बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण | Bacho Me Calcium Ki Kami ke karan

कैल्शियम एक ऐसा खनिज पदार्थ है जो बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। कैल्शियम की मदद से बच्चे की हड्डियां मजबूत होती हैं और उसके शरीर के विकास में मदद करती हैं। 6 महीने तक बच्चे मां का दूध ही पीते हैं जिससे उन्हें जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहती है। यदि 6 महीने की उम्र तक स्तनपान ठीक ढंग से नहीं कराया जाता तो बच्चे के अंदर कैल्शियम की कमी (Babies me calcium ki kami) हो सकती है।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण (Babies me calcium ki kami ke reason and symptoms) के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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बच्चों के लिए कैल्शियम क्यों आवश्यक है?

बच्चों के लिए कैल्शियम बहुत (Babies me calcium ki need) आवश्यक है। कैल्शियम से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। शरीर का विकास अच्छा होता है और मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है। हड्डियों के बीच में द्रव्यमान बनाए रखने में मदद करता है।

बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण  Bacho Me Calcium Ki Kami ke karan

 कैल्शियम तंत्रिका तंत्र और हृदय के लिए आवश्यक होता है। पहले साल में अधिकतर बच्चों का बॉडी मास पड़ता है। यदि बच्चे का वजन नॉर्मल तरीके से बड़ा है तो यह समझ जाना चाहिए कि बच्चे के शरीर के अंदर कैल्शियम जरूरी मात्रा में उपलब्ध है।

शिशुओं में कैल्शियम की कमी का क्या कारण है? | Bacho Me Calcium Ki Kami Ka Karan

यदि बच्चे को जरूरी आहार खिलाया जा रहा है तब भी बच्चे के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति नहीं हो रही तो उसके कई कारण हो सकते हैं।(Babies me calcium ki kami ke reason) जिसके विषय में नीचे पॉइंट के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई है।

  • यदि जन्म के दौरान बच्चे के शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है तो शिशु में कैल्शियम की पूर्ति नहीं हो पाती।
  • यदि शिशु की मां में मधुमेह की समस्या है तो शिशु के अंदर कैल्शियम की कमी हो जाती है।
  • 1 साल से कम उम्र के बच्चों को यदि लगातार गाय का दूध दिया जाता है तो उन्हें हाइपर्कैल्सीमिया की समस्या हो सकती है।
  • इसमें फास्फोरस की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए 1 साल से कम आयु के बच्चों को गाय का दूध ज्यादा नहीं देना चाहिए।
  • यदि बच्चे के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो उसके शरीर से कैल्शियम का स्तर गिर जाता है। क्योंकि विटामिन डी कैल्शियम को एब्जॉर्ब करने में मदद करती है।
  • यदि शिशु का जन्म समय से पहले हो गया है तब भी शिशु के अंदर कैल्शियम की कमी हो सकती है।

किन नवजात शिशुओं को हाइपोकैल्सीमिया का जोखिम ज्यादा होता है?

जिन शिशु का जन्म समय से पहले हो जाता है उन्हें हाइपरकैल्सीमिया का खतरा रहता है। जो बच्चे जन्म के समय बहुत पतले होते हैं उनका विकास माता के गर्भ में ठीक प्रकार से नहीं हो पाता जिसके कारण उन्होंने हाइपरकैल्सीमिया का खतरा रहता है। इसके अलावा जिन शिशुओं की माताओं को मधुमेह की समस्या होती है उन्हें भी इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।

शिशुओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण (Bacho Me Calcium Ki Kami Ke Lakshan)

कई बार बच्चे के शरीर में बहुत सारी कमियां आने लगती हैं परंतु माता-पिता को यह समझ नहीं आता कि बच्चे को क्या परेशानी है।

शिशुओं में कैल्शियम की कमी के क्या लक्षण है (Babies me calcium ki kami ke symptoms) इसे कैसे पता लगाया जा सकता है। इसके विषय में नीचे पॉइंट के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई है।

  • बच्चे का चिड़चिड़ा हो जाना।
  • उसकी मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
  • बच्चे की हृदय गति धीमी पड़ सकती है।
  • बच्चे को बुखार के साथ-साथ झटके लग सकते हैं।
  • बच्चे का रक्तचाप धीमा पड़ सकता है।
  • कैल्शियम की कमी से बच्चे के दांत निकलने में भी देरी हो सकती है।
  • कैल्शियम की कमी होने पर बच्चे को रात के समय सोते हुए सिर पर तेज पसीना आ सकता है।

शिशुओं में हाइपोकैल्सीमिया का निदान कैसे किया जाता है?

