यदि आप एक Blogger या Youtuber है या किसी भी प्रकार की website पर वर्क करते है तो आपने CPC (CPC full form) के बारे में तो सुना ही होगा, आपने देखा होगा कि जब भी कोई विज्ञापन कंपनी किसी भी प्रकार के विज्ञापन लगाने के पैसे देती है तो वह CPC के अनुसार ही देती है, आपको आज इस article में CPC क्या है, CPC का फुल फॉर्म क्या होता है , किसी keyword पर CPC को कैसे set किया जाता है, आदि सभी जानकारी दी जाएगी।
CPC क्या है – CPC full form
सीपीसी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के पहले हमें सी पी सी की फुल फॉर्म पता होना चाहता आवश्यक है । यदि आपको सी पी सी की फुल फॉर्म पता नहीं होगी तो आप इसे अच्छी तरह से समझ नहीं पाएंगे –
CPC Full Form – Cost per Click
CPC Full Form in Hindi – क्लिक प्रति मूल्य
CPC एक प्रकार की इकाई है जिसके आधार पर किसी वेबसाइट पर लगे हुए ads को क्लिक करने पर website के मालिक को ads कंपनी द्वारा उस keyword पर निर्धारित की हुई राशि दी जाती है।
Keyword – जिसे visitor द्वारा सर्च किया गया है या जिस पर वह आर्टिकल लिखा गया है।
CPC के आधार पर पैसे कैसे दिए जाते है?
जब भी किसी Blog website पर कोई visitor किसी keyword को search करता है और वह किसी वेबसाइट पर जाता है तो उस website पर उसे बहुत से ads देखने को मिलते है जो कि उसके interest के होते है,
जब विजिटर उनमें से किसी विज्ञापन पर click करता है तो वह उस विज्ञापन की वेबसाइट पर Re-Direct हो जाता है, इस Re-direct को count किया जाता है और ट्रेक किया जाता है कि यह किस वेबसाइट से आया है और यह विज्ञापन उस वेबसाइट के किस keyword पर लगाया गया था ,ad लगाने वाली कंपनी द्वारा उस वेबसाइट के मालीक को CPC के अनुसार विज्ञापन लगाने के पैसे दिए जाते है।
CPC को अधिकतम रूप से सभी प्रकार की विज्ञापन कंपनी द्वारा उपयोग किया जाता है जिसमे Google AdSense, Media.net, INFOLINKS आती है|
Blogging में CPC बढ़ाने का तरीका [How to Increase CPC in Blogging]
BLOGGING में CPC बढ़ाने का एक ही तरीका है, जब भी आप किसी keyword पर कोई article लिखते है तो उस keyword के CPC के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए और आर्टिकल लिखने से पहले उस आर्टिकल से रिलेटेड एक high CPC keyword की खोज करे और उसपे आर्टिकल लिखे। सीपीसी बढ़ाने के लिए कुछ तरीके हैं जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है इन्हें आपको फॉलो करके अपने वेबसाइट की सीपीसी बढ़ा सकते हैं –
- हाई सीपीसी वाले कीवर्ड कवर करें
- कंटेंट के अनुसार Ads फॉर्मेट यूज़ करें
- ज्यादा अच्छा परफॉर्मेंस देने वाले ऐड फॉर्मेट का उपयोग करें
- एक बार में एक ऐड नेटवर्क का उपयोग करें
- ए/बी टेस्टिंग करें
- अपनी ऑडियंस को पहचाने और उन्हें बेहतर जानकारी प्रदान करें
- लॉन्ग कंटेंट लिखें
- वेबसाइट अथॉरिटी बढ़ाएं
- क्वालिटी कंटेंट लिखें
- मोबाइल फ्रेंडली थीम का उपयोग करें
- लो सीपीसी पे करने वाले ads को ब्लॉक करें
- एड्स को सही स्थान पर लगाएं
- टायर वन कंट्री को टारगेट करके आर्टिकल लिखें
- अपनी वेबसाइट का लेआउट फिक्स करें
- ऐडसेंस को एनालिटिक से कनेक्ट करें
1. हाई सीपीसी वाले कीवर्ड कवर करें [Cover keywords with high CPC] –
