरू हो जाता है। जिसमें आपको केवल 6 सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं।
- Semester 8 – इसके तत्पश्चात आपका आखरी समय बचता है। जिसके अंतर्गत भी आपको केवल 6 सब्जेक्ट ही पढ़ने होते हैं।
भारत में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेज? (Best Aeronautical Engineering college in india?)
भारत में भी एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बेहतरीन कॉलेज उपस्थित है। परंतु सभी को यह जानकारी नहीं होती है। यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अपना एक अच्छा कैरियर बनाना चाहते हैं। तो आपको भारत में एरयोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेज की जानकारी होनी चाहिए क्योंकि इन्हीं कॉलेज में एडमिशन प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी एंट्रेंस एग्जाम में बैठता है। परंतु किसी भी एंट्रेंस एग्जाम में बैठने से पहले आपको कॉलेज के बारे में पता होना आवश्यक है। इसीलिए हमने Best Aeronautical Engineering College in india? के बारे में नीचे आपको जानकारी दी है। जो कि निम्न प्रकार है-
- Madras institute of technology
- Institute of Aeronautical engineering hyderabad
- IIT, Kharagpur
- Punjab engineering college, chandigarh
- Satyabhama university, Chennai
- SRM university, Chennai
- Amity university
- MVJ college of engineering
- Jawaharlal nehru technological university, Kakinada
- NIT, New delhi
- IIT Mumbai
- IIT kanpur
- KCG college of technology, chennai
- AMC Engineering College
- Manipal institute of technology
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद कैरियर स्कोप? (Career Scope after doing Aeronautical Engineering?)
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आया होगा कि जब वह एरयोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर लेंगे। तो उन्हें कैरियर का कितना स्कोप देखने को मिलेगा। तो आपको इसके लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हम आपको यहाँ Career Scope after doing Aeronautical Engineering? के बारे में जानकारी दे रहे हैं। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद आपको कैरियर के बहुत से अवसर प्रदान किए जाते हैं। परंतु यदि आप गवर्नमेंट एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं। तो हमारे द्वारा नीचे आपको उस संस्था के बारे में बताया गया है। जिसके द्वारा गवर्नमेंट में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की नियुक्ति की जाती है।
- मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस गवर्नमेंट ऑफ इंडिया
- डीआरडीओ – डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेट्रीज
- आईएसआरओ – इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन
- एचएएल – हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड
- नेशनल एयरोनॉटिकल लैबोरेट्री
ऊपर दी गई संस्थाओं में आप सरकारी एयरोनॉटिकल इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हो सकते हैं। परंतु आप इनके साथ साथ अन्य नीचे दी गई कुछ संस्थाओं में भी अपना कैरियर बनाने में सक्षम होते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आपको इतनी अपॉर्चुनिटी देखने को मिलती है, कि आप इसका ख्याल भी नहीं रख सकते हैं। हमारे द्वारा कुछ संस्थाओं के नाम नीचे दिए गए हैं-
- कॉरपोरेशन
- एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट
- एयरलाइंस
- एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर
- फ्लाइंग क्लब
एयरोनॉटिकल इंजीनियर के कार्य? (Work as an Aeronautical Engineer?)
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के बाद आपको क्या कार्य करना होगा? यह सवाल आपके मन में अवश्य आया होगा। इसीलिए हमारे द्वारा नीचे आपको Work as an Aeronautical Engineer? के बारे में जानकारी दी गई है। एरयोनॉटिकल इंजीनियर के कार्य की जानकारी निम्न प्रकार है-
- एयरोनॉटिकल इंजीनियर का मुख्य कार्य किसी भी एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करना, जहाज को डिजाइन करना तथा उसका निर्माण करने का होता है। साथ ही साथ उन्हें एयरक्राफ्ट व कंस्ट्रक्शन मटेरियल के एयरोडायनेमिक प्रदर्शन की पढ़ाई करने का भी होता है।
- एयरोनॉटिकल इंजीनियर मल्टी टैलेंटेड होते हैं। यही कारण है कि यह एयरोनॉटिकल इंजीनियर अपने क्षेत्र के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में कार्य करने में माहिर होते हैं।
- यही कारण होता है कि एरोनॉटिकल इंजीनियर का ईयरली पैकेज बहुत अच्छा होता है। इनके द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य किए जा सकते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर की सैलेरी? (Salary of an Aeronautical Engineer?)
