प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें? अपनाएं ये टिप्स

अभी परीक्षाओं का समय चल रहा है जब भी परीक्षाएं आती हैं। सभी बच्चे अपनी पढ़ाई को तेज कर देते हैं। सभी बच्चों के मन में यह दुविधा होती है कि वह कैसे पढ़ाई करें। जिससे वह अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करें और सफल हो परीक्षाओं की तैयारी हम कैसे कर सकते हैं और कैसे परीक्षाओं के समय अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। उसके विषय में अक्सर (Competitive exam ki tayari ) बच्चों को जानकारी नहीं होती। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे (Competitive exam ki tayari kaise kare) करें इसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अब तक पड़े। 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें?

प्रतियोगी परीक्षाएं हमारी (Competitive exam ki preparation) सामान्य परीक्षाओं से भिन्न होती हैं। प्रतियोगी परीक्षा में सभी बच्चे सफल नहीं होते इन परीक्षा में वही बच्चे सफल होते हैं जिन्होंने अपने एग्जाम्स को बहुत मेहनत से पूरा किया होता हैं। जो लोग प्रतियोगी परीक्षा में सफल होते हैं। उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी बच्चे कैसे कर सकते हैं। उसके विषय में नीचे पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी दी गई है। 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें अपनाएं ये टिप्स

1. टाइम टेबल के अनुसार अध्ययन करें :

टाइम टेबल के अनुसार पढ़ना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। यदि आप टाइम टेबल के अनुसार पढ़ाई करते हैं तो आपको इस बात का अंदाजा लग जाता है कि आपको किस समय पर क्या कार्य करना है और किस दिन कितने टॉपिक पढ़ते हैं। आपका टाइम टेबल आपको यह बताता है कि आपको कितने से कितने समय तक पढ़ाई करनी हैं। और कितने से कितने समय तक अपनी पड़ी हुई चीजों का रिवीजन करना है। 

टाइम टेबल का निर्माण खुद विद्यार्थी के द्वारा किया जाता हैरान जब भी आप टाइम टेबल का निर्माण करें तो हमेशा उसे ऐसा बनाएं जिससे आप प्रैक्टिकल तौर पर फॉलो कर पाए टाइम टेबल बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए हमें इस टाइम देकर बनाना चाहिए। और बहुत सोच समझकर इसमें सारी चीज दर्ज करनी चाहिए और उसी टाइम टेबल के अनुसार हमें अनुशासन के अनुरूप अध्ययन करना चाहिए यह बहुत जरूरी होता है। 

2. पैटर्न का प्रयोग करें :

प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान हमें अपने खुद के पैटर्न का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे हमारी पढ़ाई और बेहतर होगी और हम प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पाएंगे। पढ़ाई के लिए जो नोट्स हम बनाते हैं या जो किताबें हमें पढ़ाई के लिए प्राप्त की जाती हैं। यह जरूरी नहीं होता कि हमें वही पैटर्न फॉलो करके इस प्रकार से पढ़ाई करनी होती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को अपना एक खुद का पैटर्न सेट करना चाहिए। अपने पैटर्न से पढ़ाई करने से बच्चे को पढ़ाई करने में आसानी होती है।

 और वह आसान तरीके से अपने टॉपिक को अरेंज कर पता है इसलिए अपना खुद का पैटर्न बनाएं और अपने हिसाब से पढ़ाई करें। प्रतियोगी परीक्षा में सफल हुए विद्यार्थियों को भी यदि आप सुनते होंगे। तो उनकी भी यही सलाह रहती है। कि आपको अपना तरीका पढ़ाई करने के लिए चुना चाहिए ना कि किसी दूसरे का तरीका कॉपी करना चाहिए। क्योंकि हर किसी के कैपेसिटी अलग होती है इसलिए पढ़ाई करने का तरीका भी सबका अलग होना चाहिए। 

3. कोर्स को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करें :

यदि हम किसी बड़े भाग को देखते हैं और उसकी हमें याद करने का प्रेशर होता है तो हम डर सकते हैं। और हमें उससे वह लग सकता है कि इतना सारा हम कैसे याद करेंगे। इसलिए हमें अपने टॉपिक को छोटे-छोटे भागों में डिवाइड करने की आवश्यकता होती है। 

अपने कोर्स को डिवाइड करने के लिए सबसे पहले हमें अपने कोर्स के सभी टॉपिक के विषय में जानकारी होनी चाहिए। हमें अपना पूरा सिलेबस अपने सामने रखना चाहिए। और उसके पश्चात सिलेबस का एक टॉपिक उठाकर उसकी छोटे-छोटे टुकड़ों में डिवाइड करना चाहिए। 