भारत में ब्लॉगिंग करने वाले लोगों को सदैव शिकायत रहती है कि उन्हें काफी कम सीपीसी मिल रही है। सीपीसी को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला फैक्ट आप का विषय अर्थात कीवर्ड है । यदि आप ऐसे विषय पर आर्टिकल लिखते हैं जिनकी सीपीसी काफी हाई है तो आपको कम ट्राफिक में भी अच्छी खासी कमाई हो सकती है ।
हाई सीपीसी प्राप्त करने के लिए आपको ऐसे कीवर्ड को रिसर्च करके प्राप्त करना होगा । जिनमें सीपीसी अच्छी खासी मिलती हो साथ ही उस कीवर्ड पर ट्रैफिक भी अच्छा हो । जब आप ऐसे की वर्ल्ड को टारगेट करके अपना आर्टिकल लिखेंगे तो यदि आपके आर्टिकल पर कम ट्राफिक भी आएगा तो भी आपकी कमाई ज्यादा होगी ।
2. कंटेंट के अनुसार Ads फॉर्मेट यूज़ करें [Use Ads Formats According to Content]
आप कोई भी ऐड नेटवर्क का उपयोग कर रहे हो वहां आपको कई तरह के Ads फॉर्मेट उपयोग करने के लिए मिल जाते हैं । यदि हम ऐडसेंस ऐड की बात करते हैं तो आपको ऐडसेंस ऐड में 5 तरह के ऐड फॉर्मेट आपको मिल जाते हैं । इनमें डिस्प्ले ऐड, इन-आर्टिकल एड, इनफीड्स ऐड, सर्च इंजिन ऐड एवं मल्टीप्लेक्स ऐड है । आप अपने कंटेंट के अनुसार इन ऐड फॉर्मेट को टेस्ट करें और इस तरह का आप का कंटेंट हो उस तरह के ऐड का उपयोग करें ।
जैसे यदि आपके होम पेज या कैटिगरी आर्काइव पेज की बात करें तो यहां पर आपको इनफीड्स Ads फॉर्मेट का उपयोग करना चाहिए यह ऐड आपको अच्छा परफॉर्मेंस प्रदान करेंगे । इसी तरह कंटेंट में आप इन-आर्टिकल ऐड और डिस्पले एड्स के साथ-साथ मल्टीप्लेक्स ऐड का भी उपयोग कर सकते हैं जो आपके कंटेंट के साथ अच्छा परफॉर्मेंस देते हो ।
3. ज्यादा अच्छा परफॉर्मेंस देने वाले ऐड फॉर्मेट का उपयोग करें [Use the best performing ad format]
जब आप कई तरह के ऐड फॉर्मेट का उपयोग अपनी वेबसाइट पर करेंगे तो आप ऐडसेंस अकाउंट में जाकर अपने ऐड की परफॉर्मेंस चेक कर सकते हैं, जिस Ads फॉर्मेट पर आपको ज्यादा क्लिक और जिस ऐड फॉर्मेट पर आपको ज्यादा अच्छी सीपीसी मिल रही हो आपको उस Ads फॉर्मेट का उपयोग करना चाहिए जिससे आपकी ओवरऑल कमाई बढ़ जाएगी ।
4. ए/बी टेस्टिंग करें [Do A/B Testing]
अपनी वेबसाइट की कमाई बढ़ाने के लिए आप तो ए/बी टेस्टिंग कर सकते हैं । इससे आपको पता चलेगा कि आप की वेबसाइट के लिए कौन जगह पर कौन Ads फॉर्मेट बेहतर काम करते हैं । और किन ऐड फॉर्मेट कौन जगह पर ऐड लगाकर अच्छी कमाई हो सकती है । जिन जगह पर जिस तरह के ऐड ऐड लगाने से आपको अच्छा रिस्पांस मिले आप उन्हें अपनी पूरी वेबसाइट पर इंप्लीमेंट कर सकते हैं जिससे आपकी वेबसाइट की कमाई बढ़ जाएगी ।
5. एक बार में एक ऐड नेटवर्क का उपयोग करें [Use one add network at a time]
ज्यादा कमाई के चक्कर में कई बार कई ब्लॉगर वेबसाइट में एक साथ कई ऐड नेटवर्क का उपयोग करते हैं ताकि उनकी कमाई ज्यादा हो सके । लेकिन यदि आप एक साथ में कई ऐड नेटवर्क का उपयोग करते हैं तो ओवराल आपकी वेबसाइट की कमाई बढ़ने के बजाय घट जाती है । एफिलिएट लिंक आप उपयोग कर सकते हैं लेकिन एक साथ कई ऐड नेटवर्क को वेबसाइट में लगाने से बचें ।
6. अपनी ऑडियंस को पहचाने और उन्हें बेहतर जानकारी प्रदान करें [Identify and better inform your audience]
