Cyber Security in India? समय के साथ बढ़ते हुए इस टेक्नोलॉजी के जमाने में प्रतिदिन व्यक्ति डिजिटल होता जा रहा है, जिससे वह कंप्यूटर, लेपटॉप, मोबाइल जैसे उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग इंटरनेट के द्वारा अपने कार्य करने में कर रहा है ,अब के समय में जब लगभग सब कुछ डिजिटल हो रहा है तो व्यक्ति अपने Personal Data, अपने Bank details ,पेसो का लेनदेन भी ऑनलाइन माध्यम से कर रहा है|
इन कार्यो के फलस्वरूप प्रत्येक व्यक्ति का किसी अन्य व्यक्ति से इंटरनेट के माध्यम से संपर्क हो गया है , ऐसे में टेक्नोलॉजी के कुछ दुष्प्रभाव भी है जिसमे व्यक्ति को हानि भी उठानी पड़ सकती है जिसमे fraud, Hacking जैसे कार्य आते है यह सब व्यक्ति के बिना अनुमति के उसकी पर्सनल डेटा को चुरा लेते है और उसका गलत प्रकार से इस्तेमाल करते है, ऐसे में फ्रॉड, हैकिंग आदि से बचने के लिए Cyber Security का उपयोग किया जाता है जिसमे व्यक्ति को इन सभी प्रकार के खतरों से सुरक्षा प्रदान की जाती है|
आज के इस पोस्ट में हम आपको Cyber Security in Hindi के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं इस पोस्ट में हम आप को बताएंगे कि साइबर सिक्योरिटी क्या हैं? साइबर सिक्योरिटी क्यों जरुरी है, और Cyber Security कितने प्रकार की होती है|
साइबर सिक्योरिटी क्या है – Cyber Security in India
Cyber Security दो शब्दो से मिलकर बना है जिसमे Cyber का अर्थ इंटरनेट , जानकारी, तकनीकी, डेटा, कंप्यूटर, मोबाइल इत्यादि से है और सिक्योरिटी का अर्थ सुरक्षा से है जिसमे system security, network security, information security आते है|
Cyber Security को Hardware और Software की मदद से ओर भी अधिक मजबूत बनाया जाता है जिससे अन्य किसी प्रकार का डेटा चोरी न हो सके,
इस प्रकार ऑनलाइन होने वाली धोकाधड़ी से बचने के लिए साइबर सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है जिसमे कंप्यूटर Experts ओर इंटरनेट Experts होते है जो ऐसे फ्रॉड होने से बचाते है या बचने मैं मदद करते है|
साइबर क्राइम किसे कहते है
हैकर्स बिना यूजर के permission के उसके सिस्टम को हैक करके उसके निजी डेटा को चुरा लेते है और ऐसे हैकर्स को unethical Hackers कहा जाता है , इंटरनेट से होने वाले इस प्रकार के अपराधों को Cyber crime कहा जाता है
Cyber crime या cyber attack कितने प्रकार के होते है
Cyber attacks के बारे मे जानना बहुत ही आवश्यक है जिससे आप समय रहते ही अपने सिस्टम पर होने वाले attack को पहचान सके औरअपने आप को बचा सके|
1. Virus– वायरस के बारे में तो आप जानते ही होंगे यह एक malware र्पोग्राम होता है,इसमे वायरस बिना अनुमति के सिस्टम मैं प्रवेश कर लेते है और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को हानि पहुचते है और डेटा चुरा लेते है|
2. Adware – इसमे यूजर को लुभावने ads दिखाए जाते है जिनको हैकर्स द्वारा तैयार किया जाता है जिसको यूजर द्वारा download करने पर हैकर्स इसकी मदद से वह system access कर लेते है और डेटा चोरी कर लेते है|
3. Trojan horse – यह भी malware का एक समूह होता है जिसमे यह खुदको उपयोगी सॉफ्टवेयर या हानि रहित सॉफ्टवेयर के रूप में दरसाता है और यह वायरस को system में install करके उसके डेटा को डिलेट कर सकता है|
4. Ransomware – Ransomware एक वायरस होता है जो सिस्टम पर हमला करने के काम आता है , यह कंप्यूटर में रहने वाली फ़ाइल को नुकसान पहुचातता है|
5. Fishing Email– इसमे यूजर को ईमेल के द्वारा पेसो का लालच देकर , पर्सनल या बैंक डिटेल्स को ले लिया जाता है|
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साइबर सुरक्षा क्यों जरुरी है
टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग से साइबर सिक्योरिटी का होना बहोत ही आवश्यक है, आज प्रत्येक कार्य इंटरनेट के उपयोग से किया जा रहा है जिसमे अत्यधिक रूप से निजी डेटा का आदान प्रदान किया जा रहा है ऐसे में यूजर के लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल पर हैकिंग , फ्रॉड , डेटा लीक जैसी समस्याए आ सकती है , जिसके लिए साइबर सिक्योरिटी द्वारा सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है जिससे ऐसे होने वाले हमलो से बचा जा सके ओर अपनी personal डेटा को सुरक्षित रखा जा सके।
साइबर सुरक्षा के प्रकार
साइबर सुरक्षा में इसके प्रकार बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसमे हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर दोनों का उपयोग किया जाता है|
1. Antivirus – एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर में आने वाले या उपस्थित होने वाले वायरस को डिलीट कर देता है, यह एन्टी malware के नाम से भी जाना जाता है
2. Email security– ईमेल सुरक्षा ईमेल अटैक्स से बचने के लिए उपयोग किया जाता है जिसमे साइबर सिक्योरिटी द्वारा ईमेल को सुरक्षित रखा जाता है|
3. Network security – इसमे मुख्यतः firewall डिवाइस का उपयोग किया जाता है जिसमे incoming ओर outgoing traffic पर नियंत्रण किया जाता है जिससे खतरनाक cyber attack’s से बचा जाता है|
4. Application Security– devices में उपयोग किये जाने वाले सारि एप्लिकेशन के डेवलोपमेन्ट को ध्यान में रखा जाता है और एप्लीकेशन को नेटवर्क में उपयोग भी किया जाता है और उसे सुरक्षा प्रक्रिया से भी गुजारा जाता है इसमे कही प्रकार के user Rights का उपयोग किया जाता है|
5. Network access control – इसमें नेटवर्क से जुड़ने के लिए सुरक्षित प्रक्रियाये होती है जिसमे यूज़र्स के अनुसार नियम बनाये जाते है उपयोग होने वाले अधिकारों को सीमित कर दिया जाता है
6. Data loss prevention – इसमे साइबर सिक्योरिटी की मदद से डेटा की सुरक्षा को बढ़ाया जाता है , जिससे डेटा लीक ओर चोरी नही होता है|
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Cyber Security in India (साइबर सिक्योरिटी क्या है) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को अलग अलग प्रकार के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.
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