बेतार इंटरनेट क्या है? यह कैसे चलता है? और कहाँ इस्तेमाल किया है?

|| betar internet kaise chalta | यह कहाँ उपयोग किया जाता है? | बेतार इंटरनेट कैसे चलता है? | वायरलेस का उपयोग कहां किया जाता है? | Where is wireless used? | वायरलेस संचार कैसे काम करता है? | How does wireless communication work? | सिग्नल फ्रीक्वेंसी क्या है? | What is signal frequency? ||

इंटरनेट का इस्तेमाल हर कोई करता है और आज के समय टेक्नोलॉजी के इस युग में इंटरनेट हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। जोकि बहुत से काम करने के लिए उपयोगी है इंटरनेट की मदद से आप कोई भी काम ऑनलाइन घर बैठे कर सकते हैं। ऐसे में आपके मन में कभी न कभी यह ख्याल आया होगा की How does wireless internet work? अगर अगर आया हैं तो आज के इस लेख में मैं आपको बताऊंगा कि बेतार इंटरनेट कैसे काम करता है तो अगर आप भी इस बारे में संपूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे लिए को अंत तक पढ़ सकते हैं।

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बेतार क्या है? | What is wireless

Wireless शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला Wire और दूसरा Less इसे हिंदी में बेतार भी बोला जाता है। अब हम लोग इसका मतलब समझते हैं Wireless का मतलब होता है। जहां पर बायर का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं। अगर हम लोग सीधी भाषा में समझे तो एक ऐसा तरीका जिसमें सिग्नल के माध्यम से डाटा को ट्रांसपोर्ट किया जाता है। उसे Wireless या बेतार बोला जाता हैं।

बेतार इंटरनेट क्या है यह कैसे चलता है और कहाँ इस्तेमाल किया है

इस प्रक्रिया में किसी भी तरह से तार या ऑप्टिक फाइबर केबल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसमें स्वतंत्र रूप से सिग्नल को छोड़ा जाता है जिससे हमारे डिवाइस के साथ वह सिग्नल डाटा आदान-प्रदान करते हैं और आज के टाइम ज्यादातर लोग वायरलेस इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।

बेतार इंटरनेट कैसे चलता है? | How does wireless internet work

वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी के उपयोग से रेडियो आवृत्तियों का संचालन करके रेडियो तरंगों के प्रसार से जुड़े विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम में आवृत्ति है। जब एंटीना में RF Cureent की आपूर्ति की जाती है तो विद्युत चुंबकीय क्षेत्र बनाया जाता है और अंतरिक्ष के माध्यम से प्रचार करने में सक्षम होता है। वायरलेस नेटवर्क डिवाइस एक्सेस प्वाइंट(AP) नामक उपकरण है। Acess Point का मुख्य काम वायरलेस को प्रसारित करना और कंप्यूटर अथवा अन्य उपकरणों का पता लगाना है। एक्सेस प्वाइंट और वायरलेस नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए कंप्यूटर को वायरलेस नेटवर्क एडाप्टर से लैस होना चाहिए।

वायरलेस तारिके से इंटरनेट चलाना काफी आसान हो जाता है और आप कहीं भी और कभी भी इंटरनेट का उपयोग कर पाते हैं। जबकी अगर इंटरनेट वायर के माध्यम से चल रहा होता तो इसे एक्सेस करने के लिए आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता।

वायरलेस का उपयोग कहां किया जाता है? | Where is wireless used?

आज के टाइम Wireless इंटरनेट लगभग ज्यादातर लोग इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि सभी के पास Mobile, Computer आदि जैसे डिवाइस हैं। जिनमें वायरलेस इंटरनेट का ऑप्शन अवेलेबल होता है और वायरलेस इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से कहीं भी और कभी भी अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ सकते हैं। वही बायर के माध्यम से आप एक निश्चित जगह पर ही कंप्यूटर को जोड़ पाएंगे इसीलिए यूजर की सुविधा को बढ़ाने के लिए वायरलेस प्रक्रिया को सुरु किया गया।

वायरलेस प्रक्रिया में डाटा एक जगह से दूसरी जगह पर बिना किसी बायर के ट्रांसफर होता है। इसमें Signal के माध्यम से Data को ट्रांसफर किया जाता है और किसी तरह के कोई तार की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके साथ ही वायरलेस तरीके से डाटा को ट्रांसफर करना काफी आसान हो जाता है इस प्रक्रिया में आपको इतनी अच्छी स्पीड नहीं मिल पाती है। जितनी कि वायर वाले तरीके में मिलती है लेकिन फिर भी टेक्नोलॉजी के चलते काफी अच्छी स्पीड दी जाती है।

वायरलेस संचार कैसे काम करता है? | How does wireless communication work?

