छोटे बच्चों को गणित कैसे सिखाएं? | छोटे बच्चों को गणित सिखाने के तरीके | Bachon ko math sikhane ke tarike

बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता रहता है। माता-पिता को उसके पढ़ाई की चिंता रहती है। वह चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में हर कामयाबी को पार करके एक नया मुकाम अपने जीवन में हासिल करें और यह तभी हो सकता है॥ जब बच्चे का पढ़ाई के हर क्षेत्र में पूरी तरीके से योगदान होगा उसे हर छोटे कॉन्सेप्ट की अच्छी समझ होगी। परंतु छोटे बच्चों को गणित कैसे सिखाया (Bachon ko math kaise sikhaye) जा सकता है। इसके विषय में जानकारी नहीं होती।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके छोटे बच्चों को गणित सीखने के तरीकों (Bachon ko math sikhane ke tarike) के विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी सुविधा में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

छोटे बच्चों को मैथ कैसे सिखाएं?

छोटे बच्चों को गणित विषय (Bachon ko math kaise sikhaye) में कैसे रुचि उत्पन्न कर सकते हैं।और उन्हें कैसे गणित सिखा सकते हैं। इसके विषय में जानकारी दी जा रही है। सबसे पहले बच्चों को गणित सीखने के लिए गणित के महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट जैसे गुणा भाग जोड़ घटाव को सिखाना बहुत आवश्यक है।

छोटे बच्चों को गणित कैसे सिखाएं छोटे बच्चों को गणित सिखाने के तरीके Bachon ko math sikhane ke tarike

क्योंकि इन्हीं कॉन्सेप्ट से होकर गणित के बाकी कॉन्सेप्ट जुड़े होते हैं। यह गणित की बेसिक चीज होती है इन्हें सीख कर बच्चा गणित के बाकी सवालों को ठीक प्रकार से सॉल्व कर पाता।

गणित विषय में हर कांसेप्ट को इमेजिन करके पूरा करने पर जोर दिया जाता है। इसमें बच्चा कितना रचनात्मक तरीके से सोचता है। उसकी क्रिएटिविटी की परख होती है बच्चों के अंदर दिमाग कितना है।

इसके विषय में भी गणित से जानकारी मिलती है जो बच्चे गणित में अच्छे हैं। उनके दिमागी स्तर बहुत बड़ा हुआ होता है छोटे बच्चों को मैथ सीखने के लिए सबसे पहले उन्हें अक्षरों का ज्ञान करवा इसके पश्चात उन्हें जोड़ घटाव जैसे कांसेप्ट को सिखाएं।

गणित सीखने के कुछ आसान तरीका

नीचे पॉइंट्स के माध्यम (Math seekhne ke tarike) से हमने आपको गणित सीखने के कुछ आसान तरीकों के विषय में जानकारी दी है –

1.अंक पहचानना :

सबसे पहले आपको इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि आपके बच्चे को अंकों का ज्ञान है या नहीं और वह अंकों को पहचान सकता है॥ यदि उसे अंकों का ज्ञान नहीं है तो आप उसे अंको का ज्ञान करना सिखाए। यदि बच्चे को अंक का ज्ञान नहीं है तो वह गणित के किसी भी कांसेप्ट को समझना में सक्षम नहीं हो पाएगा॥

इसलिए इस बात का भली-भांति पता कर लें कि बच्चों को अंको का पूरा-पूरा ज्ञान हो और उसे गिनती सिखाएं। गिनती के पश्चात आप बच्चे को पहाड़े याद करने के लिए दें। यह सब जरुरी धरातलीय कॉन्सेप्ट होते हैं। जिनसे होकर ही मैथ का पूरा कॉन्सेप्ट गुजरता है।

बच्चों को अंक पहचान आता है या नहीं इसके विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप बच्चों के साथ अभ्यास कर सकते हैं॥ जैसे आप बोर्ड पर किसी अक्षर को लिखें और बच्चों से उसे अक्षर को बताने के लिए कहे। यदि बच्चा अक्षर को पहचान पा रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चों को अंकों का ज्ञान है।

इसके अलावा आप बच्चे को पास बुलाकर उनसे ब्लैक बोर्ड पर अंकों को लिखने के लिए कहें। यदि बच्चा आपके बताए हुए अंको को बोर्ड पर लिख पा रहा है तो आप अंको को आसानी से बच्चों को पहचानवां सकते हैं।

