आज के समय में दुनिया इतनी व्यस्त है कि एक दूसरे के लिए किसी के भी पास समय नहीं है। व्यक्ति अपने कामों में इतना उलझा रहता है कि उन्हें अपने बच्चे को पालने पहुंचने उनके साथ खेलने उनके साथ बात करने तक का समय नहीं होता। बच्चे अधिकतर समय अकेले रहते हैं क्योंकि उनके माता-पिता दोनों ही नौकरी करते हैं इसलिए बच्चे को अकेला रहना पड़ता है।
अकेले रहने के कारण या तो बच्चा घर में ही कोई गेम खेल सकता है या फोन चला सकता है या फिर वीडियो गेम के माध्यम से अपना मनोरंजन कर सकता है। अकेले रहने वाले बच्चों का मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन वीडियो गेम है। वीडियो गेम में समय का पता नहीं चलता और बच्चे का मनोरंजन भी हो जाता है बच्चे को घर से निकलने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चों पर वीडियो गेम के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव के विषय में बात करेंगे हम आपको बताएंगे की वीडियो गेम बच्चों के दिमाग पर किस प्रकार से डाल सकता है। तथा इसके क्या क्या प्रभाव हो सकते हैं यदि आप इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
क्या वीडियो गेम बच्चों के लिए सही है?(Is video games good for health?)
किसी भी चीज का प्रभाव बच्चे पर सकारात्मक की पड़ सकता है और नकारात्मक भी पड़ सकता है किसी भी कार्य को करने के दोनों प्रभाव हो सकते हैं। वीडियो गेम बच्चे के लिए सही है या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे के द्वारा किस प्रकार का वीडियो गेम खेला जा रहा है और वह उसके लिए कितना समय दे रहा है।
वर्ष 2008 के अध्ययन से यह मालूम पड़ता है की वीडियो गेम्स बच्चे के शैक्षिक स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। वीडियो गेम बच्चे के दिमाग पर सकारात्मक असर डालता है तथा एक दूसरे अध्ययन में यह पता चला है की फाइटिंग वाले वीडियो गेम बच्चे पर नकारात्मक असर डालते हैं और उसे चिड़चिड़ा और लड़ाकू बनाते हैं।
इसलिए यह बात बोला था इस पर निर्भर है कि बच्चा कितने समय तक वीडियो गेम खेलता है और वह किस प्रकार का वीडियो गेम खेलता है। यदि बच्चे द्वारा खेला गया वीडियो गेम शिक्षा से संबंधित है तो उसकी शैक्षिक योग्यता बढ़ेगी और बैग निश्चित समय के लिए वीडियो गेम खेलता है। तब बच्चे पर इसके सकारात्मक प्रभाव बढ़ेंगे परंतु यदि बच्चा दिनभर वीडियो गेम खेलता है तो यह बच्चे के दिमाग तथा सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसलिए माता-पिता को बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए और बच्चे पर यह नजर रखनी चाहिए कि बच्चा किस प्रकार का गेम खेलता है।
वीडियो गेम के बच्चों पर 10 सकारात्मक प्रभाव | (Positive Effects Of Video Games)
ऊपर लेख में हमने आपसे यह स्पष्ट किया है की बच्चों पर वीडियो गेम्स के सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। यह बच्चे के खेलने के समय व वीडियो गेम के प्रकार पर निर्भर करता है कि किस प्रकार का वीडियो गेम बच्चा खेल रहा है उसी आधार पर हम आपको वीडियो गेम के 10 सकारात्मक प्रभाव के विषय में बताएंगे।
1. सामाजिक कौशल व मनोदशा को बेहतर बनाए
वीडियो गेम में कई ऐसे भी खेल होते हैं जिसमें 1 से अधिक खिलाड़ी मिलकर खेलता है अर्थात एक टीम के रूप में वीडियो गेम को खेला जाता है। जब एक टीम गेम के अंदर खेलती है उस गेम में बच्चा अपने परिवार अपने पड़ोसी तथा अपने दोस्तों के साथ भी खेलता है। साथ में खेलने से बच्चे में सामाजिक कौशल का विकास होता है बच्चा अपने दोस्तों तथा परिवार के लोगों से अटैच महसूस करता है। बच्चे की मनोदशा बेहतर होती है बच्चे का दिमाग स्वस्थ होता है और वह सामाजिकता को ग्रहण कर लेता है।
