बच्चों का वजन कैसे बढ़ाएं? | असरदार तरीके | Bache Ka Vajan Kaise Badhaye

माता पिता के लिए उनका शिशु बहुत खास होता है मैं अपने बच्चे की देखरेख करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ते वह बच्चे को हर जरूरी सुविधा प्रदान करने का प्रयास करते हैं जिससे उनका बच्चा हष्ट पुष्ट और स्वस्थ हो सके। माता-पिता कई बार अपने बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ तुलना करने लगते हैं वह यह सलाह करते हैं कि उनके बच्चे का वजन दूसरे बच्चे से कम है।

इस आर्टिकल हमें हम आपको यही बताएंगे कि बच्चे का वजन कैसे बढ़ाएं (How to increase weight of child) तथा वह उसकी लंबाई, उसका बोलचाल, उसका चलना फिरना आदि बातों की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं। यह व्यवहार एक आम मानवीय व्यवहार है बच्चों के प्रति चिंता इस व्यवहार को जन्म देती है माता-पिता को यह चिंता लगी रहती है कि उनका बच्चा किसी दूसरे बच्चे से कम ना रह जाए।

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बच्चों का वजन कैसे बढ़ाएं ? | Bache Ka Vajan Kaise Badhaye

बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए माता-पिता को उसके खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बच्चे का वजन किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है (How to increase weight of child) बच्चे का सही वजन कितना होना (Correct weight of child) चाहिए था तथा कितनी मात्रा में बच्चे का वजन बढ़ सकता है। इसके विषय में जानकारी प्रदान करेंगे।

बच्चों का वजन कैसे बढ़ाएं Bache Ka Vajan Kaise Badhaye

यदि आपके परिवार में भी कोई बच्चा है जिसका वजन कम है तो आप हमारे आर्टिकल के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि बच्चे का वजन कैसे बढ़ाया जाए हमारे टॉपिक के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

बेबी का वेट कितना बढ़ना चाहिए?

बच्चा स्वस्थ है या नहीं इसकी जानकारी बच्चे की सक्रियता पर निर्भर करती है। यदि बच्चे का विकास तेजी से हो रहा है तथा वह सक्रिय व्यवहार कर रहा है तब माता-पिता को यह मान लेना चाहिए कि बच्चा स्वस्थ है। एक स्वस्थ बच्चे का वजन किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है इसके विषय में नीचे हमने आपको जानकारी प्रदान की है। स्वस्थ बच्चे में बजन को बढ़ने की प्रक्रिया उम्र और समय के हिसाब से अलग अलग हो सकती है। नीचे स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने बच्चे का वजन बढ़ा सकते हैं।

  • पहली तिमाही में बच्चे का वजन 200 ग्राम बढ़ता है तथा अगले तीन हफ्तों में प्रति हफ्ते बच्चे का वजन डेढ़ सौ ग्राम बढ़ता है। अगले 6 महीने में बच्चे का वजन 100 ग्राम प्रति हफ्ते की दर से इजाफा कर सकता है। बच्चे के वजन बढ़ने की प्रक्रिया उसकी उम्र पर भी निर्भर करती है इसलिए यह डांटा देवेंद्र बच्चों में अलग अलग हो सकता है।
  • सामान्यता विकास की बात की जाए तब बच्चे का वजन चौथे महीने में जन्म के वजन से 2 गुना होना चाहिए तथा वहीं यदि बच्चे हैं 1 साल तो बच्चे का वजन कम जन्म के वजन से 3 गुना होना चाहिए। यदि बच्चा 2 साल का पूरा हुआ है तब बच्चे का वजन जन्म के वजन से चार गुना होना चाहिए।
  • इसके पश्चात 6 साल की उम्र तक बच्चे का वजन हर साल 2 किलो बढ़ना आवश्यक है। जब बच्चा किशोरावस्था में पहुंचता है तब उसका वजन हर साल 3 किलो वरना आवश्यक है। यदि बच्चे का विकास इन प्रक्रियाओं के द्वारा हो रहा है तब यह मान लेना चाहिए कि बच्चा स्वस्थ है।

बच्चों का वजन का सही होना क्यों जरूरी है?

