ग्राम प्रधान कौन है? | ग्राम प्रधान कैसे बने? | चुनाव कैसे होता है? | योग्यता, वेतन, कार्य

यह तो हम सब जानते हैं कि भारत देश गांव क्षेत्र में बहुत प्रमुख है। पुराने समय में अधिकतर लोग गांव में रहा करते थे। आज के समय में भी बड़े बुजुर्ग गांव में रहना पसंद करते हैं। क्योंकि गांव में बहुत अधिक एकता देखने को मिलती है। परंतु गांव में भी सरकार द्वारा प्रशासन का प्रावधान है। इसीलिए गांव में ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है। जिसका सबसे प्रमुख अंग प्रधान होता है। गांव में रहना एक बहुत अच्छी बात है। परंतु गांव से संबंधित सभी जानकारी आपको पता होनी आवश्यक है। यदि आपको नहीं पता ग्राम प्रधान क्या है? तो इससे संबंधित सभी जानकारी हम इस लेख में देंगें।

आज हम आपको अपने इस लेख में Gram Pradhan Kya Hai? Gram Pradhan Kaise Bane? ग्राम प्रधान बनने के लिए योग्यताएं? आदि से संबंधित सभी जानकारी बताएंगे। यदि आप में रहने वाले व्यक्ति हैं। तो आपको इससे संबंधित सभी जानकारी होनी चाहिए। यदि आप गांव में नहीं रहते हैं। तो भी आपको यह पोस्ट अंत तक अवश्य पढ़नी चाहिए। क्योंकि ग्राम प्रधान अपने आप में एक उच्च पद होता है। जो संपूर्ण गांव का संचालन करता है। यदि आप अधिक जानकारी को जानना चाहते हैं। तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

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ग्राम प्रधान कौन होता है? (What is Gram Pradhan?)

हमारे संविधान में पंचायती राज व्यवस्था का प्रावधान दिया हुआ है। जिसके तहत प्रत्येक गांव स्तर में एक पंचायत होना अनिवार्य है। जिस प्रकार ग्राम स्तर पर पंचायत, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति होती है। उसी प्रकार जिला स्तर पर जिला परिषद का संविधान में प्रावधान दिया गया है। 73वें संविधान संशोधन के तहत पंचायती राज व्यवस्था के संविधान के अंदर जोड़ा गया है। जिन गांव में 1000 से अधिक जनसंख्या निवास करती है। उसमें ग्राम पंचायत का होना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत द्वारा गांवों में विकास कार्य किया जाता है। ग्राम पंचायत के अंदर एक से अधिक गांव आ सकते हैं। तथा वह उन सभी गांव के लिए विकास कार्य करती है।

ग्राम प्रधान कौन है? | ग्राम प्रधान कैसे बने? | चुनाव कैसे होता है? | योग्यता, वेतन, कार्य

प्रत्येक ग्राम पंचायत एक निर्वाचित व्यक्ति द्वारा संचालित की जाती है। जिसे हम ग्राम प्रधान के नाम से जानते हैं। इसे गांव का मुखिया भी कहा जाता है। ग्राम प्रधान का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। ग्राम पंचायत के सभी कार्य गांव में रहने वाले लोगों की समस्याओं पर निर्भर करते हैं। एक हजार की आबादी पर 1 ग्राम पंचायत का प्रावधान है। जिन ग्राम पंचायत की आबादी 1000 से कम होती है। उनके आसपास के छोटे गांवों को मिलाकर एक पंचायत बनाई जाती है। ग्राम पंचायत में सभी प्रकार के कार्य करने के अधिकार ग्राम प्रधान के पास होते हैं। ग्राम प्रधान ग्रामीणों द्वारा निर्वाचित होता है।

ग्राम प्रधान कैसे बने? (How to become Gram Pradhan?)

