बारिश का मौसम वैसे तो बहुत सुहावना होता है। बच्चे बारिश में खेलना और नहाना बहुत पसंद करते हैं सभी को बारिश बहुत पसंद होती है। बच्चों की शर्त के कारण बच्चों को बारिश में भेजने से रोकने में बड़ी परेशानी होती है। हमें बारिश के मौसम में अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है कि वह बारिश के पानी में ना भीग बारिश का मौसम जितना अच्छा महसूस होता है उतनी ही ज्यादा बारिश के मौसम (Barish me bimari) में बीमारियां होती हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बारिश के मौसम में बीमारियों से कैसे (Barish me bimari se suraksha) सुरक्षित रहा जाए उसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बारिश में बीमारी होने का कारण
बारिश का मौसम हमारे(Barish me bimar ke reasonsi) खेतों के लिए और फसलों के लिए बहुत लाभकारी होता हैं। बारिश से जो पोषक तत्व खेतों को प्राप्त होते हैं उनसे हमारी फसल बहुत ज्यादा मजबूत होती है।
बारिश के मौसम में पानी के साथ-साथ बैक्टीरिया और वायरस जैसे सूक्ष्म तत्व भी बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। जब उन्हें थोड़ा ठंडा एनवायरमेंट मिलता है। वह बहुत जल्दी किसी भी व्यक्ति को रिएक्ट कर देते हैं। बारिश के मौसम में बहुत सारे स्किन इन्फेक्शन भी देखने को मिलते हैं।
बारिश का मौसम बच्चों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह सबसे ज्यादा बीमारी बच्चों में कोर्स करता है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा कमजोर होती है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इतनी शक्ति नहीं होती कि वह छोटे से बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करके उससे होने वाले रोगों को कम कर दें।
इसलिए यदि कोई भी छोटा सूक्ष्म तत्व बच्चों को इनफैक्ट करता है तो उसे ज्यादा बीमारी हो सकती है। बारिश के मौसम में बच्चों को हमें बीमारी जैसे कि कॉन्टैमिनेटेड पानी आदि से बचना चाहिए। यदि बच्चों को हेल्दी खाना और पीना दिया जाएगा तो उसकी ज्यादा बीमारी होने का खतरा भी काम होगा। और वह हेल्दी रहने का भी प्रयास कर सकता है इसलिए बारिश के मौसम में हमें अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
बारिश के मौसम में बच्चे का ध्यान रखने के तरीके
बारिश के मौसम में हम अपने (Barish me bimari se bachne ke tarike)बच्चों का ध्यान कैसे रख सकते हैं और बच्चे को ध्यान रखना और उसे बीमारी से बचने के क्या-क्या तरीका हो सकते हैं। उसके विषय में नीचे पॉइंट्स के माध्यम से स्पष्ट किया गया है। जिससे अमल करके आप अपने बच्चों को भी बारिश के मौसम में बीमारी से बचा सकते हैं।
1. सफाई पर दे ध्यान :
बारिश के मौसम में हमें बच्चों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। बारिश के मौसम में हर जगह गीलापन होने के कारण सारी सब्जियां या पानी बहुत ज्यादा कॉन्टैमिनेट हो जाता है। ऐसे कॉन्टैमिनेट पानी या खाने को यदि हम अपने बच्चों को खिलाते हैं।
तो बच्चे को बहुत ज्यादा दिक्कत हो सकती है। बारिश के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस भी बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। और यह यदि खाने या पानी के माध्यम से शरीर के अंदर प्रवेश कर जाए तो यह शरीर को बहुत ज्यादा हार्मफुल इफ़ेक्ट का उसे करते हैं। इसलिए पास के मौसम में बच्चों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
बारिश के मौसम में हमें कभी भी अपने बच्चों को नंगे पैर घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। बारिश के मौसम में स्किन इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि बहुत सारे वर्म अपने सेल से निकलकर बाहर आते हैं। जो बच्चे के पैर में काटकर या उसके तलवों पर चिपक कर उसको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बच्चा जिन खिलौने या बर्तनों का इस्तेमाल कर रहा है या उसकी दूध की बोतल जिससे वह दूध पीता है इन सभी चीजों को डिसइनफेक्टेंट से साफ करना चाहिए। सारी चीजों को अच्छी तरीके से साफ करें। कि इसमें बैक्टीरिया वायरस जमा होने का कोई भी खतरा न हो बच्चे के आसपास के एरिया को सुख रखना चाहिए। जिससे उसमें फफूंद जमाना हो जो बच्चे को इनफैक्ट कर पाए।
2. कॉटन के पूरे कपड़े पहनाए :
