नवजात शिशु को गोद में लेने का सही तरीका

बच्चों का जन्म होने के पश्चात माता-पिता का बच्चों के साथ रहना और उसका पालन पोषण करना बिल्कुल नया एक्सपीरियंस होता है। इसमें माता-पिता को थोड़ी बहुत दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है परंतु वह अपने बच्चों को हर प्रकार की सुविधा और सही पोषण देने का प्रयास करते हैं। नवजात शिशु को अक्सर गोद में लेना पड़ता है परंतु बच्चों को गोद में लेने का सही तरीका क्या है (Babies ko goad lene ke tarike) उसके विषय में अक्सर में जानकारी नहीं होती हैं।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको नवजात शिशु को गोद में लेने के सही तरीकों (Babies ko goad lene ke sahi tarike)के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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नवजात शिशु को गोद में लेने के सही तरीके

नवजात बच्चे को गोद में लेने (Babies ko goad lene ke sahi tarike)से पहले क्या-क्या बातें जान लेना आवश्यक है। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है-

नवजात शिशु को गोद में लेने का सही तरीका

1. अपने हाथ धोएं :

बच्चों को लेने से पहले हमें अपने महत्व को अच्छे से सेनीटाइज करना चाहिए। यह जरूरी है यदि हम गंदे हाथों में अपने बच्चों को गोद में उठते हैं तो बच्चे के तादूग्रस्त हो सकते हैं और उन्हें बीमारियां भी लग सकती हैं। इसलिए बच्चों को गोद में उठाने से पहले यह जरूरी है कि आप अपने हाथों को अच्छे से सेनीटाइज करें छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

 यदि किसी भी प्रकार से बच्चे संक्रमित हो जाते हैं तो उनके बीमार पड़ने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं इसलिए बच्चों को गोद में से उठने से पहले अपने हाथों को अवश्य धो लेना चाहिए।

2. सहज रहे :

बच्चों को गोद में उठाने के बाद आपको बिल्कुल सहज तरीके से व्यवहार करना चाहिए। बिल्कुल नॉर्मली बच्चों को लेना चाहिए अपने हाथों को ढीला डाला और मजबूत पकड़ के साथ बच्चे को लेना चाहिए। 

यदि आप बहुत नर्वस होकर बच्चे को लेंगे तो बच्चे के हाथ से छूटने का खतरा भी बना रहता है इसलिए आपको बिल्कुल नर्वस नहीं होना है और बिल्कुल आराम से बच्चे को हाथ में उठना है। बच्चों को लेते समय आपको घड़ी चैन या चुभन वाली चीजों को अपने शरीर पर नहीं पहनना है।

 यह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए ऐसी चीजों को पहले ही निकाल कर बाहर रख दे और बच्चे को बिल्कुल सहजता पूर्वक अपनी गोद में उठा ले। 

3. अपने लिए सहज स्थित चुने :

यदि आपको नवजात बच्चे को गोद में लेने का कोई भी अनुभव नहीं है और आप पहले बार बच्चों को गोद में उठा रहे हैं तो सबसे पहले आपको खुद को कंफर्टेबल कर देना चाहिए।

 आपको किसी ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जिस पर आप आराम से बैठे या खड़े रह सके उसके बाद आपको शिष्ट पूर्वक बच्चों को गोद में उठाना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और उसकी गोद में उठाने से आप भी अनकंफरटेबल महसूस नहीं करेंगे। इसलिए पहले से ही सहायता वाले स्थान का चयन कर लेना चाहिए। 

4. सहारा दे :

नवजात बच्चे जब छोटे होते हैं तब उन्हें अपने शरीर और गर्दन को कंट्रोल करने की शक्ति नहीं होती जब तक वह 3 महीने की नहीं हो जाते तब तक उन्हें अपने सर को संभालना नहीं आता। यदि आप बच्चे को गोद में उठा रहे हैं तो आपको उसके सर को हमेशा सपोर्ट देना चाहिए। 

बच्चों के गार्डन की मांसपेशियां बहुत कमजोर होती हैं उनका विकास धीरे-धीरे हो पता है इसलिए बच्चों के सर को हमेशा पकड़े रहना चाहिए। 

यदि आप बच्चे की सर को ऐसे ही छोड़ देंगे तो बहुत चोट लग सकती है इसलिए बच्चों को लगातार सहारा देते रहें और उसके सर को हमेशा सावधानी पूर्वक पकड़े रहे। 

बच्चों को गोद में कैसे उठाना चाहिए? 

