माता-पिता को अपने बच्चे की हरारत बहुत प्यारी लगती है। वह कोशिश करते हैं कि उनका बच्चा कोई ना कोई हरकत करता रहे और वे उन्हें खिलाते रहे बच्चे जब मुस्कुराते हैं तो यह बहुत मनमोहक होता है। परंतु बहुत सारी ऐसी हरकत हुई है जिससे माता-पिता को परेशानी होती है उनमें से एक हरकत है बच्चे का अंगूठा चूसना। लेकिन बच्चे के अंगूठा पीने से कैसे छुड़ाएं (Babies ka angutha chusna kaise chudaye?)इसके विषय में अक्सर हमें जानकारी नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे का अंगूठा पीना कैसे छुड़ाएं ( Babies ka angutha chusna chudane ke tips)उसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बच्चे अंगूठा क्यों पीते हैं?
बच्चे अंगूठा क्यों पीते हैं (Babies ka angutha chusna kya hai )इसके विषय में यह कहा जाता है। कि जब बच्चे बोरियत महसूस करते हैं भूखे होते हैं, सोने जा रहे होते हैं तो वह अंगूठा चूसने लगते हैं।
इसके पीछे कोई ठोस कारण नहीं है परंतु वैज्ञानिक अध्ययन से हुई है पता चला है कि अंगूठा चूसने का संबंध शारीरिक तनाव और मनोवैज्ञानिक तनाव से जुड़ा हुआ है। बच्चे अपने अंगूठे को मुंह में ट्रिगेमिनल नर्व को उत्तेजित करने के लिए डालते हैं, जो मांसपेशियों के संतुलन को बनाने और तनाव को मुक्त करने में मदद करता है। एक कारण यह हो सकता है कि बच्चे को अंगूठा पीने में खुशी मिलती है और वह अपनी खुशी के लिए अंगूठा पीता है।
बच्चे अपना अंगूठा चूसना कब शुरू करते हैं?
एक वैज्ञानिक अध्ययन से (Babies ka angutha chusne ki shuruat) यह पता चला है कि बच्चे गर्भाशय में ही अंगूठा चूसना प्रारंभ कर देते हैं। जब बच्चे गर्भ में 29 हफ्ते के होते हैं और उनके शरीर का निर्माण हो रहा होता है।
तभी बच्चे अपने अंगूठा अपने मुंह में डालकर चूसने लगते हैं जन्म के पश्चात 10 से 35% बच्चे ही अंगूठा सूचना जारी रखते हैं और बाकी बच्चे अंगूठा चूसना बंद कर देते हैं। इसलिए यह माना जाता है कि जब बच्चा भ्रूण स्थिति में है तभी वह अंगूठा चूसना शुरू कर देता है।
अंगूठा चूसना शिशुओं के लिए क्यों हानिकारक है?
वैसे तो बच्चों के अंदर (Babies ka angutha chusne ke effects)अंगूठा चूसने की आदत काफी आम होती है। इससे किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। परंतु अंगूठा चूसने के शिष्यों के अंदर कुछ हानिकारक प्रभाव है जिसके विषय में नीचे पॉइंट के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई है।
दातों का अंदर धसना या बाहर निकलना:
बच्चे के लगातार अंगूठा चूसने के कारण बच्चे के दांत निकलने में अंगूठा अवरोधक बनता है और बच्चे के दांत उसकी मसूड़े के अंदर धंस जाते हैं।
दांत बाहर निकलने का एक कारण अंगूठा चूसना भी है। लगातार अंगूठा चूसने से बच्चे के दांतो की वृद्धि उसके पैटर्न में नहीं हो पाती और बच्चे के दांत टेढ़े मेढ़े होने लगते हैं। इसलिए अंगूठा चूसने पर पेरेंट्स को इसका उपाय करना चाहिए।
तोतला पन :
अगर बच्चा 4 साल का हो गया है और वह लगातार अंगूठा चूस रहा है तो उसकी जवान खराब हो जाएगी। बच्चा ठीक से बोल नहीं पाएगा और वह तोतला हो जाएगा। लगातार मुंह में अंगूठा रखने के कारण बच्चे के मुंह के अंदर की संरचना बिगड़ सकती है। उसकी जीभ टेढ़ी हो सकती है और बच्चा तोतला हो सकता है। इसलिए बच्चे को तोतले पन से बचाने के लिए बच्चे को अंगूठा चूसने से रोकना चाहिए।