वायरलेस संचार कैसे काम करता है हम इस प्रक्रिया को बहुत सरल भाषा में समझेंगे तो सबसे पहले तो हमें समझना होगा कि वायरलेस प्रक्रिया में किसी भी तरह के तार का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यहां पर बिना किसी तार के सिग्नल (मतलब की इलेक्ट्रिक मैग्नेट बेब्स) के माध्यम से डाटा को ट्रांसफर किया जाता है।

अब आप में से काफी लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि सिग्नल के माध्यम से डाटा को कैसे ट्रांसफर किया जा सकता है क्या वास्तव में सिग्नल के माध्यम से डाटा को भेजना पॉसिबल है तो दोस्तों मैं आपसे कहना चाहूंगा कि आप मोबाइल फोन में जो इंटरनेट उपयोग करते हैं वह सिग्नल के माध्यम से ही भेजा जाता है।

इसमें किसी भी तरह के तार का इस्तेमाल नहीं किया जाता है अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि Signal बनते कैसे हैं तो मैं आपको बताना चाहूंगा की सब कुछ एक ट्रांसमीटर से शुरू होता है। जहां ऑसिलेटर आवधिक तरंगों द्वारा निर्मित होता है वह सिगनल डिवाइस की आंतरिक केबल के साथ Anteena में फैलाते हैं।

अब जैसा कि आप जानते हैं एंटीना एक कंडक्टर है तो यह विद्युत प्रवाह के साथ एंटीना सिग्नल को आगे बढ़ाता है। जिसे विद्युत चुंबकीय तरंगों के माध्यम से वैकल्पिक रूप से उत्सर्जित करता है और इन्हीं तरंगों को एंटीना विद्युत प्रवहा में बदलता है।

सिग्नल फ्रीक्वेंसी क्या है? | What is signal frequency?

अब हम लोग समझेंगे कि signal frequency आवृत्ति की वह दर है जिस पर धारा प्रति सेकंड दिशा बदलती रहती है उसे signal frequency बोला जाता है। इसको हर्ट्ज़ में मापा जाता है। इसके साथ ही यह विभिन्न आउटपुट की तरंगों की आवृत्ति को देखते हुए बदलती है इस आवृत्ति का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है।

हम इस अलग-अलग आवृत्ति रेंज को एक स्पेक्ट्रम के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में भेजते हैं अगर हम इसके उपयोग के उदाहरण लें तो रेडियो स्थान, रेडियो नेवीगेशन प्रसारण, सेलुलर संचार, आईएसएम बैंड उपग्रह और भी बहुत कुछ है। हम लोग इस बात को भी समझ लेते हैं कि सिग्नल बनता कैसे हैं तो सिग्नल बनने के लिए एक ट्रांसमीटर एक संदेश को एनकोड करता है।

जिसे संचार चैनल द्वारा Reciver तक भेजा जाता है अगर हम उदाहरण के तौर पर समझे तो जैसे मैंने आपको हेलो बोला अभी हेलो शब्द टेलीफोन पर बोला गया एक संदेश हो सकता है। टेलीफोन ट्रांसमीटर ध्वनि को विद्युत संकेत में परिवर्तित करता है और उसे रिसीवर तक पहुंचाता है।

सिग्नल यात्रा कैसे होती है? | How does the signal travel

यह संकेत Reciver तक प्रेषित होने पर सीधे पथ में नहीं जाता है सभी निर्देशको में ट्रांसमीटर में Anteena संकेतों का उत्सर्जन करता है। इन तरंगों को इमारतों से टकराकर परलक्षित किया जाना चाहिए साथ ही एक तेज धार पर अलग-अलग या छोटी वस्तुओं पर बिखरने से फैलाना चाहिए। लेकिन वे सभी अंत में प्राप्तकर्ता तक पहुंच गए जिस तरह से उन्हें एक अलग कमजोर और देरी का सामना करना पड़ता है। रिसीवर संयुक्त सिग्नल पर सभी संकेतों को कैप्चर करता है। जब ट्रांसमीटर और प्राप्तकर्ता के बीच एक से अधिक मार्ग होते हैं तो हम चैनल को Multipath चैनल भी कहते हैं।

ट्रांसमीटर में क्या होता है? | What happens in transmitter?