हमें अपने बच्चों को कॉटन के पूरे कपड़े पहनना चाहिए। हमें अपने बच्चों को हमेशा मौसम के अनुकूल और मौसम के हिसाब से कपड़े पहनना चाहिए। जिससे बच्चों को किसी भी तरीके की असहिष्ठा ना हो और वह बिल्कुल कंफर्टेबल महसूस करें बारिश का मौसम हल्की सर्दी और हल्की गर्मी का होता हैं।
यदि बारिश हो जाती है तो मौसम कुछ ठंडा हो जाता है वरना बारिश का मौसम गर्मियों का होता है। इसलिए हमें अपने बच्चों को हमेशा कॉटन के कपड़े पहनना चाहिए। कॉटन के कपड़े हम फुल स्लीव्स वाले भी ले सकते हैं। कॉटन के कपड़ों में बच्चों को ज्यादा गर्मी महसूस नहीं होती कॉटन का कपड़ा भी बिल्कुल ढीला डाला होना चाहिए। जिससे बच्चों को घुटन महसूस ना हो और वह बिल्कुल कंफर्टेबल रहे।
बारिश के मौसम में हमें बच्चों को ऐसे कपड़े पहनना चाहिए जो उसके शरीर का पानी आराम से सकते रहे कॉटन पानी को रोकने का सबसे अच्छा माध्यम होता हैं। उसको हवादार कपड़े पहनना हैं। जिससे उसके शरीर पर भी अच्छी तरीके से हवा लगती रहे और बच्चे का शारीरिक अंग भी अच्छी तरीके से सूखता रहे।
हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमें अपने बच्चों को बहुत ज्यादा कपड़े नहीं पहनना चाहिए। बहुत ज्यादा कपड़े पहनने से बच्चे को पसीना आ सकता है और उसके शरीर पर ड्रेस पढ़ सकते हैं। ड्रेस बहुत नुकसानदायक होते हैं इसके कारण बच्चों को दाने हो सकते हैं और उसे खुजली हो सकती है। इसलिए बच्चों को हल्के फुल्के कॉटन के और एक ही लेयरिंग में कपड़े पहना हैं। बहुत ज्यादा कपड़े पहनने में विश्वास न रखें।
3. मच्छरों के काटने से बचाए :
बारिश के मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बहुत ज्यादा हो जाता हैं। मच्छर बहुत ज्यादा मात्रा में बच्चों को इनफैक्ट करने लगते हैं और उनकी क्वांटिटी भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। इसलिए हमें अपने बच्चों को मच्छरों को काटने से बचने की आवश्यकता होती है।
अक्सर आपने देखा होगा की बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। डेंगू और मलेरिया मच्छरों के काटने की वजह से ही होते हैं। मच्छर मलेरिया को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ट्रांसफर करने का एक बाहर होता है। मलेरिया होने का कारण फीमेल एनोफिलीस वायरस होता हैं। यह फीमेल एनोफिलीस प्लाज्मोडियम विवेक्स के कारण होता है इसलिए हमें अपने बच्चों को ऐसे मच्छरों से बचाने चाहिए। यदि मलेरिया ज्यादा बढ़ जाता है तो यह बच्चे की डेथ का भी कारण बन सकता है।
बच्चों को मच्छरों से बचने के लिए हमेशा उसे फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना चाहिए। उसको सुलाते समय हमेशा मॉस्किटो नेट का उपयोग करना चाहिए। मॉस्किटो नेट बच्चों को मच्छरों से बचने का सबसे अच्छा तरीका होती है। इसके अलावा आप सभी खिड़कियां दरवाजे बंद रखें।
जिससे मच्छर आपके घर के अंदर ना आ पाए हमें अपने घर के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। जिससे मच्छर उसे पर पनप पे इन सारे प्रिकॉशन को लेकर ही हम अपने बच्चों को मच्छरों से सुरक्षित कर सकते हैं। और उसे हेल्दी रख सकते हैं।
4. घर को हवादार रखें :
हमें अपने घर को हवादार रखने का प्रयास करना चाहिए प्रॉपर वेंटिलेशन हेल्थ का राज होता हैं। स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रॉपर वेंटिलेशन की आवश्यकता होती है। यदि आपका घर बिल्कुल बंद है और उसमें हवा आने जाने की कोई संभावना नहीं है तो ऐसे परिवारों में हवा का क्वालिटी भी बहुत कम होती है।
और उसमें बीमार पड़ने का खतरा भी ज्यादा होता है इसलिए अपने घर को पूरी तरीके से वेंटिलेटर रखना चाहिए। यदि हवा आने-जाने की संभावना घर में होती है और घर वेंटीलेटर होता है तो घर में स्वस्थ हवा और साफ हवा का संचार होता रहता है।
बारिश के मौसम में अक्सर हमने देखा होगा कि हमारा घर गीला हो जाता है। यदि उसमें सही तरीके से हवा या धूप नहीं आती है तो हम अपने घर को सुख नहीं सकते। इसलिए यदि हम अपने घर को सुख और फंगल इंफेक्शन से दूर रखना चाहते हैं।
तो हमें अपने घर को प्रॉपर वेंटिलेशन देने की आवश्यकता होती है इसलिए हमें अपने घर को प्रॉपर वेंटीलेटर रखना चाहिए। हमें अपने घर को वेंटिलेटर रखने के लिए शाम के समय खिड़की और दरवाजों को पूरी तरीके से खोल देना चाहिए। जिससे बाहर की ताजी हवा अंदर आ सके सुबह शाम अपनी खिड़की और दरवाजों को खोलना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए की खिड़कियों को खोलने पर शाम के समय मच्छर आ सकते हैं। तो आप अपनी खिड़कियों पर जाली भी लगवा सकते हैं।