एनसीबीआई की रिजल्ट से यह पता चला है कि जो बच्चे सर मिले होते हैं वह वीडियो गेम्स के माध्यम से अपना मनोरंजन करना पसंद करते हैं सरमिले बच्चे सामाजिक होने में कतराते हैं इसलिए वीडियो गेम उनका मनोरंजन करने का एक बहुत अच्छा साधन है वीडियो गेम्स के माध्यम से बच्चे अपने परिवार तथा पड़ोसियों के साथ मिलकर खेलते हैं। इससे बच्चे की मनोदशा विकसित होती है गेम के द्वारा बच्चे को एक भरोसेमंद दोस्त भी मिल सकता है इससे बच्चे का मानसिक विकास भी होता है और वह लोगों के साथ मिलना जुलना भी पसंद करने लगता है।
2.रचनात्मकता को बढ़ावा दें
वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों के अंदर रचनात्मकता का विकास अधिक मात्रा में होता है। बच्चे अपने दिमाग की समझ सकती को विकसित करते हैं बच्चों पर किए गए एक शोध के अनुसार जो बच्चे वीडियो गेम खेलते हैं तथा जो बच्चे टेलीविजन देखते हैं। इन पर एक शोध किया गया था शोध के परिणाम यह आते हैं कि टेलीविजन देखने वाले बच्चे कम रचनात्मक होते हैं।
लेकिन वीडियो गेम खेलने वाले बच्चे अधिक रचनात्मक होते हैं क्योंकि गेम्स में विभिन्न तरीके के पड़ाव आते हैं। बच्चे को हर तरीके के समस्याओं को सुलझाना पड़ता है। इससे बच्चे के अंदर समस्त शक्ति विकसित होती है और बच्चा सभी प्रकार की समस्याओं पर ठीक प्रकार से निदान कर पाता है इसलिए रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए वीडियो गेम एक बेहतर उपाय हैं।
3.समस्याएं सुलझाने का कौशल बढ़ाए
वीडियो गेम्स के माध्यम से बच्चा कठिन समस्याओं को सुलझा पाने में कारगर हो जाता है जो बच्चे पजल वाले वीडियो गेम खेलते हैं। उनके अंदर समस्या समाधान का स्तर अच्छा होता है पजल के अंदर अपने दिमाग को लगाकर उसे सॉल्व किया जाता है।
इससे बच्चे के दिमाग की समस्त शक्ति विकसित होती है पजल में बहुत सारी दी गई पहेलियां बच्चों को तुरंत सुलझा नहीं होती हैं। पहेलियों को समझाने से बच्चों के अंदर समस्याओं को समझाने की कला विकसित होती है इसलिए बच्चे कठिन से कठिन समस्या समाधान को अच्छी तरह से समझ पाते हैं और उन्हें अपनी असल जिंदगी में भी प्रयोग कर पाते हैं।
4.एकाग्रता बढाए
शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर करेवीडियो गेम के द्वारा बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है। यदि बच्चे टारगेट वाले गेम खेलते हैं ऐसे गेम जोन में कुछ पड़ाव पार करने होते हैं जिनमें पीछे कि चाल को याद रख कर आगे का गेम खेला जाता है। ऐसे गेम्स में मन की एकाग्रता बढ़ती है ऐसे गेम्स में दिमागी संतुलन बनाने में मदद मिलती है।
5.मस्तिष्क की कार्यक्षमता बेहतर करे
वीडियो गेम्स के माध्यम से मस्तिष्क की कार्य क्षमता बेहतर होती है वीडियो गेम्स में अलग-अलग पड़ाव पर अलग-अलग प्रकार से खेलना है। इसमें दिमाग का पूरा इस्तेमाल करके गेम को जीता जाता है इसलिए मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ाने में वीडियो गेम बहुत मददगार साबित होते हैं। मस्तिष्क का हर भाग लगाकर गेम को जीता जाता है इसलिए वीडियो गेम मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं।
6.परिस्थिति के प्रति जागरूक बनाए