जिस प्रकार हमारे द्वारा हमारे देश का मुखिया यानी प्रधानमंत्री को चुना जाता है। उसी प्रकार हम अपने गांव के मुखिया यानी ग्राम प्रधान को भी चुनते हैं। हर 5 वर्ष के बाद गांव में ग्राम प्रधान के चुनाव के लिए तैयार की जाती है। साथ ही इस चुनाव में खड़े होने वाली लोग बहुत दावेदारी के साथ खड़े होते हैं। तथा घर में जाकर प्रचार प्रसार करते हैं। ग्राम प्रधान का चुनाव ग्रामीणों द्वारा ही किया जाता है। जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक मत दिए जाते है। उसी को ग्राम पंचायत का प्रधान बना दिया जाता है।

ग्राम प्रधान के द्वारा ही पूरा गांव संचालित किया जाता है। ग्राम प्रधान को 1000 जनसंख्या के ऊपर चुना जाता है। जिस व्यक्ति को सबसे अधिक मतदान ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। अर्थात जिस व्यक्ति को ग्रामीणों द्वारा पसंद किया जाता है। उसे ग्राम प्रधान के रूप में चुन लिया जाता है। यदि आप ग्राम प्रधान बनना चाहते हैं? तो आपकी नीचे दी गई कुछ योग्यताओं को भी पूरा करना भी आपकी जिम्मेदारी होती है।

ग्राम प्रधान बनने के लिए योग्यताएं? (Eligibility of Gram Pradhan?)

भारत में प्रत्येक पद के लिए सरकार द्वारा कोई न कोई योग्यताएं रखी जाती है। इसी प्रकार गांव के सर्वोच्च पद ग्राम प्रधान के लिए भी सरकार द्वारा योग्यताएं रखी गई है। जो कि निम्न प्रकार है-

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • मुख्य रूप से जो व्यक्ति ग्राम प्रधान के पद के लिए आवेदन करना चाहता है वह उसी गांव अर्थात उसी के गांव अर्थात उसी स्थान का होना चाहिए।
  • ग्राम प्रधान बनने के लिए उस व्यक्ति की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार पागल दिवालिया नहीं होना चाहिए। अर्थात उसकी मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार किसी भी मामले में दोषी करार किये जाने पर सजायाफ्ता नहीं होना चाहिए।

ग्राम प्रधान बनने के लिए शिक्षा संबंधी योग्यता? (Educational eligibility for Gram Pradhan?)

ग्राम प्रधान बनने के लिए कुछ शिक्षा संबंधी योग्यताएं की रखी गई है। जिस गांव चुनाव की प्रक्रिया होने वाली है। उम्मीदवार उसी गांव का होना चाहिए। तथा उसने 10वीं और 12वीं कक्षा पास करी हो। जिस व्यक्ति ने 10th और 12th की पढ़ाई करी होगी। वही ग्राम प्रधान के लिए आवेदन कर सकेगा। हालांकि अलग-अलग गांव में यह योग्यता अलग-अलग प्रकार की भी हो सकती है।

ग्राम पंचायत का गठन? (Stabilization of Gram Panchayat?)

गांव में उपस्थित ग्राम सभा ( गांव के लोग ) द्वारा ग्राम पंचायत के लिए एक अध्यक्ष यानी ग्राम प्रधान और अन्य पंचायती लोगों को निर्वाचित किया जाता है अध्यक्ष तथा अन्य निर्वाचित सदस्य को मिलाकर ही किसी गांव की ग्राम पंचायत का गठन होता है। जिसका कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है। 5 साल के बाद पुनः उस गांव में निर्वाचन प्रक्रिया शुरू की जाती है। और दोबारा ग्राम सभा के द्वारा नए अध्यक्ष को चुना जाता है। यदि पिछले अध्यक्ष का काम ग्रामीणों को पसंद नहीं आता है। तो वह अगले 5 साल बाद अपने लिए दूसरा ग्राम प्रधान चुन सकते हैं।

 ग्राम प्रधान का चुनाव कैसे होता है? (How to Election of Gram panchayat?)

