बच्चों के शरीर की वह प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। इसलिए वह बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता उसे क्षमता को कहा जाता है जो शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करती है। बच्चे अपनी शारीरिक संरचना में कमजोर होते हैं। जिसकी वजह से वह जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं। जैसे-जैसे वह बड़े होते रहते हैं बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती रहती है बच्चे सर्दियों में ज्यादा बीमार पड़ते हैं। परंतु माता-पिता को अक्सर यह जानकारी नहीं होती कि वह सर्दियों में बचाव के लिए क्या टिप्स (Baccho ko cold se kaise bachayen) अपनाएं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सर्दी में शिशु के बचाव के तरीकों के विषय में बताएंगे। (Baccho ko cold se bachane ke tips)यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारा आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
सर्दी में शिशु को बीमारी से बचने के टिप्स
सर्दियों में अक्सर बच्चों को (Baccho ko cold se bachane ke tips) खांसी जुकाम बुखार होने की समस्या रहती है। यह बीमारी बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण होती है। क्योंकि बच्चों का शरीर कमजोर होता है।
बचपन में उनके शरीर के अंग विकसित हो रहे होते हैं। जिसके कारण उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए आप सर्दियों में बच्चों को बीमारी से बचने में क्या-क्या उपाय अपना सकते हैं। उसके विषय में जानकारी प्रदान की गई है।
जिसके माध्यम से आप अपने बच्चों को सर्दियों से बिल्कुल बचा सकते हैं। नीचे हमने आपको सर्दियों में शिशु को बीमारी से बचने के कुछ टिप्स के विषय में जानकारी दी है। यदि आप इस विषय में अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को आगे पड़े।
1.शिशु के साथ यात्रा करने से बचें (Avoid traveling with baby)
किसी भी व्यक्ति को किसी नए एनवायरमेंट में एडजस्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसा ही कार्य बच्चों के साथ भी होता है जब बच्चों के सामने पहले सर्दी आती है। तब उन्हें बहुत सारी परेशानियां और बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
क्योंकि उनकी बॉडी इस नए प्रकार की सर्दी को एडजस्ट करने में थोड़ा सा समय लेती है। इसलिए शिशु के पहले सर्दी में आपको शिशु के साथ यात्रा करने से बचना चाहिए। यात्रा करते समय बाहर सर्द हवाओं के कारण शिशु को ठंड लग सकती है।
इसके अलावा यात्रा करते समय बच्चा प्रदूषण का शिकार होता है। जिसके कारण भी उसके शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। यात्रा करने के दौरान शिशु को हर प्रकार का पानी और दूध पीना पड़ता है।
जिसकी वजह से भी शिशु बीमार होने की कगार पर आ सकता है। इसलिए जब भी शिशु की पहली सर्दी हो या जब तक शिशु छोटा रहे तब तक आपको शिशु के साथ यात्रा करने से बचना चाहिए।
2.शिशु के कमरे को गर्म रखें (keep the baby room warm)
सर्दियों में सर्द हवाओं के कारण ठंड बहुत बढ़ जाती है जो छोटे बच्चों के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह हो सकती है। यदि बच्चे के शरीर को सर्द हवाओं की ठंड लग जाती है तो उसे बीमारी से बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
बच्चे जिस कमरे में रहते हैं उसे कमरे का यह ध्यान रखना चाहिए कि वह कमरा बंद हो और उसमें बाहर की हवा ज्यादा अंदर नहीं आती हो। इसके अलावा यदि आप शिशु के कमरे को गर्म रखते हैं तो यह शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
शिशु के कमरे को गर्म रखने के लिए आप हीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। हीटर शिशु के कमरे को बिल्कुल नार्मल टेंपरेचर पर रखता है। और शिशु हमेशा गर्म महसूस करता है हीटर के माध्यम से बच्चे को बिल्कुल ठंड भी नहीं लगती है।
3.शिशु को गर्म कपड़े पहनाएं (Dress warm clothes to baby)
सर्दियों के मौसम में शिशु को हमेशा गर्म कपड़े पहन कर रखना चाहिए। गर्म कपड़े शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह शिशु को ठंड से बचते हैं यदि आप अपने बच्चों को हीटर वाले कमरे में भी रख रहे हैं।
तब भी आपको हमेशा शिशु को गर्म कपड़े पहन कर रखना चाहिए गर्म कपड़े शरीर के टेंपरेचर को अंदर ही रखने में मदद करते हैं। और यह शारीरिक गर्मी को बाहर नहीं आने देते यह बाहरी ठंडी हवाओं को शरीर के अंदर प्रवेश नहीं करने देते जिस बच्चे को ठंड नहीं लगती।
और वह बीमार नहीं होता बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण शिशु को यदि सर दवाई लग जाती हैं। तो उन्हें जल्दी बीमार होने का खतरा रहता है। इसलिए ठंड के मौसम में हमेशा शिशु को गर्म कपड़े पहन कर रखना चाहिए।
4.गर्म तेल से शिशु की मालिश करें (baby massage with warm oil) :
गरम तेल से शिशु की मालिश अवश्य करनी चाहिए गरम तेल से शिशु की मालिश करने से बच्चे का शरीर हमेशा गर्म रहता है। इसके अलावा गर्म तेल का इस्तेमाल शरीर पर करने से बच्चे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। और उसका शरीर स्वास्थ्यवर्धक रहता है।
बच्चे को हमेशा ठंड के मौसम में गर्म तेल से अच्छी मालिश देनी चाहिए यदि अच्छी मालिश बच्चों को दी जाती है तो वह अच्छा महसूस करता है। और उसके शरीर को ठंड लगने की भी समस्या कम रहती है।
इससे शिशु जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ता और उसका शारीरिक विकास तेजी से होता है। क्योंकि उसके शरीर की एक्सरसाइज ठीक प्रकार से हो पाती है। इसलिए बच्चे की ठंड के मौसम में गर्म तेल से मसाज करना बहुत आवश्यक है आप इससे रोजाना बच्चे की मसाज कर सकते हैं।
5.शिशु को ठंडी चीजें न खिलाएं (Do not feed cold things to baby) :
शिशु को ठंडी चीज बिल्कुल नहीं खिलानी चाहिए। यदि आपका बच्चा 5 महीने का है और वह दूध के अलावा और सारी चीज भी खा सकता है। तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए की ठंड के मौसम में शिशु को ठंडी चीज नहीं खिलानी चाहिए।
यदि आप अपने बच्चों को ठंडा मौसम में ठंडी चीज खिलाते हैं तो उसका शरीर ठंडी चीजों को ग्रहण नहीं कर पता है। जिसके कारण उसे ठंड लग जाती है। और वह बीमार पड़ जाता है इसलिए ठंड के मौसम में बच्चों को हमेशा गर्म चीज खिलानी चाहिए।
शिशु को ठंडी चीज खिलाने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे उसकी बीमार पढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ठंड के मौसम में यह कोशिश करनी चाहिए कि शिशु को गर्म चीज खिलाए। जिससे उसके शरीर का टेंप्रेचर हमेशा मेंटेन रहे।
6.शिशु को दूध जरूर पिलाएं (drink milk to baby) :
साइंटिस्ट के द्वारा यह प्रूफ किया गया है की 1 साल तक शिशु को हमेशा मां का दूध ही पिलाना चाहिए। मां के दूध में एंटीबॉडीज उपस्थित होती हैं जो शिशु के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उसकी मदद करती है। इसलिए शिशु को हमेशा मां का दिल भी पिलाना चाहिए।
परंतु यदि किसी कारणवश शिशु मां का दूध नहीं पी पा रहा है तो आप बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिला सकते हैं। दूध में सभी प्रकार के विटामिन और मिनरल्स उपस्थित होते हैं। जो शरीर में सभी पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करता है शिशु को इसलिए जरूर दूध पिलाई मां का दूध शिशु के लिए एक सुरक्षा घेरे का काम करता है।
यह सुरक्षा घेरा बच्चों को बहुत सारी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसलिए माता को यह ध्यान रखना चाहिए की माता पिता को एक साल तक शिशु को अपना दूध अवश्य पिलाना चाहिए।
