बच्चे बहुत ही कोमल होते हैं। यदि उन्हें थोड़ी सी भी दिक्कत होती है तो उन्हें बहुत परेशानी होने लगती है। वह उदास रहने लगते हैं परंतु वह अपने माता-पिता को अपनी परेशानी व्यक्त नहीं कर पाते। इस समय मलेरिया का प्रकोप बहुत अधिक चल रहा है इसका मुख्य कारण अपने घरों में मच्छरों की अधिकता होना और मच्छरों से बचाव में कमी होना है। मलेरिया से कैसे बचा जा (Baccho ka malaria se kaise bachaye) सकता है इसके विषय में हमें जानकारी की कमी होती है।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके बच्चे को मलेरिया से बचने के विभिन्न उपायों (Baccho ka malaria se bachav ke upay) के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
मलेरिया बीमारी क्या है?
मलेरिया एक इनफेक्शियस डिजीज है। (Malaria kya hai?)जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फीमेल एनोफिलीस नाम के मच्छर के कारण फैलती है। फीमेल एनोफिलीस एक मादा मच्छर होती है।
यह मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति का खून चूस कर मलेरिया का प्लाज्मोडियम विवेक्स नामक वायरस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट कर देती है। जिसके कारण स्वस्थ व्यक्ति के खून में प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम का वायरस एटर कर जाता है और व्यक्ति धीरे-धीरे मलेरिया से पीड़ित होने लगता है।
जैसे-जैसे मलेरिया अपना विकराल रूप लेने लगता है वैसे-वैसे व्यक्ति के अंदर उसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मलेरिया बीमारी बच्चे या बड़े किसी को भी हो सकती है कि यह एक भयानक बीमारी है। और इससे बचने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है जो व्यक्ति इससे पीड़ित हो जाता है। उसे बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए बहुत सतर्कता बच्चे बरतनी पड़ती है।
बच्चों में मलेरिया के लक्षण- (Sign And Symptoms Of Malaria In Children)
बच्चों में मलेरिया के क्या-क्या लक्षण (Bacho me malaria ke symptom) हो सकते हैं। इसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। जिसके माध्यम से आप अपने बच्चों को सही समय पर डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
1. जो बच्चे मलेरिया से पीड़ित होते हैं। उन्हें बुखार रहता है कप कपि के साथ ठंड लगती रहती है बच्चों को कमजोरी महसूस होने लगती है।
2. बच्चों को सिर दर्द थकान और मांसपेशियों में दर्द होता रहता है। बच्चा दिन भर आशाए महसूस करता रहता है।
3. बच्चे यदि मलेरिया से पीड़ित होते हैं तो उन्हें उल्टी और दस्त इसके लक्षणों में शुमार हैं।
4. बच्चों में मलेरिया के कारण रेड ब्लड सेल्स में हानि पहुंचती है। जिसके वजह से बच्चों के शरीर में खून की कमी होने लगती है और उसे पीलिया होने लगती है।
5. यदि लंबे समय तक बच्चों के अंदर संक्रमण की जांच नहीं होती है। तो यह बीमारी ज्यादा बढ़ सकती है और बच्चे को जानलेवा खतरा हो सकता है।
मलेरिया का कैसे पता लगाएं- How To Diagnose Malaria
ज्यादातर लोग मलेरिया को (Baccho me malaria se diagnose) डायग्नोज ना कर पाने की वजह से बच्चों के बुखार का इलाज अपने हिसाब से करते रहते हैं। परंतु मलेरिया का बुखार सामान्य वायरल बुखार से अलग होता है।
इसमें बच्चों को लगातार दवाई देने की आवश्यकता होती है इसमें बच्चों के बुखार की दवाई 10 दिन तक चलती है। माता-पिता को मलेरिया को पहचानने के लिए अपने बच्चों के अंदर आ रहे सिम्टम्स को देखना चाहिए।
यदि बच्चे को बुखार 10 दिन से ज्यादा है और आपके लगातार दवाई देने पर भी बुखार नहीं उतर रहा तो आप बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखा सकते हैं। डॉक्टर के द्वारा ब्लड टेस्ट किए जाने के पश्चात उन्हें यह पता लग जाता है कि बच्चों को मलेरिया है या नहीं।
मलेरिया होने का कारण
बच्चों के अंदर मलेरिया होने के क्या-क्या कारण (Baccho me malaria ke reason) हो सकते हैं उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।
1.यदि आप जिस इलाके में रहते हैं। वहां पर बहुत ज्यादा गंदगी है और ठंडा पानी जमा होता रहता है। तो यह मलेरिया के मच्छर होने का कोई कारण हो सकता है।
2. अपने घर के आसपास मलेरिया मच्छरों को मारने के लिए मच्छरों को खत्म करने वाली दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे मच्छरों का जमावड़ा आपके इलाके में ना हो पाए।
3. यदि आपके घर के आसपास कोई ऐसा स्थान है जहां पर गंदा पानी जमा होता रहता है या आपके कलर या एक में पानी जमा होता रहता है।
तो आप हमें लगातार साफ करते रहे यदि पानी को आप साफ नहीं करते हैं तो मलेरिया और जन्म लेते रहते हैं।
4. रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग न करने पर भी मलेरिया हो सकता है। इसलिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
मलेरिया से बचने के उपाय- Malaria Prevention Tips
बच्चों को मलेरिया से बचने के (Baccho ka malaria se prevention) लिए पेरेंट्स को कुछ ठोस खत्म उठाने की आवश्यकता है। यदि पेरेंट्स की है तो उसे कम नहीं उठाएंगे तो वह बच्चों को मलेरिया जैसी समस्या से बचाने में असमर्थ रहेंगे। मलेरिया से बचने के कुछ टिप्स नीचे पॉइंट्स के माध्यम से स्पष्ट किए गए हैं।
1.मच्छरों को घर में न आने देंः
मलेरिया बीमारी मच्छरों के कारण फैलती है। इसलिए यदि आप मलेरिया बीमारी से बचना चाहते हैं तो आपको अपने आसपास के वातावरण का विशेष ध्यान देना होगा। शाम होते ही आपको अपने सभी खिड़की दरवाजे बंद कर लेने चाहिए। जिससे मच्छर घर के अंदर ना आ सके यदि आपका घर किसी पार्क या खाली स्थान के पास में है तो आप घर पर कॉल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मलेरिया कोयल लगाकर घर में छोड़ सकते हैं जिससे मच्छर घर में आने से बचेंगे और आप के बच्चे मलेरिया जैसी बीमारी से बचते रहेंगे।
2.मच्छरदानी में बच्चों को सुलाएंः
बच्चों को हमेशा मच्छरदानी में ही सुलाना चाहिए। यदि आप बच्चे को मच्छरदानी में सुलाते हैं तो आप बच्चे को मलेरिया से बहुत अच्छे प्रकार से सुरक्षित रखते हैं। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी से बेहतर उपाय और कोई भी नहीं है।
रात को बच्चों को हमेशा मच्छरदानी के अंदर ही चलना चाहिए यह सबसे असरदार उपाय होता है। यदि आप बच्चों के कमरे में किसी केमिकल का इस्तेमाल करते हैं तो वह स्वास्थ्य के द्वारा बच्चों के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
जिससे वह बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है परंतु मच्छरदानी से ऐसे किसी भी प्रकार की समस्या होने की कोई संभावना नहीं है। इसलिए मच्छरों से बचने के लिए सबसे असरदार साधन मच्छरदानी ही है।
3.बच्चों फुल स्लीव्स के कपड़े पहनाएंः
कई बार मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ जाता है की दिन में भी मच्छर काटने लगते हैं। यदि आपके घर में भी ऐसी स्थिति है तो आप अपने बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनना शुरू करते हैं।
बच्चों को यदि पूरे शरीर पर कपड़े पहने जाएंगे तो मच्छरों के काटने की संभावना कम होती है और बच्चे को मलेरिया जैसी बीमारी होने से बचाया जा सकता है। इसलिए जाकर बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहना है।
बच्चे को शॉर्ट्स की वजह पेंट पहनना चाहिए जिससे बच्चों के पूरे पर धके रहे हैं और उनके पैरों में भी मच्छर न कर पाए। यदि मच्छर बच्चों को काटता है तो वह प्लाज्मोडियम विवेक्स नामक वायरस बच्चों के खून में छोड़ देता है जिसके कारण बच्चों को मलेरिया रोग हो जाता है।
4.शाम को ट्रैवलिंग से बचेंः
शाम के समय बच्चों को लेकर कहीं भी बाहर नहीं जाना चाहिए। शाम और रात के समय मच्छरों का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए बच्चों को घर में ही बंद करके रखना चाहिए। जिससे वह मच्छरों के प्रकोप से बचा रहे।
यदि आपको किसी जरूरी कार्य से घर से बाहर निकलना भी है तो आप पूरी सेफ्टी के साथ बच्चे को लेकर घर से बाहर निकले बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहना है।
उसकी टोपी लगाए और पैरों में जूते मुझे पहना है जिससे बच्चों को कहीं से भी मच्छरों के काटने का कोई संभावना पैदा ना हो और बच्चा मलेरिया से बचा रहे।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. मलेरिया बीमारी कौन से वेक्टर से फैलती है?
मलेरिया बीमारी फीमेल एनोफिलीस नमक वेक्टर से फैलती है।
Q. मलेरिया बीमारी में कौन सा वायरस शरीर को नुकसान पहुंचता है?
मलेरिया बीमारी में प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम का वायरस शरीर को नुकसान पहुंचता है।
Q. मलेरिया संक्रमण के क्या-क्या लक्षण होते हैं?
मलेरिया संक्रमण के लक्षण बुखार ठंड लगना पैरों में दर्द होना आदि है।
Q.मलेरिया संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है?
यदि आप अपने आसपास में साफ सफाई रखते हैं और मच्छरों को अपने एरिया में पालने से रोकते हैं। तो आप मलेरिया के संक्रमण से बच सकते हैं।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों को मलेरिया से कैसे बचाएं? डॉक्टर से जानिए बचने के विभिन्न उपाय। (Baccho ka malaria se bachav) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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