बच्चे की देखभाल करना एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है क्योंकि बच्चा नाजुक होता है। उसे बीमारियां एवं संक्रमण जल्दी ही घेर लेते हैं। माता पिता अपने बच्चे की देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ते। वह अपने बच्चे के पालन पोषण की का पूरा प्रयास करते हैं। बच्चे के शरीर पर मौसम का बहुत प्रभाव पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी बच्चे को गर्मी में होती है गर्मियों में अक्सर हमें मालूम नहीं होता कि शिशु की देखभाल कैसे करें।(Summer me babies ki dekhbhal)
किस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे की देखभाल के (Baby care in summer) विषय में जरूरी टिप्स की जानकारी देंगे यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
गर्मियों के लिए 20 आवश्यक बेबी केयर टिप्स (Baby Care Tips In Summer)
गर्मियों के मौसम में बेबी (Summer me dekhbhal ke important tips in babies) की केयर कैसे की जा सकती है। इसके कुछ महत्वपूर्ण उपाय नीचे पॉइंट के माध्यम से स्पष्ट किए गए हैं।
1.सही कपड़े :
गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात बच्चे के कपड़े हैं। कपड़ों से बच्चा अपने शरीर को गर्म या ठंडा रख सकता है। बेबी को गर्मियों के मौसम में सूती कपड़े पहनाने चाहिए। जो बिल्कुल पतले हो और आराम से बच्चे को पसीने को रोक सके बच्चे के कपड़े बिल्कुल ढीले ढाले होने चाहिए। जिससे उसके शरीर में अच्छी तरीके से हवा लगती रहें। गीले कपड़ों में अंदर की गर्मी बाहर निकलती रहती है।
बाहर की हवा अंदर आती रहती है इसलिए शरीर का तापमान मेंटेन रखने में मदद करते हैं। सूती वस्त्र पहनाने से बच्चे को त्वचा रोग होने से बचाने में भी मदद मिलती है। बच्चे को हमेशा पूरी बाजू या आधी बाजू के कपड़े पहनाने चाहिए। मक्खी और मच्छरों से बचाने के लिए बच्चे को पूरी बाजू के कपड़े पहनाने चाहिए। गर्मियों में बच्चे को हल्के रंग के कपड़े पहनाने चाहिए क्योंकि गहरा रंग ज्यादा गर्मी अवशोषित करता है और बच्चे को ज्यादा गर्मी लगती है।
2.बच्चे को हाइड्रेट रखें :
गर्मियों में मौसम में बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए आप बच्चे को हाइड्रेट रखना सीखें यदि आपका बच्चा 6 महीने से ऊपर का है तो उसके शरीर में पानी का स्तर रावण भी अधिक होता है। बच्चे के पानी की जरूरत है बड़ों से अलग होती हैं बच्चों में मल का त्याग दिन में कई बार होता है। इसके कारण बच्चे के शरीर से पानी का निकास ज्यादा होता है और उन्हें पानी की आवश्यकता भी बहुत होती है। बच्चे को पूरी तरीके से हाइड्रेट रखने के लिए उस का खास खयाल रखना चाहिए और उसे बार-बार पानी पिलाना चाहिए। बच्चे को तरल पदार्थ खिलाने चाहिए जिससे उसके शरीर में पानी की कमी भी कमी ना हो।
3. बच्चे का आहार :
बच्चे का आहार गर्मियों के मौसम में (summer me babies ka aahar) बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए बच्चे को हम क्या हर खिला सकते हैं। इसकी जानकारी हमने नीचे प्रदान की है।
- बच्चे को दिया जाने वाला आहार बिल्कुल साफ सफाई से तैयार होना चाहिए। बच्चे के आहार में बिल्कुल भी गंदगी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। क्योंकि गंदगी बच्चे को बीमार कर सकती है।
- खुले में बिकने वाले पदार्थों को बच्चे को नहीं खिलाना चाहिए। इसमें साफ सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता।
- बच्चे को खाना देते समय उसकी गुणवत्ता को पहले ही चख लेना चाहिए। क्योंकि गर्मियों के मौसम में खाना जल्दी खराब हो जाता है।
- गर्मियों में बच्चे के लंच बॉक्स और बोतल हमेशा स्टील का होना चाहिए। बच्चे को प्लास्टिक के लंच बॉक्स में खाना नहीं देना चाहिए। यह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
सभी मौसम में ध्यान देने योग्य बातें (Summer me dhyan dene yogya baten) :
- बच्चे को भोजन इतना ही खिलाना चाहिए। जितनी उसकी भूख हो बच्चे से खाने के लिए जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।