बच्चे का वजन सही होना क्यों जरूरी है इसके विषय में जानकारी नीचे पॉइंट के माध्यम से हम आपको प्रदान करेंगे। इस जानकारी को प्राप्त करके आप समझ पाएंगे कि बच्चे का वजन बच्चे के स्वास्थ्य के लिए कितना आवश्यक है।

  • उम्र के हिसाब से अनुमान में लाया गया औसत वजन की कमी बच्चे के शरीर में कुपोषण को दर्शाती है कुपोषण का अर्थ है कि बच्चे के अंदर पर्याप्त संतुलित आहार ओं की कमी है।
  • भजन के कमी के कारण बच्चे का शारीरिक विकास धीमा हो सकता है तथा बच्चे के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है। जिससे बच्चा कम समय में ही बार-बार बीमार पड़ सकता है।
  • यदि बच्चा कम समय में ही बीमारी के चपेट में आने लग जाता है तब बच्चे के अंदर गंभीर बीमारी होने की आशंका पैदा होने लगती है। इसलिए बच्चे के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना बहुत अधिक आवश्यक है।
  • यदि ऊपर दिए हुए मामलों में ध्यान नहीं दिया जाता तो बच्चे की मौत होना भी संभव हो जाता है क्योंकि बच्चे का वजन बच्चे के स्वस्थ होने पर निर्भर करता है। यदि बच्चे का वजन बहुत कम है तो बच्चे के अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता और उसके शरीर को स्वस्थ बनाने की क्रिया ठीक प्रकार से नहीं हो पाएंगे इसलिए बच्चे के वजन पर हमेशा माता-पिता का ध्यान रहना चाहिए कि बच्चे का वजन बिल्कुल संतुलित हो।

नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के उपाय | Bache ka vajan kaise badhaye

नवजात शिशु के वजन बढ़ाने का एकमात्र उपाय शिशु के लिए मां का दूध है। सिर्फ मां का दूध ही बच्चे का वजन बढ़ाने का एक कारगर उपाय हो सकता है मां के दूध में पाए जाने वाले जरूरी पोषक तत्व आम दूध में नहीं पाए जाते इस कारण बच्चे को मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए मां के दूध के अंदर एंटीबॉडी पाई जाती हैं जो बच्चे के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और बच्चे का वजन बढ़ाने में भी मदद करते हैं बच्चे को हाथ दो 2 घंटे पर मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए।

तथा बच्चे की क्रियाओं को समझना चाहिए कि बच्चे को कब भूख लग रही है इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का पेट भर पाया है या नहीं। यह बात माता को पता हो यदि बच्चा भूखा रह जाएगा तब कभी भी उसके शरीर का वजन नहीं बढ़ पाएगा। बच्चे की क्रियाओं को समझना बहुत अधिक आवश्यक है। क्रियाओं को समझकर ही यह मालूम पड़ता है कि बच्चे को भूख लगी है।

कुछ मामलों में ऐसा होता है कि बच्चा प्रीमेच्योर पैदा होता है तथा वह अपनी माता का दूध पीने में सक्षम नहीं होता। इसका उपाय करने के लिए माता को ब्रेस्ट पंपिंग के द्वारा अपना दूध निकालकर बच्चे को खिलाना चाहिए। मां का दूध बच्चे के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए मां के दूध का सेवन बच्चे को अवश्य कराएं। इसके अलावा कुछ मामलों में ऐसा होता है कि मां के स्तन से दूध नहीं उतरता ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए तथा फॉर्मूला मिल्क का सेवन करने के लिए पूछना चाहिए क्योंकि बच्चे का पेट भरना बहुत अधिक आवश्यक है।