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है। कि गांव में उपस्थित ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान, उप प्रधान और ग्राम पंचायत समिति के अन्य अध्यक्ष गांव की जनता के द्वारा ही प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। तथा वह गांव की सुख सुविधा के हितों के लिए कार्य करते हैं। इसलिए ग्राम पंचायत के सदस्यों को ग्रामीणों का प्रतिनिधि भी कहा जाता है। इसलिए प्रत्याशियों द्वारा चुनाव का प्रचार किया जाता है। यह चुनाव, चुनाव प्रचार  निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देश पर होते हैं। उसके तत्पश्चात की निर्धारित तिथि पर मतदान होता है। ग्राम प्रधान के साथ-साथ उपप्रधान बनाने का भी प्रावधान है। ग्राम प्रधान की अनुपस्थिति में उपप्रधान ही सारे कार्यो की देखरेख करता है।

जैसे ही मतदान खत्म होता है। तो इसके बाद मतगणना का समय आता है। अगर सरल भाषा में कहा जाए तो जो मत ग्रामीणों द्वारा डाले जाते हैं। उन मतों को गिना जाता है। जिस प्रत्याशी को सार्वधिक मत ग्रामीणों द्वारा डाले गए होते हैं। उसे ही ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के पद पर निर्वाचित कर दिया जाता है। जिन सदस्यों को ग्रामीणों द्वारा निर्वाचित किया जाता है। उनको निर्वाचन आयोग की तरफ से एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। साथ ही साथ यदि निर्वाचित सदस्यों में से कोई सदस्य कार्य नहीं करता है। तो उसे पंचायत समिति से हटाने का प्रावधान भी है। ग्राम प्रधान को प्रत्यक्ष रूप से किए गए मतदान द्वारा चुना जाता है।

गांव का जो व्यक्ति भी ग्राम प्रधान के पद के लिए चुनाव लड़ना जाता है उस व्यक्ति को समय अवधि के अंतराल में ही जिले निर्वाचन आयोग के अधिकारी के समक्ष पर्चा दाखिल या आवेदन पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। प्रत्येक आवेदन कर्ता को चुनाव चिन्ह देने का भी कार्य निर्वाचन कार्यालय का ही होता है। इन्ही चिन्हों का प्रचार प्रत्याशियों द्वारा गांव के नागरिकों के बीच किया जाता है। ग्रामीणों को जो प्रत्याशी ग्राम प्रधान के रूप में मंजूर होता है। वह उसके चुनाव चिन्ह पर अपना मतदान करते हैं।

ग्राम प्रधान को शपथ? (Oath of Gram panchayat?)

ग्राम प्रधान, उप ग्राम प्रधान और अन्य ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों को ग्राम पंचायत सचिव अर्थात पीठासीन अधिकारी द्वारा शपथ ग्रहण कराई जाती है। और इसके अंतर्गत यह सारे अधिकारी इमानदारी से गांव के विकास कार्यों को करने की शपथ ग्रहण करते हैं। यदि कोई भी अधिकारी पद की शपथ का पालन नहीं करता है। तो उसे ग्राम पंचायत से स्थगित कर दिया जाता है। ग्राम प्रधान को शपथ दिलाने का प्रावधान संविधान में दिया गया है। ताकि ग्राम प्रधान और अन्य निर्वाचित सदस्य अपने अधिकारों और शक्तियों का सही ढंग से तथा गांव के विकास कार्य के लिए इस्तेमाल करें।

ग्राम प्रधान के अधिकार? (Rights of Gram Pradhan?)

