वर्तमान समय में युवा अपने भविष्य विभिन्न क्षेत्र में बनाने का प्रयास करता है। आजकल महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि कोई भी एक अच्छी प्राइवेट नौकरी या सरकारी नौकरी के बिना घर को अच्छे से नही चला पा रहा है। आज के समय में सभी एक अच्छी नौकरी को प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं, जिनमें से बहुत से युवा मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने के इच्छुक होंगे । इसलिए हमारे द्वारा आप सभी को लेख में Chief executive officers kaise bane? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एक बहुत ही उच्च पद है। जिस पर कार्यरत होने के लिए आप सभी को कड़ी मेहनत करनी होती है, परंतु इस पद को प्राप्त करने के लिए आप सभी के पास मुख्य कार्यकारी अधिकारी से संबंधित संपूर्ण जानकारी का होना बेहद आवश्यक है। हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख के अंतर्गत Chief Executive officer kon hota hai? Chief Executive officer kaise bane? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौन होता है? (Who is the Chief Executive Officer?)
मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बारे में बात की जाए, तो यह किसी भी कंपनी के मालिक के पश्चात सबसे बड़ा पद होता है। जिसे हम सीईओ के नाम से भी जानते हैं। यह किसी भी व्यवसाय का एक मार्गदर्शक होता है। सीईओ की मुख्य भूमिका किसी भी संगठन के आकार पर पूरी तरह से निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर समझा जाए, तो हम समझ सकते हैं कि छोटे व्यवसाय के अंतर्गत मलिक या फिर प्रबंधक रोज होने वाले निरीक्षण खरीद, भर्ती, प्रशिक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होता है।
वहीं यदि दूसरी और बड़े व्यवसाय की बात की जाए, तो उसके अंतर्गत मुख्य कार्यकारी के द्वारा रणनीतियों और निवेश लक्ष्य को विकसित करने के ऊपर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है। बड़े व्यवसायों के अंतर्गत दैनिक कार्यों की देखरेख महाप्रबंधक और संचालन प्रबंधक के द्वारा की जाती है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी के प्रकार? (Types of Chief Executive Officer?)
यदि मुख्य कार्यकारी अधिकारी के प्रकार की बात की जाए, तो यह विभिन्न प्रकार के होते हैं। जिनके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपना भविष्य बना सकता है। सीईओ के क्षेत्र में अलग-अलग विकल्पों के अवसर व्यक्ति के पास उपलब्ध होते हैं। हमारे द्वारा कुछ प्रकार के बारे में निम्नलिखित जानकारी दी गई है-
1. मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ)
यदि मुख्य परिचालन अधिकारी की बात की जाए, तो यह किसी भी कंपनी के अंतर्गत उपस्थित मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अधीन कार्य करता है। इसकी महत्वपूर्ण भूमिका किसी भी संगठन की संगठनात्मक सफलता में देखने को मिलती है। मुख्य परिचालन अधिकारी अन्य प्रबंधकों की देखरेख करने का कार्य करता है।
जिनके द्वारा मानव संसाधन और अन्य प्रकार की गतिविधियों का निर्देश दिया जाता है। सीओओ के द्वारा सीईओ की सहायता के साथ-साथ बोर्ड के अन्य प्रबंधकों की सहायता से कंपनी की योजना के कार्यान्वयन का नेतृत्व किया जाता है। इस सबके लिए पूर्ण रूप से मुख्य परिचालन अधिकारी ही जिम्मेदार होता है।
2. कार्यकारी निदेशक
कार्यकारी निदेशक मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर कई गैर लाभकारी संगठनों में कार्य करता है। इनके द्वारा स्वयंसेवकों, कर्मचारियों और अन्य प्रकार के कर्मचारियों को प्रेरित और सलाह प्रदान की जाती है। कार्यकारी निदेशक की किसी भी बैठक का नेतृत्व करते हैं। एक कार्यकारी निदेशक के द्वारा निदेशक मंडल ने ही कार्य किया जाता है।
यह बोर्ड अध्यक्ष के अधीन होता है, कंपनी को किस प्रकार मजबूत किया जाता है, इस पर बोर्ड के द्वारा अंतर्दृष्टि, सलाह और सिफारिशित प्रदान की जाती हैं, परंतु ऐसे प्रस्ताव को लागू करना है या नहीं इसका सारा भार कार्यकारी निदेशक के ऊपर होता है या फिर प्रस्ताव को किस प्रकार लागू करना है, इस बात का निर्णय भी कार्यकारी निदेशक ही लेता है।
3. मुख्य वित्तीय अधिकारी
किसी भी व्यवसाय के अंतर्गत मुख्य वित्तीय अधिकारी के द्वारा कर्मचारियों को रणनीति और परामर्श प्रदान किया जाता है। किसी भी कंपनी के वित्तीय विवरणों की विश्वनियता के लिए मुख्य वित्तीय अधिकारी ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार होता है। मुख्य वित्तीय अधिकारी के द्वारा किसी भी कंपनी के वित्तीय उद्देश्यों, लक्ष्यों और व्यय का निर्देशन और पर्यवेक्षण किया जाता है। इसके साथ ही मुख्य वित्तीय अधिकारी वित्तीय सेवाओं का प्रबंध करने का कार्य करता है।
