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Best moral stories in hindi for class 7
हम में से कई सारे लोगों को लगता है कि काश मेरे पास ये होता तो मै वो होता।
हम में से कई सारे लोग सपने इसलिए नहीं देखते क्योंकि हमें लगता है कि हम लोगों में कुछ कमी है।
शीर्षक :-10 साल के बच्चे की कहानी।
एक बार की बात है जापान में एक 10 साल का लड़का रहा करता था।जिसका नाम था ओकायो।
ओकायो का सपना था कि उसे कराटे सीखने हैं लेकिन ओकायो का बाया हाथ नहीं था बचपन में एक दुर्घटना में उसका बाया हाथ कट गया था।
इस बात से घर वाले बहुत परेशान थे
बच्चा कराटे सीखना चाहता है ऊपर से उसका हाथ नहीं है।
पर बच्चे के ज़िद के आगे उन्हे झुकना पड़ा और उन्हे वहा के सबसे मशहूर गुरु के पास ले गए।
इसे पढ़ना ना भूले।
गुरुदेव ने कहा बेटा तुम्हारा बाया हाथ नहीं है तुम कैसे खेल पाओगे?
ओकायो ने कहा कि मैं कैसे सिखूँगा वह मुझे नहीं पता लेकिन सिखाना आपका काम है।
मेरा एक सपना है कि मुझे हर किसी को हराना है और कराटे में मुझे मास्टर बनना है।
गुरुदेव बच्चे की इच्छा से बहुत प्रसन्न हुए और कहा कि चलो मेरे साथ मै तुम्हें सिखाता हूँ।
50 बच्चों के साथ में ओकायो के लिए ट्रेनिंग शुरू हुई और उसको बस एक किक मारने सिखाया गया।
भगवान पर भरोसा रखो।
गुरुदेव ने कहा कि बस तुम्हें एक किक मारने की कोशिश करनी है और रोज बस यही किक मारने की कोशिश करनी है।
दो-तीन महीने तक यह चलता रहा।
ओकायो ने देखा कि गुरु जी बाकी बच्चों को कुछ अलग-अलग तकनीक दिखा रहे हैं।
इस बात से वह बहुत नाराज हुआ और गुरुजी के पास पहुंचा और बोला कि आप इन बच्चों को रोज अलग-अलग तकनीक सीखा रहे हैं मुझे बस बोलते हैं कि किक मारो किक मारो आप मुझे कब कुछ नया सिखाएंगे?
ये कहानी आपकी जिन्दगी बदल देगी।
गुरु जी ने बोला कि चुपचाप मेरी बात माननी है तो मानो वरना चले जाओ,उस दिन के बाद से ओकायो ने चुपचाप 6 महीने तक किक मारने की प्रैक्टिस करता रहा।
आखिरकार ट्रेनिंग खत्म हो गई गुरुजी में सब बच्चों को बुलाया और बोला कि चलो भाई अब कंपटीशन का वक्त है जो जीतेगा वह मास्टर बनेगा।
क्यूँ आप सफल नहीं हो पाते।
मैच शुरू हुआ ओकायो का जो विपक्षी था वह बहुत मजबूत था।
उसने देखा कि जिससे लड़ रहा हूं उसका तो हाथ भी नहीं है, मैच के शुरूवात मे ही ओकायो के विपक्षी ने उसे डरा सा दिया।
ओकायो घबरा सा गया उसे लगा कि वह मैच हार जाएगा, रेफरी ने कहा कि यही पर मैच विपक्षी के पक्ष मे कर देते हैं तो गुरुजी ने कहा नहीं रुको मैच पूरा होने दो।
बस इन्ही सब के बीच मे विपक्षी ओवर कॉन्फिडेंस हो गया और इसी मौके का इन्तेजार ओकायो कर रहा था।
जैसे ही वो विपक्षी ओवर कॉन्फिडेंस हुआ ओकायो ने वो किक मारी जो वह पिछले 6 महीने से प्रैक्टिस कर रहा था।
इस तरह मैच और मास्टर की उपाधि ओकायो ने जीत ली।
ओकायो खुशी से गुरुजी के पास गया और बोला कि मै एक किक से मास्टर बन गया हूँ ये कैसे हुआ?
गुरु जी ने कहा जो वजह से तुम जीते हो पहला की जो वो किक है वह सबसे मुश्किल किक है लेकिन तुमसे बेहतर वह कोई नहीं कर सकता।
दुसरा की उस किक का तोड़ ये है कि अपने विपक्षी का बायां हाथ पकड़ कर जमीन पर गिराना है और वो बायां हाथ तो तुम्हारा है ही नहीं।
तुम्हारी जो कमजोरी थी वही तुम्हारी सबसे बड़ी मजबूती बनके सामने आई है।
सीख :-
आपकी और हमारी जिन्दगी मे भी यही हो रहा है हम अपनी कमी को खुद पर इतना हावी कर लेते हैं कि हमलोग कुछ बन ही नहीं पाते।
ओकायो की भी यदि यही सोच होती तो वह मास्टर कभी नहीं बन पाता वो सोचता रहता की मेरा बायाँ हाथ नहीं है और मै कुछ नहीं कर सकता तो यह कभी मुमकिन नहीं होता,उसके सपने बहुत बड़े थे और मन मे उसने ठान लिया था कि उसे कराटे सीखना है।
आप भी सपने देखिए और किसी भी तरह उन सपनो को पूरा करने मे लग जाइए।
ये Best moral stories in hindi आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके बताए और ज्यादा से ज्यादा इस कहानी को शेयर करे।