बच्चों में खेलने कूदने की बहुत अधिक क्षमता होती है। वह दिन भर खेल कूद सकते हैं। बच्चे खेल कूद कर अपना मनोरंजन करते हैं। उन्हें खेलने होना बहुत पसंद होता है। बच्चे खेलते हैं जिससे उन्हें नई-नई चीजों का ज्ञान होता है उनके नए-नए दोस्त बनते हैं। परंतु बच्चे खेलने कूदने में अपने शारीरिक कमजोरी के विषय में ज्ञात नहीं कर पाते। बच्चों में कमजोरी होने के लक्षण क्या-क्या है (Baccho me kamzori ke lakshan) इसके विषय में हमें ज्ञान नहीं होता।
इस आर्टिकल में आज के माध्यम से हम आपके बच्चों में कमजोरी होने के लक्षण एवं कमजोरी (Bacho me kamzori ke reason and treatment) दूर करने के उपाय के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पड़े।
बच्चे में कमजोरी के लक्षण
बच्चों में कमजोरी के क्या-क्या लक्षण (Bacho me kamzori ke symptoms) हो सकते हैं उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।
1.पैर में कमजोरी :
यदि बच्चों के शरीर में कमजोरी होती है तो वह थोड़ा सा खेल कूद कर ही थक जाते हैं। थोड़ा सा चलते पढ़ते हैं। उसके बाद उन्हें आराम की आवश्यकता होती है। बच्चे अपने आप को ऊर्जावान महसूस नहीं करते।
बच्चों के पैरों में दर्द होता रहता है बच्चे धीरे-धीरे रहकर चलाते हैं। उन्हें अपने आप खड़े रहकर चलने फिरने और खेलने कूदने में परेशानी होती है।
ऐसे बच्चों में कैल्शियम की कमी पाई जाती है जिस कारण उनके हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। और बच्चे अपनी शारीरिक विकास को ठीक प्रकार से नहीं कर पाते।
2.बांह में कमजोरी :
यदि बच्चे अपने वजन के अनुसार वजन नहीं उठा पाए या बच्चों को स्कूल का बैग उठाने में बालों में कंघी करने में स्कूल की राइटिंग करने में या काम करने में दिक्कत होती है। तो उनके बाजू में कमजोरी को आप महसूस कर सकते हैं। माता-पिता को यह समझ जाना चाहिए कि यदि बच्चे को अपने दैनिक कार्य करने में हाथों से परेशानी हो रही है। तो उन्हें अपने बच्चों पर ध्यान रख देना चाहिए। और उसकी कमजोरी को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
3. चेहरे का सूखना :
यदि बच्चे के चेहरे पर चमक नहीं लग रही है या वह खुला हुआ महसूस नहीं कर रहा है तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि बच्चों के शरीर में कमजोरी है। बच्चे में कमजोरी का सबसे पहले लक्षणों में चेहरे का सूखना, होठों फटना, आंखों के नीचे काले घेरे आना और चेहरे पर रैशेज आना जैसी तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा बच्चों को बोलने में निगलने में और चूसने में समस्या हो सकती है।
4.बुखार और सर्दी-जुकाम :
जिन बच्चों को जल्दी-जल्दी सर्दी जुकाम की समस्या रहती है। उन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनके शरीर के अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम होती है। इसलिए वह बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं।
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसलिए कम हो जाती है क्योंकि बच्चों के शरीर में कमजोरी बढ़ने लगती है। उनके अंदर पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण उन्हें सर्दी जुकाम और बुखार होने लगता है।
बुखार किसी बीमारी का एक सिंपटम होता है बल्कि यह खुद बीमारी नहीं कहलाया जाता। पेट दर्द और खाना सही ढंग से न पच पाना आदि भी बच्चों के शरीर में कमजोरी के संकेत हो सकते हैं। इसलिए बच्चों के खानपान और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देना चाहिए।