माता को बच्चे को हर 2 घंटे पर दूध पिलाना चाहिए चाहे कोई भी स्थिति हो बच्चे को दोनों स्तनों से दूध पिलाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे यह पता चलता है कि बच्चे का पेट भरा है या नहीं माता को यह अवश्य सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि बच्चे का पेड़ पूरी तरीके से भरा हो। माता को बच्चे के मल त्याग की स्थिति के विषय में भी जानकारी रखनी चाहिए यदि बच्चा दिन में 6 से 8 बार मल त्याग कर रहा है तब यह मान लेना चाहिए कि बच्चे को जरूरी पोषक तत्व प्रदान हो रहे हैं और बच्चा स्वस्थ है।

6-12 महीने के बच्चों को मोटा करने के लिए क्या खिलाएं?

6 महीने के बच्चे को दूध के अलावा अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिससे वह अपने शरीर का विकास करता है इसलिए बच्चे को दूध के अलावा विभिन्न पोषक तत्व जैसे अनाज दाल सब्जियां फल आदि को डॉक्टर की सलाह पर देना चाहिए।

6 महीने के बच्चे का पाचन तंत्र कमजोर होता है इसलिए 6 महीने के बच्चे का आहार में इस मुद्दे को शामिल कर लेना चाहिए जिससे बच्चे के पाचन तंत्र पर अधिक जोर ना पड़े। डॉक्टर की सलाह के अनुसार 6 से 8 महीने के बच्चे को प्रतिदिन 30 ग्राम फल तथा 480 ग्राम सब्जी के आहार से अधिक शामिल नहीं करना चाहिए।

8 महीने से बड़े बच्चे को नर्म एवं मुलायम आहार खाने को दिया जा सकता है जिससे बच्चा स्वयं खाना खाना सीखे और विभिन्न चीजों का सेवन करके अपने अंदर पौष्टिक आहार की कमी को पूरा करें क्योंकि सिर्फ दूध बच्चे के अंदर पोस्ट कारों की कमी को नहीं कर पाता और बच्चे का वजन बढ़ाने में मोटे अनाज की आवश्यकता बहुत अधिक होती है इसलिए बच्चे को दूध के अलावा अन्य प्रकार की चीजों का भी सेवन कराना आवश्यक है।

यदि आपके बच्चे का वजन कम है और आप उसके विषय में परेशान हैं तो नीचे हम आपको कुछ आरो के विषय में बता रहे हैं। जिसका सेवन कराने से आप अपने बच्चे का वजन बढ़ा सकते है।

1. सेहत से भरपूर है केला

बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए केला एक पौष्टिक आहार हो सकता है। केला एनर्जी और फैट का एक बेहतरीन स्त्रोत होता है। फैट के द्वारा शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है इसलिए केले को भरपूर मात्रा में खाना चाहिए इसमें कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शरीर में शुगर बनाता है जिससे शरीर को एनर्जी प्रदान होती है।

बच्चे को केले को बड़ी आसानी से प्रदान किया जाता है केले में कार्बोहाइड्रेट और फैट के अलावा फाइबर पाए जाते हैं जो बच्चे को पौष्टिक आहार प्रदान करने में मदद करते हैं। बच्चे को आसानी से केले का सेवन कराया जा सकता है। केले का शेक बनाकर पुडिंग या केक बनाकर बच्चे को भरपूर मात्रा में अकेला खिलाया जा सकता है क्योंकि केला स्वादिष्ट होता है और इसे पचाने में भी पाचन तंत्र को कोई समस्या नहीं होती। इसलिए यदि वजन को बढ़ाना है तो बच्चे को केला भरपूर मात्रा में खिलाना चाहिए।