शिशुओं में हाइपरकैल्सीमिया का निदान करने के लिए इसकी जांच होना आवश्यक है कि शरीर में इसका कितना स्तर उपस्थित होता है। इसके लिए डॉक्टर आपका रक्त का नमूना लेकर उसमें कैल्शियम के स्तर को नापता है।

बच्चों में कैल्शियम की कमी का इलाज

बच्चे की कैल्शियम की कमी(Babies me calcium ki kami ka illj) का इलाज मुख्यता उसकी डाइट है। यदि बच्चे की डाइट में सुधार कर लिया जाए तो उसके शरीर में कैल्शियम की पूर्ति हो सकती है।व्य दि कैल्शियम की कमी बहुत अधिक हो गई है तो कुछ जरूरी उपायों को अपनाना चाहिए।

1. जिन बच्चों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है उन बच्चों को थोड़ी देर धूप में घुमाना चाहिए। धूप में घुमाने से शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होती है। जिससे शरीर को कैल्शियम ऑब्जर्व करने में मदद मिलती है। बच्चे को कब और कितनी देर के लिए धूप में ले जाया जा सकता है इसके विषय में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

2. अगर आपके बच्चे की उम्र 1 साल से कम है तो आपको अपने बच्चे को गाय का दूध नहीं पिलाना चाहिए। गाय के दूध में फास्फोरस होता है जिसकी मात्रा यदि शरीर में अधिक हो जाए तो यह नुकसान पहुंचा सकता है।

 1 साल से कम उम्र के बच्चे को मां का दूध या फार्मूला मिल्की पिलाना चाहिए। फॉर्मूला मिल्क और मां का दूध शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। यह दोनों मिल्क बच्चे के शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

3. यदि बच्चे के शरीर में जन्म से ही हाइपरकैल्सीमिया है तो डॉक्टर उसका इलाज उसके जन्म से ही कर सकते हैं। बच्चे को कैल्शियम युक्त पदार्थ पीने या फॉर्मूला मिल्क पिलाने की सलाह देते हैं।

बच्चे के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (Baccho Me Calcium Ki Kami Ko Kaise Pura kare)

बच्चों को यदि सही मात्रा में सही समय (Babies me calcium ki purti kaise karen) पर सही आहार दिया जाता है। तो उन्हें कई सारी बीमारियों से बचाए रखने में मदद मिलती है। बच्चे को पौष्टिक डाइट देने से बच्चे को स्वस्थ बनाया जा सकता है।

यदि आपका बच्चा 1 साल से कम का है तो उसे जरूरी मात्रा में ब्रेस्ट मिल्की पिलाना चाहिए। यह उसके शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। यदि आपका बच्चा ठोस आहार ओ का सेवन कर लेता है तो उसके आहार में कैल्शियम युक्त पदार्थ मिलाने चाहिए। कैल्शियम युक्त पदार्थ कौन कौन से हैं इसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।

डेयरी उत्पाद –

डेयरी उत्पाद का मतलब है। दूध से बने हुए उत्पाद डेयरी उत्पादों को आप बच्चे की आहार में शामिल कर सकते हैं क्योंकि डेयरी उत्पादों में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है।  बच्चे को दूध दही पनीर आदि चीजों को खुद खिलाकर उसके शरीर में कैल्शियम की पूर्ति कर सकती हैं।

संतरा –

संतरे में कैल्शियम पाया जाता है। इसलिए आप बच्चे की आहार में संतरा यह संतरे का जूस शामिल कर सकते हैं।

सोया –

सोया में बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है इसलिए आप बच्चे की आहार में सोया को शामिल कर सकते हैं।