5.हमेशा सिरदर्द और थकान :
यदि बच्चा थोड़ा सा काम करने के बाद तकने लगता है या वह किसी भी शारीरिक गतिविधि को करने के बाद थकान महसूस करता है। उसकी दिल की धड़कन बढ़ जाती है या उसकी सांस फूलने लगती है तो माता-पिता को यह समझ जाना चाहिए कि बच्चा कमजोरी का शिकार है।
उसके खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है बच्चों के शरीर में मोटापा होना या उसके शरीर में आलस होना भी कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए बच्चों को हमेशा पोषक तत्वों से परिपूर्ण संतुलित भोजन करना चाहिए। जिससे बच्चों के शरीर में किसी भी प्रकार के पोषक तत्व की कभी कमी ना हो और वह कमजोर महसूस ना करें।
कमजोरी के कारण
बच्चों में कमजोरी के क्या-क्या कारण हो सकते हैं। (Bacho Me kamzori ke reason) उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है। जिनके माध्यम से आप यह पता लगा सकते हैं कि बच्चों को कमजोरी से कैसे दूर किया जा सकता है।
असंतुलित भोजन :
यदि बच्चे को संतुलित भोजन नहीं दिया जा रहा है और बच्चों के शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। तो यह एक सबसे बड़ा कारण बच्चों के शरीर में कमजोरी का हो सकता है।
बच्चों को ऐसा भोजन खिलाना चाहिए जिसमें बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हूं। बच्चे को ऐसा भोजन खिलाना चाहिए। भोजन के अलावा बाजार में ऐसी बहुत सारे पोषक तत्वों से परिपूर्ण पदार्थ उपलब्ध है। जिनके माध्यम से बच्चे को पूरी तरीके से एनर्जी प्रदान की जा सकती है और उसकी कमजोरी को दूर किया जा सकता है।
बाहरी पदार्थ का अधिक सेवन :
जो बच्चे बाहरी पदार्थ का अधिक सेवन करते हैं या जो बाजार से मंगाई गई चीजों को खाने में दिलचस्पी रखते हैं और जो खाना खाने से बचते हैं।
उनको कमजोरी महसूस हो सकती है और उनके अंदर पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं जो खाना खाना बिल्कुल पसंद नहीं करते बल्कि वह बाहर का फास्ट फूड जैसे पिज्जा बर्गर खाना पसंद करते हैं। ऐसे बच्चों को कमजोरी अक्सर होने लगती है इसलिए बच्चों को बाहरी चीजों को कम खिलाकर घर का खाना खिलाना चाहिए।
दूध पीने में कमी :
दूध एक ऐसा पोषक तत्व होता है जिसमें सभी प्रकार के पोषण पाए जाते हैं। यदि बच्चा रोज एक गिलास दूध पीता है तो उसके शरीर में सारे पोषक तत्व की पूर्ति हो जाती है और उसे शरीर को एनर्जी प्रदान करने में बहुत मदद मिलती है। इसलिए डॉक्टर बच्चे को रोज एक गिलास दूध पीने की सलाह देते हैं। परंतु बहुत सारे बच्चे दूध पीने में आनाकानी करते हैं। और दूध का सेवन नहीं करते जिसके कारण भी बच्चों के शरीर में पोषक तत्व की कमी हो जाती है और वह कमजोरी महसूस करने लगता है।
देखभाल में कमी :
यदि माता-पिता के द्वारा बच्चों की देखभाल में कमी की जाती है तब भी बच्चा कमजोरी का शिकार होने लगता है। आजकल के समय में अधिकतर माता-पिता कामकाजी होते हैं जिसके कारण वह अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते।
बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाने के कारण बच्चों को किस प्रकार का भोजन कर सकते हैं। उसके विषय में भी वह नहीं सोच पाते जिसके कारण बच्चा धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।
एक्सरसाइज में कमी :
बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से एक्सरसाइज करवानी चाहिए एक्सरसाइज शरीर का विकास होता है और इसके साथ-साथ बच्चे का मानसिक विकास भी संभव हो पता है। जो माता-पिता बच्चों की एक्सरसाइज नहीं करते हैं।