2. वजन बढ़ाने में मददगार है रागी

वजन बढ़ाने के लिए रागी एक महत्वपूर्ण विकल्प होता है रागी में जरूरी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट तथा पाठ पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें जरूरी पौष्टिक आहार पाए जाते हैं जो शरीर का वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। रागी आसानी से बच जाती है इसके कारण चिकित्सक भी राखी को आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं।

रागी में भारी मात्रा में पौष्टिक आहार पाए जाते हैं बच्चे को खिलाने के लिए आप इसे हलवे या मिठाई में इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चे को स्वादिष्ट रागी बनाकर खिलाने से बच्चे में पौष्टिक आहार की पूर्ति होगी तथा बच्चे का वजन भी बढ़ेगा।

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3. दही देता है जरूरी पोषण

दही में विटामिन ए बी सी डी के अलावा नियासिन कैल्शियम आयरन पोटेशियम जैसे अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कम फैट में भारी पौष्टिक मात्रा को प्रदान करने में मदद करते हैं। इसलिए यदि नियमित मात्रा में दही का सेवन किया जाता है। तब शरीर में कभी भी पौष्टिक आहार ओ की कमी नहीं होती दही शरीर को ठंडक पहुंचाता है तथा यह पाचन तंत्र को बनाए रखने में मदद करता है इसलिए बच्चे को आहार के रूप में दवाई अवश्य देना चाहिए। यह बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करती है और जरूरी पौष्टिक आहार की पूर्ति शरीर में करती है।

4. ओट्स से बढ़ाएं बच्चे का वजन

कोर्ट में जरूरी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट विटामिन तथा प्रोटीन पाया जाता है और एक आधा पक्का का भोजन होता है जिसे ज्यादा पकाने से इसके अंदर के पौष्टिक आहार नहीं खत्म होते इसलिए यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत पौष्टिक होता है इसमें पाये जाने वाले  फालाट, राइबोफ्लेविन, नियासिन और थायमिन ,पोटेशियम ,फॉस्फोरस कैल्शियम बच्चे के विकास में मदद करती है। ओट्स स्वादिष्ट होते हैं और बच्चे इन्हें खाने में आनाकानी नहीं करते इसलिए बच्चे को  जरूर खिलाने चाहिए।

5. आलू बनाए तंदुरुस्त

आलू में भारी मात्रा में फैट तथा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शरीर को पौष्टिक बनाने में तथा वजन बढ़ाने में मदद करता है आलू में स्टार्च पाया जाता है। स्टार कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित होकर शरीर का वजन बढ़ाने में मदद करता है आलू में फैट तथा कार्बोहाइड्रेट के अलावा अन्य पौष्टिक आहार जैसे

कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस और पोटैशियम के साथ इसमें विटामिन बी-6, सी, राइबोफ्लेविन, थियामिन, नियासिन और फोलेट भी मौजूद होते हैं। यह शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और शरीर को फुर्तीला बनाते हैं आलू व्यक्ति को तंदुरुस्त बना देता है और उसका वजन बढ़ाने में एक कारगर साधन बन सकता है

आलू को किसी भी माध्यम से बच्चे को खिलाया जा सकता है आलू का भर्ता बनाकर या दूध में डालकर बच्चे को खिलाया जा सकता है। इसके अलावा दाल या सब्जी के साथ भी आलू का सेवन बच्चे को कराया जा सकता है। आलू स्वादिष्ट होता है बच्चे से बहुत मन से खाते हैं। इसलिए यदि आप अपने बच्चे का वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आलू का सेवन बच्चे को अवश्य कराएं।

6. शकरकंद से बनाएं बच्चे की सेहत

शकरकंद का सेवन शकरकंद का सेवन उबालकर किया जाता है शकरकंद स्वाद में मीठा होता है। इसमें फैट तथा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शरीर को पौष्टिक बनाने में मदद करता है। इसे सीधे उबालकर या दूध में मैस करके भी चलाया जा सकता है इसके अलावा शकरकंद में अन्य पौष्टिक आहार दे पाए जाते हैं।