2.गिनती करना सिखाएं :

यदि आपके बच्चे को अंको का ज्ञान हो गया है तो आप उसे गिनती सीखने का प्रयास करें गिनती सीखने के लिए सबसे पहले बच्चों को अपने आस पड़ोस की वस्तुओं को गिरने के लिए कहें।

जैसे यदि बच्चा कक्षा में है तो उसे पास रखी किताबों को मिलने के लिए कहें इसके अलावा कक्षा में कितने बच्चे उपस्थित हैं। उन्हें गिरने के लिए इससे बच्चों को गिनती करना आएगा और वह आसानी से गिनती बिना किसी प्रेशर के सिख पाएगा।

इसके अलावा ऐसे बहुत सारे तरीके हैं जिससे आप अपने बच्चों को गिनती करना सीख सकते हैं। जैसे सुबह की असेंबली में जब बहुत सारे बच्चे इकट्ठे हो तो आप किसी बच्चे को उनकी गिनती करने के लिए कह सकते हैं। इससे बच्चों को गिनती करना आसानी से आ जाएगा और वह कांसेप्ट को आसानी से समझ पाएगा।

कक्षा में उदाहरण देकर भी आप डायरेक्ट तरीके से बच्चे को गिनती करना सीख सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को अंक का पहचान हो। यदि बच्चे को अंको का सही पहचान है तो वह आसानी से गिनती करना सीख जाएगा।

3.जोड़ सिखाएं :

गिनती सीखने के पश्चात मैथ मैं सीखने वाला सबसे पहले कौन सा ऐप जोड़ है। बच्चे को जोड़ सबसे पहले सिखाया जाता है। बच्चे को जोर से खाने के लिए सबसे आसान तरीका ढूंढना चाहिए।

जिससे बच्चों को जोड़ दिमाग में बस जाए और वह किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न कर पाए जोर से खाने के बहुत सारे तरीके होते हैं। सबसे पहले आसान तरीका अपनाना चाहिए।

जोर से खाने का एक प्रैक्टिकल तरीका यह है की आप क्लास में उपस्थित सभी बच्चों को दो हिस्सों में बाढ़ दें इसके पश्चात बच्चों को पहले ग्रुप के बच्चों को गिनने के लिए कहें और उसे ब्लैक बोर्ड पर उतारने के लिए कहीं इसके पश्चात दूसरे ग्रुप की गिनती करके दूसरी तरफ उतारने के लिए कहीं आप दोनों ग्रुप को एक साथ मिला दें।

और बच्चे से सारे बच्चों की गिनती करने के लिए कहानी सारे बच्चों की गिनती को भी ब्लैक बोर्ड पर उतरने के लिए बताएं इस बात से यह निष्कर्ष निकलता है। कि आप बच्चे को आसानी से जोड़ किस प्रकार किया जाता है। इसके विषय में जानकारी दे पाएंगे और इस कॉन्सेप्ट से बच्चे को आसानी से जोड़ सिखाने में मदद मिलेगी।

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि एक समूह में 10 बच्चे हैं तथा दूसरे समूह में पांच बच्चे हैं अब दोनों समूह के बच्चों को जोड़ना है

10+5 – 15

इस प्रकार के कई उदाहरण देकर आप बच्चे को आसानी से जोड़ करना सीख सकते हैं। इससे बच्चों के दिमाग पर कोई भी प्रेशर नहीं आएगा और वह आसानी से जोड़ सिख पाएगा।

4.घटाव करना सिखाएं :

जोड़ करने के पश्चात बच्चों को घटाओ करना सीखना चाहिए घटाओ सीखना मैथ का जरूरी एवं दूसरा कांसेप्ट है घटाओ सीखने के लिए बिल्कुल आसान तरीके का उपयोग करना चाहिए।

 जिससे बच्चों को आसानी से घटाओ समझ में आ जाए और वह किसी भी प्रकार से इस कांसेप्ट को ना भूले इसके लिए आप बहुत सारे तरीके अपना सकते हैं। और उसमें से एक तरीका हम आपको बता रहे हैं।

