आज का युग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है हर व्यक्ति मशीनों से घिरा हुआ है तथा मशीनें व्यक्ति के काम आसान बना रही है। इंटरनेट के युग में कंप्यूटर तथा फोन जीवन का एक अहम हिस्सा बन गए हैं। कोई भी व्यक्ति इन्हें अपने से दूर नहीं रख सकता। छोटे बच्चे भी अपने बड़ों को देखकर मोबाइल तथा इंटरनेट के आदी हो गए हैं। इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल में हर चीज उपलब्ध रहती है।
फोन को जिस प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है उस हिसाब से वह अपना प्रभाव सकारात्मक भी छोड़ सकता है तथा उसका प्रभाव नकारात्मक भी हो सकता है। छोटे बच्चों में मोबाइल फोन के बहुत अधिक नुकसान (Harmful effects of Mobile phone in child) है और उन्हें विभिन्न माध्यमों के द्वारा फोन से दूर भी रखा जा (Ways to keep away the child from mobile phone) सकता है।
आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि छोटे बच्चों पर मोबाइल के क्या प्रभाव (Baccho me mobile phone ke prabhav) होते हैं। बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखा जा सकता है(Baccho ko mobile se door kaise rakhe) । या बच्चों को मोबाइल फोन से बचाने के क्या क्या तरीके हो (Mobile phone se bachane ke tarike) सकते हैं इसके विषय में बताएंगे यदि आपके परिवार में भी कोई ऐसा बच्चा है जो मोबाइल फोन का आदि है और आप उसे मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से रोकना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
क्यों बच्चे मोबाइल फोन से इतना अट्रेक्ट होते हैं?
मोबाइल के अंदर बच्चों को अलग-अलग प्रकार की चीजें देखने को मिलती हैं जिनमें बहुत सारे रंग होते हैं तथा आवाज होती है। बच्चे नई नई चीजों रंगो तथा आवाज की तरफ अट्रेक्ट होते हैं यही कारण है कि बच्चा मोबाइल फोन चलाने जिद करता रहता है। मोबाइल फोन में दिखाए जाने वाले चित्रों को बच्चा छूने का प्रयास करता है उसके मन में यह लालसा पैदा होने लगती है कि जो कार्टून वह देख रहा है एक दिन वह उनसे अवश्य मिल पाएगा। इन्हीं चीजों से अट्रैक्ट होकर बच्चा मोबाइल फोन की ओर अधिक अट्रैक्ट हो जाता है और दिन भर मोबाइल फोन में ही लगा रहता है।
मोबाइल का बच्चों पर पड़ता दुष्प्रभाव | Bacho Ko Mobile Se Nuksan
मोबाइल फोन के सकारात्मक प्रभावों के साथ-साथ इसके नकारात्मक प्रभाव (Mobile Phone ke Nuksaanभी बहुत हैं। व्यक्ति जिस प्रकार से फोन का इस्तेमाल करना चाहता है। वह अपना प्रभाव भी उसी प्रकार से डालता है परंतु बच्चे को अच्छे बुरे की समझ ना होने के कारण वह गलत चीजों की तरफ अट्रैक्ट होने लगता है और इस पर बच्चों के बहुत नुकसान होने लगते हैं। नीचे हमने आपको मोबाइल फोन से होने वाले नुकसान ओं के विषय में बताया है।
तंत्रिका विकार :
मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मोबाइल फोन के अंदर से रेडिएशन से निकलती हैं जो रेडिएशंस बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं। अधिक मोबाइल फोन का उपयोग करने से बच्चे का तंत्रिका तंत्र प्रभावित होने लगता है और धीरे-धीरे उसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों में कमी आने लगती है जैसे उसका हंसना, बोलना, चलना, घूमना मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन इन तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालकर इनके कार्य को धीमा कर देती हैं।
फिजियोलॉजिकल एडिक्शन :
बच्चे को मोबाइल फोन का फिजियोलॉजिकल एडिक्शन हो जाता है जिन बच्चों को बचपन से ही मोबाइल फोन दे दिया जाता है। वह धीरे-धीरे इसके आदी हो जाते हैं और उन्हें फोन की लत लग जाती है जिस कारण वह अपना खाना खाने खेलने आदि का समय फोन चलाने में व्यतीत कर देते हैं और इसका प्रभाव धीरे-धीरे उनके स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है। मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन भी बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं किसी भी चीज की लत व्यक्ति के शरीर को नुकसान भी हो सकती है इसलिए छोटी उम्र में बच्चे को कभी भी फोन नहीं देना चाहिए।
