शिशु को कम नींद आने के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जाने इस विषय में जानकारी। Baccho me kam neend aane ki samasya

बच्चे बहुत ही कोमल होते हैं। वह हर प्रकार से कमजोर होते हैं इसलिए उनकी देखभाल करना बहुत आवश्यक है क्योंकि उन्हें जल्दी ही कोई भी संक्रमण ग्रसित कर लेता है। और वह उसे संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी जाते हैं। बच्चों को आराम की बहुत आवश्यकता होती है इसलिए उन्हें पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है। परंतु कई बार ऐसा होता है की शिशु को कम नींद आने (Baccho me kam neend aana) लगती है हमें इसके विषय में कोई जानकारी नहीं होती।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको शिशु को कम नींद आने के कारण (Baccho me kam neend aane ke reason) के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

Contents show

1 साल से छोटे बच्चों को कितने घंटे सोना चाहिए?

1 साल से कम उम्र के बच्चे अपने आसपास (Bachon ki neend ka sahi time) की चीजों को देखने और खेलने में बहुत ज्यादा थक जाते हैं। इसलिए उन्हें 8 से 9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।

baccho-me-kam-neend-aane-ki-samasya-2667803

बच्चा यदि इतनी देर आराम करता है तो यह उसके शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। बच्चों को कभी भी आराम करते समय नहीं उठाना चाहिए। बच्चों को ज्यादा नींद की आवश्यकता होती है।

बच्चे कोमल होते हैं थोड़ा सा कार्य करने के बाद ही उनका शरीर थका हुआ महसूस करने लगता है। इसलिए बच्चों को अधिक आराम की आवश्यकता है। वह सोने के अलावा कभी भी लेट कर आराम नहीं करते।

इसलिए उन्हें ज्यादा नींद की आवश्यकता होती है। यदि आपका बच्चा 9 से 10 घंटे की नींद ले रहा है तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि बच्चा स्वस्थ महसूस कर रहा है।

 क्या शिशुओं को कम नींद आना नॉर्मल है? Is It Normal For Newborn To Sleep Less

छोटे बच्चों को कम नींद आना (Baccho me kam neend aane ki normality) एक सामान्य समस्या होती है। यह बहुत सारे डॉक्टर के द्वारा बच्चों में देखी गई है डॉक्टर के अनुसार भी इसमें कोई दिक्कत की दिशा नहीं होता. यह बिल्कुल सामान्य बात होती है। जो अधिकतर बच्चों में पाई जाती है।

परंतु बच्चों को 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत ज्यादा आवश्यक है। क्योंकि बच्चा अपने दैनिक क्रियो और खेलकूद करके इतना थक जाता है कि उसे पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है।

जिससे उसका शारीरिक एवं मानसिक विकास तेजी से हो पाए और वह बहुत तेजी से ग्रो कर पाए 1 साल से कम उम्र का बच्चा अपने शरीर में बहुत सारे बदलाव को महसूस करता है। जिस कारण बच्चों को कम नहीं मन की समस्या भी हो जाती है इसलिए इसे किसी भी प्रकार की चिंता का विषय नहीं मानना चाहिए।

शिशुओं को कम नींद आने के क्या कारण होते हैं? Causes of Lack of Sleep In Babies

बच्चों में कम नींद आने के क्या-क्या कारण (Baccho me kam neend aane ke reason) हो सकते हैं। उसके विषय में नीचे पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई है। जिससे आप यह जान सकते हैं कि आपके बच्चे का शारीरिक विकास सामान्य हो रहा है या नहीं।

1.ब्रेन डेवलपमेंट :

1 साल से कम उम्र के बच्चे में शारीरिक एवं मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है। जिसके कारण उसके शरीर में भी बहुत सारे बदलाव आते रहते हैं। बच्चे के दिमाग का विकास इतनी तेजी से होता है।

कि उसके दिमाग में बहुत सारी नई-नई चीज संग्रहित होती रहती है। जिस कारण बच्चे का ब्रेन डेवलपमेंट बहुत शार्प होता है। बच्चों की तेजी से ब्रेन डेवलपमेंट के कारण भी बच्चे को कम नींद आने की समस्या होती है।

यह बहुत ज्यादा चिंता का विषय नहीं होता परंतु माता-पिता को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बच्चा अपने आराम के अनुसार नींद को अवश्य ले। जिससे उसके शारीरिक विकास ठीक प्रकार से हो पाए।

2.बच्चों के दांत निकालना :

जब बच्चा 1 साल से कम उम्र का होता है तब बच्चों के दांत पहली बार निकलते हैं। जिसके कारण बच्चों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है बच्चों को लूज मोशन होने लगते हैं और उसे बहुत ज्यादा दर्द होता है।

कभी-कभी बच्चों को इतनी ज्यादा परेशानी होने लगती है कि बच्चा रोते-रोते परेशान हो जाता है। बच्चों को तेज बुखार डाले या जैसी दिक्कतें भी बनने लगते हैं। बच्चों के विकास में सबसे ज्यादा कठिनाई भरा समय तब आता है जब उसके दांत निकलते हैं।

लगातार दर्द होने के कारण बच्चों को सोने में दिक्कत होती है दांत निकालने के कारण ही बच्चे को नींद ना आने की या काम आने की समस्या बनने लगती है। जैसे-जैसे बच्चों के दांत सामान्य होते जाते हैं वैसे वैसे उसकी यह समस्या भी कम होती रहती है।

3.बुरे सपने आना :