पैरोनीचिया (Paronychia) :
पैरों नीतियां एक ऐसी समस्या है जिसमें लगातार उंगली मुंह में देने के कारण व्यक्ति के नाखूनों और त्वचा के बीच में अंतर आ जाता है। इस अंतर में धीरे-धीरे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। यह बैक्टीरिया जब बच्चा बार-बार उंगली को मुंह में देता है तो बच्चे के मुंह में चले जाते हैं। और बच्चे के स्वास्थ्य को संक्रमित करते हैं। इसलिए बच्चे को बार-बार अंगूठा चूसने से रोकना चाहिए यदि अंगूठे और त्वचा के बीच अंतर पैदा हो गया तो बैक्टीरिया का जन्म लेना सामान्य बात होती है।
हर्पेटिक व्हिटलो (Herpetic whitlow) :
यहएक प्रकार का संक्रमण है, जो नाखूनों और उंगलियों में होता है। इस संक्रमण के दौरान उंगली में बिल्स्टर (छाले – फफोले) हो जाते हैं, यह ब्लिस्टर किसी भी रंग के हो सकते हैं।
परंतु यह लाल होते हैं इन में जलन और दर्द भी होता है जिनमें काफी दर्द होने के कारण बच्चा परेशान हो जाता है इसलिए बच्चे को बार-बार उंगली मुंह में देने से रोकना चाहिए।
हाथों की हड्डी संबंधी समस्या :
अंगूठे को बार-बार चूसने के कारण हड्डी में भी समस्या आने लगती है। अंगूठे को चूसने से अंगूठे की हड्डी बढ़ने लगती है जिस अंग को लगातार चूसा जाएगा वह अंग बढ़ना शुरू कर देता है।
जिसके कारण यह सामान्य शारीरिक संरचना से अलग हो जाता है। इसलिए लगातार बच्चे को अंगूठा क्यों उसने पर उसकी हड्डियों में अंतर आने लगता है। और यह शरीर के लिए हानिकारक होता है इसलिए बच्चे को लगातार अंगूठा चूसने से रोकना चाहिए।
मानसिक कमजोरी :
अगर बच्चा काफी उम्र का हो गया है और फिर भी अंगूठा चूसना नहीं छोड़ रहा है तो यह मानसिक कमजोरी का एक संकेत हो सकता है। बच्चे की अंगूठा पीने की आदत कुछ समय तक रहती है और समय के पश्चात यह ठीक हो जाती है परंतु काफी बड़ा होने के बाद भी यदि बच्चा अंगूठा नहीं छोड़ रहा है। तो यह मानसिक विकार में आएगा और यह बच्चे के लिए बहुत हानिकारक होगा।
नोट :
अंगूठा चूसने के ऊपर बताए गए दुष्प्रभावों का मतलब आप को डराना नहीं है बल्कि आपको इन दुष्प्रभावों के विषय में सचेत करना है।
बच्चे को अंगूठा चूसने से कैसे रोकें? | बच्चों का अंगूठा पीना कैसे छुड़ाएं? |
जब बच्चा लगातार अंगूठा पीने (Bacha Angutha Chusne kaise roken)लगता है तो उसे अंगूठा पीने की आदत हो जाती है और उसकी यह आदत छुड़ा पाना बहुत मुश्किल होता है।
परंतु यदि आप बच्चे से बैठ कर बात करते हैं और उसे समझाते हैं कि अंगूठा चूसना कितना नुकसानदायक है तो वह शायद समझ जाए। अंगूठा चूसने से रोकने की कुछ उपाय के विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई।
छोटे बच्चों को अंगूठा चूसने से रोकने के टिप्स: (Babies ka angutha chusna chudane ke tips)
- अगर बच्चा बहुत छोटा है और वह बार-बार अपनी उंगलियों को मुंह के अंदर ले जा रहा है। तो आप उसको दस्ताने पहनाना शुरू कर दें कि छोटे बच्चे को दस्ताने पहन आएंगे।
- तो धीरे-धीरे करके उसके मुंह के अंदर उंगलियां डालने की आदत छूट जाएगी।