7.शिशु को च्यवनप्राश जरूर खिलाएं (Feed Chyawanprash to baby)
शिशु को च्यवनप्राश खाना बहुत फायदेमंद होता है। च्यवनप्राश गर्म होता है और यह बच्चे की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। यदि आपका बच्चा दूध के अलावा अन्य चीजों का सेवन कर रहा है तो आप अपने बच्चों को एक चम्मच च्यवनप्राश अवश्य खिलाए।
च्यवनप्राश में बहुत सारी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शिशु को ठंड लगने से बचते हैं। और उसके शरीर को इम्यूनिटी प्रदान करते हैं जिससे उसका शरीर विभिन्न प्रकार के सर्दी जुकाम बुखार से बचता है। इसलिए आप बच्चे को मजबूत बनाने के लिए और उसे बहुत सारी बीमारियों से बचने के लिए चवनप्राश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
8.शिशु को फल-सब्जियां खिलाएं (feed fruits and vegetables to baby) :
शिशु को फल सब्जियां खिलाना और महत्वपूर्ण होता है। यदि शिशु फल और सब्जियां खाते हैं तो उनकी यूनियन पावर मजबूत होती है। और वह बीमार जल्दी-जल्दी नहीं पड़ते फल और सब्जियों में विटामिन मिनरल्स और फाइबर पाए जाते हैं।
जो शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करता है फलों को खाने से बच्चों की इम्युनिटी बढ़ती है। इसलिए यदि आपका बच्चा दूध के अलावा अन्य चीजों का सेवन कर रहा है तो आप अपने बच्चों को फल और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। शिशु को फल और सब्जियां अवश्य खिलाएं यह आपके बच्चे को बहुत सारी बीमारियों से बचाता है और सर्दी लगने से भी बचाता है।
9.ड्राय फ्रूट्स भी है जरूरी (dry fruits for babies) :
ड्राई फ्रूट्स बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं यह पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। जो शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने में मदद करते हैं।
यह हमारे शरीर में बहुत सारे पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं जिससे शरीर की किसी भी प्रकार की बीमारी ना लगे का खतरा कम रहता है। ड्राई फ्रूट्स खाने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और बच्चे के शरीर में ताकत बनी रहती है। ताकत से बच्चा बीमार नहीं पड़ता है और उसे ठंड भी नहीं लगती है।
बच्चों को ठंड से बचने के लिए आप ठंडन में उसे ड्राई फ्रूट्स खिला सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स गर्म होते हैं जो बच्चे को शरीर के अंदर सर्दी लगने से बचते हैं। ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल लगातार बच्चों को करना चाहिए जिससे उसका शरीर पूरी तरीके से स्वस्थ बनाए और उसका शरीर किसी भी बीमारी से ग्रसित ना हो।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. सर्दियों में बच्चों को अक्सर क्या परेशानी होती है?
सर्दियों में बच्चों को अक्सर सर्दी जुकाम बुखार की दिक्कत होने लगती है।
Q. बच्चों को जल्दी बीमार होने की समस्या क्यों रहती है?
बच्चों की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए वह जल्दी बीमार पड़ते हैं।
Q. शिशु को बीमारी से कैसे बचाया जा सकता है?
यदि शिशु की इम्युनिटी मजबूत होती है तो उसे बीमारी से बचाया जा सकता है।
Q. बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाने के क्या-क्या उपाय है?
बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए ड्राई फ्रूट्स फल सब्जियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको सर्दी में बच्चों को बीमारी से बचने के विभिन्न प्रकार के टिप्स (Baccho ko cold se bachane ke tips) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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