जैसे कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम के साथ विटामिन-सी, नियासिन व फोलेट और अन्य जरूरी विटामिन तथा प्रोटीन भी शकरकंद में पाया जाता है। डॉक्टर के द्वारा भी शकरकंद को वजन बढ़ाने के लिए रिकमेंड किया जाता है शकरकंद स्वादिष्ट होता है इसमें खाने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती इसलिए बच्चे के विकास के लिए शकरकंद का सेवन अवश्य कराना चाहिए।

7. दाले हैं आहार का खजाना

हम सभी जानते हैं कि साले इतनी अधिक स्वास्थ्यवर्धक होती हैं बालों में भारी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और यह शरीर को स्वस्थ बनाने में और शरीर में पौष्टिक आहार की पूर्ति करने में बहुत सहायक होती है। भारत में हर व्यक्ति दालों का सेवन करता है और बच्चों को भी दाले भारी मात्रा में खिलाई जाती हैं दालों में प्रोटीन के अलावा आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और फोलेट जैसे मिनरल और कई जरूरी विटामिन पाए जाते हैं।

भारत में दाल के सेवन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में विश्व की सबसे अधिक मात्रा में दालों का उत्पादन होता है परंतु फिर भी भारत को दालों का आयात करना पड़ता है। इसका मतलब यह हुआ कि भारत में भारी मात्रा में दाले खाई जाती हैं इसलिए बच्चे को हमेशा दाल का सेवन कराना चाहिए। इससे बच्चे का विकास अच्छे से हो पाता है और उसका वजन भी बढ़ता है।

8. एवोकाडो से दें जरूरी पोषण

बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए जरूरी पौष्टिक आहार ओं की आवश्यकता होती है तथा इसे नियमित तौर पर बच्चों को दिया जाना चाहिए माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का पेट कभी भी खाली ना रहा है। यदि बच्चे का पेट खाली रहता है और उससे भूख लगी रहती है तो बच्चे का वजन कमी नहीं है बच्चे के द्वारा प्रदान किए जाने वाले जनों को जिससे बताते हो कि उन्हें भूख लगी है।

उसके विषय में ध्यान रखना चाहिए बच्चे को एवोकाडो खिलाना चाहिए एवोकाडो मैं भारी मात्रा में फैट  तथा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। 6 से 9 महीने के बच्चे को एवोकाडो पूरी बना कर ही दिया जा सकता है परंतु 9 महीने से बड़े बच्चे को एवोकाडो मैस करके भी खिलाया जा सकता है।

9. अंडा है वजन बढ़ाने में मददगार

अंडा फैट, कार्बोहाइड्रेट और एनर्जी के साथ मिनरल और विटामिन का अच्छा स्रोत होता है। इसके अलावा अंडे में और पौष्टिक आहार पाए जाते हैं जो बच्चे का वजन बढ़ाने में मददगार होते हैं। बच्चे का विकास करने के लिए अंडा उपयोगी हो सकता है हालांकि बहुत सारे ऐसे परिवार हैं जो नॉनवेज खाने से बच्चे को पर एक सकते हैं परंतु फिर भी हमारी यह चला है कि यदि आपको अपने बच्चे का वजन बढ़ाना है।

उसे अंडे का सेवन अवश्य कराएं अंडा फैट को तो करता ही है इसके साथ साथ अंडे में अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे के शरीर को पौष्टिक बनाने में एवं स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। कुछ बच्चों में अंडे से एलर्जी पाई जाती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि अपने बच्चे के मेडिकल कंडीशन को ध्यान में रखते हुए उसे अंडे का सेवन कराना चाहिए। यदि बच्चे का वजन बढ़ाना है तो उसे अंडा अवश्य खिलाना चाहिए।