इसके अलावा मुख्य वित्तीय अधिकारी विभिन्न प्रकार के कार्य जैसे:- फंडिंग स्रोतों का मूल्यांकन करना, वित्तीय जोखिम पर नजर रखना और बाजार रणनीतियां की पहचान करना आदि को भी करते है। मुख्य वित्तीय अधिकारी को बहुत ही बारीकी से इस बात की जांच करनी होती है कि कंपनी के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विभाग किस प्रकार निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैसे बने? (How to become a Chief Executive Officer?)
अब बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरूर आया होगा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैसे बने? तो हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार How to become a Chief Executive officer? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है-
1. 12वीं कक्षा को पास करें
जो भी व्यक्ति एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनना चाहता है, उसे भारत के अंतर्गत उपस्थित किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास करना अनिवार्य होता है या फिर किसी अन्य समक्षक कार्यक्रम को पूर्ण करना आवश्यक होता है। इसके अंतर्गत उम्मीदवार के कम से कम 50% अंक होने आवश्यक होते हैं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत होने के लिए उम्मीदवार को 12वीं कक्षापास करना जरूरी होता है।
2. प्रवेश परीक्षा को पास करें
आगे की पढ़ाई करने हेतु विभिन्न प्रकार के विश्वविद्यालय एवं संस्थाओं द्वारा प्रवेश परीक्षाएं आयोजित कराई जाती है। यदि छात्र स्नातक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के बारे में सोचते हैं, तो उन्हें विश्वविद्यालय और संस्थाओं की पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु ध्यान केंद्रित करना होगा। अलग-अलग संस्थाओं की स्क्रीनिंग प्रक्रियाएं और आवेदन प्रक्रियाएं अलग-अलग हो सकती हैं।
मुख्य तौर पर देखा जाए, तो आवेदकों की प्रवेश परीक्षा के अंकों के आधार पर ही संस्थानों और विश्वविद्यालय में प्रवेश की पेशकश की जाती है। इसके अलावा बहुत से ऐसे विश्वविद्यालय और संस्थान होते हैं, जो 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर ही प्रवेश प्रदान कर देते हैं। अलग-अलग संस्थानों में 12वीं कक्षा के अंकों के प्रतिशत को भी अलग-अलग निर्धारित किया गया है।
3. स्नातक कार्यक्रम को पूरा करें
यदि स्नातक कार्यक्रम की बात की जाए, तो यह एक विस्तृत कार्यक्रम है। जिसके अंतर्गत अभ्यास करने की क्षमता और कक्षा निर्देश को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति यह जानने में सक्षम हो सकेगा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी किस प्रकार बनाया जाता है और इसके लिए आपको कौन सी डिग्री करने की आवश्यकता होती है।
हम आपको बता दें, जो भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनना चाहता है। उसके पास लेखांकन, कानून, अकाउंटेंसी या फिर सार्वजनिक प्रशासन में डिग्री या पेशेवर प्रमाण होना आवश्यक होता है। जब 12वीं पास छात्र स्नातक कार्यक्रम को पूर्ण कर लेते हैं, तो वह पंजीकरण के लिए पात्र हो जाते हैं।
4. परा स्नातक करें
जो छात्र स्नातक कार्यक्रम को पूर्ण कर लेता है, वह अपने भविष्य को ऊपर उठने के लिए आगे विभिन्न अवसरों का लाभ उठा सकता है। यदि छात्र कम बाधाओं वाले विकल्पों को चयन करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार दो विकल्पों की जानकारी दी गई है-
विकल्प 1 :- छात्र जिन्होंने स्नातक कार्यक्रम को पूर्ण कर लिया है। वह इसके पश्चात सीधे स्नातकोत्तर कार्यक्रम का चयन करने में सक्षम हो सकते हैं, जो छात्रों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने हेतु तैयार करता है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने हेतु संभावित अक्षरों के लिए पीएचडी कोर्स में उपलब्ध होते हैं।
विकल्प 2 :- इसके अलावा जिन छात्रों ने स्नातक कार्यक्रम को पूरा कर लिया होता है। वह किसी भी उद्योग में प्रवेश स्तर के तौर पर श्रमिकों के रूप में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा वह कई वर्षों तक अनुभव प्राप्त करने के बाद स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए आवेदन करेंगे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका? (Role of the Chief Executive Officer?)