5. छोटे बच्चों को ब्रेस्ट फीड जरूर करवाए :
हमें अपने छोटे बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग जरूर करवानी चाहिए। ब्रेस्ट फीडिंग के माध्यम से बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलती है। मां के दूध में ऐसी एंटीबॉडीज और ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो किसी भी प्रकार के फार्मूला मिल क्या अन्य तरीके के मिल्क में नहीं पाए जाते।
यह एंटीबॉडीज और पोषक तत्व बच्चों की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में और उसको विभिन्न तरीके के रोगों से लड़ने में मदद करता हैं। इसलिए हमें अपने बच्चों को लगातार ब्रेस्टफीडिंग करवाते रहनी चाहिए। डॉक्टर के द्वारा भी यह बताया गया है कि जब तक बच्चा 6 महीने का नहीं हो जाता तब तक हमें सिर्फ उसे मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
अन्य प्रकार का ठोस पदार्थ यहां तक की पानी भी हमें अपने बच्चों को नहीं देना चाहिए। इसलिए माता की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को लगातार ब्रेस्टफीडिंग अवश्य करें। बच्चों को विश ब्रेस्टफीडिंग करने का और भी फायदे हैं जैसे कि उसके लंग इन्फेक्शन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन और थ्रोट इनफेक्शन जैसे इंफेक्शन से भी छुटकारा मिल सकता है। बेस्ट मिल्क में ऐसे इंपॉर्टेंट पोषक तत्व पाए जाते हैं।
6. पानी और खाने की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें :
हमें बच्चों के पानी और खाने की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बारिश के मौसम में माइक्रोऑर्गेनाइज्म बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं और यह बच्चे के खाने या पानी पर भी जमा हो सकते हैं। हमेशा हमें अपने बच्चों को उबालकर और ठंडा करके ही पानी पिलाना चाहिए।
यदि बच्चों को हम नल से निकला हुआ पानी ही पिला देंगे तो यह बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। कोई भी सब्जी यदि आप बना रहे हैं तो उसे अच्छे से धुल कर ही बनना चाहिए। और हमें जाकर ऑर्गेनिक सब्जियों का उपयोग करना चाहिए। सब्जियों को बिल्कुल साफ पानी में धूल के ही बनाएं इससे बच्चे के अंदर संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है और बच्चा स्वस्थ बना रहता है।
7. टिक है बेहद जरूरी :
बच्चों के लिए टीका बहुत ज्यादा जरूरी होता हैं। डॉक्टर के द्वारा भी यह बताया गया है कि बच्चों को टीके लगवाने की कितनी ज्यादा आवश्यकता होती है ठीक है का एक पार्टिकुलर टाइमिंग और कम होता हैं। इसके हिसाब से हमें बच्चों को टीका लगवाने की आवश्यकता होती हैं।
यदि पार्टिकुलर आगे पर पार्टिकुलर टीका लगता है तभी वह बच्चे को फायदा पहुंचता हैं। इसलिए हमें बच्चों के तक का विशेष ध्यान रखना चाहिए तक बच्चे की इम्युनिटी को विकसित करने में मदद करते हैं। यदि कोई भी ज्यादा बड़ी बीमारी बच्चों को कोर्स करती हैं।
तो बच्चों के शरीर के अंदर पहले से उपस्थित तक की इम्युनिटी उसे बीमारी को खत्म करने में और व्यक्ति को इनफैक्ट करने से बचाती हैं। इसलिए जो भी टीका जी टाइम के हिसाब से बच्चे को लगा हैं। उसका माता-पिता को विशेष ध्यान रखना चाहिए। और उसी टाइम पर बच्चों को रेगुलर टीके लगवाने जाएंगे इससे हमारा बच्चा अंदर से बहुत मजबूत होता है।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. बच्चों के लिए टीका क्यों इंपॉर्टेंट है?
बच्चों के लिए टीका आर्टिफिशियल इम्यूनिटी प्रदान करने में मदद करता हैं। और उसे बहुत सारी बीमारियों से बचाता है।
Q. बारिश का मौसम बच्चों के लिए क्यों हानिकारक होता है?
बारिश के मौसम में बच्चों की इम्युनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती हैं। और उसे बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
Q. बारिश के मौसम में हम बच्चे को कैसे बीमारियों से बचा सकते हैं?
बारिश के मौसम में बच्चों को साफ पानी पिलाकर रेगुलर टीका लगवाकर और आसपास सुख रखकर उसे बचा सकते हैं।
Q. बारिश के मौसम में हमें बच्चों को कैसे कपड़े पहने चाहिए?
बारिश के मौसम में हमें अपने बच्चों को कॉटन के हवादार कपड़े पहनना चाहिए।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बारिश का मौसम कर सकता है (Barish me bimari)बच्चों को बीमार जानिए कैसे रख सकते हैं सुरक्षित? के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।