टॉपिक को डिवाइड करने के बाद हमें अपने टाइम टेबल में यह सेट करना चाहिए कि हमें टॉपिक के किस पार्ट को किस दिन और कितने समय में पढ़ना हैं। जितना समय हम अपने टाइम टेबल में अपने टॉपिक को दे रहे हैं। हमें अपने टाइम टेबल को इस अनुशासन के साथ पालन करना चाहिए।  यदि हम अपने टाइम टेबल को अनुशासन के साथ फॉलो करते हैं। तो हम टाइम पर अपना पूरा सिलेबस कंप्लीट कर पाएंगे और अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। 

4. उपयुक्त स्थान का चयन करें :

पढ़ाई करने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। पढ़ाई का स्थान हमें पढ़ाई के लिए एक ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए। जो बिल्कुल शांत हो पढ़ाई एक तपस्या के समान होती हैं। जैसे तपस्या में ऋषि मुनि एक शांत स्थान का चयन करते हैं उसी प्रकार पढ़ाई करने के लिए हमें एक शांत और खाली स्थान का चयन करना चाहिए।

कई बार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के घर छोटे होते हैं। जिस कारण उन्हें कोई शांति की जगह या उपयुक्त स्थान नहीं मिल पाता तो वह बच्चे अपने घर के बाहर जाकर कोई उपयुक्त स्थान ढूंढ कर वहां पर पढ़ाई कर सकते हैं। पढ़ाई करने के लिए हमें ऐसा स्थान का चयन करना चाहिए। जहां पर पूरी तरीके से लाइटिंग की व्यवस्था हो यानी कि वहां पर अंधेरा ना हो और आपको अपनी किताब में सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा हो। वहां पर बिल्कुल शांति हो बार-बार आपको कोई भी डिस्टर्ब करने वाला ना हो। पढ़ाई करते समय हमें अपने फोन को दूर रखना चाहिए या फिर सिर्फ पढ़ाई के लिए ही फोन का इस्तेमाल करना चाहिए। 

बिना कोचिंग के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी

आजकल कोचिंग (Bina coaching competitive exam ki tayari )का दौर है प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले 90% विद्यार्थी कोचिंग का इस्तेमाल करते हैं। बच्चों का मानना यह हैं। की कोचिंग के माध्यम से उन्हें सही मार्गदर्शन और सही कंटेंट मिल जाता हैं। जिससे उनकी परीक्षाओं में प्रदर्शन की उम्मीद बढ़ जाती है और उन्हें तैयारी करने में भी आसानी होती है परंतु बिना कोचिंग के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे की जा सकती हैं। उसके विषय में नीचे पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी दी गई है। 

1. दृढ़ आत्मविश्वास :

हमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के दौरान आत्मविश्वास की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसा जरूरी नहीं होता की पहली बार में ही हमें सफलता हासिल हो जाए। हमें कई बार प्रयास करने की आवश्यकता होती हैं। उसके लिए अपने मन में आत्मविश्वास रखना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। यदि आपके मन में दृढ़ता है और आप अपनी हार से हर नहीं मान रहे हैं तो आप अपने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए एक बहुत अच्छे उम्मीदवार है। 

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को अपने मन में दृढ़ विश्वास रखना चाहिए कि वह आज नहीं तो कल अपनी परीक्षा में सफलता अवश्य हासिल कर पाएंगे। और एग्जाम को अवश्य क्लियर कर पाएंगे। इस आत्मविश्वास से ही बच्चे को आगे अच्छे तैयारी करने का मार्गदर्शन प्राप्त होता है। 

2. पाठ्यक्रम से संबंधित उपयुक्त पुस्तके :

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए हमें एक अच्छे मार्गदर्शन की आवश्यकता बहुत ज्यादा होती हैं। यदि मार्गदर्शन बिल्कुल सही दिशा में है तो परीक्षा को क्लियर कर पाना बहुत आसान हो जाता है। इसलिए परीक्षा का सबसे अच्छा मार्गदर्शन होता है उसका सिलेबस। 

जिस परीक्षा की आप तैयारी कर रहे हैं। उसका हमें सबसे पहले सिलेबस पूरा पढ़ना चाहिए और उसे सिलेबस के हिसाब से हमें अपने पाठ्यक्रम की पुस्तकों का चयन करना चाहिए। यदि पुस्तक परीक्षा की सिलेबस के हिसाब से हैं तो आप बहुत आसानी से पुस्तकों को पढ़कर परीक्षा को क्लियर कर पाएंगे। 

हमें पाठ्यक्रम से संबंधित सभी पुस्तकों को एवं उसे संबंधित अन्य कॉन्टेंट को अपने पास रखना चाहिए। किस पुस्तक की हमें किस समय आवश्यकता पड़ जाती हैं। यह हमें पता नहीं होता। आवश्यकता पड़ने पर हम अपनी पुस्तक को आसानी से याद कर पाते हैं। इसलिए सही पुस्तकों का चयन करना आवश्यक होता है। 