वीडियो गेम्स के माध्यम से बच्चा परिस्थिति को किस प्रकार संभाला है यह सीखता है। वीडियो गेम्स हर प्रकार की परिस्थिति का सामना करना पड़ता है हर परिस्थिति को अलग प्रकार से समझाया जा सकता है। दिमाग की मदद से ही गेम के हर पड़ाव को सुलझा सकते हैं इसमें किसी की मदद नहीं ली जा सकती क्योंकि एक्शन बहुत तेज लेना पड़ता है। इसलिए वीडियो गेम्स खेलने वाले बच्चे परिस्थितियों के प्रति जागरूक होते हैं ।
एक अध्ययन से यह मालूम हुआ है कि बच्चों और वयस्कों को साइकिल चलाने की ट्रेनिंग देने के लिए ऑनलाइन वीडियो गेम के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाती है। यह एक बहुत अच्छा और कारगर साधन बना है ऐसा दिन में शामिल बच्चों और बालकों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
7.नए कौशल सीखने के लिए प्रोत्साहित करे
वीडियो गेम्स में हर चीज नई होती है हर पड़ाव को पार करने के लिए नई तकनीक की आवश्यकता होती है। उन तकनीकों को लगातार गेम्स खेल कर सीखा जाता है गेम खेलकर दिमाग का गेम के प्रति हर प्रकार सी चीजों को समझने मैं मदद मिलती है। नए कौशल सीखने के लिए बच्चे प्रोत्साहित होते हैं बच्चा अपने दिमाग को पूरी तरह विकसित करता है हर प्रकार के तथ्यों को समझता है और उन्हें अपने जीवन में इस्तेमाल करता है।
वीडियो गेम बहुत प्रकार के होते हैं इनमें एक प्रकार एक्शन वीडियो गेम्स का होता है एक्शन वीडियो गेम्स खेलने में बच्चों को बहुत आनंद आता है। इसमें नई नई टेक्निक सीखने में मदद मिलती है एक्शन वीडियो गेम बच्चों की सुनने और देखने की क्षमता को बढ़ाता है। वीडियो गेम में शामिल गेम के अपोनेंट को मारना होता है इसके लिए गेमर को हर अपोनेंट या शत्रु पर नजर रखनी होती है इसलिए एक्शन वीडियो गेम को खेलना चाहिए इससे देखने की गुणवत्ता बढ़ती है बा गेमर की नजर हर व्यक्ति पर रहती है। एक्शन गेम्स को खेलने से
विजुओस्पाटियल (चीजों को बारीकी से देखना और समझना) जैसे अनुभव भी होते हैं। एनसीबीआई के अध्ययन में यह पुष्टि होती है की एक्शन गेम्स के माध्यम से व्यवहार तथा कार्य क्षमता में परिवर्तन लाया जा सकता है।
9.आंख और हाथ के तालमेल को बढ़ाए
आंख और हाथ के तालमेल को बढ़ाने का अर्थ आंखों से किसी चीज को देखना तथा तीव्र गति से हाथों से उसकी प्रक्रिया देना होता है। यदि प्रतिक्रिया तेज गति से नहीं थी जाती तो गेम में हार सकते हैं इसलिए वीडियो गेम आंख और हाथ के तालमेल को बढ़ाने में मदद करते हैं।
वीडियो गेम में किसी शत्रु पर नजर आंखों से पढ़ती है और हाथ के माध्यम से उस शत्रु को तरस मार गिराना होता है। कुछ लोगों में यह एक्शन बहुत तेज होता है उनके आंख और हाथ का तालमेल अच्छा होता है। परंतु कुछ लोग प्रतिक्रिया देने में देरी करते हैं इसलिए वीडियो गेम्स के माध्यम से इस तालमेल को विकसित करने में मदद मिलती है।
एक शोध के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ है कि रोजाना यदि 10 मिनट भी यदि वीडियो गेम खेला जाता है तो वह आंख और हाथ के तालमेल को बढ़ाने में बहुत मदद करता है।
10. शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर करे
कुछ वीडियो गेम कैसे होते हैं जिनमें शारीरिक गतिविधियां भी शामिल होती हैं। यदि बच्चा ऐसे वीडियो गेम्स को खेलता है तो बच्चे का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है गेम्स को खेलने से बच्चा हष्ट पुष्ट होता है। एक शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि जो बच्चे वीडियो गेम खेलते हैं वह शारीरिक रूप से जैसे ह्रदय, बजन, शारीरिक समस्याओं आदि में सुधार हुआ है। इसलिए वीडियो गेम्स के माध्यम से शरीर के स्वास्थ्य को ठीक किया जा सकता है।