किसी भी कंपनी की सफलता के बारे में बात की जाए, तो वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी के कार्य और प्रभावशीलता से पूरी तरह जुड़ी हुई होती है। कार्यकारी अधिकारी की मुख्य भूमिका कंपनी के उद्देश्य को पूरा करने हेतु आवश्यक दिशा ज्ञान और समर्थन देना होती है। इसके अलावा मुख्य कार्यकारी अधिकारी की विभिन्न भूमिकाएं होती हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हमारे द्वारा निम्न प्रकार जानकारी दी गई है-
i) बिजनेस नेटवर्क बनाना
कंपनी की सफलता को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों को पूरा करना आवश्यक होता है। इसके लिए एक व्यवसाय निर्माण के जरिए कंपनी के विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों की पूर्ति होना आवश्यक होती है। इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से मुख्य कार्यकारी अधिकारी की होती है। इन सभी जिम्मेदारियां को पूरा करना ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्य होता है।
इसके अंतर्गत मुख्य कार्यकारी अधिकारी के द्वारा आपूर्तिकर्ताओं के साथ संवाद करना, भविष्य के अवसरों की खोज करना, विभिन्न प्रकार के प्रासंगिक नेटवर्क कार्यक्रमों के अंतर्गत हिस्सा लेना, साथियों और कर्मचारियों के साथ विभिन्न प्रकार की बाधाओं पर चर्चा करना और अन्य विभिन्न प्रकार के व्यवसाय मालिकों के साथ बैठक आयोजित करना आदि शामिल होता है।
ii) राणनीतिक योजना
रणनीतिक योजना की बात की जाए, तो यह एक प्रकार की रूपरेखा होती है। जो राजनीतिक संगठनात्मक लक्ष्यों और उद्देश्यों, निवेश, वित्तीय रिपोर्टिंग, आर्थिक स्थितियां, हितधारकों की मांगों और अन्य विभिन्न प्रकार की चीजों को विकसित करने के लिए बनाई जाती है। रणनीतिक योजना किसी भी संगठन के उद्देश्य को प्राप्त करने की संपूर्ण पद्धति को प्रदर्शित करने का कार्य करती है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी के द्वारा उच्च उम्मीद लगाई जाती है और इस बात का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है कि वर्तमान समय में कर्मचारियों को अधिक उत्पादक बनने हेतु किन उपायों को लागू करना आवश्यक है। इस बात को पहचानने के बाद वह संगठन को इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रेरित करता है साथ ही साथ सलाह भी प्रदान करता है।
iii) कर्मचारियों को प्रतिबंधित करना
यदि मुख्य कार्यकारी अधिकारी की मुख्य भूमिका के बारे में बात की जाए, तो इनकी मुख्य भूमिका अनुमोदित कार्मिक नीति और प्रथाओं के अनुसार संगठन के मानव संसाधनों को कुशलतापूर्वक नियंत्रित करना होता है। यह सीधे तौर पर जो भी कानून लागू है, उनके नियमों और विनियमों से संबंधित होता है।
किसी भी कंपनी या फिर संगठन को आसानी से प्रतिबंधित करने के लिए मानव संसाधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ताकि इसकी सहायता से कंपनी को लाभ प्राप्त हो सके। मानव संसाधन प्रबंधन को लागू करने का आखिरी उद्देश्य यह निर्धारित करता है कि कोई भी कंपनी या संगठन कर्मचारियों के माध्यम से ही सफलता प्राप्त करने में सक्षम होती है।
iv) वित्तीय योजना
मुख्य कार्यकारी अधिकारी के द्वारा निदेशक मंडल हेतु अनुमोदन करने के लिए वार्षिक बजट का प्रस्ताव किया जाता है। इसके साथ-साथ यह कंपनी के विभिन्न प्रस्तावों को कानून और विनियमों के अनुसार नियंत्रित करने का कार्य करता है। वित्तीय और सुविधा प्रबंधन विभाग निश्चित रूप से सुविधा योजना के क्रियान्वयन को बहुत ही तेजी और अधिक कुशलता से कंपनी में संचालित करने की अनुमति प्रदान करता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने हेतु आवश्यक गुण और कौशल? (Qualities and skills to become a Chief Executive Officer?)