10. पनीर का उपयोग है लाभकारी

पनीर कम सेट में एक अच्छी एनर्जी का स्त्रोत हो सकता है पनीर खाने में भी स्वादिष्ट लगता है तथा ऐसे बच्चे बिना किसी नोकझोंक के आराम से खाना पसंद करते हैं। पनीर में कुछ पोषक तत्व जैसे इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और सोडियम के साथ अधिकतर विटामिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। पनीर को विभिन्न विभिन्न डिशेस के द्वारा बनाया जा सकता है जो बच्चे को स्वादिष्ट लगता है और बच्चा उसे बहुत मन से खाता है। पनीर से शरीर का वजन काफी मात्रा में बढ़ता है क्योंकि इसमें भारी मात्रा में एनर्जी पाई जाती है इसलिए यह शरीर का फैट बढ़ाने में मदद करते हैं।

11. ड्राई फ्रूट्स से बढ़ेगा बच्चों का वजन

वजन बढ़ाने के लिए बच्चे के हार में ड्राई फ्रूट को अवश्य शामिल करना चाहिए ड्राई फ्रूट कम मात्रा में अधिक एनर्जी प्रदान करने का स्त्रोत होते हैं। इसमें भारी मात्रा में पाई जाती है तथा यह स्वादिष्ट भी होते हैं इन्हें विभिन्न तरीकों से बनाकर खाया जा सकता है। इन्हें लुगदी में बनाकर या किसी स्वादिष्ट चीज में डालकर भी खाया जा सकता है इसलिए बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए तथा उसका विकास अच्छे से हो इसके लिए ड्राई फ्रूट्स बच्चे के आहार में शामिल अवश्य करना चाहिए।

12. फ्रूट जूस है सहायक

फ्रूट जूस बच्चे का वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं फ्रूट जूस मीठे  होते हैं मीठा शरीर में कार्बोहाइड्रेट को इनक्रीस करता है। कार्बोहाइड्रेट से शरीर का फैट बढ़ता है फ्रूट जूस पीने में भी स्वादिष्ट होता है तथा इसमें भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। फ्रूट जूस में एनर्जी कार्बोहाइड्रेट तथा फेट पाई जाती है जो शरीर को एनर्जी प्रदान करता है और बच्चे के विकास में मदद करता है फ्रूट जूस पीने में स्वादिष्ट होता है। इसलिए बच्चे को फ्रूट जूस का सेवन नियमित रूप से कराना चाहिए।

क्या करें यदि बच्चे का वजन ना बढ़ रहा हो?

यदि विभिन्न पोषक तत्वों को प्रदान करने के बावजूद बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है तो उसके शरीर में कुछ समस्या हो सकती है। इस विषय में डॉक्टर से अवश्य परामर्श लेना चाहिए इसके बाद बच्चे का हेल्थ चेकअप कराना चाहिए कि आखिर बच्चे को पोषक तत्व प्रदान करने के बावजूद भी उसका वजन क्यों नहीं पड़ता इसके अलावा नीचे कुछ पॉइंट के माध्यम से हमने बच्चे के वजन ना बढ़ने के कुछ कारण स्पष्ट किए हैं। इन कारणों की वजह से बच्चे के वजन में वृद्धि नहीं होती

  • पेट में कीड़े होने से बच्चे का वजन बढ़ना रुक सकता है।
  • जींद में कमी होने के कारण बच्चे का वजन बढ़ना रुक सकता है
  • अंगों का ठीक प्रकार से विकसित ना होना इसका बड़ा कारण हो सकता है।
  • नर्वस सिस्टम में कमी होने के कारण भी बच्चे का वजन कम हो सकता है।
  • यदि बच्चे का पाचन तंत्र खाने को कीर्तन को नहीं बचा पा रहा तथा उसका अवशोषण सही नहीं हो पा रहा तब भी बच्चे का वजन कम हो सकता है।
  • एनीमिया जैसी खून से संबंधित बीमारी भी बच्चे के वजन की कमी का कारण बन सकते हैं।
  • यदि बच्चे का वजन कम है तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श लेना चाहिए क्योंकि बच्चे का वजन ही उसके स्वास्थ्य का संकेत होता है।