जब भी हम किसी कोर्स करने की सोचते हैं। तो सर्वप्रथम हम यह जानना चाहते हैं कि उस कोर्स को करने के बाद आप कितनी सैलरी प्राप्त करेंगे। तो हमारे द्वारा आपको यहां पर Salary of an Aeronautical Engineer? के बारे में जानकारी दी जा रही है। एयरोनॉटिकल इंजीनियर की सैलरी बहुत अच्छी होती है क्योंकि एरोनॉटिकल इंजीनियर इंडिया के साथ-साथ विदेश में भी कार्य करने में सक्षम होते हैं। प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों कंपनियों के द्वारा एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर को अच्छी सैलरी प्रदान की जाती है। जो समय के साथ साथ अनुभव के आधार पर बढ़ती जाती है।
यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद एक सरकारी इंजीनियर बन जाते हैं। तो आप सरकार के अंड़र कार्य करते हैं। जिसके तहत आपकी सैलरी ₹30 हज़ार रुपए प्रति माह से लेकर ₹35 हज़ार रुपए प्रति माह तक होती है। साथ ही आपको सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। परंतु यदि आप एक अच्छी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। तो आपको ₹50 हज़ार रुपए प्रति माह से लेकर डेढ़ लाख रुपए प्रति माह तक सैलरी प्रदान की जा सकती है। वही यदि आप अपने कार्य को विदेश में करते हैं तो आपको इससे अधिक सैलरी प्रदान की जाती है। इसीलिए एयरोनॉटिकल इंजीनियर एक अच्छी सैलरी प्राप्त करते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)
Q:-1. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्या होती है?
Ans:-1. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एक प्रकार का कोर्स है। जो 4 साल में पूरा होता है। जिसके अंतर्गत 8 सेमेस्टर होते हैं। एरयोनॉटिकल इंजीनियरिंग को वैमानिक अभियांत्रिकी के नाम से भी जाना जाता है।
Q:-2. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स को करने की आयु क्या होती है?
Ans:-2. एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स को न्यूनतम 17 वर्ष तथा अधिकतम 25 वर्ष तक किया जा सकता है। परंतु जो लोग आरक्षित वर्ग के अंतर्गत आते हैं। उनको इस कोर्स में 5 वर्ष तक की आयु सीमा में छूट प्रदान की जाती है।
Q:-3. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स कितने साल का होता है?
Ans:-3. यदि आप 10th के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको डिप्लोमा करना पड़ता है। यह डिप्लोमा कोर्स 3 साल का होता है। जिसके अंतर्गत आपको 6 सेमेस्टर पढ़ने होते हैं।
Q:-4. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के तत्पश्चात कितनी सैलरी प्राप्त होती है?
Ans:-4. यदि आप सरकारी क्षेत्र में एयरोनॉटिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत होते हैं। तो आपकी सैलरी ₹30 हज़ार रुपए प्रति महा से लेकर ₹35 हज़ार रुपए प्रति माह तक होती है। परंतु किसी अच्छी प्राइवेट कंपनी में आपको ₹50 हज़ार प्रति माह से लेकर डेढ़ लाख रुपए प्रति माह प्रदान की जाती है।
Q:-5. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के लिए अच्छे कॉलेज में एडमिशन कैसे प्राप्त करें?
Ans:-5. यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एक अच्छे कॉलेज से करना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम से होकर गुजरना पड़ता है। विभिन्न प्रकार के एंट्रेंस एग्जाम एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए कराए जाते हैं। जिनके बारे में हमारे द्वारा ऊपर बताया गया है।
Q:-6. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के लिए भारत में उपस्थित अच्छे कॉलेज कौन से हैं?
Ans:-6. यदि आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के लिए अच्छे कॉलेज की तलाश कर रहे हैं। तो हमारे द्वारा आपको ऊपर लेख में Best college for Aeronautical Engineering के बारे में बताया गया है।
निष्कर्ष (Conclusion):- आज हमारे द्वारा इस आर्टिकल को जारी करने का उद्देश्य यह है था कि हम आपको Aeronautical kya hota hai? Aeronautical kaise bane? Aeronautical ki salary आदि की संपूर्ण जानकारी से अवगत करा सकें। यदि आप इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं और एक यूनिक इंजीनियर बनने के इच्छुक हैं। तो आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के बारे में सोच सकते हैं। इसकी प्रक्रिया हमारे इस लेख में आपको बताई गई है। जो अवश्य ही आपकी मदद करेगी। हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको हमारे लेख से संबंधित कोई भी समस्या होती है। तो आप हमें कमेंट में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।