1 साल से कम उम्र के बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास हो रहा होता है। जिसके कारण बच्चा नहीं-नई चीजों को सीखता रहता है और उन्हें समझाने का भी प्रयास करता रहता है।

यह समय बच्चों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए माता-पिता को ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। बच्चों का ब्रेन डेवलपमेंट हो रहा होता है इसलिए बच्चों को बुरे सपने आने की समस्या हो सकती है।

बुरे सपने आने के कारण भी बच्चे को कम नींद आने की दिक्कत पैदा हो जाती है। इसलिए आप बच्चे की समस्या को समझ कर उसे समझाने का प्रयास कर सकते हैं।

4.चीजों को खोने का डर :

बच्चे बहुत पोस्सेसिव होते हैं जिस कारण उन्हें अपने रिश्तों को खोने का डर लगा रहता है 1 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा प्रेम अपनी मां से होता है। वह अपनी मां से बहुत ज्यादा अटैच महसूस करते हैं।

छोटे बच्चे अपने मन से बहुत कोमल होते हैं। उन्हें हर समय अपनी मां को खोने का डर लगा रहता है। आपने अक्सर छोटे बच्चों की क्रियो को देखा होगा कि वह हमेशा अपनी मां के साथ रहना पसंद करते हैं।

यदि उन्हें अपनी मां सामने दिखाई नहीं देती तो वह रोना शुरू कर देते हैं इस बात से यह प्रमाण मिल जाता है। कि छोटे बच्चे अपने माता-पिता को लेकर कितने ज्यादा पजेसिव होते हैं। इसलिए भी बच्चे को कम नींद आने की समस्या हो सकती है क्योंकि उन्हें अपनी चीजों को खोने का डर लगा रहता है।

उदाहरण के लिए यदि हम किसी बच्चे के साथ मजाक करते हैं कि आप बच्चे का दूध पी जाएंगे तो बच्चे को बुरा महसूस होने लगता है और वह रोने लगता है। यदि आप बच्चे का  कोई टोय बच्चों के सामने ले लेते हैं।

तब भी उसे बहुत ज्यादा बुरा महसूस होने लगता है और वह रोने लगता है यह बातें इस बात का प्रमाण होते हैं कि छोटे बच्चों को अपनी चीजों को खोने का डर लगा रहता है। इसलिए भी उन्हें कम नींद आने की समस्या हो सकती है।

5. माता-पिता के साथ समय की कमी :

छोटे बच्चों को अपने माता पिता की बहुत आवश्यकता होती है। वह हमेशा उन्हीं के साथ समय बिताना पसंद करते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि वह हमेशा अपने माता-पिता के साथ रहे।

परंतु आजकल के व्यस्त समय में ज्यादातर मां-बाप कामकाजी होते हैं जिस कारण वह अधिक समय अपने बच्चों को पालने पहुंचने में या उसे उसके साथ समय व्यतीत करने में नहीं गुजार पाते।

बच्चों को इस बात की कमी महसूस होने लगती है और धीरे-धीरे बच्चों के मन में यह हीन भावना जागृत हो जाती है। कि उसके मां-बाप उसे प्रेम नहीं करते जिसके कारण भी बच्चे को कम नींद आने की समस्या हो सकती है।

क्या नींद ना आना एक गंभीर समस्या होती है?

नींद ना आना कोई समस्या नहीं है (Baccho me kam neend aane ki samasya)यह कभी भी अपने आप जागृत नहीं होती। बल्कि यह व्यक्ति के दिमाग की उत्पत्ति होती है।

हमारी सामान्य दैनिक क्रियो की तरह नींद भी हमारे दैनिक क्रिया का एक हिस्सा है परंतु अधिक सोच विचार के कारण और दिमाग में टेंशन लेने के कारण बच्चों और बड़ों में दोनों को ही इस प्रकार की समस्या होने लगती है। यदि आप ऐसे लोगों से मिलते हैं जो बिल्कुल टेंशन फ्री रहते हैं।

जिन्हें किसी भी प्रकार की चिंता नहीं सताती है वह लोग कभी भी नींद ना आना या कम नींद आने की समस्या से ग्रसित नहीं होते। इसलिए व्यक्ति को ज्यादा चिंता या सोच विचार करने की आवश्यकता नहीं होती।

एकदम फ्री दिमाग से व्यक्ति को अपने कार्य करने की आवश्यकता है। तभी वह ऐसी बीमारियों से बच सकता है और अपने जीवन को आसानी से व्यतीत कर सकता है।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. 1 साल से कम उम्र के बच्चे को कितनी नींद की आवश्यकता होती है?

1 साल से कम उम्र के बच्चे को 9 से 10 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।

Q. 1 साल से कम उम्र के बच्चे क्या कार्य करते हैं जिससे उन्हें आराम चाहिए होता है?

बच्चे अपने आसपास की चीजों को देखते हैं और खेल-खेलकर नई चीजों को सिखते हैं। जिसके कारण उन्हें आराम की आवश्यकता होती है।

Q. 1 साल से कम उम्र के बच्चे को कम नींद आने की समस्या क्यों होने लगती है?

जब बच्चे के दांत निकलते हैं या बच्चे का ब्रेन डेवलपमेंट होता है। तब उसे कम नींद आने की समस्या होने लगती है।

Q. क्या नींद कम आना या ना आना एक बीमारी है?

नींद एक सामान्य दैनिक क्रिया होती है यह किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको शिशु को कम नींद आने के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जाने इस विषय में जानकारी। (Baccho me kam neend aane ki samasya) देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

Leave a Comment