उदाहरण के लिए बच्चों के ग्रुप को एक बच्चों को गिनने के लिए कहे। जब बच्चा सारे बच्चों की गिनती कर ले तो उसे गिनती को उसे ब्लैक बोर्ड पर उतरने के लिए कहें इसके पश्चात उसे ग्रुप में से कुछ बच्चों को बाहर निकाल दें।

बाहर निकल गए बच्चों को गिनने के लिए कहना चाहिए इसके पश्चात अलग किए गए बच्चों की गिनती भी ब्लैक बोर्ड पर उतरने के लिए बोले अब ग्रुप में बचे हुए बच्चों को गिनने के लिए कहें॥ जब बच्चा गिनती को पूरा कर ले तो उसे गिनती को भी बोर्ड पर उतरने के लिए बोले इस प्रकार आप आसानी से बच्चे को घटाओ करने के तरीके सीख सकते हैं।

उदाहरण के लिए एक ग्रुप में 20 बच्चे हैं इन 20 बच्चों में से पांच बच्चों को अपने ग्रुप से बाहर कर दिया है घटाव करने के पश्चात

20- 5 – 15

इस प्रकार आप बहुत आसानी से अन्य तरीकों का इस्तेमाल करके भी बच्चे को घटाव करना सीख सकते हैं॥ घटाओ एक बहुत इंपॉर्टेंट कॉन्सेप्ट होता है। मैथ का हर सवाल घटाव से होकर गुजरता है इसलिए बच्चों को घटाओ करने के बेहतर से बेहतर तरीके सि खाना चाहिए।

5. गुणा करना सिखाएं :

जोड़ और घटाव से खाने के पश्चात बच्चों को गुणा करना सीखना बहुत आवश्यक है॥ गुना भी बच्चे को बहुत आसानी से सिखाया जा सकती है इसके लिए सबसे पहले आपको गुना का अर्थ बच्चों को समझना होगा। गुना की परिभाषा किसी भी संख्या को उसी या किसी अन्य संख्या से एक या एक से अधिक बार जोड़ने की प्रक्रिया को गुणा कहते हैं।

गुना के विषय में पूरी तरीके से समझाने के बाद किसी भी अंक को 2 से गुणा करना है और गुणा करने पर उसका संख्या क्या होगा? मान लिया जाए की वह संख्या 8 है। बच्चों को समझाने के लिए एक साथ आठ बच्चों को खड़ा होने के लिए कहें और गुणा करना है।

2 से इसके लिए आप भी बोर्ड पर लिख लें उसके बाद किसी भी एक छात्र के द्वारा उस 8 बच्चों की समूह को 2 बार गिनती करने के लिए कहे पहली बार में 8 होगा और दुसरी बार 1 से नही 9 से शुरु कराएं।इस तरह बच्चें के द्वारा गिने हुए बच्चों की संख्या 16 होगा। इसी तरह बच्चों की संख्या को कम या ज्यादा कर सकते हैं। है न मजेदार और आसान छोटे बच्चों को गणित सिखाना।

बच्चों को गुण सीखना बहुत महत्वपूर्ण होता है जोड़ और घटाव से अधिक जटिल गुना होती है। इसलिए गुना को समझने में बच्चों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। परंतु आसान तरीकों का उपयोग करके आप घोड़ा के कांसेप्ट को बच्चों के दिमाग में बैठ सकते हैं। और उसे आसानी से याद करवा सकते हैं।

बच्चों को ज्यादा से ज्यादा उदाहरण देने का प्रयास करना चाहिए जिससे वह सारे कांसेप्ट को अच्छे से समझ पाए। बच्चों को बार-बार समझाने का प्रयास करना चाहिए जिससे वह किसी भी चीज को आसानी से ना भूले।

6. भाग देना बताएं :

जोड़ घटाव और घोड़ा सीखने के बाद भाग सीखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। भाग एक जटिल प्रक्रिया होती है परंतु यह मैथ का बहुत इंपॉर्टेंट कॉन्सेप्ट होता है मैथ के बहुत सारे सवाल भाग से सॉल्व होते हैं। भाग को सीखने से पहले भाग क्या है इसके विषय में अच्छी तरीके से बच्चे को समझना चाहिए।

