शिशु की बढ़ती उम्र पर खान-पान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। बच्चे स्वभाव से चंचल होते हैं जब वह ठोस पदार्थों का सेवन करना प्रारंभ कर देते हैं। पौष्टिक चीजें खाने की जगह वह स्वादिष्ट चीजें खाना चाहते हैं परंतु कुछ बच्चे खाना इसलिए नहीं खाते क्योंकि उन्हें भूख ही नहीं लगती। पेरेंट्स को अक्सर यह मालूम नहीं होता कि बच्चे के भूख ना लगने के क्या कारण (Bacho me Bhukh na lagne ke karan) हो सकते हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे को भूख ना लगने के साथ कारण व भूख बढ़ाने के नुक्से(Bacho me Bhukh na lagne ke karan aur nuksey) ) के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बच्चों को भूख न लगना का मतलब क्या है? (What does loss of appetite in children mean?)
बच्चे को भूख ना लगने का मतलब है कि वह या तो अपनी मर्जी से या किसी अन्य कारण की वजह से पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं कर रहा है। बच्चे के भोजन ना करने के कई कारण हो सकते हैं जिनके विषय में नीचे आर्टिकल में आपको जानकारी दी जाएगी।
परंतु यदि बच्चा भोजन नहीं करता तो उसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और बच्चा कमजोर पड़ने लगता है। इसलिए उसक भोजन करना बहुत आवश्यक है। 2 से 5 साल तक के बच्चों में भूख ना लगना यह कम लगना एक आम समस्या है। इस उम्र के बच्चे स्वादिष्ट चीजों को खाना पसंद करते हैं और जो चीज उन्हें नापसंद होती है।
वह उसको खाने में नखरे करते हैं इस उम्र के बच्चों को उनके पेरेंट्स पिकी ईटर के नाम से जानते हैं। बच्चे के खाने के प्रति धीरे-धीरे रुचि कम होने लगती है और बच्चा ना खाने की वजह से कमजोर पड़ने लगता है।
बच्चों को भूख न लगने के कारण (Bacho Ko Bhukh Na Lagne Ke Karan)
1. बच्चे को भूख ना लगना कोई बीमारी नहीं होती अथवा वह किसी अन्य बीमारी का लक्षण हो सकता है। इनमें से कुछ बीमारियां निम्न है।
- पेट में कीड़े होना
- गलसुआ (मम्प्स)
- दांत आना
- शरीर में आयरन की कमी
- हेपेटाइटिस-ए का टीकाकरण
- एनीमिया
- . यदि माता-पिता बच्चे पर खाने के लिए अधिक दबाव डालते हैं तो बच्चा खाने के लिए मना कर सकता है। बच्चे अपने मन में चिढ़ पैदा कर सकता है।
- मीठा अधिक खाने से भी बच्चे को भूख ना लगने की समस्या हो सकती है।
- कई बार परिवार वालों के डर, धमकी, सजा का डर से, जबरदस्ती खाना खिलाने से भी बच्चे को भूख कम लगती है।
- कई बार बच्चे दूसरों का ध्यान खींचने के लिए भी खाना खाना पसंद नहीं करते। सबसे अधिक बच्चे अपनी मां का ध्यान खींचने के लिए खाना नहीं खाते।
- एक उम्र के बाद बच्चे अपनी मनपसंद चीजें खाना पसंद करते हैं। माता-पिता के द्वारा दी गई चीजें उन्हें पसंद नहीं आती। वह और अधिक स्वादिष्ट चीजें खाना पसंद करते हैं एवं पौष्टिक चीजों को खाना ना पसंद करते हैं।
- कई बार बच्चे परिवार के सदस्यों की नकल उतारते हैं। यदि परिवार में कोई व्यक्ति किसी चीज का सेवन नहीं करता तो बच्चे उनकी नकल करके उस चीज का सेवन करना पसंद नहीं करते।
बच्चों को भूख न लगने के लक्षण (Symptoms of loss of appetite in children)
बच्चों में कुछ खास लक्षण (Bacho me Bhook na lagne ke lakshan) पाए जाते हैं जिनको देख कर यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चे को भूख कम लग रही है।
- एक महीने तक भूख की कमी।
- खाना खत्म करने में समय लगाना।
- स्वयं खाना खाने से मना करना।
- खाते समय नखरे करना या चिड़चिड़ाना (stressful mealtime)।
- आधी रात को खाने की जिद करना।
- अधिक समय तक स्तनपान या बोतल से दूध पीने की जिद करना।
- समय और उम्र के साथ आहार की मात्रा का न बढ़ना।
बच्चों की भूख बढ़ाने के लिए इलाज (remedies to increase appetite in children)