- बच्चे को पोषक तत्वों से युक्त भोजन कराना चाहिए। जिससे उसके शरीर में सभी पोषण प्राप्त हो सके और उसका शरीर स्वस्थ रहे।
- बच्चे को खाद्य पदार्थ के साथ-साथ और पूरक पदार्थों की भी आवश्यकता हो सकती है। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेने के पश्चात ही उसे खिलाएं।
- अधिक मीठी चीजों को बच्चे को नहीं खिलाना चाहिए यह बच्चे के दांत खराब कर देती हैं।
- उच्च कैलोरी, उच्च वसा, मीठे और नमकीन, इन चार प्रकार के खाद्य पदार्थों को सही मात्रा में बांटना और दिनभर के भोजन में मिलाजुला कर देना उचित हो सकता है।
4.घर में अंदर रहे :
अक्सर गर्मियों के मौसम में बाहर तेज धूप होती है जो शिशु को और परेशान कर सकती है। इसलिए गर्मियों के मौसम में शिशु को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। शिशु को घर के अंदर ठंडे स्थान पर रखना चाहिए शाम के मौसम जब धूप कम हो जाती है। तब शिशु को घुमाने ले जाना चाहिए। परंतु यदि शाम के समय भी घर में अधिक है तो शिशु को बाहर नहीं ले जाना चाहिए।
5.टेलकम पाउडर :
गर्मियों के मौसम में बच्चों के लिए एक विशेष प्रकार का टेलकम पाउडर तैयार किया जाता है। जो बच्चे की कोमल त्वचा को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। यह बच्चे की शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसके अलावा यह शरीर को रगड़ लगने से भी बचाता है। बच्चे के लिए टेलकम पाउडर खरीदते समय एंटीबैक्टीरियल टेलकम पाउडर ही खरीदना चाहिए।
बच्चे की त्वचा पर इस्तेमाल करने के लिए आप जिस भी पदार्थ का उपयोग कर रहे हैं उसकी चिकित्सकीय जांच कर लेनी चाहिए। जिससे यह वह शिशु की त्वचा को नुकसान ना पहुंचा सके। बच्चे को टेलकम पाउडर लगाते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। कि पाउडर उसकी सांस के माध्यम से अंदर ना चला जाए इससे बच्चे को दिक्कत हो सकती है।
6. मच्छरों से सुरक्षा :
छोटे बच्चों को विभिन्न बेचारा बीमारियों से बचाना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चे को मच्छरों से होती है क्योंकि मच्छरों से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होने लगती हैं।
मच्छरों से सुरक्षा के लिए बच्चे को हमेशा पूरी बाजू के कपड़े पहनाने चाहिए। रात को सोते समय बच्चे को मॉस्किटो नेट अवश्य लगानी चाहिए। बच्चा जिस कमरे में सो रहा है उसमें किसी भी प्रकार की केमिकल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह सांस के माध्यम से बच्चे के शरीर में जाकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। एक शोध के अनुसार, सिट्रोडिओल (पीएमडी), डीईईटी, इकारिडी (KB3023), आईआरआर 35 नामक रसायन से बने मच्छररोधी लोशन का इस्तेमाल बच्चों के लिए किया जा सकता है।
7. रोजाना नहलाये :
गर्मी से बचाव पाने के लिए आप बच्चे को रोज नहीं ला सकते हैं। रोज नहलाने से शरीर पर जन्मे बैक्टीरिया या वायरस भी साफ होते हैं। इसके अलावा शरीर की धूल मिट्टी आराम से साफ हो जाती है। शरीर को स्वच्छ रखने में मदद करती है। बच्चे को ज्यादा गर्मी में आप दिन में 2 बार भी नहीं ला सकते हैं। नहलाने से बच्चा बहुत आनंदित होता है और उसे बहुत आराम मिलता है।
पेरेंट्स को एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को नहीं लाते समय बार-बार साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए। बच्चे को दिन में एक बार ही साबुन का उपयोग करना चाहिए।
8.गर्मियों में डायपर :
गर्मियों में ज्यादा डायपर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डायपर के कारण बच्चे की जननांग अधिक देर तक गीले नहीं रखने चाहिए। ज्यादा गीला रहने से बच्चे के जनन अंग पर रेसिस पड़ जाते हैं और वह लाल पड़ जाता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को डायपर नहीं पहनाने चाहिए। बच्चे को कपड़े की लंगोट बनानी चाहिए जिससे बच्चे को लगातार हवा लग सके और उसे रसेज् की समस्या ना हो। यदि शिशु के शरीर पर रैशेज हो गए हैं तो डॉक्टर से संपर्क करके एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। शिशु को हर समय डायपर या लंगोट नहीं पहनाने चाहिए। कुछ देर तक उसे खाली रहने देना चाहिए।