यदि शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तब ही दिमाग ठीक प्रकार से काम कर पाएगा। इसलिए शरीर का स्वस्थ होना बहुत अधिक आवश्यक है वीडियो गेम किसी शारीरिक गतिविधि की तरह शरीर के अंगों को ठीक रखने में मदद करते हैं।
वीडियो गेम के बच्चों पर 7 नकारात्मक प्रभाव | Negative Effects Of Video Games )
ऊपर हमने आपको वीडियो गेम के सकारात्मक प्रभाव के विषय में बताया है। यदि वीडियो गेम का चुनाव ठीक है और उसे एक निश्चित समय के लिए खेला जा रहा है तब ही वह सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इसके विपरीत यदि वीडियो गेम के विभिन्न प्रकारों में बच्चे का चुनाव किसी गलत गेम के लिए किया गया है और वह दिन-रात सर वीडियो गेम खेलता रहता है तो यह बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। नीचे हमने आपको वीडियो गेमस के कुछ नकारात्मक प्रभावों के विषय में बताया है।
आक्रामक व्यवहार :
बच्चों का मन कोमल होता है सामान्यता वह जिन चीजों को देखते हैं अपने जीवन में उन्हीं चीजों को उतार लेते हैं उन्हें अच्छे तथा बुरे की समझ नहीं होती। इसलिए यदि वह वीडियो गेम्स में आक्रमक प्रकार के गेम्स को खेलते हैं तब यह बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और उसे हिंसक बना सकता है।
इसलिए माता-पिता को बच्चों द्वारा खेले जाने वाले गेम्स के विषय में जानकारी होनी चाहिए बच्चों के द्वारा खेले गए गेम्स का समय माता पिता के द्वारा निश्चित किया जाना आवश्यक है। इसलिए हमेशा बच्चे को ऐसे गेम्स खिलाने चाहिए जो उसके व्यवहार को बेहतर बनाएं ना कि उसके व्यवहार को खराब करें।
गलत मूल्यों या बातों को दिखाना
वीडियो गेम में मनोरंजन के कारण बहुत सारे प्रकार के कंटेंट को डाला जाता है यह कंटेंट हर प्रकार का हो सकता है। इसमें अच्छी चीजें भी दिखाई जाती हैं तथा बुरी चीज है जो व्यक्ति के व्यवहार को खराब कर सकती हैं। उसे भी दिखाया जाता है जैसे धूम्रपान करना लापरवाही के साथ गाड़ी चलाना आदि ऐसे गेम से बच्चों को हमेशा दूर रखना चाहिए।
बच्चे हमेशा ऐसे वीडियो गेम्स बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं तथा उसके व्यवहार को आक्रमक बना सकते हैं इसलिए बच्चों को गलत मूल्य से या बातों से दूर रखना चाहिए। बच्चे बुराइयों को बहुत जल्दी ग्रहण कर लेते हैं इसलिए माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वह बुराइयों को अपने बच्चे के पास भी ना आने दे।
खराब सामाजिक विकास
वीडियो गेम खेलने की वजह से बच्चे का सामाजिक विकास प्रभावित हो सकता है जो बच्चे वीडियो गेम खेलते हैं। वह ज्यादातर अकेला रहना पसंद करते हैं यदि बच्चा हमेशा वीडियो क्यों नहीं चलता है यदि वह कभी आउटडोर गेम्स खेलने नहीं जाता तो वह अपने सामाजिक विकास को बहुत अधिक प्रभावित करता है।
लोगों से मिलना जुलना उनसे बातचीत करना बच्चा बिल्कुल भूल से जाता है और जब वह समाज में जाता है तब उसे समाज के साथ कदम मिलाकर चलना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को आउटडोर गेम जरूर खिलाने चाहिए बच्चों को लोगों से मिलना जुलना उनसे बात करना सीखना बहुत अधिक आवश्यक है।
शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं
वीडियो गेम्स के द्वारा बच्चे की शारीरिक गतिविधियां बहुत प्रभावित होती हैं बच्चा एक ही स्थान पर बैठकर गेम खेलता रहता है। चलना फिरना, खेलना यह सब बच्चा भूल जाता है बच्चे के खाने पीने तथा सोने का समय भी प्रभावित होता है। इसके कारण बच्चे के अंदर बहुत सारे प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं।
