छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं? (Baccho Ko Padhna Kaise Sikhaye)

बच्चों को छोटी उम्र से ही पढ़ना सिखाना चाहिए। यदि बच्चा छोटी उम्र से ही पढ़ना सीखता है तब उसका दिमागी विकास बहुत तेज होता है। वह आसानी से चीजों को सीखने लगता है और बच्चे की सोचने समझने की क्षमता भी बढ़ती है। यदि बच्चे का दिमागी विकास बेहतर होता है। तभी बच्चा अपने जीवन में नए एवं अच्छे लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है लेकिन अक्सर पेरेंट्स को यह पता नहीं होता कि वह अपने बच्चे को कैसे पढ़ना सिखाएं।(Baby ko padhna kaise sikhaye)

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं (Baby ko padhna sikhane ke tips)इसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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बच्चे पढ़ना (Reading) किस उम्र में सीखते हैं?

एक शोध के अनुसार यह पाया गया है कि यदि 4 महीने के बच्चे के सामने किसी किताब को पढ़ा जाता है या उसके सामने कहानियां गीतों को सुनाया जाता है। ऐसे बच्चे के दिमाग में पढ़ाई के प्रति रुचि उत्पन्न होती है और उसे पढ़ने की प्रति ललक पैदा होती है।

छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं (Baccho Ko Padhna Kaise Sikhaye)

 इसलिए बच्चे के विकास के कुछ ही महीनों में बच्चे के सामने कहानियों को पढ़कर सुनाना चाहिए (Bacche ko padhane ki sahi umar) जिससे पढ़ाई के प्रति बच्चे की रुचि उत्पन्न हो। अगर बच्चे की पढ़ाई की उम्र की बात करें तो बच्चा तीन से चार साल में पढ़ना शुरू कर देता है और 6 से 7 साल में बच्चा अच्छे से पढ़ना सीख जाता है।

कुछ बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुझान देखने को मिलता है और वह आगे चलकर स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करके इसका प्रमाण देते हैं। एक शोध के माध्यम से यह पता चला है। यदि माता बचपन में बच्चे को गणित से संबंधित खिलौने ले कर देती हैं बच्चे को बड़े होकर गणित में ही रुचि होती है। इसलिए शुरुआती दिनों में बच्चे को उन्हीं चीजों से खिलाना चाहिए जिसमें आप उसकी रुचि उत्पन्न करना चाहते हैं।

छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं? (Baccho Ko Padhna Kaise Sikhaye)

छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं (Baby ko padhna kaise sikhaye) इसके विषय में कुछ अहम बातें बताना जरूरी है। नीचे पॉइंट के माध्यम से बच्चे को पढ़ना सिखाने के विषय में जरूरी टिप्स प्रदान किए गए हैं।

पढ़ना सिखाने के कौशल को समझें –

बच्चों को पढ़ना सिखाने के लिए सबसे पहले पढ़ाई सिखाने की कौशलों के विषय में जानकारी प्राप्त करनी होगी। पढ़ना सिखाने की कुछ कौशल निम्न पॉइंट के माध्यम से बताए गए हैं।

  • शब्दों की ध्वनियों को जोड़ तोड़ कर सुनने का कौशल।
  • अक्षरों की ध्वनियों के बीच के संबंध को पहचानने का कौशल।
  • किताबों में लिखे हुए शब्दों के अर्थों को समझने का कौशल।
  • शब्दों को समझते हुए उसे सही गति के साथ ठीक से पढ़ने का कौशल।

किताब का सही चुनाव करें-

पढ़ना सिखाने की कौशलों को समझने के बाद बच्चे को पढ़ाई के लिए सही किताब का चुनाव करना चाहिए। बच्चे के मानसिक स्तर के हिसाब से किताबों का चुनाव करें। यदि बच्चे की उम्र 6 महीने से कम है तो प्लास्टिक की किताबों का उपयोग करना चाहिए।

 यदि बच्चा 1 साल से अधिक है तो चित्रों और स्टोरी वाली किताबों से बच्चों को पढ़ना सिखाना चाहिए। यदि बच्चे की उम्र 2 साल से अधिक है तो उसे वह किताबें पढ़ाएं जिस के चित्र और कहानियां बच्चे को समझ में आए।

