माता-पिता बच्चों के लिए हर जरूरी सुविधा प्रदान करने का प्रयास करते हैं। माता-पिता बच्चे को हर पोषक तत्व प्रदान करने का प्रयास जिससे उनके शिशु को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या ना हो हम हमेशा यह सुनते हैं कि सुबह की धूप स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है धूप के द्वारा शरीर को विटामिन डी प्राप्त होती है बड़े बूढ़े छोटे बच्चों की मालिश धूप में लिटा कर किया करते थे धूप के द्वारा छोटे बच्चों में पोषक तत्व ठीक से काम करते हैं तथा शरीर को जरूरी पोषक तत्व विटामिन डी की पूर्ति करते हैं.
जिससे शरीर ऊर्जावान होता है एवं बच्चे में किसी भी प्रकार का आलस्य नहीं आता इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताने का प्रयास करेंगे कि छोटे बच्चों के लिए सूर्य के प्रकाश के क्या फायदे हैं इससे बच्चों में किस प्रकार के परिवर्तन आ सकते हैं एवं यह किस प्रकार से बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। यदि आपके घर में भी कोई छोटा बच्चा है तथा आप भी उसके स्वास्थ्य के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
क्या शिशुओं को धूप दिखा सकते है?
बच्चे को धूप में ले जाना बहुत लाभकारी होता है। धूप के द्वारा बच्चे को विटामिन डी की प्राप्ति होती है। (Dhoop ke fayede) जिससे बच्चे का शरीर फुर्तीला होता है एवं उसका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। जिससे उसे किसी भी बीमारी का जल्दी लगने का डर नहीं रहता बच्चा अंदर से मजबूत बनता है।
बच्चे को धूप में ले जाते समय किस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को सीधी धूप में ना लेट आए बच्चे को हल्की छांव में लेट आए धूप में ले जाते समय उसकी आंखों को चश्मे से कवर कर दें ताकि धूप की तेज किरणें बच्चे की आंखों पर प्रभाव ना डाल सकें। धूप में ले जाते समय बच्चे के शरीर पर सनस्क्रीन या सनब्लॉक का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जिससे धूप से निकलने वाली खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणें बच्चे के शरीर को किसी भी बीमारी से बचाएंगे।
बच्चों के लिए किस टाइम की धूप सही होती है? (Which time is good for sunlight)
बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए सुबह की धूप सबसे ज्यादा आवश्यक है। वैज्ञानिकों के अनुसार सुबह 10:00 बजे तक की धूप बच्चों के लिए लाभकारी होती है एवं इस धूप से बच्चों को विटामिन डी प्राप्त होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health organization) के अनुसार बच्चों के लिए 10 बजे के बाद तथा 4:00 बजे से पहले की धूप में नहीं जाने देना चाहिए क्योंकि इस समय की धूप बहुत तीव्र होती है।
तथा इस समय अल्ट्रावायलेट किरण जो त्वचा को हानि पहुंचा सकती हैं तथा कैंसर जैसे रोग उत्पन्न कर सकती हैं। इस कारण बच्चों को इस समय की धूप से बचाने की सलाह दी जाती है। इस समय की धूप में खतरनाक किरणें बहुत एक्टिव रहती हैं इसलिए बच्चे को सबसे लाभकारी धूप सुबह 10:00 बजे तक की होती है। शाम में भी बच्चे को धूप में लेट आया जा सकता है शाम की धूप हल्की होती है तथा यह इतनी अधिक हानिकारक नहीं होती।
छोटे बच्चों के लिए धूप के 7 फायदे (7 benefits for children of sunlight)