अभी हम लोग बहुत देर से transmitter की बात कर रहे हैं तो असल में transmitter होता क्या है हम इस बात को समझेंगे। क्योंकि दोस्तों किसी भी सिगनल फ्रिकवेंसी में ट्रांसमीटर का महत्वपूर्ण रोल होता है। इसीलिए इस बात को समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि वास्तव में ट्रांसमीटर का क्या काम होता है और यह कैसे काम करता है। इसके साथ ही ट्रांसमीटर हमारे लिए क्यों जरूरी है इन सभी बातों का हम इस लेख में आपको जवाब देंगे। आपने हमारे लेख को यहां तक पड़ा उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

हम लोग इसे आसान भाषा में समझते हैं हम जानते हैं कि प्राप्तकर्ता को विकृत और मैसेज सिगनल से Data Encode करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यह एक तुच्छ कार्य नहीं है क्योंकि कैप्चर किए गए सिग्नल में एक बड़ी मात्रा में अवांछित घटक होते हैं। इस कार्य को आसान बनाने के लिए हमारे पास transmitter में कुछ अतिरिक्त कदम होते हैं और ट्रांसमीटर ही वह उपकरण होता है।

जो डाटा भेजने से पहले एन कोड करता है इस ऑपरेशन में से संदेश में अतिरिक्त बिट्स जोड़े जाते हैं जिससे प्राप्तकर्ता को डाटा प्राप्त करना आसान हो जाता है। Beat Coading के बाद मैप किया जाता है प्रत्येक में संशोधन और एंटीना में पारित किया जाता है। हमारे द्वारा भेजे गए संदेश को ट्रांसमीटर ही एनकोड करके आगे तक भेजता है। जिससे रिसीवर तक संदेश को पहुंचाया जाता है और रिसीवर आसानी से आपके संदेश को समझ पाता है।

वाई-फाई वायरलेस नेटवर्क या वायरलेस नेटवर्क फायदे के क्या लाभ हैं? | What are the benefits of Wi-Fi wireless network or wireless network advantages

अभी हम लोग समझेंगे कि Wireless Network के क्या फायदे होते हैं क्योंकि इसके फायदों के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी हो जाता है। इसीलिए इसके सभी फायदे जानने के लिए आप हमारे लेख अंत तक पढ़ सकते हैं और मैं इसी के साथ दावा करता हूं कि आपके सभी डाउट क्लियर हो जाएंगे और आप अच्छे से समझ जाएंगे कि बेतार इंटरनेट कैसे चलता है। इसके क्या फायदे हैं और हम इसका उपयोग क्यों करते हैं। इसी के साथ हम अपने लेख को भी विराम देंगे तो आइए जानते हैं वायरलेस नेटवर्क के फायदे और लाभ क्या क्या है।

convenience प्रदान करता है?

आप Wifi Wireless Internet को कहीं से एक्सेस कर सकते हैं बस आपका डिवाइस उस वायरलेस Network Covrege Area के अंदर होना चाहिए। जैसे कि आपके घर के सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर Wifi लगा है अब अगर आपके वाईफाई के कवरेज एरिया की रेंज आपके पूरे मकान तक है। तो आप अपने मकान में कहीं से भी Internet को एक्सेस कर पाएंगे। इसके अलावा आप अपने मकान में कहीं से भी कितने भी उपकरण उस Wifi के साथ जोड़ करके इंटरनेट को चला सकते हैं।

सेलफोन होती है?

इस सुविधा के माध्यम से आप इसका उपयोग कहीं भी कर सकते हैं जैसे कि आप अपने घर के किसी भी कोने में बैठ कर के इंटरनेट को Acess कर पाएंगे और इसका उपयोग कर पाएंगे। इसी के साथ Brodband की तरह आपको टेबल के साथ रहने की जरूरत नहीं है। आप अपने घर की इमारत या फिर कोने में भी इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके साथ ही आप Unlimited Devices को कनेक्ट कर सकते हैं। जिसके लिए आपको Bandbidth की चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहां पर अनलिमिटेड बैंडविड्थ दिया जाता है।

उत्पादकता प्रदान करती है?

इसका उपयोग करना भी काफी आसान है क्योंकि यह आपको अधिक उत्पादक बनने में मदद करती है। इसके साथ कंपनी के संसाधनों का उपयोग सही ढंग से किया जा सकता है। जो कंपनी के विकास में मदद करता है। इसी के साथ यहां पर आपको Fast browsing करने का फीचर मिल जाता है जिससे आप काफी तेज Internet Access कर पाते हैं और किसी भी काम को बहुत कम समय में कर सकते हैं। जहां आपको साधारण इंटरनेट में File Upload करने में बहुत टाइम लगता है वही इसके साथ आप किसी भी फाइल को कुछ ही सेकंड में अपलोड कर पाएंगे।

आसान सेटिंग्स होता है?

बाकी सभी नेटवर्क की तरह आपको एक String Keval की आवश्यकता नहीं होती है इसीलिए इसे बहुत तेजी से और लागत प्रभावी स्थापित कर सकते हैं। यहां पर काफी आसान Settings को दिया जाता है जिनके साथ आप इसको Controll कर सकते हैं। इन सेटिंग्स के माध्यम से आप Wifi की रेंज डिवाइस तथा बैंडविथ का पता लगा सकते हैं जोकि एक उपयोगकर्ता के लिए बेहद जरूरी होते हैं।

विस्तार किया जा सकता है?