शारीरिक श्रम ना करने के कारण बच्चा आलसी हो सकता है व उसका मोटापा बढ़ सकता है। मोटापे के कारण बच्चे के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एक अध्ययन से यह पता चला है की शारीरिक श्रम ना करने से लगातार वीडियो गेम्स खेलने से बच्चे का मानसिक स्तर प्रभावित होता है और यह दौरे आने का कारण भी बन सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
अधिक समय तक वीडियो गेम खेलने से बच्चे के सोने का समय प्रभावित होता है। नींद लेना शरीर को स्वस्थ रखने का एक बहुत अहम हिस्सा है इसलिए मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना बहुत अधिक आवश्यक है। अधिक गेम खेलने के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन हो सकता है।
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) से पीड़ित बच्चों के अंदर आत्म नियंत्रण की कमी होती है। बच्चों के वीडियो गेम खेलने की लत लग सकती है किसी भी प्रकार की लत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है इसलिए माता-पिता अपने बच्चे के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
शैक्षणिक प्रदर्शन से जुड़ी समस्याएं
अधिक समय तक वीडियो गेम देखना है टीवी के सामने बैठना बच्चे की आंखों को नुकसान हो सकता है ब यह शैक्षिक समस्या का भी परिणाम हो सकता है। अधिक वीडियो गेम खेलने की लालसा के कारण बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता और वह हर समय अपने गेम के विषय में सोचता रहता है।
पढ़ाई करते समय भी बच्चे के वीडियो गेम खेलने के लिए विचार आ सकते हैं क्योंकि बच्चा जिस चीज को बहुत अधिक पसंद करता है। उस चीज के विषय में हमेशा सोचता रहता है इस कारण बच्चा अपने पढ़ाई में ध्यान नहीं रह पाता और वह अपने शैक्षणिक प्रदर्शन में पीछे हो जाता है।
मस्तिष्क को अधिक उत्तेजित करना
वीडियो गेम्स खेलने से बच्चे का मस्तिष्क अधिक उत्तेजित होता है बच्चे के दिमाग की सोचने समझने की क्षमता बहुत अधिक बढ़ती है।इस कारण बच्चे का दिमाग हर और विकसित होता है ऊपर लेख में भी हमने आपको बताया है कि कैसे वीडियो गेम में विभिन्न पड़ाव को पार करने पर दिमाग में समझ सकती बढ़ती है तथा दिमाग हर और चौकन्ना रहने का प्रयास करता है।
परिणाम इसके विपरीत भी हो सकते हैं। बच्चे के अंदर समझ सकती घट भी सकती है इसलिए माता-पिता को अपने बच्चे का पूर्ण रूप से ध्यान रखना चाहिए और बच्चे को अधिक वीडियो खेल नहीं खेलने देना चाहिए।
बच्चों को वीडियो गेम की लत लगने की निशानी
वीडियो गेम खेलना बहुत अधिक दिलचस्प होता है इसके विभिन्न विभिन्न पड़ाव होते हैं जिसमें हर पड़ाव को पार करने का लालच मन में आता रहता है। धीरे-धीरे वीडियो गेम खेलने से बच्चे को वीडियो गेम की लत में लगाती है। नीचे दिए पॉइंट में हमने आपको बच्चे के अंदर वीडियो गेम की लत के कुछ लक्षण बताएं यदि ऐसे लक्षण आपके बच्चे में पाए जाते हैं तो आपको उसके प्रति तुरंत संज्ञान लेना बहुत अधिक आवश्यक है।
बच्चों को वीडियो गेम की लत लगने के शारीरिक लक्षण (symptoms of addiction of Video games):
- गर्दन, कलाई और कोहनी में दर्द होना।
- पेशाब को न रोक पाना, खासकर सोते समय।
- कलाई या शरीर के जोड़ों में सूजन होना।
- हाथ और बाजुओं में कंपन्न होना।
- बार-बार मोच आना।
- भ्रम की स्थिति पैदा होना।
- शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण वजन बढ़ना या ओबेसिटी।
बच्चों को वीडियो गेम की लत लगने के भावनात्मक लक्षण :
- बच्चे को वीडियो गेम का खेल रोकने में परेशानी महसूस होना।
- अधिक समय तक वीडियो गेम खेलने की इच्छा होना।