9. गर्मियों में मालिश :
शिशु के शरीर की गर्मियों में तेल से अच्छे से मालिश करनी चाहिए जिससे उसका शरीर पूरी तरीके से आलस्य से दूर रहे और वह फुर्ती से अपना सारा कार्य कर सकें।
गर्मियों में मालिश करने के पश्चात शिशु को अच्छे से नहलाना चाहिए क्योंकि शरीर पर तेल लगा रहे हैं नहाने के कारण धूल मिट्टी चिपकने का डर रहता है। इसलिए गर्मियों में बच्चे की रोज मालिश करनी चाहिए। और उसे मालिश के बाद नहला देना चाहिए।
10. बच्चों के लिए कमरे का तापमान :
जिस कमरे में आप बच्चे को सुला रहे हैं। उस कमरे का तापमान मौसम के अनुसार होना चाहिए। सोते समय बच्चे को हल्की गर्माहट की आवश्यकता होती है। इसलिए सोते समय हल्की गर्माहट बच्चे को प्रदान करनी चाहिए।
लेकिन कमरे में इतनी गर्मी ना हो जिससे शिशु को सोने में समस्या हो यदि कमरे में पंखा चल रहा है तो यह ध्यान रखना चाहिए कि पंखा डायरेक्ट बच्चे के संपर्क में ना आए। यदि कमरे में ऐसी है। तो ऐसी को 18 से 28 डिग्री टेंपरेचर के बीच ही रखना चाहिए। कमरे के तापमान से बच्चा बाहर के तापमान में एडजस्ट करने में मदद करता है।
11. धूप के चश्मे का इस्तेमाल :
गर्मियों के मौसम में धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि गर्मियों के मौसम में बहुत तेज धूप होती है। यदि धूप आंखों के सीधे संपर्क में आती है। तो यह आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए आप धूप के चश्मे को एक ब्रांडेड दुकान से खरीद कर बच्चे को लगा सकते हैं। मार्केट में मिलने वाले खिलौने चश्मे बच्चे की आंखों को धूप से बचाने में मदद नहीं करते। बच्चे की आंखों को धूप से बचाने के लिए आप कैप का इस्तेमाल कर सकते हैं। कैप आंखों को बचाने का एक सबसे बेहतर विकल्प है।
12. बच्चे को कैंप लगाएं :
बच्चे को धूप और गर्मी से बचाने के लिए कैप का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह चेहरे को धूप से बचाता है परंतु इस बात का ध्यान रखना चाहिए। कि कैप इलास्टिक वाली ना हो जो बच्चे को पहनने में अनकंफरटेबल हो।
13. घमौरियों से बचाव :
अधिक गर्मी पड़ने पर अक्सर बच्चों के शरीर पर छोटे छोटे दाने देखे जाते हैं। यह दाने हल्के लाल कलर के होते हैं और उसमें खुजली होती है और जलन होती है। इन दानों को आम बोलचाल की भाषा में घमोरियां कहा जाता है।
घमौरियों में खुजली होने के कारण यह बच्चे के शरीर को बहुत परेशान करती हैं। और बच्चा इसके कारण बहुत परेशान रहता है। घमौरियों से आराम पाने के लिए सूती कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। घमौरियों से बचाव के लिए घरेलू उपचार किए जा सकते हैं।
जैसे ओटमील स्नान, एलोवेरा जेल की कोमल मालिश, बेकिंग सोडा, चंदन पाउडर या मुल्तानी मिट्टी का लेप का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा आप नीम को पानी में उबालकर उस पानी को ठंडा करके बच्चे को नहला सकते हैं। यह भी एक औषधि के रूप में कार्य करता है और घमौरियों से बचाव में मदद करता है।
14. बच्चे को गाड़ी में ना छोड़े :
बच्चे को कभी भी बंद गाड़ी में नहीं छोड़ना चाहिए। यदि आप एयर कंडीशन चला कर भी बच्चे को गाड़ी में छोड़ रहे हैं तो यह बहुत हानिकारक है। अधिक धूप में गाड़ी के अंदर इंसुलेशन होता है इसके कारण गाड़ी का तापमान बहुत तेज हो जाता है। गाड़ी के अंदर बच्चे को डिहाइड्रेशन नोजिया या मृत्यु जैसी जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। इसलिए बच्चे को कभी भी बंद गाड़ी में नहीं छोड़ना चाहिए।
15. सूरज से बचाव :
बच्चों को सूरज के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए। यदि बच्चा सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आता है तो यह बच्चे के शरीर को अधिक नुकसान भी हो सकता है। इसलिए सूर्य की किरणों से बचने के लिए बच्चे के शरीर पर एक एंटी टैनिंग क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए या फिर एसपीएफ क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे बच्चे के शरीर को सूर्य की गर्मी से कोई फर्क ना पड़े और सूर्य की किरणों में मौजूद अल्ट्रावायलेट रेस बच्चे के शरीर से बाहर रिफ्लेक्ट हो जाएं।