- छोटे बच्चे की अंगूठा चूसने की आदत छुड़ाने के लिए आप उसे कोई भी खिलौना खेलने के लिए दे सकते हैं। जिससे उसका ध्यान खिलौने में लग जाएगा और मैं अंगूठा पीना बंद कर देगा।
- पेसिफिरे के माध्यम से भी अंगूठा छुड़ाने में बच्चे को मदद मिल सकती है। लेकिन पैसे फायर का इस्तेमाल करने के लिए बच्चे बाद दबाव नहीं डालना चाहिए।
- यदि बच्चा आराम से पैसी फायर का उपयोग कर रहा है तभी बच्चे को पैसी फायर देना चाहिए।
- आप अपने बच्चे के अंगूठे पर कोई कड़वा लेप लगा सकते हैं। जैसे उसके अंगूठे पर नीम का लेप लगा सकते हैं जिससे यदि वह अंगूठा मुंह के अंदर लेकर जाएगा तो उसे कड़वा महसूस होगा। और वह अंगूठा पीना छोड़ देगा।
बड़े बच्चों को अंगूठा चूसने से रोकने के टिप्स:
- अगर बच्चा बड़ा हो गया है और वह माता-पिता की बात समझने में सक्षम है। तो माता-पिता को उसे समझाना चाहिए कि लगातार अंगूठा पीने से उसे कितने ज्यादा नुकसान हो रहे हैं।
- उसके शरीर में अंगूठा पीने से विकार उत्पन्न हो रहे हैं। यदि बच्चे को यह बात समझ में आएगी तो वह धीरे-धीरे करके अंगूठा पीना छोड़ देगा।
- यदि बच्चा आपकी बात सुनता है और कुछ देर के लिए अंगूठा सूचना छोड़ देता है तो उसे प्रोत्साहित करें प्रोत्साहित करने के लिए उसकी तारीफ करें कि उसने आपकी बात मानी है।
- बच्चे को समय-समय पर यह लकी याद दिलाते रहना चाहिए कि अंगूठा चूसने से उसे क्या क्या नुकसान हो सकते हैं।
- बच्चे की हरकतों पर नजर रखना चाहिए उसके विषय में यह जानकारी लेनी चाहिए कि बच्चा किन परिस्थितियों में अंगूठा किसका है।
- यदि आपको वह परिस्थितियां मालूम पड़ जाए तो उस पर तुरंत काम करना शुरू कर देना चाहिए।
बच्चों का अंगूठा चूसना कब बंद होता है?
सामान्यता जब बच्चे 3 से 4 साल के बीच होते हैं। Babies ka angutha chusna rokne ka time) तब उनकी अंगूठा चूसने की आदत छूट जाती है। परंतु यदि तीन से चार साल होने के पश्चात भी उनके अंगूठा चूसने की आदत नहीं छूटती तो इसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।डॉक्टर अंगूठा चूसने से रोकने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय आपको सुझाव के रूप में बता सकते हैं।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर
Q. बच्चा अंगूठा चूसना कब से प्रारंभ कर देता है?
बच्चा जब अपनी मां के गर्भ में 29 हफ्ते का होता है तभी अंगूठा चूसना प्रारंभ कर देता है।
Q. किस उम्र तक बच्चे अंगूठा चूसना बंद कर देते हैं?
जब बच्चे 3 से 4 साल के हो जाते हैं वह अपने आप ही अंगूठा चूसना बंद कर देते हैं।
Q. बच्चे के अंगूठा चूसने के क्या कारण हो सकते हैं?
बच्चा अंगूठा भूख लगने पर परेशान होने पर आदत पड़ जाने पर अंगूठा चूसता रहता है।
Q. लगातार अंगूठा चूसने की वजह से क्या-क्या हानिकारक प्रभाव बच्चे के स्वास्थ्य पर पढ़ते हैं?
लगातार अंगूठा चूसने के कारण मानसिक कमजोरी, दांतो का अंदर धसना, तोतलापन, हड्डी का बढ़ना आदि समस्याएं होने लगती हैं।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों का अंगूठा पीना कैसे छुड़ाएं (Bacha Angutha Kyo Chusta Hai) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है।यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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