3. समय सारणी बनाएं :

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को समय सारणी बनाने की बहुत ज्यादा आवश्यक होती है। समय सारणी बच्चों के लिए बहुत हेल्पफुल हैं। समय सारणी के माध्यम से बच्चे अपने सभी विषयों को समान समय दे पाते हैं और उनका कोई भी टॉपिक या कोई भी विषय छुटता नहीं है. समय सारणी बनाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें अपने सभी टॉपिक या सिलेबस के हर भाग के विषय में जानकारी हो हमें किस टॉपिक को कितनी इंपॉर्टेंस देनी है और उसको कितना समय देना है। उसके विषय में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

 हमें अपनी सारणी को प्रैक्टिकल तौर पर बनाना चाहिए जिसको हम रोजाना फॉलो कर पाए। यदि हम अपने टाइम टेबल को अनुशासन से फॉलो करते हैं तो हमारा सभी टॉपिक अच्छे से कंप्लीट होंगे और कोई भी टॉपिक छूटेगा नहीं। यदि कोई भी टॉपिक छूट रहा है तो हम उसको अपनी सारणी के हिसाब से टाइम टेबल के समय में निकाल सकते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण होता है कि बच्चा अपने टाइम टेबल को अनुशासन के साथ फॉलो करें और उसे बहुत ध्यान लगाकर बनाएं। 

4. स्वयं नोट्स बनाएं :

प्रतियोगी परीक्षाओं में टीचर्स के द्वारा बच्चों को यह सलाह दी जाती है कि उन्हें अपने नोटिस का निर्माण स्वयं करना चाहिए। स्वत बनाए हुए नोटिस में बच्चा अपने सभी टॉपिक को अच्छी तरीके से और फूली लिखता हैं। उसे को किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है। वह सभी उन टॉपिक में वह ऐड करता हैं।इसलिए बच्चों को स्वयं नोट्स बनाना चाहिए बच्चा और क्या-क्या कर सकता है। उसके विषय में नीचे पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी दी गई। 

  • नोटिस का निर्माण करते समय हमेशा अपने टॉपिक को पॉइंट वाइज लिखना चाहिए। इससे हमें अपने नोटिस को समझने में आसानी होती हैं।
  • यदि हम अपने टॉपिक को पारा के माध्यम से लिख देते हैं तो कौन सी चीज कहां पर लिखी हैं। उसको हमें ढूंढना पड़ेगा जिसमें समय लगता है। 
  • नोटिस को आपको खुद बनाना है तो हमेशा उसे बहुत सरल भाषा में बनाना चाहिए। जिसको आप आसानी से समझ पाए नोट्स इसलिए बनाए जाते हैं। ताकि बाद में आप उसका रिवीजन कर पाए जब बाद में आप उसका रिवीजन करेंगे तो आपको वह भाषा आसानी से समझ में आनी चाहिए। 
  • आजकल टेक्नोलॉजी के युग में वॉइस नोट्स भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वॉइस नोट्स को आप समय मिलने पर अपने फोन या अपने लैपटॉप से सुन सकते हैं। इससे भी आपका अच्छा रिवीजन होता है और पढ़ाई करने में भी आसानी होती है। 
  • नोट्स बनाने के बाद यह जरूरी हो जाता है कि आप अपने टॉपिक को एक बार रिवाइज कर ले। यदि टॉपिक का रिवीजन आपने सही तरीके से किया हैं। तो उसमें गलती होने के कोई भी चांसेस नहीं रह जाते इसलिए रिवीजन आवश्यक होता है जो टॉपिक आपने नोटिस में लिखा है उसको एक बार सही तरीके से पढ़ना चाहिए। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हमें क्या करना चाहिए? 

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए टाइम टेबल बनाना चाहिए नोट्स बनाने चाहिए और अपने कोर्स को छोटे टॉपिक में डिवाइड करना चाहिए। 

Q. टाइम टेबल परीक्षा में कितना महत्वपूर्ण है? 

यदि आप अनुशासन के साथ टाइम टेबल फॉलो करते हैं तो आपका कोई भी टॉपिक एग्जाम्स में नहीं छूटता है। 

Q. हमें कैसी पुस्तक अपने पास रखनी चाहिए? 

हमें पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तक अपने पास रखनी चाहिए। 

Q. हमें कैसे स्थान पर बैठकर पढ़ना चाहिए? 

हमें हमेशा शांत स्थान पर बैठकर पढ़ना चाहिए। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें? (Competitive exam ki tayari )के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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