बादाम –

बादाम में बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर में कैल्शियम के अलावा अन्य बहुत सारे पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।बादाम को किसी भी तरीके से आहार में मिलाकर खिलाया जाता है।

ब्रोकली –

ब्रोकली का सेवन करना भी बच्चे के शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसमें अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो शरीर में कैल्शियम की पूर्ति करने में मदद करता है।

बींस –

बींस में कैल्शियम पाया जाता है। यह बच्चे के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति करने में मदद करता है और शरीर को स्वस्थ बनाता है।

हरी सब्जियां –

हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। सब्जियों में कैल्शियम के अलावा बहुत सारे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। पालक, केला, सरसों में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।

 इन चीजों को खिलाकर आप अपने बच्चे के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा हरी सब्जियां खाने से मना कर रहा है तो इन सब्जियों का सूप बनाकर भी आप उसे पिला सकते हैं।

अनाज –

गेहूं रागी ज्वार बाजरा जैसी चीजें भी कैल्शियम की पूर्ति करने में शरीर की मदद करते हैं। इसलिए बच्चे की आहार में अनाज को अवश्य शामिल करना चाहिए।

मछली और मांस –

मांस मछली का सेवन करने से भी शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। इनका सेवन करने से शरीर को डायरेक्ट कैल्शियम प्रधान होती है।

हरे मटर –

हरी मटर में बहुत सारी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है आप बच्चे को किसी भी तरह से हरे मटर खिलाने का प्रयास करें। हरे मटर में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

दाल –

दाल में कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन भी पाया जाता है। आप बच्चे को बिल्कुल पतली दाल मिलाकर पिला सकते हैं बच्चा इससे स्वास्थ्य खाता है।

तिल के बीज –

तिल के बीज में भारी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है आप बच्चे को किसी भी तरीके की मिठाई में तिल मिलाकर खिला सकते हैं और कैल्शियम की पूर्ति शरीर में होती है।

अंडा –

अंडे में भी कैल्शियम पाया जाता है अंडा पोषक तत्व का खजाना होता है। इसमें अन्य पोषक तत्वों के अलावा कैल्शियम भी पाया जाता है। आप अपने बच्चे को अंडा उबालकर या आमलेट बना कर खिला सकते हैं।

मेरे बच्चे को कैल्शियम सप्लीमेंट की आवश्यकता है?

बच्चे को कैल्शियम के सप्लीमेंट (Babies me supplement ki need) देने की आवश्यकता है या नहीं यह बच्चे की शारीरिक दशा पर निर्भर करता है। यदि बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कमी बहुत अधिक हो गई है तो डॉक्टर बच्चे को सप्लीमेंट देने की सलाह दे सकते हैं। यदि डॉक्टर को ऐसा नहीं लगता कि सप्लीमेंट की आवश्यकता है। तो वह आपको बच्चे को अच्छी डाइट खिलाकर कैल्शियम की पूर्ति करने की सलाह देते हैं।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. शरीर में कैल्शियम के क्या कार्य होते हैं?

कैल्शियम शरीर में मांसपेशियों को मजबूत रखने हड्डियों को मजबूत रखने और हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है ।

Q. बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कमी के क्या कारण हो सकता है?

यदि बच्चे के शरीर में ऑक्सीजन की कमी है उसे हाइपरकैल्सीमिया है। या बच्चे की मां को मधुमेह रोग है तो उसके शरीर में कैल्शियम की कमी होती है।

Q. कैल्शियम की पूर्ति के लिए डाइट में क्या क्या शामिल है?

कैल्शियम की पूर्ति के लिए आप डेरी प्रोडक्ट धूप सब्जियां बींस ब्रोकली अनाज का सेवन कर सकते हैं।

Q. कैल्शियम की कमी से शरीर में क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

गेम की कमी से शरीर में चिड़चिड़ापन बुखार ह्रदय गति धीमी रक्तचाप धीमा दांत निकलने में देरी आदि समस्याएं दिखाई देती है।

निष्कर्ष :

 इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण व लक्षण  (Bacho Me Calcium Ki Kami) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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