बच्चों को गोद में कैसे उठाना (Babies ko goad me kaise uthaye)चाहिए उसके विषय में यह बताया गया है कि आपको एक हाथ बच्चों के सिर के नीचे रखना है और दूसरे हाथ को उसके नितंब के नीचे रखना है और फिर उसे सीने तक आपको उठना है फिर अपने दोनों हाथों को कोहनी तक बच्चों के शरीर को सपोर्ट देना है।

 यह बच्चे को अपने गोद में उठाने का सही तरीका होता है। इससे बच्चों के पूरे शरीर को सपोर्ट मिलता है और वह आराम से गोद में लेट रहने में भी मददगार होता है। 

बच्चों को गोद में उठाने की विभिन्न स्थितियों

बच्चों को गोद में उठाने की (Babies ko goad lene ke tarike)क्या-क्या स्थितियां हो सकती हैं और बच्चे को किन-किन तरीकों के माध्यम से गोद में उठाया जा सकता है। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

1. अपने कंधे के सहारे शिशु को गोद में लेना :

शिशु को आप अपने कंधे के सहारे गोद में उठा सकते हैं। यह शिशु को गोद में उठाने का सबसे आसान तरीका होता है। इसके लिए आपको सबसे पहले शिशु के गण और नितंब पर अपने दोनों हाथ रखकर उसे अपने हाथ तक लाना होगा।

 और कंधे पर लाने के बाद एक हाथ से उसके शरीर और गर्दन को सपोर्ट देनी होगी।और दूसरे हाथ से उसके नितंब को सपोर्ट देना होगा ऐसा करने से आप बच्चे को अपनी छाती से चिपक कर उसे गोद में उठा सकते हैं और उसके दिल की धड़कनों को भी आराम से सुन सकते हैं।

 ऐसे गोद में उठाने से बच्चा अपनी माता के करीब महसूस करता है और उसे अपने माता की छाती की गर्माहट भी मिलती है। 

2. फुटबॉल पकड़ :

फुटबॉल पकड़ बच्चों को सहारा देने का और उसे दूध पिलाने का सबसे सही तरीका होता है। बहुत सारी माताएं इस तरीके का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करती हैं। इस तरीके में बच्चों को दोनों हाथों की सपोर्ट से गोद में उठाया जाता है।

 और कोहनी तक के हाथों से बच्चों के पूरे शरीर को सपोर्ट दिया जाता हैऔर दूसरी हाथ से उसके गर्दन को सपोर्ट दिया जाता है बच्चों को हम गोद में फुटबॉल नमक उठाते हैं और उसके पैरों को लटकाने दिया जाता है।

जब बच्चे को आपको दूध पिलाना होता है तो आप बच्चों के सर को सपोर्ट देकर अपनी छाती तक ले जाएं और उसे आराम से दूध पिला सकते हैं। 

3. गोद में लेने जैसी पकड़ :

आप अपने बच्चों को गोद में लेने जैसी पकड़ के माध्यम से उसे गोद में उठा सकते हैं। इसके लिए आपको एक कंफर्टेबल जगह पर बैठता है और अपने दोनों पैरों को मजबूती से जमीन पर रखना है और जमीन पर ही आपको बैठता है।

 बच्चों को गोद में उठाने के बाद उसके सर को अपने पैर के घुटनों पर रखना है और उसके पैरों को नीचे की ओर रखना है बच्चों के चेहरे को आपको अपनी तरफ रखना है और उससे बातें करने का प्रयास करना है। यह तरीका बच्चों को दूध पिलाने का भी सही तरीका होता है और गोद में उठाने का भी एक बहुत बेहतर तरीका होता है। 

4. कुर्सी पर बैठे होने जैसी पकड़ :

इस प्रकार की पकड़ बहुत ज्यादा अच्छी होती है इस प्रकार की पकड़ में बच्चा सामने रखी हुई चीजों को या सामने चल रही चीजों का पहली भारतीय पूर्वक आनंद उठा सकता है। इस प्रकार की पकड़ में माता को अपने बच्चों को कंफर्टेबल रूप से गोद में उठना होता है।

 उसके बाद बच्चों के सर को अपनी छाती पर रखना होता है और उसके निरंग को अपने हाथ से सहारा देते हुए पकड़ना होता है। आप होरिजेंटल रूप से बच्चे को गोद में उठते हैं और उसको सहारा आप अपने कंधे के माध्यम से दे सकते हैं।

ऐसा करने से बच्चा ऐसा महसूस करता है जैसे कि वह बैठा हुआ है और सामने यदि कोई चीज चल रही है तो वह आराम से उसे चीज को देख सकता है। 

5. पालने में लेटने जैसी पकड़ :

बच्चों को अपने गोद में सुलाने की यह सबसे सामान्य स्थिति होती है। यदि आप बच्चे को अपने गोद में उठते हैं तो यह स्थिति अपने आप उत्पन्न हो जाती है। इसमें एक हाथ से आप अपने बच्चों के सर को सपोर्ट देते हैं और दूसरे हाथ से उसके नृत्यांग को सपोर्ट देते हैं।

 जब आप अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए ले जाते हैं तो आप पूरी हाथ से अपने बच्चों को उठाते हैं। और उसके चेहरे को अपनी छाती की ओर कर देते हैं।

और उसकी पीठ को भी इस प्रकार से बच्चा कंफर्टेबल रूप से मां का दूध पीने में सक्षम हो पता है और उसे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती। 

सही तरीके से बच्चे को गोद में लेने के लिए सुझाव

सही तरीके से हम बच्चे (Babies ko goad lene ke sujhav)को गोद में कैसे उठा सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके द्वारा गोद में उठाएगी स्थिति पर बच्चा परेशान तो नहीं हो रहा।

 यदि बच्चा आपकी गोद में उठाने के बाद परेशान हो रहा है तो आपको अपने बच्चों की स्थिति को तुरंत बदल देना चाहिए परेशान होने का मतलब है कि बच्चा अनकंफरटेबल महसूस हो रहा है। सही तरीके से बच्चे को और कैसे गोद में ले सकते हैं उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

  • बच्चों के सर को कसकर नहीं पकड़ता चाहिए। उसके सर को बिल्कुल आराम से पकड़ना चाहिए और आराम से हमें उसे गोद में उठाना चाहिए। 
  • बच्चों को गर्माहट देने का प्रयास करना चाहिए और उसे मात्र भाव को महसूस करने की कोशिश करनी चाहिए।
  • बच्चों को बिल्कुल सहजता के साथ गोद में उठाना चाहिए। 
  • यदि आप कोई काम कर रही हैं जैसे कि आप खाना बना रही हैं। बर्तन धुल रही हैं या घर की साफ सफाई कर रही हैं या सब्जियां कट रही हैं तो आपको बच्चों को अपने गोद में नहीं उठाना चाहिए। 
  • यदि आपके अंदर से घबराहट हो रही है तो आपको अपने बच्चों को लेकर खड़े नहीं रहना चाहिए। उसे लेकर बैठ जाना चाहिए। 
  • यदि आपको अपने बच्चों को बहुत देर तक गोदी में लेना है तो उसका सहारा देने के लिए आपको एक तकिया का इस्तेमाल करना चाहिए।
  •  यह तकिया बच्चों को सहारा देने के लिए बहुत अच्छा होता है और आराम से बच्चा गोद में लेट रहता है। 
  • यदि आप किसी से बहस कर रही हो या ज्यादा हिल रही हूं या किसी लड़ाई झगड़े में इंवॉल्व हूं तो आपको अपने बच्चों को गोद में नहीं उठाना चाहिए।
  •  इससे बच्चों को ज्यादा हिला पड़ता है और उसके मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है। 
  • यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि आपको अपने बच्चों को बहुत देर तक गोद में लेना है तो आप बेबी करियर का इस्तेमाल करके बच्चे को अपने गोद में उठा सकते हैं। 

रोते हुए बच्चे को कैसे पकड़ा जाए? 