कई बार बच्चे को भूख ना लगने के कई कारण (Bacho me Bhook Badhane ka ilaj) हो सकते हैं। बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी हो सकती है जिसके लिए डॉक्टरी परामर्श बहुत आवश्यक है। जिन्हें दवाइयों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है जिसकी मदद से बच्चे की भूख ना लगने की समस्या कम हो सकती है।
कई चिकित्सक साइप्रोहेप्टाडिन (Cyproheptadine) नामक दवा लेने की सलाह देते हैं। माना जाता है कि यह दवा भूख बढ़ाने में मदद कर सकती है। साथ ही कुपोषित बच्चों में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ाने में मदद कर सकती है। कई स्टडी में यह दवा ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई है, इसलिए बेहतर है कि बच्चों की भूख बढ़ाने की दवा डॉक्टरी परामर्श के बिना न दें।
बच्चे की भूख बढ़ाने के लिए टिप्स (Tips to increase baby’s appetite)
बच्चे की भूख बढ़ाने के टिप्स (Bacho me Bhook badhane ke tips) के विषय में नीचे पॉइंट के माध्यम से जानकारी प्रदान की है।
1. जब बच्चा खाना खाए तो उससे टीवी वीडियो गेम लैपटॉप कंप्यूटर जैसी चीजों को दूर रखना चाहिए। इससे बच्चे का ध्यान भटकता है और वह खाना ठीक से नहीं खा पाता है।
2. बच्चे को हर 4 घंटे में कुछ खिलाना पिलाना चाहिए ऐसे बच्चे का पेट हमेशा भरा रहेगा।
3. यह कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे के खाने का समय 20 से 30 मिनट तक का हो। यदि बच्चे का खाने का समय बहुत देर का होगा तो बच्चा खाने से बोर होने लगता है।
4. बच्चे को हर समय एक तरह का खाना नहीं खिलाना चाहिए। बच्चे के खाने में विविधता हो तो बच्चा बहुत रुचि के साथ खाना खाता है।
5. अगर बच्चा खाने से मना कर रहा है तो बच्चे को जबरदस्ती खाना नहीं खिलाना चाहिए। इससे बच्चे का मन खराब हो सकता है।
6. जब बच्चा चम्मच पकड़ना सीख जाए तो बच्चे को अलग चम्मच दें और उसे खुद से खाने के लिए प्रेरित करें।
7. एक साथ बच्चे को ढेर सारा खाना उसकी थाली में नहीं देना चाहिए। बच्चे को थोड़ा थोड़ा खाना परोस ना चाहिए जब बच्चा खाना खत्म कर ले तब आप उसे और खाना दे सकते हैं।
8. खाने के समय में बच्चे को स्नेक्स जूस या ज्यादा दूध ना दें। इससे बच्चे का पेट भर जाएगा और वह कम खाना खा सकता है।
9. दो समय के खाने के बीच में जैसे लंच और डिनर के बीच में आप बच्चे को स्नेक्स खिला सकते हैं। परंतु यह ध्यान रखना चाहिए कि अधिक मात्रा में स्नेक्स ना खिलाएं।
10. यदि बच्चा खाना खाने में नखरे करता है तो उसे डराने धमकाने की वजह प्यार से समझाना चाहिए। कि खाने से बच्चे को कितने फायदे हैं।
11. बच्चे के खाने का एक टाइम टेबल बना देना चाहिए उसी के हिसाब से बच्चे को खाना देना चाहिए। कब बच्चे को खाना खिलाना है कब स्नेक्स खिलाने है।
इसका एक टाइम टेबल बनाएं बच्चे को हर समय कुछ ना कुछ खाने के लिए ना दें इससे बच्चा खाना कम खा सकता है।
12. कोशिश करना चाहिए कि सभी लोग एक साथ साथ बैठकर खाना खाएं। अकेले खाना खाने से बच्चा खाना खाने से मना कर सकता है।
13. खाने के ऊपर सॉस से या चटनी से डिजाइन बना देनी चाहिए इससे बच्चा खाने में रुचि उत्पन्न करेगा।
14. बच्चे को फल और सब्जियों की पूरी बनाकर खिला सकते हैं। इससे बच्चे को खाना खाने में आसानी होगी और वह बहुत रुचि के साथ खाना खाएगा।
15. बच्चे को कितना खाना खाना है यह बच्चे की भूख पर छोड़ देना चाहिए। यदि बच्चा खाना छोड़ देता है तो उस पर ज्यादा जोर दबाव नहीं डालना चाहिए।
16. खाने की टेबल पर बच्चे से बात करनी चाहिए उसे यह बताना चाहिए कि बचपन में आपको खाना कितना पसंद था उसे बचपन के किस्से सुनाने से बच्चे को खाने में रुचि उत्पन्न होती है।
17.आप उन्हें रंग-बिरंगी सब्जियां और फल के सॉस, जैसे – पराठे के साथ स्ट्रॉबेरी या ऑरेंज सॉस दे सकते हैं। इनसे उनका खाने के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