छोटे बच्चों को प्रकृति से मिलने वाले आहार तथा उपचार बहुत ही लाभकारी होते हैं क्योंकि इंसान के दिए हुए किसी भी उपचार से प्रकृति का दिया हुआ उपचार उच्चतम एवं बेहतर है क्योंकि एक शिशु का निर्माण भी प्रकृति के द्वारा ही किया गया है। धूप प्रकृति का एक हिस्सा है तथा इसके भी अनगिनत फायदे हैं धूप पूरे विश्व के लिए रोशनी का कार्य करता है। छोटे बच्चों के लिए धूप के बहुत सारे फायदे हैं इनमें से कुछ फायदे हमने आपको नीचे पॉइंट में दर्शाएं हैं।
1. विटामिन डी: सुबह की धूप से बच्चे को विटामिन डी प्राप्त होता है। विटामिन डी बच्चे के शरीर को विभिन्न प्रकार की खतरनाक बीमारियों से बचाता है तथा विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग भी बच्चे के शरीर में नहीं लगते विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स की समस्या हो जाती है। जिसमें बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं तथा उनके पैर टेढ़ा पड़ जाते हैं विटामिन डी की संतुलित मात्रा शरीर में रिकेट्स जैसे रोगों से निजात दिलाने में सहायता प्रदान करता है। धूप से विटामिन डी प्राप्त हो जाता है जिससे हमें बाहर से किसी भी विटामिन ड सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
2. हड्डियों के लिए: धूप से विटामिन डी तथा कैल्सियम दोनों को अवशोषित किया जाता है कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत लाभकारी होता है तथा कैल्शियम से व्यक्ति की हड्डियां मजबूत होती हैं एवं जल्दी टूटने का डर नहीं रहता। यदि शिशु को लगातार धूप मैं लेट आया जाएगा तो शिशु के शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होगी एवं शिशु की हड्डियां बहुत अधिक मजबूत एवं उसका शरीर बहुत स्वस्थ होगा हड्डियों के मजबूत होने के कारण ही रिकेट्स (Rickets)की समस्या होती है जिसमें बच्चों के पैर टेढ़े होने का खतरा रहता है कैल्शियम के लगातार अवशोषित होने तथा शरीर में कैल्शियम की संतुलित मात्रा होने से कभी भी रिकेट्स जैसे रोग शरीर को नहीं गिरते एवं शरीर बिल्कुल स्वस्थ बना रहता है।
3. मधुमेह (Diabetes)से बचाव: मधुमेह भारत में एक बहुत ही व्याप्त रोग है। इस रोग से भारत की बहुत जनसंख्या प्रभावित है इस रोग में शरीर के अंदर इंसुलिन हार्मोन (insulin hormonne) का संतुलन बिगड़ जाता है जिस कारण शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ती घटती रहती है। मधुमेह विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है जैसे मधुमेह एक मधुमेह दो एक स्टडी के माध्यम से यह खोज की गई है कि धूप की सिकाई से मधुमेह टाइप एक रोग समाप्त हो सकता है।
सूर्य की रोशनी से मिलने वाले पोषक तत्वों के द्वारा मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome) से होने वाली दिक्कतें जैसे हृदय रोग या टाइप 2 मधुमेह के रिस्क से बचा जा सकता है धूप से मिलने वाले फायदे अनगिनत हैं यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि धूप किस किस प्रकार से मानव स्वास्थ्य को संतुलित रखता है कुछ चीजों की खोज वैज्ञानिकों ने कर पाई है परंतु कुछ चीजों की खोज होना अभी बाकी है वैज्ञानिक इस क्षेत्र में अपना कार्य कर रहे हैं।
3. जौंडिस से बचाव: जॉन्डिस का हिंदी रूपांतरण पीलिया है इस रोग में व्यक्ति के शरीर के अंदर बिलुरुबिन नाम का प्रोटीन अधिक हो जाता है। जिसके कारण शरीर पीला पड़ जाता है एवं शरीर के अंदर लीवर काम करना बंद कर देता है जिस कारण शरीर का पाचन ठीक नहीं हो पाता।
जॉन्डिस होना नवजात शिशु में एक सामान्य बात है परंतु यदि बच्चे को लगातार सुबह के समय धूप में रखा जाए तो वह जॉन्डिस रोगियों के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। जौंडिस अगर बढ़ जाए तब वह जानलेवा भी हो सकती है इस कारण सबसे पहले डॉक्टर का परामर्श लेना अति आवश्यक है। यह पूरी तरीके से सत्य नहीं है की जॉन्डेस धूप से ठीक हो पाती है या नहीं परंतु धूप की सिकाई कुछ हद तक जॉन्डिस के रूप में कारगर हो सकती है।
