जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं उनके पढ़ाई का स्तर भी बढ़ता चला जाता है। उन्हें विभिन्न विभिन्न सब्जेक्ट के विषय में ज्ञान कराया जाता है जिससे उन्हें हर क्षेत्र के विषय में नॉलेज उत्पन्न होती है। बढ़ते बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ता है और शिक्षा का स्तर भी बढ़ता चला जाता है ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। बच्चों को अपनी मातृभाषा सीखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। छोटे बच्चों को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं (Baccho ko hindi kaise sikhayen) इसके विषय में अक्सर हमें जानकारी नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके छोटे बच्चों को हिंदी पढ़ना सीखने के तरीके (Hindi sikhane ke tarike)इसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बच्चों को मातृभाषा सीखाने का महत्व
बच्चों को मातृभाषा सिखाना बहुत (Baccho me Hindi ki importance) महत्वपूर्ण है॥ मातृभाषा सीखने से बच्चे अपनी भाषा के विषय में ज्ञान अर्जित कर पाते हैं। अपनी भाषा के विषय में समझ पाते हैं।
मातृभाषा के माध्यम से वह एक दूसरे से बात करना सीखते हैं बच्चों को मातृभाषा में यदि किसी चीज को याद करने को दिया जाए तो वह आसानी से याद कर पाते हैं।
भारत में मातृभाषा अधिकतर राज्यों की हिंदी है। इसलिए बहुत सारे बच्चों के हिंदी विषय में अच्छे अंक आते हैं इसलिए मातृभाषा सीखना बच्चों को बहुत महत्वपूर्ण है।
छोटे बच्चों को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं
छोटे बच्चों को हिंदी सीखना ( Baccho ko hindi kaise sikhayen )बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब तक आपके बच्चे को हिंदी विषय के विषय में ज्ञान नहीं होगा। तब तक वह किताबों में क्या लिखा है और किस प्रकार से अभ्यास किया जा सकता है।
इसके विषय में जानकारी प्राप्त नहीं कर पाएंगे इसलिए छोटे बच्चों को हिंदी अवश्य सीखनी चाहिए। अपने ज्ञान के विस्तार के लिए शुरूआत में हिंदी बच्चों को आना बहुत आवश्यक है। पहले बच्चे किसी नई चीज को सिखाने में वक़्त लेते हैं।
परंतु धीरे-धीरे वह सारी चीजों को सीख जाते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को हिंदी पढ़ना आवश्यक सीखना चाहिए। अभ्यास के साथ-साथ बच्चे वाली आती हिंदी में पारंगत हो जाते हैं।
छोटे बच्चों को हिंदी सीखाने का तरीका
1.क ख ग पढ़ना सिखाएं :
यदि आपके बच्चे को हिंदी पढ़ना सीखना है तो सबसे पहले उसे खड़िया सीखनी होगी। खड़िया बच्चों के लिए हिंदी में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं हिंदी की शुरुआत इन्हीं गाड़ियों से होती है।
यदि इन खड़ियों का ज्ञान बच्चों को नहीं होता तो बच्चे शब्दों का निर्माण नहीं कर पाएंगे कुड़ियों को याद होने के साथ-साथ बच्चे को खड़ियों की पहचान भी होनी चाहिए। तभी वह हिंदी अक्षरों को लिखने की शुरुआत कर पाएंगे।
2. मात्राएं सिखाएं :
जब बच्चों को खड़ियों का ज्ञान हो जाए तो उन्हें मात्र सीखनी चाहिए मात्राओं से मिलकर ही शब्दों का निर्माण होता है। मात्राएं हिंदी भाषा में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मात्राओं से शुद्ध भाषा बनती है।
मात्राओं के विषय में आपको जानकारी होगी ही मात्राएं आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अ: है। इन्हें स्वर भी कहा जाता है आगे आने वाली खड़ियों को व्यंजन कहा जाता है। इसलिए बच्चों को शुरुआत में सीखने में गलतियां महसूस हो सकती हैं।
परंतु बार-बार अभ्यास करने से बच्चे धीरे-धीरे अपनी गलतियां सुधारने लगते हैं और मात्राओं का सही उपयोग करने लगते हैं।
3.बारह खड़ी याद कराएं :