इसकी परिभाषा को बताना चाहिए की भाग आखिर कैसे और कब किया जाता है। भाग की एक परिभाषा है कि गुना करने की उल्टी प्रक्रिया को भाग कहा जाता है। गुडा में हम एक ही संख्या को कई बार जोड़ते हैं परंतु भाग में हम एक संख्या को कई बार घटते हैं इसलिए भाग गुना की उल्टी प्रक्रिया होती है।

बच्चों को भाग इस उदाहरण के माध्यम से सीख सकते हैं मान लेते हैं की 20/4 है तो इसे इस तरह से समझाएं आप बच्चों की एक समूह लें जिसमें बच्चों की कुल संख्या कुल होनी चाहिए। और अब इन्हे एक तरफ खड़े होने के लिए कहे कक्षा के एक छात्र के द्वारा ही यह करें की उनमे से 4-4 बच्चें को अलग-अलग समूह बनाने के लिए कहें।

जब तक की उस तरफ बच्चें खत्म ना हो जाए और यह भी बताएं की समूह चार बच्चों का ही हो ज्यादा या कम नही अगर कम हो या बचने पर छोड़ देने के लिए कहें। जैसा की हमे 4 से ही भाग देना है। अब यह देखें की कुल 20 बच्चों की समूह से 4 बच्चों की कितनी समूह तैयार हुए स्वाभाविक सी बात है की कुल 5 समूह बनाए होंगे अब आप बोर्ड पर लिख कर के बताएं की 20 को 4 से भाग देने पर उत्तर 5 होगा।

 इसके अलावा आप अपने तरीकें से भी समझा सकते हैं। और इसमे एक बिन्दु यह है की अगर बच्चों की संख्या 22 होता तो 4 की समूह बनाने पर 2 बच्चे बच जाते तो इसे शेष कहा जाता है यानी की बचा हुआ अंक या संख्या।

इस प्रकार आप बहुत आसानी से बच्चे को गणित सिखा सकते हैं। घर हो या बाहर बहुत सारे तरीकों के माध्यम से आप मैथ के कांसेप्ट को आसानी से समझा सकते हैं। जिसका उपयोग बच्चा जीवन पर्यान गणित को समझने में करता रहता है और वह आसानी से गणित के विषय को समझ पाएगा।

7.गणित की महत्त्वपूर्ण टॉपिक सिखाएं :

बच्चों को ऊपर दिए गए कॉन्सेप्ट के अलावा एलसीएम और एचसीएफ जैसे कॉन्सेप्ट भी सीखने चाहिए जिससे बच्चों को गणित की अच्छी समझ हो पाए। और वह अच्छे से चीजों को समझ पाए इस तरह के टॉपिक गणित की बुक में मौजूद होते हैं।

यदि आप यह टॉपिक बच्चों को समझाएंगे तो वह आसानी से इन टॉपिक को समझ पाएंगे और इन टॉपिक से रिलेट कर पाएंगे।

यदि आप बच्चे को गणित के यह कॉन्सेप्ट समझने में आसानी होती है॥ तो आप बच्चे को गणित की जटिल कॉन्सेप्ट सीखना शुरू कर सकते हैं। जैसे की भिन्न का जोड़, घटाव सरलतम विधी और गणित में मौजूद रेखाओं की समीकरण इत्यादि को भी समझाया जा सकता है।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. छोटे बच्चों को गणित कब सिखाएं?

जब आपके बच्चे को गिनती या पहाड़ आ जाए तो आप अपने बच्चों को गणित सीखए।

Q. गणित में सबसे पहले बच्चे को क्या सीखना चाहिए?

गणित में सबसे पहले बच्चे को जोड़ घटाव गुणा भाग से खाना चाहिए।

Q. बच्चों को मैथ की आसान समझ कैसे होती है?

जब बच्चा बार-बार कांसेप्ट को समझता है और उदाहरण से सीखना है उसे मैथ की आसान समझ होती है।

Q. गणित को क्यों महत्वपूर्ण माना गया है?

गणित को इसलिए महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इससे बच्चों के दिमाग की तीव्रता का ज्ञान होता है।

निष्कर्ष :

इस टॉपिक के माध्यम से हमने आपको छोटे बच्चों को गणित कैसे सिखाएं? छोटे बच्चों को गणित सीखने के तरीके( Bachon ko math sikhane ke tarike)  के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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