- वीडियो गेम के बिना खाली महसूस करना, उदास रहना या चिड़चिड़ा होना।
वीडियो गेम ब्रेन (दिमाग) पर किस तरह असर डालता है?(How video games affect mind of child)
जैसा कि हमने आपको ऊपर लेख में बताया है कि वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों के अंदर दिमाग की छमता का किस प्रकार विकास होता है। वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों के अंदर एकाग्रता कार्य क्षमता चीजों को समझने की शक्ति बहुत अधिक विकसित होती है। उसके कुछ सकारात्मक प्रभाव है एक शोध से स्पष्ट हुआ है कि वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों की अपेक्षा वीडियो गेम खेलने वाले बच्चे अपने आसपास की चीजों पर नजर रखने और चीजों को सुलझाने में कम कारगर साबित होता है। जबकि वीडियो गेम खेलने वाले बच्चे हर चीज के प्रति चौकन्ना रहते है और हर पेचीदा परेशानी को समझाने में आगे रहते हैं।
वीडियो गेम के सकारात्मक प्रभाव के साथ-साथ इसके नकारात्मक प्रभाव भी है। अगर वीडियो गेम के नकारात्मक प्रभावों के विषय में बात करें तो अधिक वीडियो गेम खेलने से बच्चे के दिमाग का हिप्पोकेंपस हिस्सा सबसे अधिक प्रभावित होता है।
हिप्पोकेंपस दिमाग का एक सबसे प्रमुख भाग होता है तथा यह याददाश्त के लिए उत्तरदाई होता है ऊपर भी हमने आपको स्पष्ट किया है कि बच्चा यदि अधिक देर तक वीडियो गेम खेलता है तथा उसका वीडियो गेम के प्रति चुनाव आक्रमक है। ऐसा वीडियो गेम बच्चे के दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए माता-पिता को बच्चे के खेले जाने वाले गेमस पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
माता-पिता बच्चों पर वीडियो गेम के नकारात्मक प्रभाव को कैसे रोके?(Prevention from the Negative Effect of video games)
ऊपर हमने आपको वीडियो गेम्स की लत के लक्षणों के विषय में बताया है। यदि आपका बच्चा भी वीडियो गेम खेलता है और आपको भी उसके अंदर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो यह लक्षण आपके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। माता-पिता बच्चे को वीडियो गेम उसके प्रभाव से किस प्रकार बचा सकते हैं इस विषय में हमने आपको नीचे पॉइंट्स में बताया है।
- बच्चों के वीडियो गेम खेलने का समय निश्चित कर दें तथा शक्ति से इस समय से अधिक ना खेलने की हिदायत दे।
- आपका बच्चा जिस उम्र का है उसी हिसाब से वीडियो गेम बच्चे को खिलाना चाहिए।
- यदि बच्चा छोटा है तब उसे शैक्षणिक योग्यता से संबंधित वीडियो गेम्स खिलाने चाहिए। बच्चे को हिंसक वीडियो गेम्स दिलवाने से बचना चाहिए जिससे बच्चे का व्यवहार नकारात्मकता की ओर जा सकता है।
- बच्चे को वीडियो गेम दिलाने से पहले माता-पिता को उस वीडियो गेम की जांच खुद करनी चाहिए तथा उसके प्रभावों के विषय में अच्छे से जान देना चाहिए । यदि वीडियो गेम प्रतिकूल प्रभाव बच्चे के दिमाग पर डालता है ऐसा वीडियो गेम बच्चे को कभी नहीं दिलवाना चाहिए।
- बच्चे को हर समय वीडियो गेम्स खिलाने से बचना चाहिए बच्चे को इनाम के तौर पर वीडियो गेम्स खिलाना चाहिए। उदाहरण के लिए बच्चे को यह बताएं कि यदि वह होमवर्क कंप्लीट करेगा तभी आप उसे वीडियो गेम्स खेलने के लिए दे सकेंगे। इससे बच्चा अपने कार्य को ठीक प्रकार से तथा समय पर कर पाएगा परंतु माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के मन में किसी भी कार्य को लेकर लालच नहीं बैठना चाहिए।
- बच्चे से यह पहले ही बात कर लेनी चाहिए कि वह यदि शारीरिक गतिविधियां जैसे खेलकूद स्विमिंग आदि करता है। तभी आप उसे वीडियो गेम खेलने की इजाजत दे सकते हैं सप्ताह में 1 दिन 10 से 15 मिनट बच्चे को वीडियो गेम खेलने की इजाजत देनी चाहिए।