18. बच्चे को रोज नाश्ता करने की आदत डलवानी चाहिए। यदि बच्चा नाश्ता नहीं करेगा तो वह कमजोर और थका हुआ महसूस करता रहेगा।
19. स्नेक्स में आप बच्चे को ड्राई फ्रूट्स भी दे सकते हैं ड्राई फ्रूट्स खाने में स्वादिष्ट होते हैं और बच्चों ने बहुत चाव से खाता है।
20. बच्चे को खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बीच-बीच में ट्रीट जैसे चॉकलेट, आइसक्रीम व कैंडी आदि दी जा सकती हैं, लेकिन इन्हें रोजमर्रा के खाने में शामिल न करें।
21. बच्चे को खाना खिलाने के लिए पूरे दिन पीछे नहीं पड़ना चाहिए। यदि बच्चा खाना खाने से मना कर रहा है तो उसकी जगह उसे दूध का विकल्प नहीं देना चाहिए जब बच्चे को भूख लगे तो उसे किसी प्रकार का पैक्ड फूड भी नहीं देना चाहिए।
22. डॉक्टर्स की सलाह माने तो बच्चे को 2 साल के बाद स्तनपान कराना बंद कर देना चाहिए।
बच्चों की भूख बढ़ाने के 5 घरेलू उपाय | Baccho Ki Bhukh Badhane Ke Nuskhe
1.आयरन युक्त आहार :
आयरन युक्त आहार बच्चे को खिलाना चाहिए। बच्चे के शरीर में आयरन की कमी होने के कारण भी बच्चे को भूख न लगने की समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चे को आयरन युक्त पदार्थ खाने चाहिए। आयरन के स्रोत जैसे पालक, साबुत अनाज, पास्ता, चावल, मटर, चने व ब्रोकली आदि को शामिल किया जा सकता है।
2.विटामिन-सी युक्त आहार :
बच्चे को आयरन युक्त बाहर खिलाने के साथ-साथ विटामिन सी युक्त आहार भी खिलाना चाहिए। विटामिन आयरन को ऐप्स और करने में मदद करता है। यदि शरीर में विटामिन नहीं होगा तो वह आयरन को ग्रहण नहीं कर पाएगा। इसलिए विटामिन सी शरीर के लिए बहुत आवश्यक है विटामिन के स्रोत टमाटर, संतरे, स्ट्रॉबेरी आदि है ।
3.सोआ/डिल (Dill):
एक प्रकार की हर्ब होती है, जो बच्चों के पेट से जुड़ी समस्याओं, जैसे – भूख की कमी, गैस व अपच आदि से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। इसे सूप में मिलाकर बच्चे को दिया जा सकता है। अन्य हर्ब्स की तरह इसे मसालों में भी उपयोग किया जा सकता है।
4.मीठे से बचें :
बच्चे को अधिक मीठा खिलाने से बचना चाहिए। अधिक मीठा खिलाने से बच्चे की भूख कम हो जाती है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
कुछ परिस्थितियां ऐसी आ जाती हैं जिनमें डॉक्टर के पास जाना बहुत आवश्यक होता है।(Doctor se paramarsh) यदि डॉक्टर के परामर्श ना लिया जाए तो वह शरीर के लिए हानिकारक होता है। किन परिस्थितियों में आप डॉक्टर के पास जा सकते हैं इसके विषय में नीचे जानकारी दी गई है।
- बच्चे का वजन घट रहा हो।
- बच्चे का पिछले छह महीने से वजन न बढ़ा हो।
- बच्चे को पेट दर्द रहता हो।
- बच्चे को बुखार रहता हो।
- बच्चा कुछ भी खाने पर उल्टी कर रहा हो।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. सबसे कम भूख लगने की समस्या किस उम्र के बच्चों में पाई जाती है?
2 से 5 साल के बच्चों में बहुत कम भूख लगने की समस्या पाई जाती है।
Q. किस दवाई की मदद से भूख बढ़ाने में मदद मिलती है?
साइप्रोहेप्टाडिन (Cyproheptadine) एक मेडिसिन है जिसकी मदद से बच्चे की भूख बढ़ाई जा सकती है।
Q. बच्चे को स्तनपान कराना कब बंद किया जाना चाहिए?
2 साल से बड़े बच्चे को स्तनपान कराना बंद कर देना चाहिए।
Q. किन परिस्थितियों में डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है?
बच्चे का वजन घट रहा हो,बच्चे का पिछले छह महीने से वजन न बढ़ा हो,बच्चे को पेट दर्द रहता हो, बच्चे को बुखार रहता हो,बच्चा कुछ भी खाने पर उल्टी कर रहा हो।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों को भूख न लगने के 7 कारण व भूख बढ़ाने के नुस्खे (Bacho Ko Bhukh Na Lage To Kya Kare) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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