आप अपनी पसंद के अनुसार जब भी चाहे अपने मौजूदा उपकरणों की मदद से आसानी से wireless network का विस्तार कर सकते हैं। अपने केवल नेटवर्क पर आपको अतिरिक्त केबलों की आवश्यकता पड़ सकती है जो समय और संसाधनों को बर्बाद करते हैं। इसीलिए आप इसके माध्यम से अपने मौजूदा उपकरणों में wireless network का विस्तार कर पाएंगे और इसी के माध्यम से आपको अतिरिक्त केबलों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सुरक्षा प्रदान करना

वायरलेस इंटरनेट सेवा में दुनिया ने काफी प्रगति की है जो इस वायरलेस नेटवर्क को बहुत मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है। जैसा कि आप देख रहे हैं आज के टाइम ज्यादातर लोग Wireless Internet का उपयोग कर रहे हैं। क्योंकि इसको उपयोग करना भी आसान है और कहीं भी कभी भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

Expandable होता है?

आप जब चाहे अपने वायरलेस नेटवर्क को आसानी से Expend कर सकते हैं जबकि Wired Network में आपको Addtional wiring की जरूरत पड़ती है। जिसमें समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है इसके साथ ही इसमें खर्चा भी ज्यादा आ जाता है। इसीलिए वायरलेस नेटवर्क काफी ज्यादा एक्सपेंडेबल होता है। यहां पर आप कभी भी एक्साइटिंग इक्विपमेंट की मदद से अपने इंटरनेट के Conection को एक्सटेंड कर सकते हैं।

wireless Internet Related FAQ

वाई-फाई में रेडियो फ्रीक्वेंसी क्या है?

Wifi आपके डिवाइस और राउटर के बीच आगरा क्यों के माध्यम से जानकारी प्रसारित करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है। भेजे जाने वाले डेटा की मात्रा के आधार पर दो रेडियो तरंग आकृतियों का उपयोग किया जाता है। जिसमें से एक 2.4 ghtz और दूसरी हाइट गीगाहर्टज होती है जिसे हम लोग 4G या फिर 5G भी कहते हैं।

सिग्नल कैसे बनता है?

Signal को बनाने के लिए एक ट्रांसमीटर का इस्तेमाल किया जाता है। एक ट्रांसमीटर एक चैनल बनाने के लिए एक संदेश को इनकोड करता है जिसे संचार चैनल द्वारा रिसीवर तक पहुंचाया जाता है। रिसीवर उस संदेश को रिसीव करता है जैसे कि आपने हेलो शब्द रिसीवर तक पहुंचाना चाहा तो पहले ट्रांसमीटर इसको एनकोड करेगा और उसके बाद रिसीवर तक इसे पहुंचाएगा।

सिग्नल की आवृत्ति सामग्री क्या है?

किसी सिग्नल की आवर्त सामग्री को उसके पत्रक रमणीय गनल द्वारा चित्रित किया जाता है। ने आत्मNiyotamak ऊर्जा संकेतों के लिए वक्ररमणीय घनत्व इसके फूरियर रूपांतरण का वर्ग प्रमाण है।

वायरलेस नेटवर्क के क्या फायदे हैं?

वायरलेस नेटवर्क के बहुत सारे फायदे हैं जो कि हमने आपको इस लेख में बहुत डिटेल में बताएं हुए हैं तो आप इस वेबसाइट पर विजिट करके वायरलेस नेटवर्क के सभी फायदों के बारे में जान सकते हैं। इसके साथ ही यहां पर और भी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की गई हैं।

रिसीवर किसे कहते हैं?

Sender द्वारा भेजा गया डाटा जो भी Recive करता है उसे रिसीवर बोलते हैं इसको हम एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं। जैसे कि आपने अपने दोस्त को हेलो का मैसेज भेजा है अब यह हेलो का मैसेज आपके दोस्त ने पढ़ा तो आपका दोस्त रिसीवर हुआ। मैं आशा करता हूं आप इस बात को अच्छे से समझे होंगे

उम्मीद करते हैं कि आपको आज का हमारा यह आर्टिकल बेतार इंटरनेट कैसे चलता है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है? आदि के बारे में बताएं जाने वाली जानकारी समझ आ गई होगी। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि, इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सएप ग्रुप में जरुर शेयर करें। ताकि अन्य लोग भी इस कोर्स को करके अपना करियर बना सके।

Mukesh Chandra

मुकेश चंद्रा ने बीटेक आईटी से 2020 में इंजीनियरिंग की है। वह पिछले 5 साल से सामाजिक.इन पर मुख्य एडिटर के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें लेखन के क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव है। अपने अनुभव के अनुसार वह सामाजिक.इन पर प्रकाशित किये जानें वाले सभी लेखों का निरिक्षण और विषयों का विश्लेषण करने का कार्य करते है।

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