रोते हुए बच्चे को हम कैसे पकड़ (Babies ko kaise chup karaye) सकते हैं या उसे कैसे संभाल सकते हैं उसके विषय में डॉक्टर हैमिल्टन ने हमें बताया है कि एक ऐसा तरीका होता है। जिससे आप रोते हुए बच्चे को तुरंत शांत कर सकते हैं। यह तरीका जब बच्चा 3 महीने का हो जाता है तब उसे पर अप्लाई किया जा सकता है। 

  • बच्चों को शांत करने के लिए उसके दोनों हाथों को एक दूसरे पर कसकर रख दें। और उससे बात करने का प्रयास करें। 
  • बच्चों की थोड़ी को सहारा देने के लिए उसको उसी हाथ से पकड़ना चाहिए। 
  • बच्चों को आरामदायक रूप से पकड़ने के लिए उसके नितंब वाले हिस्से को आपको दूसरे हाथ से सहारा देना चाहिए। 
  • बच्चों को 45 डिग्री के को पैर पकड़ना चाहिए और धीरे-धीरे उसे अपने हाथों से झूलना चाहिए। धीरे-धीरे हाथों से झूलने से बच्चा बहुत जल्दी शांत होता है और उसे आनंद में है महसूस होता है। 

स्नान करने के दौरान अपने नवजात शिशु को कैसे पकड़े? 

बच्चों को स्नान करने के दौरान उसके नवजात शिशु को कैसे पकड़ सकते हैं। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। 

  • अपने बच्चों को तब में नहलाने के लिए जब आप उसको तब में रखें तो अपने एक हाथ को उसके कंधे और सर का सहारा दे और दूसरे हाथ को नितंब का सहारा देकर उसे टब में रखना चाहिए। जिससे उसका सर टब के पानी से हमेशा ऊपर रहे।
  • जब एक बार कंफर्टेबल तरीके से आप अपने बच्चों को तब में बैठा ले तो दूसरे हाथ से बच्चों के नितंब कैसे को पानी के अंदर रखें और दूसरा हाथ बच्चे का सर का सहारा देने के लिए तैयार रखें।
  •  अगर आप बच्चों के सर को सहारा देते रहेंगे तो उसे पानी में डूबने का खतरा नहीं रहेगा और आपको अपने बच्चों का सर पानी से बहुत ऊपर रखना है। जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी होने से बचाया जा सके। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. बच्चों को गोद में उठाने का सही तरीका क्या होता है?

बच्चों को गोद में उठाने के लिए एक हाथ को उसके नितंब पर और दूसरे हाथ को उसके गले पर रखना चाहिए। 

Q. बच्चों को गोद में उठाने से पहले हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बच्चों को गोद में उठाने से पहले हमें उसके साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और अपने हाथों को भी साफ रखना चाहिए। 

Q. सही तरीके से गोद में लेने की क्या सुझाव है?

सही तरीके से गोद में लेने के लिए आपको बिल्कुल सहज और शांत रहना चाहिए। और बच्चे को कंफर्टेबल महसूस करने का प्रयास करना चाहिए। 

 Q. बच्चों को स्नान करते समय कैसे पकड़ना चाहिए?

बच्चों को स्नान करते समय हमें उसके सिर और पीठ को सहारा देना चाहिए। और दूसरे हाथ से उसके नित अंक को सहारा देना चाहिए।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको नवजात शिशु को गोद में लेने का सही तरीका (Babies ko goad lene ke tarike) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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