मानसिक विकास में कमी :
मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण बच्चे का मानसिक विकास बीमा हो सकता है कारण यह है कि बच्चा हर समय अपने फोन में ही लगा रहता है। वह सामाजिक नहीं बन पाता उसे समाज में होने वाली विभिन्न विभिन्न क्रियाओं को सीखने का मौका नहीं मिलता जिसके द्वारा उसके दिमाग का विकास हो सके और उन्हें नई नई चीजों की समझ आ सके। फोन में लीन होने के कारण बच्चा समाज से वंचित रह जाता है इसके दुष्प्रभाव बच्चे के विकास पर पढ़ते हैं। वैज्ञानिकों ने भी यह माना है कि बच्चे का सामाजिक विकास होना बहुत आवश्यक है जो बच्चे के जीवन पर्यंत उसके साथ चलता है और उसे एक अच्छा जीवन बिताने में मदद करता है।
अनिद्रा की समस्या :
फोन में विभिन्न तरीके के गेम होते हैं जो बच्चे को अपनी और बहुत आकर्षित करते हैं। बच्चा दिन-रात इन गेम्स को खेल सकता है मोबाइल फोन में बहुत सारे प्रकार के कार्टून आते हैं जिस हिसाब से बच्चे की रूचि होती है। मोबाइल फोन उस हिसाब का कार्टून बच्चे को प्रदान कर देता है बच्चा देर रात तक जग कर या तो फोन में गेम्स खेलता रहता है या किसी कार्टून प्रोग्राम को देखता रहता है।
इसलिए वह सुबह उठने में दिक्कत करता है और उसे स्कूल जाने में भी परेशानी होती है यदि बच्चा रात को समय पर नहीं सोता तब उसकी स्कूल की पढ़ाई भी बाधित होती है। कई बार स्कूल में सोने की शिकायत भी आ सकती है लगातार जागते रहने से बच्चे को अनिद्रा की शिकायत भी हो सकती है। ज्यादा फोन चलाने वाले बच्चों को अक्सर पाया गया है कि वह देर रात तक जाकर फोन चलाते रहते हैं बच्चे को ऐसा करने से रोकना चाहिए।
व्यवहार में बदलाव :
बच्चा यदि बहुत अधिक मोबाइल फोन का आदि है तो वह किसी अन्य अच्छे काम में कभी भी अपना मन नहीं लगा पाएगा। उसे किसी अन्य कार्य के लिए समय ही नहीं होगा और वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल फोन देखने में ही व्यतीत करेगा। बच्चे की पढ़ाई भी मोबाइल की लत के कारण बहुत बाधित होती है और बच्चा अपनी कक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता।
यदि माता-पिता के द्वारा एकदम मोबाइल फोन को दूर किया जाता है। तब बच्चे पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है तथा वह नाराज होकर वापस फोन की मांग भी कर सकता है इससे बच्चे के व्यवहार में बदलाव अवश्य आएगा।
कैंसर का खतरा :
मोबाइल फोन से निकलने वाले हार्मफुल रेडिएशन बच्चे के अंदर कैंसर का कारण बन सकते हैं। मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन बच्चे के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते हैं तथा ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करना और भी ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए बच्चे को अधिक फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए कैंसर के अलावा बच्चे को ब्रेन ट्यूमर की समस्या भी हो सकती है।
सिर दर्द :
ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल के कारण बच्चे में सिर दर्द की समस्या हो सकती है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय दिमाग का पूरा ध्यान केंद्रित फोन की ओर होता है इसके कारण दिमाग पर फोन चलाने से अधिक जोर पड़ता है। यदि लगातार फोन का इस्तेमाल किया जाता है तो बच्चे के अंदर सर दर्द की समस्या बन सकती है।
डिप्रेशन या शार्ट टेंपर
मोबाइल फोन के इस्तेमाल के दौरान बच्चा फोन में हर चीज देखने का प्रयास करता है। फोन में हर चीज की उपलब्धता होने के कारण कभी-कभी वह कुछ ऐसी चीजें भी देख लेता है जो उसे नहीं देखनी चाहिए इस कारण यदि बच्चे के दिमाग पर किसी चीज का अधिक प्रभाव पड़ता है तो बच्चा डिप्रेशन में भी जा सकता है। डिप्रेशन के कारण बच्चे को शॉर्ट टेंपर की समस्या भी हो सकती है। शार्ट टेंपर का अर्थ है कि बच्चा कम समय में चीजों को भूलने से ग्रसित हो सकता है इसलिए बच्चे को कम से कम मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना चाहिए।