कविताओं और गीतों का इस्तेमाल करें –

बच्चों को कविता और गीतों का इस्तेमाल करके पढ़ाना आसान होता है। कविताओं और गीतों को सुनकर बच्चे को पढ़ाई में रुचि उत्पन्न होती है। और वह चीजों को आसानी से याद करने में मदद करता है।

 इसलिए यदि आपको अगर बच्चे को पूरी रुचि के साथ पढ़ाना चाहते हैं तो बच्चे को उसके कहानी को कविताओं या गीतों के इस्तेमाल से पढ़ाना चाहिए।

किताबों पर उंगलियां रखकर पढ़ाएं –

बच्चों को पढ़ाने के लिए माता को भी बच्चे के साथ पढ़ना चाहिए। बच्चे को आप जो किताब पढ़ा रहे हैं उस किताब पर बच्चे और मां दोनों को उंगली रखकर पढ़ाना चाहिए। इससे बच्चे का ध्यान आसपास नहीं भटके गा और वह अक्षर को आसानी से पहचान पाएगा। वह पूरी रुचि के साथ किताब को पड़ेगा।

सरल शब्दों का कार्ड बनाएं –

घर पर ही बच्चों के लिए सरल शब्दों का कार्ड बनाएं, जिसमें जानवर या खिलौनों के नाम हों। जैसे :- ए फॉर एप्पल, बी फॉर बैट, सी फॉर- कैट आदि।

फिर इन नामों को बच्चों को बोलना सिखाएं और उस कार्ड को चुनने के लिए दें। इस तरह से बच्चों को वर्णमाला के अक्षरों की समझ होगी और सीखने में उनकी रूचि भी बढ़ेगी।

अर्थ समझाकर जोर से पढ़ना सिखाएं –

किताबों में दी गई कविताओं को बच्चे को जोर-जोर से पढ़कर सुनाना चाहिए और कविता का अर्थ भी समझाना चाहिए। यदि बच्चा कविता का अर्थ  समझ जाएगा तो वह आसानी से कविता को याद कर पाएगा और दोबारा उसे रिपीट करने में मदद मिलेगी।

किताबों के पात्रों को एक्टिंग के माध्यम से समझाएं –

बच्चे को किताबों की पात्रों की एक्टिंग के माध्यम से समझाना चाहिए। बच्चे की किताब में दी गई कहानी को पहले बच्चे को पढ़कर सुनाना चाहिए और कहानी में जो पात्र दिए गए हैं।

 उससे बच्चे के सामने एक्ट करके दिखाना चाहिए इससे बच्चे को कहानी में रुचि उत्पन्न होगी और वह चीजों को जल्दी नहीं भूलेगा यह बच्चे का मन पढ़ाई में लगाने का एक आसान तरीका है।

शब्दों का खेल खिलाएं –

बच्चे को खेल खेल में पढ़ाना एक सबसे आसान तरीका है। खेल-खेल में पढ़ाने से बच्चे आसानी से चीजों को सीख जाते हैं। और उनके साथ कोई जबरदस्ती भी नहीं करनी पड़ती। शब्दों का खेल खेला ना एक बहुत आसान तरीका हो सकता है।

 इसे इंडोर माध्यम से खेला जा सकता है ए टू जेड शब्दों को एक साथ मिक्स कर के बच्चे को उसे क्रमवार माध्यम से लगाने को कहेंगे तो बच्चा आसानी से चीजों को सीख पाएगा।

कविताओं और कहानियों को भागों में बांट कर पढ़ाएं –

कविताएं और कहानियां बच्चे के लिए बहुत प्रेरक मानी जाती हैं। बच्चे से बहुत ही रुचि के साथ पढ़ते हैं कहानियां सामान्यता काफी लंबी और बड़ी होती हैं। यदि कविताओं और कहानियों को छोटे-छोटे भागों में बांट कर बच्चे को थोड़ी थोड़ी करके पढ़ाई और समझाई जाती हैं।

 तो बच्चों को कविता और कहानियां याद करने में आसानी होती है और बच्चे को कहानियां याद करना बिल्कुल बोझ नहीं लगता।

चित्र बनाकर पढ़ाएं –

बच्चे को सामान्यता ओरल पढ़ाने से बेहतर है कि आप उसे चित्र बनाकर पढ़ा सकते हैं। बच्चे की रूचि चित्र में अधिक होती है इसलिए आप जिस भी शब्द को बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पहले उसका चित्र बनाना आवश्यक है।