ग्राम प्रधान बनने के पास कौन कौन से अधिकार ग्राम प्रधान के पास होते हैं। इसके बारे में हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से आपको जानकारी दी है। जो कि निम्न प्रकार है-

  • ग्राम प्रधान को अधिकार है। कि वह ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठक को भुला सकता है। तथा उस में चल रहे केसों की कार्यवाही कर सकता है।
  • उत्तर प्रदेश में पंचायती राज एक्ट के अनुसार गांव के विकास कार्यों की योजना बनाने के लिए 6 समिति का गठन किया गया है। यह समितियां प्रशासनिक कार्य समिति, निर्माण कार्य समिति, नियोजन कार्यसमिति, जल प्रबंधन समिति और चिकित्सा स्वास्थ्य समिति तथा शिक्षा समिति होती है।
  • इन सभी समितियों में होने वाले कार्य पर नियंत्रण तथा देख रेख ग्राम प्रधान के द्वारा की जाती है।
  • ग्राम पंचायतों के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएं, निर्माण कार्य या अन्य लाभ कार्यों की जानकारी रखना या फिर विशेष प्रकार के योजनाओं के बारे में अधिकारियों से संपूर्ण जानकारी प्रदान करके ग्रामीण लोगों तक पहुंचाने का कार्य भी ग्राम प्रधान के द्वारा किया जाता है।

ग्राम प्रधान को कैसे पद से मुक्त किया जा सकता है? (How can the Gram Pradhan be relieved from the post?)

यदि ग्राम प्रधान का कार्य बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। और उसे मध्य स्थिति में ही ग्राम प्रधान के पद से मुक्त करना है। इस सूचना के लिए आवश्यक है कि उस सूचना पर ग्राम पंचायत के आधे सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए। तथा ग्राम प्रधान को उसके पद से क्यों मुक्त किया जा रहा है। इसकी संपूर्ण व्याख्या उस सूचना के अंतर्गत होनी चाहिए। ग्राम पंचायत के जिन सदस्यों ने सूचना पत्र पर हस्ताक्षर किया है। उसमें से तीन सदस्यों को जिला पंचायत राज अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होना पड़ता है। किसी की ग्राम प्रधान को समय से मुक्त करने से पहले जिला पंचायत राज अधिकारी के पास एक सूचना जारी की जाती है।

यदि ग्राम प्रधान और उपप्रधान गांव के विकास कार्य के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। तो उन्हें ग्राम प्रधान और उपप्रधान के पद से निरस्त किया जा सकता है। जैसे ही जिला पंचायत राज अधिकारी के पास सूचना पहुंचाई जाती है। उसके 30 दिन बाद वह गांव में एक बैठक बुलाता है। इस बैठक को आयोजित करने की सूचना कम से कम 15 दिन पहले ग्राम पंचायत को दी जाती है। बैठक में जो लोग उपस्थित होते हैं। तथा जो लोग वोट देते हैं। उन सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से प्रधान तथा उप प्रधान को उनके पद से पद मुक्त कर दिया जाता है।

ग्राम प्रधान के कार्य? (Work of Gram Pradhan?)

ग्राम प्रधान द्वारा गांव में किस प्रकार के विकास कार्यों को कराया जाता है। इसकी जानकारी हममें नीचे पॉइंट के माध्यम से आपको दी है। यह जानकारी निम्न प्रकार है-