क्यों लगती है बच्चों को मोबाइल की लत? (Baccho me. Mobile phone ki lat)
बच्चों के अंदर मोबाइल फोन की लत क्यों (Baccho me mobile phone ki lat) लगती है इसको हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं।
- माता पिता अपने बच्चे को अधिक प्यार दुलार देने का प्रयास करते हैं वह चाहते हैं कि वह अपने बच्चे को हर सुविधा प्रदान करें। अधिक प्यार के चक्कर में बच्चे को फोन की लत लग जाती है।
- अधिकतर ऐसा देखा गया है कि जब बच्चा रोना शुरु करता है। उसे छुपाने के लिए फोन का इस्तेमाल किया जाता है धीरे-धीरे ऐसा करने से बच्चे को फोन की लत लग जाती है और वह हर बार फोन लेने के लिए जिद करने लगता है।
- कई बार खाना खिलाने के लिए बच्चे को मोबाइल फोन का लालच दिया जाता है। यदि ऐसा बार बार किया जाता है तब बच्चा हर बार खाना खाने के बाद मोबाइल फोन लेने की जिद करने लगता है। बच्चे को कभी भी किसी कार्य को कराने के लिए लालच नहीं देना चाहिए धीरे-धीरे बच्चे को उस लालच की लत लग जाती है और वह फोन मांगने की जिद करने लगता है।
- कभी-कभी माता-पिता यह सोचने लगते हैं कि छोटे बच्चे को यदि मोबाइल का सारा ज्ञान होगा तब उसका विकास और तेजी से हो पाएगा। परंतु ऐसा समझना गलत है छोटी उम्र में बच्चे को मोबाइल देने से बच्चे पर उसके नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
- यदि माता-पिता किसी नौकरी में है और उनके पास अपने बच्चे के लिए समय नहीं है। तब अक्सर बच्चों को मोबाइल फोन की लत लग जाती है क्योंकि वह अपने काम में लीन रहते हैं और अपने बच्चे को बहलाने के लिए उसे फोन पकड़ा देते हैं। मैं दिन भर फोन में या तो गेम खेलता रहता है या कार्टूंस देखता रहता है।
बच्चे की मोबाइल की लत छुड़ाने के उपाय | Baccho Ka Mobile Kaise Chhudaye
नीचे पॉइंट के माध्यम से हमने आपको कुछ खास बातें बताइ है। इन बातों को फॉलो करके आप अपने बच्चे के मोबाइल फोन को कैसे दूर रखा जा(Mobile phone se door rakhne ke tarike) सकता हैं।
- मोबाइल में गेम खेलने की वजह बच्चे को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। आउटडोर गेम खेलने से बच्चे का शारीरिक विकास होगा तथा वह और बच्चों से मिलकर सामाजिक विकास भी कर पाएगा। लोगों के साथ मिलने जुलने से बच्चा समाज के गुणों को सीखेगा और सामाजिक बनेगा।
- सबसे अधिक आवश्यक है कि माता-पिता अधिक से अधिक समय अपने बच्चे के साथ बिताए। जितना अधिक समय माता-पिता बच्चे के साथ बिताएंगे बच्चा अकेला महसूस नहीं करेगा और उसे फोन चलाने की जरूरत महसूस नहीं होगी। माता पिता अपने बच्चे के साथ खेलने उसके साथ बातें करें और हमेशा अपने से फोन को दूर रखें।
- बच्चे को प्रेम से समझाना चाहिए कि मोबाइल फोन बच्चे के लिए कितना हानिकारक है। मोबाइल फोन के अलावा उसे अन्य कार्य करने के लिए प्रेरित करना चाहिए जैसे डांस, म्यूजिक, गेम्स, खेलने के लिए बच्चे को प्रेरित करें जिससे बच्चा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज मैं भी अच्छा प्रदर्शन कर पाए।
- बच्चे को बहलाने के लिए कभी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करें। यदि एक बार आप बच्चे को मोबाइल फोन देंगे वह बार-बार उसकी ज़िद करेगा मोबाइल फोन की जगह आप उसे खिलौने दे कर बहला सकते हैं या बच्चे को एक पेट लाकर दे जिससे बच्चा खेल सके पेट के माध्यम से बच्चा भावनात्मक रूप से भी उससे जुड़ पाएगा और बच्चे का भावनात्मक विकास भी हो पाएगा।
- बच्चे को अबेकस जैसी एक्टिविटी करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। एक्टिविटी करने से बच्चे का दिमागी विकास होगा तथा वह मोबाइल से भी दूर रहेगा अबेकस या दिमागी गेम खेलने से बच्चे की बातें क्षमता का विकास होगा और बच्चा दिमाग से तेज बनेगा।
- जितना हो सके माता-पिता को बच्चे के सामने फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यदि वह अपने सामने वालों को भी फोन का इस्तेमाल करता नहीं पाएगा। तब वह खुद भी फोन का इस्तेमाल नहीं करेगा इसलिए हमेशा बच्चे से दूर होकर या बच्चे से अलग रहकर ही फोन का इस्तेमाल करना चाहिए।