 इससे बच्चे को देखकर सीखने में मदद मिलेगी यदि आप बच्चे को एप्पल के विषय में बता रहे हैं तो पहले बोर्ड पर आप एप्पल का चित्र बना सकते हैं। इससे बच्चे को पढ़ाई में रुचि उत्पन्न होगी।

बच्चों से प्रश्न पूछें –

यदि बच्चे की उम्र 3 साल से अधिक है तो आप बच्चे का टेस्ट भी ले सकते हैं। पढाए गए टॉपिक के विषय में बच्चे से प्रश्न पूछ सकते हैं। यदि बच्चा सही उत्तर दे पा रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपका पढ़ाने का तरीका बिल्कुल सही है और बच्चे को भी पढ़ने में रुचि है।

बच्चों का उत्साह बढ़ाते रहें –

बच्चों को पढ़ाते समय बीच-बीच में उनका उत्साहवर्धन करते रहें। जब बच्चा किसी नए शब्द को ठीक से बोलने या पढ़ने लगे, तो उसकी तारीफ करें। इससे उनका उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे वह आगे चलकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

धैर्य रखें और गुस्सा ना करें –

बच्चे को धैर्य रखकर  पढ़ाना चाहिए। कई बार जिस विषय में आप बच्चे को पढ़ा रहे हैं हो सकता है। वह बच्चे को देर में समझ में आए मैं आपसे उसके विषय में बार-बार प्रश्न पूछ सकता है।

उसी विषय में बार-बार गलतियां कर सकता है यदि बच्चा ऐसा कर रहा है तो उसे कभी भी डांटना नहीं चाहिए। यदि आप उसे डांट देते हैं तो वह दोबारा नया प्रश्न पूछने से जिसके का और वह अपने मन में उत्पन्न हो रही संकाओ को आपसे बताने में डरेगा। इसलिए बच्चे को खुलकर प्रश्न पूछने देना चाहिए और उन से बिल्कुल सरलता से व्यवहार करना चाहिए।

बच्चों को इंग्लिश पढ़ना कैसे सिखाएं? | How to teach children to read English?

बच्चे को इंग्लिश पढ़ना सिखाने (Baby ko english padhna kaise sikhaye) के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप उन्हें अल्फाबेट में वॉबल तथा कॉन्सोनेंट की पहचान करवाएं बच्चे को इंग्लिश कैसे पढ़ना सिखाएं इसके विषय में नीचे जानकारी दी गई है।

  • बच्चे को वाविल की पहचान करवाने के लिए सबसे पहले एक पेज पर सारे अल्फाबेट को लिखना चाहिए। उसके बाद बच्चे को वाविल को सर्किल करने के लिए कहना चाहिए।
  • बच्चे को एक वर्कशीट बनाने के लिए कहें और उस वर्कशीट में वावेल ओर कंसोनेंट उतारने के लिए कहें।
  • यदि बच्चा वावेल और कॉन्सोनेंट की पहचान करना सीख जाता है। तो यह समझ लेना चाहिए कि बच्चा इंग्लिश सीखने के लिए बिल्कुल तैयार है।
  • इसके पश्चात हर्बल से बच्चे को शब्द बनाना सिखाएं और बच्चे को बोल बोल कर उसे पढ़ने के लिए कहें। इससे बच्चे को हर शब्द की पहचान हो जाएगी – a + g = ag (एग) )।
  • अब इसे बोलना सिखाएं। इससे बच्चे a बोलना सीख जाएंगें। इसी तरह बाकी वॉवेल शब्दों का भी अभ्यास कराएं।
  • जब बच्चा दो अक्षरों से मिलकर बने शब्दों को बोलना सीख जाए तब उसे 3 अक्षरों से बने शब्दों को बोलना सिखाना चाहिए। यदि बच्चा ऐग कहना सीख जाए तो आगे भी जोड़ कर उसे बैग बोलना सिखाना चाहिए।
  • आप बच्चों को चित्र के माध्यम से दिखाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।यदि आप बच्चे को बैग के विषय में सिखाना चाहते हैं तो पहले बैक का चित्र बनाएं बैग को कैसे लिखा जाता है।
  • इसके बारे में बताएं और बच्चे को उसे दोहराने के लिए कहें बच्चा बैग का चित्र देखकर आगे यह पहचान लेगा कि वह बैग है और उसकी स्पेलिंग कैसी है। इससे बच्चा धीरे-धीरे पढ़ना सीख जाएगा और बच्चे के समझने के कौशल या उसकी रूचि के विषय में भी जानकारी मिलेगी।
  • जब बच्चा इस प्रक्रिया को अच्छे से सीख लेता है तो फिर उन शब्दों को जोड़ कर वाक्य बनाना सिखाएं। जैसे अगर बच्चा कैट (cat) बोलना सीख जाए, तो उसे सिखाएं कैट ऑन ‘अ’ मैट (cat on a mat)।
  • बच्चे को बबल की वर्कशीट बनाना सिखाएं बच्चा जब बॉवेल की वर्कशीट बनाना सीख जाएगा। वर्कशीट बनाने से बच्चे को अक्षरों का ज्ञान आसानी से हो जाता है।