4. मस्तिष्क के लिए: बच्चों को अगर लगातार धूप की सिकाई करवाई जाए तो उनका मस्तिष्क ठीक प्रकार से काम करता है। शरीर में यदि मस्तिष्क पूरी तरीके से स्वस्थ है तो शरीर में होने वाली दिक्कतों को झेला जा सकता है परंतु यदि बच्चे का मस्तिष्क ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रहा तो बच्चे को स्वस्थ कर पाना मुश्किल हो जाता है।
बच्चे की धूप में सिकाई करवाने से बच्चों के अंदर सेराटोनर्जिक गतिविधि बढ़ती है यदि बच्चे के शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन या सेराटोनर्जिक गतिविधि की कमी हो जाए तो बच्चे को जानलेवा बीमारी बन सकती है। इस कारण बच्चे को लगातार धूप में बैठाना चाहिए जिससे बच्चे का दिमाग स्वस्थ रहता है एवं सरवन अर्जित गतिविधि ठीक प्रकार से हो पाती है। सेरोटोनिन हार्मोन से बच्चे का मूड नियंत्रित रहता है एवं बच्चा स्वस्थ महसूस करता है।
बच्चों को धूप से होने वाले नुकसान (Harms of sunlight for children)
पूरे संसार में यदि किसी चीज के कुछ फायदे हैं तो साथ ही साथ उसके नुकसान भी हैं ।धूप के अनेकों फायदे हैं लेकिन धूप के कुछ नुकसान भी हैं। यदि हमने आपको धूप के फायदे बताए हैं। तो हमारा यह कर्तव्य है कि हम आपको इसके नुकसान ओं के विषय में भी अवगत कराएं नीचे दिए हुए पॉइंट्स में हमने धूप के नुकसान के विषय में बात की है।
1. सन बर्न: बच्चे को धूप की सिकाई थोड़ी देर के लिए ही करवानी चाहिए ज्यादा देर तक बच्चे को धूप में रखने से उसे सनबर्न हो सकता है। सूरज से निकलने वाली पराबैगनी खेलने बच्चे के शरीर को एवं उसकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बच्चे के शरीर में लाल धब्बे पड़ सकते हैं एवं उसे खुजली या रैशेज हो सकते हैं इस कारण बच्चे को हमेशा 35 से 40 मिनट तक ही धूप में रखना चाहिए या ध्यान रखना चाहिए कि हमेशा बच्चे को सुबह 10:00 बजे तक की धूप में ही रखा जाए।
2. कैंसर का जोखिम: धूप से होने वाली सबसे जोखिम समस्या इससे होने वाली कैंसर की समस्या है। धूप से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें त्वचा के कैंसर के लिए उत्तरदाई होती हैं। मेलाटोनिन कैंसर धूप के कारण ही होता है।
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3. आंखों की समस्या: जब भी आप अपने शिशु को धूप में ले जाएं तो हमेशा उसकी आंखों पर ऐसा चश्मा लगाए जो पराबैगनी किरणे बच्चे की आंख को नुकसान ना पहुंचा पाए या उसके सिर को कैप के द्वारा ढके जिससे उसकी आंखों पर धूप ना लग पाए। क्योंकि लगातार धूप से प्रभावित होने के कारण आंखों का लेंस खराब होने लगता है। जिस से कम दिखाई देने, टेरेरियम जिसमें आंखों के सफेद भाग पर धब्बे होने लगते हैं आंखों में सूजन आदि जैसी समस्याएं बच्चों में होने लगती हैं।
धूप से निकलने वाली पराबैगनी किरणे आंखों की बीमारी कैटरेक्ट का कारण होती है। कैटरेक्ट (Cataract)की बीमारी में आंखों की काली पुतली के आगे एक सफेद परत जमा हो जाती है जिससे आंख से दिखाई देना बंद हो जाता है। कैटरेक्ट का एकमात्र इलाज आंख का ऑपरेशन होता है जिसमें इस सफेद परत को साफ किया जाता है। धूप से आपके कैंसर भी हो जाते हैं इस कारण आपको हमेशा धूप से बचा कर रखना चाहिए।
छोटे बच्चों को धूप दिखाने से पहले रखें इन चीजों का ध्यान