- बच्चे का खाने तथा खेलने के समय के साथ कभी भी कोई कोताही नहीं करनी चाहिए। बच्चे को दोपहर के बाद ही वीडियो गेम्स देना चाहिए जिससे वह खाने का समय वीडियो गेम्स के लिए खराब ना करें।
- बच्चे को हमेशा ऐसे वीडियो गेम दिलवाने चाहिए जो मल्टीप्लेयर हो जिससे परिवार के लोग तथा उसके दोस्त भी बच्चे के साथ खेल सके।
- बच्चे के कमरे में कभी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स नहीं रखना चाहिए यदि आप बच्चे के कमरे में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स रखेंगे तो वह दिन भर भी जो गेम खेल सकता है और इसके विषय में आपको पता भी नहीं चलेगा। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को हमेशा एक सामान्य कमरे में रखना चाहिए जिसमें सभी का आना जाना हो जिससे आप बच्चे के गेम खेलने तथा गैजेट्स को इस्तेमाल करने पर नजर रख सकें।
- बच्चे की ऑनलाइन एक्टिविटी उसका मां-बाप को ध्यान रखना चाहिए कि यदि वीडियो गेम खेलते समय बच्चे किसी अजनबी से बात कर रही है तो माता-पिता को उस पर नजर रखनी चाहिए कि बच्चा कैसे और क्यों बात कर रहा है। क्योंकि ऑनलाइन बहुत सारे ऐसे प्रकार के लोग होते हैं जो बच्चे को पहचाने और उन्हें गलत रास्ते पर ले जाने का काम करते हैं इसलिए बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखना बहुत अधिक आवश्यक है।
- यदि पेरेंट्स भी अपने बच्चे के साथ वीडियो गेम खेल रहे हैं तो उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि तय समय सीमा से अधिक बच्चे को वीडियो गेम हमें चलाने चाहिए। यदि माता-पिता ही बच्चे के टाइमटेबल को खराब करते हैं तब बच्चे के रूटिंग पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- बच्चे को यह अवश्य समझाना चाहिए की वीडियो गेम खेलते समय किसी अजनबी के साथ निजी जानकारी को कभी भी शेयर नहीं करना चाहिए। वीडियो गेम्स में मिलने वाले या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले लोग बिल्कुल अजनबी होते हैं। उनके विषय में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी बच्चे को पता नहीं आती इसलिए उन्हें ऑनलाइन लोगों के विषय में पूरी जानकारी देनी चाहिए जिससे वह वीडियो गेम खेलते समय लोगों से बातचीत करने में सजग रहें और उन्हें क्या बात करनी है इस विषय में ध्यान रखें।
निष्कर्ष
ऊपर लेख के माध्यम से हमने आपको बताया है कि किस प्रकार वीडियो गेम बच्चे के शारीरिक तथा मानसिक विकास पर प्रभाव डालता है। वीडियो गेम्स के द्वारा बच्चे का दिमाग बहुत तेजी से विकसित होता है वह हर और चौकन्ना रहता है तथा हर चीज में उसकी नजर रहती है तथा हाथों में उसका तालमेल बिल्कुल सही बनने लगता है। वीडियो गेम के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव के विषय में इस आर्टिकल में हमने आपसे बात की है। 3
अधिक वीडियो गेम खेलना या वीडियो गेम की लत होना शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है इससे बच्चे का मानसिक विकास भी प्रभावित होता है इसलिए माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि जो भी वीडियो है। बच्चे को खेलने को दिया जा रहा है उसे आप खुद खरीद कर लाए और उसके प्रभावों के विषय में अच्छे से जान लें। जिससे बच्चे के अंदर किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव पैदा ना हो उसका व्यवहार हिंसात्मक ना बने।
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