बच्चों को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं? | How to teach children to read Hindi?

बच्चे को इंग्लिश पढ़ना सिखाने के बाद अब यह जानना भी जरूरी है कि बच्चे को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं।(Bacche ko hindi padhna kaise sikhaye) बच्चे को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाया जा सकता है।

 इसके विषय में नीचे पॉइंट के माध्यम से आपको जानकारी प्रदान की गई है।

  • बच्चे को हिंदी पढ़ना सिखाने के लिए सबसे पहले उसे वर्णमाला का ज्ञान कराना आवश्यक है। इसलिए सारी वर्णमाला को एक पेज पर उतारकर उसे बच्चे को पढ़ाना चाहिए।
  • जब बच्चे वर्णमाला बोलना सीख जाएं तब उन्हें शब्दों से परिचित कराना चाहिए। इसके लिए आप एक वर्कशीट तैयार करें, जिसमें साइड में तीन चार शब्दों को लिख दें।
  • फिर बीच में गोला बनाकर एक शब्द को डालें और बच्चे से कहें कि गोले में दिए गए शब्द को जोड़कर अधूरे शब्द को पूरा करे और उसे पढ़े। जैसे – अनब + न = अनबन, उपव + न = उपवन।
  • जब बच्चे बड़ों को पहचानना सीख जाएं और उन्हें भरना सीख जाए तब बच्चे को एक शीट बनाकर भरने के लिए देना चाहिए।
  • आगे पीछे के शब्दों को लिखकर बीच के शब्दों को छोड़कर बच्चे को अभ्यास के लिए देना चाहिए। इससे बच्चे की मानसिक क्षमता का विकास होगा।
  • इसके पश्चात बच्चे को चित्र के माध्यम से शब्दों को सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। एक चित्र को दिखाकर बच्चे को चित्र के विषय में बलवाना चाहिए कि वह किसका चित्र है।
  • इसके पश्चात यदि वह टमाटर का चित्र है तो आगे  माटर लिखकर आगे के शब्दों को पूरा करने के लिए कहना चाहिए।
  • बच्चे को कई शब्दों को एक साथ जोड़ कर लिखने के लिए भी कह सकते हैं। विभिन्न वर्णों को एक साथ लिखकर उन्हीं शब्दों को मिलाकर शब्दों को बनाने के लिए कहना चाहिए। जिससे बच्चा हिंदी जल्दी सीखेगा।
  • जब बच्चा यह सारी प्रक्रिया अच्छे से सीख जाता है, तो उसे फिर चित्रों वाली कविताओं को धीरे-धीरे पढ़ना सिखाएं।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. पढ़ना सिखाने के कितने कौशल होते हैं?

पढ़ना सिखाने के चार कौशल होते हैं।

Q. बच्चों के माध्यम से सबसे जल्दी पढ़ना सीखता है?

बच्चा चित्रों के माध्यम से और कविता कहानियों के माध्यम से जल्दी पढ़ना सीखता है।

Q. बच्चे को इंग्लिश पढ़ाने के लिए सबसे पहले क्या सिखाना आवश्यक है?

बच्चे को इंग्लिश पढ़ाने के लिए सबसे पहले वावेल ओर कंसोनेंट की पहचान कराना आवश्यक है।

Q. बच्चे को हिंदी सिखाने के लिए सबसे पहले क्या करना चाहिए?

बच्चे को हिंदी सिखाने के लिए सबसे पहले वर्णमाला को पड़बना और पहचान करना सिखाना चाहिए।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं (Baccho Ko Padhna Kaise Sikhae) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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