बच्चों को मोबाइल फोन के जोखिम से बचाने के लिए सुझाव
बच्चों को मोबाइल फोन के लिए जोखिम से बचाने के लिए माता-पिता को निम्न सुझाव दिए गए हैं। जिन्हें फॉलो करके बच्चों को मोबाइल फोन की लत से बचाया जा सकता है।
- 16 से कम उम्र के बच्चों को कभी भी मोबाइल फोन नहीं देना चाहिए। मोबाइल फोन से निकलने वाली हार्मफुल विकिरण रेस बच्चे के दिमाग को ज्यादा प्रभावित करती हैं क्योंकि 16 साल से कम उम्र के बच्चों का दिमाग संवेदनशील होता है और वह इन रेज को सहने के लिए तैयार नहीं होता।
- बच्चों को कभी भी मोबाइल फोन हाथ में नहीं पकड़ आना चाहिए। यदि बच्चा कुछ सुनना चाहता है तो आप खुद मोबाइल फोन में बच्चे के द्वारा मांगे गए म्यूजिक को निकाल कर दें। यदि आप बच्चे को कुछ खास सुनाना चाहते हैं तो हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए। हेडफोन भी बच्चे के कानों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं इसलिए हर फोन किया आवाज को हमेशा धीमा रखना चाहिए और बहुत ही सावधानी के साथ इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
- बस ट्रेन कार आदि स्थानों पर बच्चे को मोबाइल फोन बिल्कुल नहीं देना चाहिए। ऐसे स्थानों पर मोबाइल फोन के रेडिएशन और अधिक तीव्र हो जाते हैं। यह बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और बच्चे के दिमाग में भी बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं।
- यदि बच्चा फोन में किसी चीज को देखने की जिद कर रहा है तब माता-पिता को खुद बच्चे के द्वारा मांगी गई जानकारी को फोन में निकाल कर अपने सामने बच्चे को दिखाना चाहिए और उसके तुरंत बाद बच्चे से अपना फोन ले लेना चाहिए। बच्चे को कभी भी डायरेक्ट फोन देकर छोड़ना नहीं चाहिए।
- यदि फोन में नेटवर्क ना हो तो बच्चे को फोन कभी भी इस्तेमाल करने के लिए नहीं देना चाहिए। यदि बच्चा नेटवर्क की खोज के लिए नए एंटीना से कनेक्टिविटी करता है तो उसके रेडिएशन और अधिक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए बच्चे को रेडिएशन से बचाना चाहिए।
- घर या स्कूल का चुनाव करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आस पास कोई मोबाइल टावर ना हो। मोबाइल टावरों से हार्मफुल रेडिएशन निकलती हैं जो बच्चे तथा बड़े सभी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा कभी भी मोबाइल फोन लेकर स्कूल नहीं जाए। यदि बच्चा मोबाइल फोन लेकर स्कूल जाता है तो बच्चे का ध्यान फोन पर ही केंद्रित रहेगा और वह अपनी पढ़ाई को अच्छे से नहीं कर पाएगा।
- यदि जरूरी कॉल आए तब हमेशा बच्चे से अलग हटकर और लेना चाहिए। बच्चा यदि किसी को भी घर में फोन का इस्तेमाल करते नहीं देखेगा तो वह खुद भी फोन का इस्तेमाल नहीं करेगा।
- बच्चों को कभी भी किसी के साथ फोन पर बात कराने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो बच्चा बार-बार किसी ना किसी से फोन पर बात करने की जिद करता रहेगा।
निष्कर्ष
हालांकि मोबाइल फोन जीवन का एक अभिन्न अंग है फिर भी इसके दुष्प्रभावों को जानना बहुत अधिक आवश्यक है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको मोबाइल फोन के नुकसान ( Mobile phone ke Nuksaan) के विषय में बताया है। साथ ही इस बात की जानकारी प्रदान की है कि बच्चों के अंदर मोबाइल फोन की लत कैसे लगती है।
(Mobile ki lat kaise chudaye)तथा बच्चों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से कैसे बचाया जा सकता है। (Mobile phone के istemal se kaise bachaye) आप ऊपर दिए आर्टिकल मैं प्वाइंट्स को फॉलो करके अपने बच्चे को मोबाइल की लत से दूर रख सकते हैं और उसे एक स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकते हैं।
आर्टिकल से संबंधित सारी जानकारी हमने आपको देने का प्रयास किया है। यदि आपके मन में फिर भी कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। यदि हमारी साइट के द्वारा प्रदान किए गए आर्टिकल्स की जानकारी आपको अच्छी लगती हो तो आप हमारे आर्टिकल्स को शेयर करें हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।