बच्चों का वजन बढ़ाने संबंधी इन बातों को जरूर ध्यान में रखें

बच्चे का वजन बढ़ाने संबंधी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ऐसा नहीं करना चाहिए कि बच्चे को अधिक पौष्टिक आहार खिलाने से उसके स्वास्थ्य में किसी प्रकार की कमी आ जाए इसलिए संतुलित मात्रा में जितना बच्चे की शरीर के लिए आवश्यक है। उतना ही पौष्टिक आहार देना चाहिए नीचे पॉइंट्स में हमने आपको बच्चे के वजन बढ़ाने संबंधी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं इन्हें अवश्य फॉलो करना चाहिए

  • बच्चों के साथ माता-पिता का भावनात्मक संबंध अच्छा होना चाहिए बच्चे अपने माता-पिता से ठीक प्रकार से जुड़े होने चाहिए ताकि माता-पिता बच्चों की भावनाओं को समझ पाए कि उनके बच्चे क्या चाहते हैं।
  • माता-पिता को बच्चे के मुंह से संबंधित जानकारी रहनी चाहिए कि बच्चा अभी क्या सोच रहा है तथा उन्हें बच्चे के द्वारा भूख लगने पर प्रदान किए जाने वाले संकेतों के विषय में भी जानकारी रखनी चाहिए। यदि माता-पिता को बच्चे के द्वारा दिए गए संकेत समझ नहीं आते हैं तो वह कभी यह नहीं समझ पाएंगे कि वचनों का है या उसका पेट भरा हुआ है।
  • बच्चे को हमेशा इंफेक्शन से बचाना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें कभी भी कोई गंदी चीज नहीं जलाने चाहिए। इसके अलावा बच्चे को कभी भी ऐसी चीज का सेवन नहीं कराना चाहिए जो उसके लिए हानिकारक सिद्ध होती हैं बच्चे को हमेशा साफ-सुथरी चीजों का ही सेवन कराना चाहिए।
  • बच्चे का खाने के प्रति रुझान बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए बच्चे को स्वादिष्ट चीजें बनाकर खिलाने चाहिए जो उसे पसंद हो इससे बच्चे का रुझान खाने के प्रति बढ़ेगा और वह आने के लिए भी आनाकानी नहीं करेगा।
  • किसी भी आहार को देने से पहले इस बात की जानकारी माता-पिता को अवश्य होनी चाहिए कि उनके बच्चे को किन-किन चीजों से एलर्जी है। बच्चे को कई चीजों से एलर्जी होती है परंतु माता-पिता को इस बात के विषय में पता नहीं होता यदि बच्चा एलर्जी की चीजों का सेवन करता है तो यह उसके लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए पहले एलर्जी चीजों का प्रयोग करके देखना चाहिए।

सारांश

ऊपर आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चे का वजन कैसे बढ़ाया जा सकता है। बजन बढ़ाने के दौरान किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए तथा उम्र के हिसाब से बच्चे का वजन कितना होना चाहिए। इसके विषय में पूरी जानकारी प्रदान की गई अब आपको समझ में आ गया होगा कि बच्चे का वजन आप कैसे बढ़ा सकती हैं तथा बच्चे के वजन के उसके स्वस्थ शरीर में क्या मायने हो सकते हैं।

इसलिए आपको भी यह ध्यान रखना चाहिए कि आपका बच्चा अपने उम्र के हिसाब से पर्याप्त वजन का हो तभी वह स्वस्थ रह सकता है। इसके अलावा आर्टिकल में जिन बातों का ध्यान रखने के लिए बताया गया है। उन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए इससे बच्चे को बहुत सारी परेशानी से बचाया जा सकता है।

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रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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