मात्राएं हिंदी का वह कांसेप्ट है कि यदि बच्चे को मात्राएं ठीक से समझ में आ जाती हैं तो उसे शब्दों को याद करने की आवश्यकता नहीं होती। वह अपने आप शब्दों का निर्माण करके उन्हें लिख भी सकता है और पढ़ भी सकता है।
बारह खडी जैसे का की के को बच्चों को याद करवाना चाहिए। इससे बच्चा बहुत प्रेरित होता है आसानी से उसे हिंदी सीखने में मदद मिलती है।
जैसे की (क+अ=क, क+आ=का, क+इ=कि) इसी तरह बाकियों के शब्द भी बनेंगे। इस प्रकार समझने के बाद बच्चे को रटने या याद करने की आवश्यकता नहीं होती वह अपने आप हिंदी को समझने और पढ़ने लगता है।
4.शब्दों का पहचान कराएं :
बच्चों को शब्दों की पहचान करनी चाहिए। यदि बच्चों को शब्दों की ठीक प्रकार से पहचान नहीं होती है तो वह हिंदी को समझने में समय लगाएंगे और उन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके लिए आप विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से बच्चों को शब्दों की पहचान कर सकते हैं। जैसे आप एक चित्र वाली किताब से बच्चे को अ से अनार, और आ से आम पढ़ाएंगे। तब बच्चे के मन में यह शंका अवश्य उत्पन्न होगी कि दोनों अ है तो अलग-अलग किस प्रकार लिखा जा सकता है। आप बच्चे को समझ कर उनके दिमाग में कांसेप्ट को सही प्रकार से बैठ सकते हैं।
5. दो अक्षर वाले शब्द पढ़ना सिखाएं :
जब बच्चे को शब्दों का ज्ञान हो जाए और वह शब्दों को पहचानने लगे तो अक्षरों को जोड़कर दो अक्षर वाले शब्दों को पढ़ना सीखना चाहिए। इसके लिए सिर्फ खड़ियां से बने शब्द से पढ़ाना शुरुआत करें।
जैसे की कल, जल, नल, पथ, नभ, घर, पट आदी। शुरुआत में ऐसे शब्द पढ़ने में बच्चों को समस्या उत्पन्न हो सकती है परंतु धीरे-धीरे अभ्यास करने से बच्चा इन शब्दों को पढ़ना सीख जाएगा।
यदि इन शब्दों को पढ़ने में बच्चों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती तो वह हिंदी को और अच्छे और तेजी से सीख पाएगा।
6.तीन अक्षर वाले शब्द पढ़ने को दें :
जब बच्चा दो अक्षर वाले शब्दों को पढ़ना सीख जाए तब उसे तीन अक्षर वाले शब्दों को पढ़ना सीखना चाहिए।दो अक्षर वाले शब्द तीन अक्षर वालों शब्दों के बिल्कुल समान होते हैं। तीन अक्षर वाले शब्दों में सिर्फ एक अक्षर की बढ़ोतरी होती है
शुरुआत में हल्के शब्द सिखाएं। जैसे की कलम, नरम, करक, जतन, सड़क आदी। पढ़ने के बाद कुछ समय पश्चात बच्चों का हमेशा टेस्ट लेना चाहिए। इस बात की जांच करनी चाहिए कि आपका पढ़ाया हुआ बच्चे ने कितना ग्रहण किया है। इससे आपके बच्चे का स्तर और उसके ज्ञान का अनुमान लग जाएगा।
7.मात्राएँ वाली शब्द पढ़ना सिखाएं :
जब बच्चों को दो अक्षर वाले और तीन अक्षर वाले शब्दों का ज्ञान हो जाता है। तब उन्हें मात्रा वाले शब्दों को पढ़ना सीखना चाहिए। बच्चों को अब तक हिंदी के शब्दों की भली-भांति पहचान हो जाती है।
और वह हिंदी के शब्दों को आसानी से पढ़ना शुरू कर देता है इसलिए मात्राओं का ज्ञान करना भी बहुत आवश्यक है। क्योंकि बिना मात्राओं के हिंदी अधूरी रहती है।
कुछ मात्रा वाले शब्द जैसे की चाचा, दादा, पालक, किताब, पेंसिल आदी। जैसे शब्दों को बच्चों को सीखना चाहिए। इससे बच्चों को हिंदी पूरी तरीके से समझ में आ जाएगी।
8.किताब पढ़ने को कहें :
बच्चों को मात्राओं का ज्ञान करवाने के पश्चात अब बारी आती है। बच्चे से किताब पड़वाने की यदि बच्चे ने ठीक प्रकार से ऊपर बताया जाए अभ्यास को किया है तो वह आसानी से किताब को पढ़ पाएगा।
बच्चों से किताब पड़वाने के दौरान आप बच्चों के पास में खड़े हो जो जो शब्द बच्चों को पढ़ना ना आ रहा हो आप उसे तुरंत उसे शब्द के विषय में ठीक प्रकार से समझाएं।
यदि बच्चा बिना रुके आसानी से किताब को पढ़ना जा रहा है तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि बच्चों को हिंदी पढ़ने आ गया है। जिन बच्चों को अभी पढ़ने में समस्या आ रही है वह अभ्यास के साथ-साथ हिंदी को और अच्छे से पढ़ पाएंगे।
9.सुनकर लिखने को कहें :
बच्चों को किताबें पढ़वाने के पश्चात अब उनसे सुनकर लिखने के लिए कहना चाहिए। सुनकर लिखने से बच्चे की लिखने मैं होने वाली गलतियों में कमी होगी और वह आसानी से हिंदी को ठीक प्रकार से बिना गलतियों के लिख पाएंगे।
सुनकर लिखने के पश्चात आपको एक-एक कर बच्चों की कॉपी की गलतियों को सुधारना चाहिए। यदि बच्चा बिना गलतियां करें आसानी से लिख रहा है तो बच्चों को ठीक प्रकार से लिखना आ गया है। परंतु यदि कुछ बच्चे लिखने में असमर्थ हैं तो उन्हें और ज्यादा अभ्यास करके लिखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
10.शब्दों के साथ खेलें :
शब्दों के साथ खेलने का तात्पर्य है की विभिन्न शब्दों को आपस में जोड़कर उन्हें पढ़ने का प्रयास करें इससे हिंदी की समझ सकती बढ़ती है और आसानी से हिंदी को पढ़ने में मदद मिलती है।
शब्दों को आपस में जोड़ जोड़कर फलों सब्जियों स्थान आदि के नाम को पढ़ना चाहिए और लिखने का प्रयास भी करना चाहिए। बार-बार हिंदी के शब्दों का अभ्यास करने से हिंदी के शब्द आसानी से याद हो जाएंगे।
बच्चों को उनके मन के मुताबिक जो उनके मन में आ रहा है उसे लिखने के लिए कहना चाहिए। धीरे-धीरे ऐसा करने से बच्चों की हिंदी के प्रति समझ सकती और विकसित होती चली जाती है।
11.हिन्दी सीखने के लिए प्रेरित करें :
बच्चों को हिंदी सीखने के लिए प्रेरित करना हिंदी सीखने का एक बहुत अच्छा तरीका है। बच्चों को हिंदी के महत्व के विषय में समझना चाहिए
उसे यह बताना चाहिए। कि जिंदगी में हिंदी का क्या महत्व है और वह हिंदी के माध्यम से अपने भविष्य को किस प्रकार अच्छा बना सकते हैं। हिंदी सीखने के लिए प्रेरित करने के लिए आप उन्हें रंग बिरंगी किताबों को लाकर दें।
यदि बच्चे किताबों को पढ़ने के लिए ना खोले तो कम से कम वह रंग-बिरंगे चित्रों को देखने के लिए किताबें खोलेंगे जिससे पढ़ाई के प्रति उनका उत्साह बढ़ने की संभावना रहती है। धीरे-धीरे वह गलत ही सही परंतु पढ़ने का प्रयास करेंगे।
कभी उनके किताब को देख कर आप पढ़ें और उन्हें शब्दों पर उंगलियाँ रखकर पीछे से दोहराने के लिए कहें। ऐसा करने पर भी बहुत जल्द हिन्दी पढ़ना सीख जाएंगे।
हिंदी पढ़ना सीखने के लिए नियमित रहना बहुत आवश्यक है बच्चों को गैप देकर नहीं पढ़ना चाहिए। इससे उसे अभ्यास में अवरुद्ध उत्पन्न होता है और हिंदी सीखने में उसे समय लगता है। बच्चे को नियमित रूप से पढ़ाई करनी चाहिए इसे हिंदी आसानी से उसे याद हो जाएगी।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. बच्चों को हिंदी सीखने की शुरुआत कहां से होती है?
बच्चों को हिंदी सीखने की शुरुआत खड़ियों के माध्यम से होती है।
Q. भारत में हिंदी का क्या महत्व है?
हिंदी बहुत सारे भारतीयों की मातृभाषा है उन्हें हिंदी आसानी से समझ में आती है। और हिंदी में किए गए कार्यों में वह उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।
Q. बच्चों को पुस्तक पढ़ना कैसे सिखाएं?
सबसे पहले बच्चों को दो अक्षर वाले शब्दों को जोड़कर पढ़ना सीखना चाहिए। इसके बाद वह धीरे-धीरे पुस्तक पढ़ना सीख जाएंगे।
Q. बच्चों को कैसी हिंदी की किताब पढ़ने के लिए देना चाहिए?
बच्चों को रंग बिरंगी हिंदी की किताब पढ़ने के लिए देना चाहिए।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको छोटे बच्चों को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं? (Baccho ko hindi kaise sikhayen?) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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