जब कोई व्यक्ति मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने का इच्छुक होता है, तो उसके अंतर्गत कुछ गुण और कौशल का होना बेहद जरूरी है। जो कि पहले से ही निश्चित किए गए हैं। किसी भी व्यक्ति को उसके कौशल और गुना की जानकारी आवश्यक तौर पर होनी चाहिए, परंतु जिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। उन सभी को इसकी जानकारी निम्न प्रकार दी जा रही है-
1. जोखिम लेना
जो व्यक्ति मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने का इच्छुक है, उसे जोखिम लेने में सक्षम होना चाहिए। परंतु यह जोखिम गणात्मकता तरीके से लाभ और हानि के गहन मूल्यांकन के दौरान लिया जाता है। वह व्यक्ति जो जोखिम लेने से घबराता है या फिर जोखिम लेने का इच्छुक नहीं है। वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति ऐसा है, जो जोखिम लेने में असमर्थ है और वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत है, तो वह कंपनी को विभिन्न प्रतिस्पर्धी कंपनियों से कई पीछे धकेलना हेतु जिम्मेदार हो सकता है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऐसा होना चाहिए। जो कंपनी की विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सके और जोखिम होने पर भी कंपनी की स्थिरता और प्रदर्शन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव ना पड़ने दे।
2. संचार कौशल
जो व्यक्ति संपूर्ण टीम की राय सहकर्मियों के साथ संवाद करने और संपूर्ण समस्याओं के समाधान को तलाशने में सक्षम होता है। वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत हो सकता है। एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अपने द्वारा विकसित की गई तकनीको पर ध्यान केंद्रित करने के स्थान पर स्टाफ द्वारा सामने रखी गई अवधारणाओं पर खुले विचार प्रस्तुत करने वाला होना चाहिए। जिस व्यक्ति का संचार कौशल अच्छा होता है,
वह कंपनी को एक अच्छे स्तर तक ले जाता है और यह संचार कौशल का गुण पूर्ण रूप से व्यक्ति की शब्दावली पर आधारित होता है। जिस व्यक्ति की अविश्वसनीय शब्दावली होती है, वह कंपनी के कर्मचारियों से आसानी पूर्वक संवाद करने में सक्षम हो सकता है। यदि संचार कौशल की बात की जाए, तो यह मुख्य तौर पर बहुराष्ट्रीय स्टार की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के लिए महत्वपूर्ण गुण है।
3. निर्णय लेने का कौशल
किसी भी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास यह विशेषता होनी चाहिए कि वह किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में सक्षम हो सके। इसके साथ-साथ मुख्य कार्यकारी अधिकारी एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने में कर्मचारियों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल भी करना आना चाहिए। इसके साथ-साथ उन सभी स्टाफ के सदस्यों को एक टीम के रूप में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्णय लेने की प्रक्रिया के अंतर्गत अपना योगदान प्रदान करने हेतु सहकर्मियों से बातचीत करनी चाहिए। सहकर्मियों और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बीच का संवाद को बहुत ही मूल्यवान माना जाता है। किसी भी चीज का अंतिम निर्णय वित्तीय राजनीतिक निर्णय और मूल्यांकन और संपूर्ण विकास के बाद ही लिया जाएगा साथ ही साथ इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि यह निर्णय कंपनी के समग्र उद्देश्यों को किस प्रकार पूर्ण कर सकेगा।
4. विश्लेषणात्मक कौशल
यदि विश्लेषणात्मक कौशल की बात की जाए, तो इसके अंतर्गत संभावित बाजार रुझानों की भविष्यवाणी करने और किसी भी विशेष मार्ग के विभिन्न फायदे और कमियों को पहचान का गुण शामिल होता है। विश्लेषणात्मक कौशल अजीब हो सकता है क्योंकि इसके अंतर्गत व्यवहारिक जीवन के अनुभवों के साथ-साथ दक्षताओं का भी कुशलता पूर्वक इस्तेमाल किया जाता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत होने के लिए विश्लेषणात्मक कौशल बहुत अधिक सहायक होते हैं। यह कौशल किसी भी व्यक्ति को विभिन्न परिस्थितियों का समाधान विकसित करने और तुरंत मूल्यांकन करने हेतु सक्षम बनाता है। किसी भी समस्याओं को पहचानना और संभावित समाधानों के लिए किसी भी स्थिति का विश्लेषण करना यही एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी की मुख्य विशेषता होती है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैसे बने? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):-
Q:- 1. मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौन होता है?