16. अगर बच्चे को पसीना आए :
अगर बच्चे को पसीना आ रहा हो तो उसे तुरंत ठंडे वातावरण में नहीं ले जाना चाहिए। बच्चे के शरीर के तापमान को पहले सामान्य होने देना चाहिए। इसके पश्चात ही बच्चे को ठंडे वातावरण में ले जाना चाहिए।
17. आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक का उपयोग :
गर्मियों के मौसम में बच्चे को कभी भी आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक नहीं पिलाना चाहिए। यह बच्चे के शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। यदि आप बच्चे को कुछ ठंडा बना कर खिलाना चाहते हैं।
किसी होममेड चीज को बच्चे को खिलाना चाहिए आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक में बहुत अधिक मात्रा में शुगर होती है। यह बच्चे के दांतो को नुकसान पहुंचा सकती है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम जैसे पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बच्चे का शरीर नाजुक होता है इस तरह की फास्ट फूड बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जो बच्चे 6 महा से छोटे हैं उन्हें मां का दूध पर्याप्त होता है। किसी भी अन्य प्रकार का तरल पदार्थ उसे नहीं खिलाना चाहिए।
18. गर्मियों में हेयर कट :
गर्मियों में बच्चे को बालों के कारण बहुत गर्मी लग सकती है इसलिए गर्मियों के मौसम में बच्चे का हेयर कट बिल्कुल छोटा कराया जाए बच्चे के बालों को छोटा छोटा करा देना चाहिए। जिससे बच्चे के सिर को पर्याप्त रूप से हवा लग सके और वह अपने आप को सामान्य तापमान में महसूस कर सके।
19. गर्मियों के मौसम में बिस्तर :
गर्मियों के मौसम में आप बच्चे को जिस बिस्तर पर सुला रहे हैं। वह अधिक गर्म नहीं होना चाहिए गर्मियों के मौसम में बच्चे के बिस्तर में गद्दे का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर आप सूती चादर बिछा कर बच्चे को सुला सकते हैं।
20. गर्मियों के मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखें :
गर्मियों के मौसम में लूज मोशन या डायरिया जैसी समस्याएं बहुत जल्दी बच्चे को लग जाती हैं। इसलिए इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना चाहिए। यदि आपको किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लू लगने (हीट स्ट्रोक) के लक्षण (Symptoms of loo) :
- शरीर का उच्च तापमान (103°F या इससे अधिक)
- गर्म, लाल, सूखी त्वचा
- धड़कन तेज होना
- जी मिचलाना
- उलझन या झुंझलाहट
- बेहोशी
सन बर्न या धूप में झुलसने के लक्षण :
- त्वचा का लाल होकर जलन होना
- त्वचा पर फफोले पड़ना
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. गर्मियों के मौसम में बच्चे को कैसे कपड़े पहनाने चाहिए?
गर्मियों के मौसम में बच्चे को पतले सूती कपड़े पहनाने चाहिए जिसका रंग हल्का हो।
Q. गर्मियों के मौसम में बच्चे की आंखों को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
गर्मियों के मौसम में बच्चे की आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस का उपयोग करना चाहिए। या बच्चे के सिर पर कैप लगानी चाहिए।
Q. गर्मियों के मौसम में किस प्रकार की बीमारियां बच्चों के लिए आम है?
गर्मियों के मौसम में डायरिया या लूज मोशन की समस्या बच्चे के लिए आम समस्या है।
Q. शरीर पर घमौरियों का इलाज कैसे किया जा सकता है?
एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करके घमौरियों का इलाज किया जा सकता है।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको गर्मियों में शिशु की देखभाल के लिए 20 जरूरी टिप्स (Baby Care In Summer) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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