गूगल एनालिटिक्स के माध्यम से आप पता करें कि आपके किस तरह के कंटेंट पर ज्यादा यूजर विजिट कर रहे हैं । जिन कंटेंट पर आपका ज्यादा ट्राफिक आ रहा हो आप उससे जुड़े टॉपिक को ज्यादा कवर करें । इसके साथ ही जिन कंटेंट पर आपको ज्यादा कमेंट प्राप्त हो रहे हो उनसे जुड़े और अन्य कंटेंट को कवर करें । हो सकता है ऐसे कंटेंट पर आपको सीपीसी कम मिलेगी लेकिन ओवरऑल यूजर्स को अच्छी जानकारी प्राप्त होगी और यदि आप का ट्राफिक बढ़ेगा तो आपकी वेबसाइट की कमाई ऑटोमेटिक बढ़ जाएगी ।
7. लॉन्ग कंटेंट लिखें [write long content]
लॉन्ग कंटेंट लिखने से मतलब यह नहीं है कि आप अपने कंटेंट में कुछ भी लिखते चले जाएं लॉन्ग आर्टिकल से मतलब यह है कि आप अपने आर्टिकल में पूरी जानकारी प्रदान करें । आधी अधूरी जानकारी अपने यूजर को ना दें आप अपने यूजर को अपने आर्टिकल के माध्यम से वह सभी जानकारी प्रदान करने की कोशिश करें जो यूजर को चाहिए हो ।
ताकि यूजर को आपके वेबसाइट पर विजिट करने के पश्चात किसी अन्य वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े । इससे आपका बाउंस रेट भी कम होगा साथ ही user engagement भी बढ़ेगी । जिससे आपकी कमाई भी बढ़ेगी और आपके वेबसाइट का ट्राफिक भी बढ़ेगा ।
वेबसाइट की अथॉरिटी सीपीसी पर काफी ज्यादा इफेक्ट डालती है । यदि कोई अच्छी अथॉरिटी वाली वेबसाइट कोई लो वैल्यू कंटेंट भी डाल ले तो भी उस वेबसाइट को अच्छी सी पी सी मिलेगी । इसके साथ ही यदि कोई न्यू कम अथॉरिटी वाली वेबसाइट यदि आईसीपीसी का आर्टिकल डालें तो भी उसे कुछ हद तक कम सीपीसी मिलेगी ।
आपने शायद खुद अनुभव किया होगा जब आपने शुरु शुरु में ऐडसेंस या किसी अन्य आईडी नेटवर्क का अप्रूवल लिया होगा तो आपको कुछ महीने तक सीपीसी काफी कम मिली होगी । जैसे जैसे आपकी वेबसाइट की अथॉरिटी और ट्राफिक बढ़ता जाता है वैसे ही आप की वेबसाइट की सीपीसी में भी फर्क दिखाई पड़ता है । लेकिन अथॉरिटी बढ़ाने के चक्कर में स्पैमिंग बिल्कुल भी ना करें नहीं तो यह आपके वेबसाइट पर नेगेटिव इंपैक्ट डालेगा ।
9. क्वालिटी कंटेंट लिखें [write quality content]
ब्लागिंग के क्षेत्र में हैं तो आपको यह जरूर पता होगा कि कंटेंट ही किंग है । यदि आपके वेबसाइट पर उपलब्ध कंटेंट अच्छा नहीं होगा तो आपकी वेबसाइट की डिजाइन स्पीड कुछ भी काम की नहीं है । आर्टिकल लिखते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप किसी अन्य वेबसाइट से किसी भी तरह का कॉपी पेस्ट ना करें । कंटेंट में किसी तरह मिस लीडिंग ना करें, यूज़र को अच्छी और उपयोगी जानकारी प्रदान करें ।
कई लोग तरह-तरह के दो इसमें अपने कंटेंट को डालकर उसकी क्वालिटी चेक करते हैं और फिर उनको अपनी वेबसाइट पर पब्लिक कर देते हैं । लेकिन यदि आपने आपने आप अच्छी क्वालिटी में कंटेंट लिखा है आपने कहीं से कोई कॉपी पेस्ट नहीं किया है तो आपको किसी टूल्स द्वारा आर्टिकल चेक करने की आवश्यकता नहीं है । कोई भी टूल अच्छी तरह से काम नहीं करता है । आप किसी टूल्स के चक्कर में ना पड़े तो ज्यादा अच्छा है ।
10. मोबाइल फ्रेंडली थीम का उपयोग करें [Use mobile friendly themes]
आप अपनी वेबसाइट में रिस्पांस मोबाइल फ्रेंडली थीम का उपयोग करें क्योंकि 80 90 परसेंट ट्राफिक मोबाइल से ही आता है । यद मोबाइल से आपकी वेबसाइट विजिट करने वाले यूजर्स को आपकी वेबसाइट सही तरीके से दिखाई नहीं देगी या आप की वेबसाइट पर उपलब्ध आर्टिकल को पढ़ने में उन्हें परेशानी होगी तो यूजर की वेबसाइट का उपयोग नहीं करेंगे । आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ जाएगा और धीरे-धीरे आपके वेबसाइट का ट्राफिक भी कम हो जाएगा ।