उनका बच्चा हमेशा कमजोर रहता है बच्चे को एक्सरसाइज करना उसकी मालिश करना बच्चों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि बच्चे को एक्सरसाइज न कराई जाए तो बच्चा कमजोर महसूस करने लगता है। उसकी हड्डियां भी कमजोर होने लगते हैं इसलिए बच्चों को रेग्युलर एक्सरसाइज करना बहुत आवश्यक है।
शरीर में बीमारी :
यदि बच्चे के शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी है या वह शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है। तो भी बच्चों के अंदर कमजोरी महसूस हो सकती है और वह कमजोर हो सकता है।
मांसपेशियों में कमजोरी पोलियो, एक्यूट फ्लेसीड मायलाइटिस, वायरल मायोसिटिस और अन्य बीमारियों के कारण हो सकता है। इन बीमारियों के कारण बच्चा ठीक प्रकार से चलना फिरना भी संभव नहीं कर पाता इन बीमारियों के कारण बच्चे का विकास रुक जाता है।
उसकी लंबाई बढ़ाना बंद हो जाती है और बच्चा अंडरवेट होने लगता है। यदि बच्चे को इस प्रकार की समस्या होती है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
बच्चे की कमजोरी के उपाय
1. यदि माता-पिता को (Bacho me kamzori ke upay) अपने बच्चों के अंदर कमजोरी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टर से अच्छी सलाह के पश्चात ही अपने बच्चों को दवाइयां या खानपान उनके हिसाब का दिलाना चाहिए।
2. बच्चों के आहार में सभी प्रकार के पोषक तत्वों की पूर्ति वाला एक संतुलित भोजन देना चाहिए। बच्चों के आहार में प्रोटीन विटामिन फैट लिपिड फैटी एसिड सभी प्रकार के पोषक तत्व हो।
जिससे उनके अंदर कमजोरी होने का कोई भी सवाल पैदा ना हो।
3. यदि आपके परिवार में आनुवंशिकता से जुड़ी कोई फैमिली हिस्ट्री है। जिससे लोग बीमार पढ़ते रहते हैं तो उससे आपको सतर्क रहना चाहिए और अपने बच्चों की देखभाल करनी चाहिए।
4. पेरेंट्स के तौर पर आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो रहा हो। यदि आप बच्चों के साथ नहीं है तो आप इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा किसी से इंसान के हाथों में हो।
जो आपके बच्चे का अच्छी से ख्याल रख पाए। यदि आपका बच्चा किसी दूर व्यवहार का शिकार हो रहा है तो यह प्रभाव उसके दिमाग पर पड़ता है जो उसकी दिमागी हालत पर
5. बच्चों को हाइड्रेट रखने की कोशिश करनी चाहिए उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाना चाहिए। जिससे उसके शरीर में पानी की कमी ना हो और उसके शरीर में पानी की पूर्ति होती रहे।
माता पिता को बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. बच्चों में कमजोरी के क्या-क्या लक्षण होते हैं?
बच्चों में कमजोरी के लक्षण पर में दर्द होना थकावट महसूस होना रिंग रिंग कर चलना आदि हो सकते हैं।
Q. बच्चों के हड्डियों में कमजोरी क्यों हो जाती है?
बच्चों के शरीर में कमजोरी कैल्शियम की कमी के कारण हो जाती है।
Q. बच्चों में कमजोरी के क्या-क्या कारण है?
असंतुलित आहार लेना शरीर में बीमारी होना दूध न पीना एक्सरसाइज में कमी करना।
Q. बच्चों को कमजोरी से बचने के क्या-क्या उपाय हैं?
डॉक्टर से संपर्क लेना संतुलित आहार लेना बच्चों के विषय में सतर्क रहना आदि विभिन्न तरीके के उपाय हो सकते हैं।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों में कमजोरी होने के लक्षण एवं कमजोरी दूर करने के पांच उपाय (Baccho me kamzori ke symptom and treatment) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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