बच्चों का जब जन्म होता है माता-पिता के अंदर अपने बच्चों के प्रति बहुत सारी उत्सुकता होती है। वह अपने बच्चों को हर सुविधा प्रदान करने का प्रयास करते हैं। बच्चों के जन्म के पश्चात सबसे अधिक खोज का विषय बच्चे का नाम होता है। जिसको माता-पिता बहुत ही अर्थपूर्ण अंदाज में रखते हैं। क्योंकि यह नाम बच्चों के साथ उसके जीवन पर्यंत चलता रहता है। बच्चा किस उम्र में अपना नाम लिखना शुरू (Bachon ke naam likhne ki shuruat) करते हैं इसके विषय में अक्सर हमें जानकारी नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे किस उम्र में अपना नाम लिखना शुरू (Bachon me naam likhne ki shuruat) करते हैं। इसके विषय में जानकारी देंगे यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बच्चें किस उम्र में अपना नाम लिखने की उम्र?
बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होना शुरू होता है। (Bachon ke naam likhne ki age) सबसे अधिक सुनाई देने वाला चीज बच्चे का नाम होता है। उसे अपने नाम से लगाव होता है। वह अपने नाम को बहुत अच्छी तरह समझ पाता है और उसे लिखने का प्रयास भी करने लगता है।
जब बच्चा 3 से 4 साल का होता है तब वह अपना नाम लिखना शुरू कर देता है बच्चे जब पहली बार अपना नाम लिखते हैं। तो उन्हें एक खुशी की अनुभूति होती है। हर नए काम को करने पर मन में एक उत्साह जागृत होता है। उसी प्रकार जब शब्दों को जोड़कर बच्चा पहली बार अपना नाम लिखना है तो उसे भी एक उत्साह महसूस होता है।
इसलिए बच्चों को उसका नाम लिखने के लिए बार-बार प्रेरित करना चाहिए इससे बच्चों को अक्षर ज्ञान होता है। और वह पढ़ने लिखने के प्रति भी प्रेरित होता है।
बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें हिंदी में अपना नाम लिखना आता है। परंतु अंग्रेजी में अपना नाम लिखना नहीं आता और बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें अंग्रेजी में अपना नाम लिखना आता है।
परंतु हिंदी में अपना नाम लिखना नहीं आता ऐसे बच्चों को सिखाया जाना चाहिए। तभी उन्हें सारे अंग्रेजी तथा हिंदी अक्षरों का ज्ञान आसानी से हो जाएगा।
ऐसे शुरू करते हैं बच्चें अपना नाम लिखना
जब पहली बार बच्चों को पढ़ने बैठाया जाता है तो उसे शब्दों का ज्ञान कराया जाता है। (Bacchen naam likhna kaise shuru karen) हिंदी या अंग्रेजी के शब्द मिलकर ही एक वाक्य बनाते हैं। जिससे एक अर्थपूर्ण वाक्य का निर्माण होता है इसलिए हिंदी या अंग्रेजी के शब्दों का ज्ञान होना बच्चों को बहुत आवश्यक है।
पढ़ाई शुरू करने पर हमें बच्चों को हर शब्द की पहचान करनी चाहिए। शब्दों का ज्ञान करने के पश्चात बच्चों को उसका नाम लिखवाने की प्रैक्टिस करवानी चाहिए। शुरुआत में बच्चा अपना नाम लिखने में गलतियां कर सकता है।
परंतु प्रैक्टिस के साथ-साथ धीरे-धीरे बच्चा अपना नाम बिल्कुल सही प्रकार से लिखना शुरू कर देता है। उसे अपने नाम में आने वाले सभी अक्षरों का भली-भांति पूर्वक ज्ञान हो जाता है।
क्या 3 साल के बच्चे अपना नाम लिख सकते हैं?
बच्चे किस उम्र में अपना नाम लिख सकते हैं (Bachon ka naam likhne ka time) यह इस बात पर निर्भर करता है। कि बच्चों को वर्णमाला का ठीक प्रकार से ज्ञान है या नहीं।
यदि बच्चा दो ढाई साल का है और उसे वर्णमाला के विषय में पूरी जानकारी है तो वह छोटी उम्र में ही अपना नाम आसानी से लिख पाता है। यदि बच्चा 3 से 4 साल का है परंतु उसे वर्णमाला के विषय में कोई जानकारी नहीं है तो उसे अपना नाम लिखने में बहुत परेशानी होती है। इसलिए बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत करते समय सबसे पहले उसे अक्षर और वर्णमाला का ज्ञान करना आवश्यक है।
बच्चों का अपना नाम लिखने का महत्व
जब बच्चे पहली बार अपना नाम लिखते (Bachon ka naam likhne ka mahatva) हैं तो उनके मन में एक अजीब सा उत्साह होता है बच्चे का अपने नाम लिखने के बहुत सारे महत्व है जिसे नीचे स्पष्ट किया गया है।
- जब बच्चे पहली बार अपना नाम लिखते हैं तो उन्हें खुशी एवं उत्साह की अनुभूति होती है।
- अपना नाम लिखने से बच्चे बाकी सारी चीजों को लिखने के लिए भी प्रेरित होते हैं और अधिक से अधिक लिखने का प्रयास करते हैं।
- बच्चों की पढ़ाई लिखाई के प्रति रुचि बढ़ती है और वह अधिक से अधिक चीजों को समझने का प्रयास करते हैं।
- बच्चे अपना नाम लिखने के अलावा अन्य सारी चीजों के चित्र देखकर उनका नाम लिखने का प्रयास करते हैं और उन्हें एक अच्छा सीखने का मौका मिलता है।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. बच्चे किस उम्र में अपना नाम लिखना प्रारंभ कर देते हैं?
जब बच्चे तीन वर्ष के होते हैं तब वह आसानी से अपना नाम लिखना प्रारंभ कर देते हैं।
Q. बच्चों को पढ़ शुरू करने पर सबसे पहले क्या पढ़ना चाहिए?
बच्चों की पढ़ाई शुरू करने पर सबसे पहले उन्हें वर्ड माला और अक्षरों का ज्ञान करना आवश्यक है।
Q. बच्चों का नाम लिखना किस बात पर निर्भर करता है?
यदि बच्चे को छोटी उम्र में ही वर्णमाला का ज्ञान हो जाता है। तो वह अपना नाम आसानी से लिख सकता है बच्चों का नाम लिखना उसके वर्णमाला के ज्ञान के ऊपर निर्भर करता है।
Q. बच्चों को अपना नाम लिखने का ज्ञान होने पर क्या होता है?
बच्चों को अपना नाम लिखने का ज्ञान होने पर उसके मन में उत्साह जागृत होता है। नाम में आने वाले सभी वर्णों की उसे ठीक से पहचान हो जाती है।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चे किस उम्र में अपना नाम लिखना शुरू करते हैं (Bachon ke naam likhne ki sahi age) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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