छोटे बच्चों के लिए धूप बहुत लाभकारी होती है परंतु धूप में ले जाने से पहले कुछ जरूरी बातें हैं जिन बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है कुछ जरूरी टिप्स नीचे पॉइंट के माध्यम से हमने आपको समझाने का प्रयास किया है
सही वक्त: बच्चे को धूप में ले जाने का सही समय सुबह 10:00 बजे तक है बच्चे को 10:00 बजे के बाद धूप में ना ले जाएं एवं ज्यादा देर तक बच्चे को धूप में ना रखें यदि आप समय का ध्यान ठीक से नहीं रखते तो फायदे की जगह बच्चे को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सही स्थान: हमेशा यह आवश्यक नहीं कि बच्चे को घर के बाहर ही धूप सेकने के लिए ले जाया जाए यदि बाहर का मौसम ठीक नहीं है तो घर के अंदर ही जिस स्थान पर थोड़ी बहुत धूप आती है उस स्थान पर लेटा कर भी बच्चे को धूप से सेका जा सकती है क्योंकि बाहर तेज हवा के बावजूद भी यदि बच्चे को बाहर ले जाया जाता है तो उसे स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो सकती है।
सीधी धूप से बचें : बच्चे को कभी भी सीधी धूप में नहीं मिटाना चाहिए सीधी धूप में बैठाने से बच्चे के आंख में बुरा प्रभाव पड़ता है बच्चे को हमेशा ऐसे स्थान पर लेट आना चाहिए जिससे उसे धूप की गर्माहट प्राप्त हो सके ना की धूप की खतरनाक पराबैगनी किरण बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुंचाएं।
कपड़ों का ध्यान रखें: बच्चे को धूप में ले जाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चे को कभी भी आधी बाजू या बाजू हीन कपड़े में ना ले जाएं बच्चों की त्वचा बहुत ही कोमल होती है तथा यह किसी भी प्रकार के हानि से बहुत जल्दी खराब हो जाती है इस कारण हमेशा बच्चे को पूरी बाजू के कपड़े पहनाने चाहिए।
कैप पहनाएं: बच्चे को धूप में ले जाते समय हमेशा केक लगा कर रखना चाहिए कैप लगाने से बच्चे के सिर पर अधिक भूख नहीं लगती एवं बच्चे की आंखें भी धूप की सीधी किरणों से बची रहती हैं। जिससे धूप के कारण होने वाली आंखों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है बच्चे को इस प्रकार की कैप पहनाएं जिससे बच्चे को कंफर्टेबल महसूस हो।
बच्चे पर नजर रखें: बच्चे को धूप में लेट आने के उसका ध्यान रखें कि बच्चे के शरीर पर लाल धब्बे तो नहीं पड़ रहे।
यदि इस प्रकार के लाल धब्बे शरीर पर दिख रहे हैं तो बच्चे को तुरंत धूप से हटा ले धूप से बच्चे को हाइड्रेशन यह सनबर्न आदि की दिक्कत हो सकती है इस कारण बच्चे को ध्यान में रखकर उसे धूप की सिकाई देनी चाहिए।
कुछ पिलाते रहे: यदि बच्चे को धूप की सिकाई दी गई है तो सिकाई के बाद उसे स्तनपान अवश्य कराएं जिससे बच्चे को हाइड्रेशन प्राप्त होता है यदि बच्चा बड़ा है तो उसे पानी या जूस पिलाएं धूप से होने वाली गर्मी शरीर में पानी की कमी कर सकती है इसलिए किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ जरूर पिलाएं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको धूप के फायदे व नुकसान इससे होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियां तथा धूप सेकने का समय आदि विभिन्न विषयों के विषय में जानकारी प्रदान की है यदि आपके घर में भी कोई छोटा बच्चा है तथा आप उसकी देखभाल कर रहे हैं तो यह आर्टिकल जरूर पढ़ें इससे आपको बहुत अधिक जानकारी प्राप्त होगी।
यदि आपको आर्टिकल से संबंधित किसी अन्य जानकारी के विषय में जानना है तो आप बेझिझक नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं हमारा आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद।