बच्चों को अंडे कब और कैसे खिलाएं व इसके फायदे  (Baby Ko Egg Kab Dena Chahiye)

हर माता-पिता को उनके बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता होती है। वह अपने बच्चे को पोषक तत्वों से युक्त भोजन कराने का प्रयास करते हैं जिससे उनका बच्चा स्वस्थ रहें। बच्चे की बढ़ती उम्र में उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व बहुत आवश्यक है। बच्चों के पोषक तत्व में अंडा भी एक बहुत अच्छा आहार है। अंडे को बच्चे को कैसे खिलाया जा सकता है(Baby ko egg kab dena chahiye) इसके विषय में जानकारी नहीं होती।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को बच्चों को अंडे कब और कैसे खिलाए जाते हैं एवं उसके क्या फायदे हैं।(Baby ko egg khilane ke fayde) इसके विषय में जानकारी प्रदान करेंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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 क्या अंडे बच्चों के लिए अच्छे हैं? (Bacchon Ko Ande Khilana Chahiye Ya Nahi)

बच्चों के लिए अंडा एक बहुत अच्छा पोषक आहार होता है।(Bacho me egg ki acchai) अंडे में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे की शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

बच्चों को अंडे कब और कैसे खिलाएं व इसके फायदे  (Baby Ko Egg Kab Dena Chahiye)

 माता पिता अपने बच्चे के लिए अंडे की सेवन से चिंतित रहते हैं कि कहीं उनके बच्चे को अंडा नुकसान तो ना दे। अंडे से बच्चे के त्वचा पर रैशेज पाचन में समस्या या शरीर में इंफेक्शन या उल्टी का खतरा हो सकता है परंतु पका हुआ अंडा बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।

 बच्चे को अंडे का पहली बार सेवन कराने से  बाद शरीर में एलर्जी रिएक्शन का इंतजार कर लेना चाहिए कि कहीं बच्चे को इससे कोई इंफेक्शन तो नहीं हो रहा है। इसके बाद ही आगे अंडों को खिलाना जारी करना चाहिए।

आप बच्चे को खाने के लिए अंडे कब देना शुरू कर सकते हैं? (Baby Ko Egg Kab Dena Chahiye)

बच्चे को 6 महीने की उम्र में अंडे खिलाने की शुरुआत की जा सकती है।(Bacho ko egg dene ki shuruat) बच्चा 6 महीने के पश्चात ठोस पदार्थ खा सकता है तो उस पदार्थ बच्चे की शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए 6 महीने के बाद बच्चे को अंडा भी खिलाया जा सकता है।

अंडे में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फोलिक एसिड और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों पाए जाते हैं। बच्चे को हमेशा अंडा अच्छे से पता करे खिलाना चाहिए। अंडे में सालमोनेला बैक्टीरिया पाया जाता है। यदि अंडे को ठीक तरीके से नहीं पकाया गया तो यह बच्चे को नुकसानदायक हो सकता है।

 कच्चे अंडे में एबिडिंन नामक प्रोटीन पाया जाता है जो उसके सफेद भाग में होता है। यदि अंडे को अच्छे से नहीं पकाया जाता तो यह एबिडिंन प्रोटीन बच्चे के शरीर में चला जाता है और यह शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता।

बच्चों के लिए अंडे के स्वास्थ्य लाभ

1.बच्चों के विकास के लिए

बच्चों के विकास के लिए आयरन बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है। आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन बनाने में सहायता करता है। हिमोग्लोबिन ऑक्सीजन के साथ बंध बनाकर शरीर की हर कोशिका में पहुंचता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

 आयरन की मदद से शारीरिक विकास में मदद मिलती है। साथ ही साथ यह मस्तिष्क विकास में और बच्चे के वजन बढ़ाने में भी मदद करता है बढ़ते बच्चों में अंडे का सेवन कराया जा सकता है।

अंडे में आयरन पाया जाता है जो शरीर के लिए अति महत्वपूर्ण है। आयरन के अलावा अंडे में प्रोटीन विटामिन फोलिक एसिड पाया जाता है जो शरीर की कमियों की पूर्ति करता है।

2.रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए

अंडा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। अंडे में जिंक पाया जाता है जो शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है। शरीर को जल्दी बीमार होने से बचाते हैं अंडे में विटामिन ए और डी पाया जाता है। जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में मदद करता है। इसलिए अंडे का सेवन अवश्य करना चाहिए।

3. अंडा आंखों के लिए

अक्सर बच्चे की आंखें बचपन में ही कमजोर हो जाती हैं? इसलिए अंडा खाना बच्चों की आंखों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। अंडे में ल्यूटिन और जियाजैंथिन नामक पोषक तत्व मौजूद होते हैं । ये पोषक तत्व आंखों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही आंखों की बीमारी के जोखिम से बचाव भी कर सकते हैं।

4.हड्डियों के लिए

अंडा हड्डियों को मजबूत करने में शरीर की मदद करता है। अंडे में विटामिन डी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है और रिकेट्स की बीमारी होने से शरीर को बचाता है।

 12 महीने तक के बच्चों को प्रतिदिन 400 आईयू और 12 से 24 महीने तक के बच्चों को 600 आईयू विटामिन डी की जरूरत होती है। बच्चे को इतनी मात्रा में ही अंडे का सेवन कराना चाहिए। यदि इससे ज्यादा मात्रा आप बच्चे को देना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

5.मस्तिष्क विकास के लिए

अंडे में कॉलिंन नामक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे के दिमागी विकास में बच्चे की मदद करते हैं। और अंडे में पाए जाने वाला आयरन भी बच्चे के मस्तिष्क विकास में मदद करता है। बच्चे की बढ़ने की उम्र में बच्चे का विकास सबसे तेजी से बढ़ता है।यदि इस उम्र में बच्चे के शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

तो बच्चा अपने पूरे जीवन के लिए बिल्कुल स्वस्थ बना रहता है। इसलिए पढ़ने की उम्र में बच्चे को अधिक से अधिक पोषक तत्व का सेवन कराना चाहिए।

शिशुओं के लिए अंडे के जोखिम क्या हैं?

अंडे में सालमोनेला बैक्टीरिया पाया जाता है।(Bacho me egg ke jokhim) जो बच्चे को भी बीमार कर सकता है। इसलिए माता-पिता शिशुओं को अंडे खिलाने से पहले कुछ जरूरी जोखिम के विषय में जान ले यह आवश्यक है

  • शिशुओं में दस्त
  • उल्टी
  • एलर्जी
  • पेट में दर्द या ऐंठन
  • बुखार

अंडे की एलर्जी प्रतिक्रिया या संवेदनशीलता के संकेत

अंडे से होने वाली एलर्जी के कुछ संकेत (Bacho me egg se allergy) के विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। अंडे से होने वाली एलर्जी के सामान्य लक्षण

  • चेहरे, होंठ और आंखों की सूजन
  • पेट में दर्द या उल्टी
  • जीभ या गले की सूजन
  • पित्ती (बड़ों और बच्चों में स्किन एलर्जी का एक प्रकार)

गंभीर एलर्जी (Anaphylaxis – एनाफिलेक्सिस) के लक्षण

  • गला बैठना या बोलने में कठिनाई
  • बच्चों में खांसी या घरघराहट
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में तकलीफ

नोट :

कई बार बच्चों में एलर्जी होती है जो अपने आप ही ठीक हो जाती है। यदि माता पिता को बच्चे में एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

यह एलर्जी बच्चे में जोखिम पैदा कर सकती है इसलिए डॉक्टरी परामर्श सबसे उचित उपाय होता है।

बच्चों को अंडा खिलाना कैसे शुरू करे?

बच्चों को अंडा खिलाना के क्या फायदे हैं। इसके विषय में तो हमने जानकारी प्राप्त कर ली परंतु बच्चे को अंडा खिलाना कब और कैसे शुरू किया जा सकता है।(Bacho me egg ki shuruat) इसके विषय में भी जानना आवश्यक है जिसके बारे में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

  • माता पिता अपने बच्चे को 6 महीने की उम्र में अंडा देना शुरू कर सकते हैं। जब बच्चा ठोस पदार्थ खाना शुरू करता है। तब से ही आप उसे अंडा खिलाना शुरू कर सकते हैं।
  • जब आप बच्चे को अंडा खिलाना शुरू करें तब आप उसको थोड़ी मात्रा में अंडा खिला सकते हैं। अंडा खिलाने के लिए आप दूसरी सब्जियों के साथ अंडे को मिक्स करके खिला सकते हैं ।

 पहली बार अंडे खिलाने के बाद बच्चे पर ध्यान देना चाहिए कि कहीं उसे एलर्जी तो नहीं हो रही है। बिल्कुल सही मात्रा जानने के लिए आप डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।

बच्चों के लिए अंडे की रेसिपी | Baby Ko Egg Kaise Khilaye

बच्चे को अंडे कैसे खिलाए जिससे बच्चे आसानी से अंडे को स्वादिष्ट तौर पर खाएं और उसे खाने में आनाकानी ना करें इसके लिए अंडे की कुछ रेसिपीज (Egg ki recipes) के विषय में जानकारी दी गई है।

1.उबला अंडा

आप बच्चे को उबला हुआ अंडा खिला सकते हैं परंतु इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंडा बिल्कुल अच्छी तरीके से उबला हो। और उसके ऊपर का सफेद भाग पूरी तरीके से निकाल दिया गया हो।

 शुरुआत में बच्चे को आधा घंटा ही खिलाना चाहिए और बच्चे के अंदर किसी प्रकार की एलर्जी रिएक्शन नहीं हो रही इसका इंतजार करना चाहिए।

2.अंडे का ऑमलेट

सामग्री

  • एक अंडा
  • स्वादानुसार नमक
  • जरूरत अनुसार तेल
  • एक छोटी कटोरी हरी सब्जियां जैसे – प्याज, गाजर, धनिया पत्ता और टमाटर, छोटे टुकड़ों में कटे हुए

बनाने की विधि

  • एक कटोरी में अंडे को सावधानी से छोड़कर उसके अंदर का पीला भाग निकाल लेना चाहिए।
  • कटोरी में निकाले गए पीले भाग को चम्मच से अच्छी तरह से  फेट लेना चाहिए। फेटने से आमलेट बहुत ज्यादा गुदगुदा बनता है।
  • इसके पश्चात इसमें सब्जियां और नमक डालकर मंडे को अच्छी तरीके से फेट लेना चाहिए।
  • अब गैस पर पेन रखकर उसमें जरूरत के अनुसार तेल डालकर तेल को गर्म कर लेना चाहिए।
  • अंडे को फेंकने के बाद जो रेसिपी आपने तैयार की है उस रेसिपी को गरम तेल के ऊपर पेन में डाल देना चाहिए।
  • ध्यान रहना चाहिए कि अंडा कच्चा न रहे और ना ही जले इसलिए गैस को हल्की आंच पर रखकर अंडे को भूनना चाहिए।
  • अंडा पूरी तरह बन जाने के बाद उससे प्लेट में निकाल ले और अपने बच्चे को खिलाएं।
  • पहली बार अंडा खिलाने के बाद कुछ समय इंतजार करना चाहिए की बच्चे के अंदर अंडे से संबंधित कोई एलर्जी रिएक्शन तो नहीं हो रही।

3.अंडे की भुर्जी

सामग्री

  • एक अंडा
  • जरूरत अनुसार तेल
  • स्वादानुसार नमक

बनाने की विधि

  • सबसे पहले एक कटोरी में एक अंडे को तोड़कर डाल दें।
  • अब उसमें स्वादानुसार नमक मिलाकर अच्छे से फेंट लें।
  • फिर गैस पर पैन या कढ़ाही चढ़ाकर उसमें जरूरत अनुसार तेल डालें।
  • जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें फेंटा हुआ अंडा डालकर अच्छे से चलाते रहें।
  • उसे तब तक चलाएं जब तक वो अच्छे से पककर छोटे-छोटे टुकड़ों में न बदल जाए।
  • ध्यान रहे कि अंडा जले न और अच्छे से पक जाए।
  • फिर इसे अपने बच्चे को खिलाएं।
  • आप चाहें तो इसमें बच्चे की पसंद की अन्य सब्जियां भी मिला सकते हैं।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. अंडे में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?

अंडे में प्रोटीन आयरन विटामिन फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

Q. कितनी उम्र के बच्चे को अंडा खिलाना प्रारंभ कर सकते हैं?

6 महीने से ऊपर के बच्चे को अंडा खिलाना प्रारंभ किया जा सकता है।

Q. अंडे में कौन सा व्यक्ति है पाया जाता है जो बच्चे को नुकसान पहुंचाता है?

अंडे में सालमोनेला बैक्टीरिया पाया जाता है जो बच्चे को नुकसान पहुंचाता है।

Q. अंडे को कितने तरीके से बना कर खिलाया जा सकता है?

अंडे को उबालकर, अंडे का आमलेट, अंडे की भुर्जी बना कर खिलाया जा सकता है।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों को अंडे कब और कैसे खिलाएं व इसके फायदे (Baby Ko Egg Kab Dena Chahiye) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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