Ans:- 1. मुख्य कार्यकारी अधिकारी किसी भी कंपनियां संगठन के मलिक के अलावा मुख्य पद होता है, जिसे सीईओ भी कहते हैं। यह किसी भी कंपनी का मार्गदर्शन होता है मुख्य कार्यकारी अधिकारी किसी भी कंपनी के आकार पर निर्भर करती है।
Q:- 2. मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैसे बने?
Ans:- 2. मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार को 12वीं कक्षा भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास करनी होगी। इसके पश्चात प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा और स्नातक का कार्यक्रम पूर्ण करना होगा। स्नातक पूर्ण करने के बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी बने हेतु पोस्ट ग्रेजुएट को पूरा करें।
Q:- 3. मुख्य कार्यकारी अधिकारी कितने प्रकार के होते हैं?
Ans:- 3. मुख्य कार्यकारी अधिकारी विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिसके कारण आज के समय में छात्रों को इस क्षेत्र में कई अवसर प्राप्त होते हैं। उसके बारे में हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार बताया गया है-
मुख्य परिचालन अधिकारी
कार्यकारी निदेशक
मुख्य वित्तीय अधिकारी
Q:- 4. मुख्य वित्तीय अधिकारी कौन होता है?
Ans:- 4. एक मुख्य वित्तीय अधिकारी कंपनी के कर्मचारियों को रणनीति और परामर्श प्रदान करने का कार्य करता है। यह कंपनी के वित्तीय उद्देश्यों, लक्ष्यों और व्यय का पर्यवेक्षण और निर्देशन करने का कार्य करता है। यह वित्तीय सेवाओं का प्रबंधन करने का कार्य करता है।
Q:- 5. मुख्य कार्यकारी अधिकारी की आवश्यकता क्यों होती है?
And:- 5. किसी भी कंपनी की सफलता में मुख्य कार्यकारी अधिकारी का काम और प्रभावशीलता एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाती है। विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए उन पर निगरानी रखने के लिए और कर्मचारियों को सहयोग प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी की आवश्यकता प्रत्येक कंपनी और संगठन को पड़ती है। इसके अलावा भी इनके द्वारा विभिन्न कार्य किए जाते हैं।
Q:- 6. मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने हेतु आवश्यक गुण और कौशल क्या है?
Ans:- 6. मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने हेतु आवश्यक गुण और कौशल की आवश्यकता होती है। जिसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति को पता होना चाहिए। इसलिए हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर लेख में इसके गुणों और कौशलों के बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई है।
Q:- 7. मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अंग्रेजी भाषा में क्या कहते हैं?
Ans:- 7. मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अंग्रेजी भाषा में सीईओ के नाम से जाना जाता है, जिसकी फुल फॉर्म Chief executive officer होती है।
निष्कर्ष (Conclusion):- आज हमारे द्वारा आप सभी को इस आर्टिकल के अंतर्गत Chief executive officer kon hota hai? Chief executive officer kaise bane? विस्तार पूर्वक बताया गया है। जो युवा एक अच्छी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं, और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्यरत होना चाहते हैं। उनके लिए हमारे द्वारा इस लेख को जारी किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई जानकारी बेहद पसंद आई होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो आप कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस लेख को अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करना न भूलें।