11. लो सीपीसी पे करने वाले ads को ब्लॉक करें [Block ads that pay low CPC]
आप चाहे तो लो सीपीसी देने वाले एड्स को ब्लॉक कर सकते हैं । जब आप बोलो सीपीसी प्रदान करने वाले एड्स को ब्लॉक कर देंगे तो आपकी वेबसाइट की ओवरऑल सीपीसी बढ़ जाएगी । लेकिन हमने कभी किसी लो सीपीसी वाले एड्स को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि लो सीपीसी वाले एड्स को ब्लॉक कर देंगे तो आप के वेबसाइट की ऐड फिल रेट कम हो जाएगी । मतलब यदि आपके कंटेंट के अनुसार हाई सीपीसीके ऐड उपलब्ध नहीं होंगे तो आपके वेबसाइट पर ऐड नहीं दिखाई देंगे । जिससे आपके वेबसाइट की कमाई पर फर्क पड़ सकता है ।
लो सीपीसी के ऐड को ब्लॉक करने से अच्छा है आप हाई सीटीपी को टारगेट करके आर्टिकल लिखें जिससे आपके वेबसाइट की सीपीसी बढ़ जाएगी । फिर भी यदि आप रख लो सीटीसी एड्स को ब्लॉक करना चाहते हैं तो आपको गूगल पर लो सीपीसी ऐड की लिस्ट मिल जाएगी आप उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं ।
12. एड्स को सही स्थान पर लगाएं [put the aids in the right place]
जगह-जगह पूरी वेबसाइट को ऐड से भरने के बजाय आप ऐड को ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पर यूजर आपके ऐड को आसानी से देख सके और यदि वह उनमें इंटरेस्टेड हो तो ऐड पर क्लिक कर सकें । आप आर्टिकल के बीच में ऐड का उपयोग कर सकते हैं जिससे आपके एड्स पर ज्यादा से ज्यादा इंप्रेशन प्राप्त होंगे और क्लिक रेट भी बढ़ेगी ।
13. टायर वन कंट्री को टारगेट करके आर्टिकल लिखें [Write an article targeting Tier One Country]
यह तो आप सभी लोग जानते हैं कि यूएस यूके जैसी कंट्री से आने वाले ट्राफिक से हाई सीपीसी प्राप्त होती है । तो आपको ऐसे कंट्री को टारगेट करके आर्टिकल लिखना चाहिए जहां से हाई सीपीसी प्राप्त होती हो और आपकी ओवरहाल कमाई बढ़ सके ।
14. अपनी वेबसाइट का लेआउट फिक्स करें [Fix your website layout]
आपकी वेबसाइट का लेआउट user-friendly होना चाहिए । यदि आपके वेबसाइट का लेआउट यूजर फ्रेंडली नहीं होगा तो आपके वेबसाइट पर यूजर आएंगे लेकिन उन्हें आपकी वेबसाइट का उपयोग करने में परेशानी होगी । यदि आपकी वेबसाइट का लेआउट सही नहीं होगा तो लोड होने वाले ऐड सही से दिखाई नहीं देंगे जिससे यूजर को परेशानी भी होगी और आपको लो सीपीसी भी प्राप्त होगी ।
15. ऐडसेंस को एनालिटिक से कनेक्ट करें [Connect Adsense to Analytics]
आपको अपने ऐडसेंस को गूगल एनालिटिक्स से कनेक्ट करना चाहिए ऐसा इसलिए कि आप कोई यह जानकारी प्राप्त हो पाएगी कि आपके किस कंटेंट पर कितनी कमाई हो रही है जिससे आप अपने वेबसाइट के कंटेंट को उसी अनुसार लिख सकेंगे साथी आप अपने यूजर के इंटरेस्ट को भी पहचान सकेंगे । इसके साथ ही आप अपने सीपीसी को भी ट्रैक कर पाएंगे और ओवरऑल अपनी वेबसाइट की कमाई को बढ़ा पाएंगे ।
CPC को कैसे निर्धारित किया जाता है – How is CPC keyword value determined
आपके मन में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि किसी भी keyword पर CPC को कैसे Decide किया जाता होगा, किसी keyword पर CPC को निर्धारित करने के लिए PPC(Pay Per Click) के सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है जिसमे keyword की Value, keyword competition, keyword Quality आदि को ध्यान में रखा जाता है।
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