  • ग्राम पंचायत को हम विलेज काउंसलिंग भी कहते हैं। ग्राम पंचायत द्वारा गांव के विकास के लिए कई प्रकार के कार्य किए जाते हैं। इन कार्यों में मुख्य भूमिका ग्राम प्रधान के द्वारा निभाई जाती है।
  • ग्राम पंचायत मुख्य रूप से ग्राम प्रधान के द्वारा कृषि कार्य की रूपरेखा तैयार की जाती है। कृषि से संबंधित व्यावतधानों को अपने स्तर पर सही करने का प्रयास ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है।
  • ग्राम प्रधान के मुख्य जिम्मेदारी की बात करें। तो गांव का चतुर्मुखी विकास गांव का मुख्य विकास माना जाता है। इसके लिए ग्राम प्रधान के द्वारा  गांव के प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण किया जाता है। तथा विद्यालयों में जरूरतो को पूरा करने का आदेश दिया जाता है
  • युवा कल्याण संबंधी कार्य को कराने का जिम्मा भी ग्राम प्रधान का होता है।
  • ग्राम पंचायत के द्वारा राजकीय नलकूपों की मरम्मत, रख राखव व नए नलकूप लगाने का कार्य भी किया जाता है।
  • ग्राम प्रधान की सहमति के बाद ही ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी तथा चिकित्सा का कार्य भी किया जाता है।
  • ग्राम प्रधान के द्वारा विशेषकर महिला एवं बाल विकास संबंधी योजनाओ का कार्यक्रम चलाया जाता है।
  • पशुधन विकास संबंधी कार्य ग्राम पंचायत के द्वारा ही कराया जाता है।
  • विभिन्न प्रकार की पेंशन को स्वीकृति देने तथा गांव के जरूरतमंद लोगों में विवरण करने की सहमति भी ग्राम प्रधान के द्वारा ही दी जाती है।
  • गांव में राशन की दुकान पर खाद्य पदार्थ का आवंटन और निरस्तीकरण ग्राम प्रधान यानी ग्राम पंचायत के माध्यम से ही होता है।
  • पंचायती राज संबंधी ग्राम के स्तर के सभी कार्य ग्राम प्रधान द्वारा किए जाते हैं।
  • यदि एक ग्राम पंचायत 2 से 3 गांव के लिए बनती है। तो 2 से 3 गांव में होने वाले सभी कार्य की देखरेख ग्राम प्रधान द्वारा की जाती है।
  • गांव में बन रही सभी सड़कें और पानी की व्यवस्था करने का कार्य ग्राम पंचायत के द्वारा होता है।
  • गांव में अधिकतर लोग पशुपालन करते हैं। तो यह जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। कि गांव में प्रत्येक नागरिक के पशुओं को पानी की व्यवस्था मिलनी चाहिये।

ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी कैसे प्राप्त करें?

ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान द्वारा क्या-क्या कार्य किए गए हैं? और सरकार द्वारा आई धनराशि का कहां-कहां उपयोग किया गया है? इसके बारे में यदि आप अधिकारिक तौर पर जानना चाहते हैं। तो नीचे सारी प्रक्रिया हमने विस्तार पूर्वक बताई हैं। यह प्रक्रिया निम्न प्रकार है-

  • सबसे पहले आपको ग्राम पंचायत की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। तथा होम पेज पर उपस्थिति Repoters option पर Click करना होगा।
  • इसके पश्चात आपको नीचे की ओर इमेज जैसा page देखने को मिलेगा। इसमें आपको अपनी ग्राम सभा की डिटेल चेक करनी होगी।
  • इसमें दिखाइए जा रहे Plan year में आपको  year सेलेक्ट करना है। आप जिस वर्ष में किए गए कार्य की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। उस ईयर पर क्लिक करे।
  • State वाले ऑप्शन में आपको अपना स्टेट सेलेक्ट करना है।
  • इसके बाद आपको PI Unit Category Plan में लोकल यूनिटी वाले विकल्प पर क्लिक करें।
  • इसके अंतर्गत आपको विभिन्न प्रकार के ऑप्शन देखने को मिलेगे। जैसे:-  ग्राम पंचायत, जिला पंचायत और टाउन पंचायत आदि। यदि आपको ग्राम प्रधान के कार्य के बारे में पता लगाना है। तो आपको ग्राम पंचायत वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद आपको जिला पंचायत के अंदर अपना जिला चुनना होगा।
  • तथा क्षेत्र पंचायत में अपने city का नाम सेलेक्ट कर ले।
  • इसके बाद आपके सिटी के अंदर आने वाले सभी गांव की list आपके सामने आ जाएगी। इसमें से आपको अपने गांव को सेलेक्ट करना होगा।
  • इसके बाद आपको नीचे की तरफ से कैप्चा दिया होगा। जिसे आपको सेम टू सेम टाइप करके get report वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • जैसे ही आप get report के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे। आपके सामने एक नया पेज ओपन हो जाएगा। इसमें आपको ग्राम प्रधान के कार्यो के स्टेटस की जानकारी दिखाई देगी।
  • इसके प्रकार आप उपर की सम्पूर्ण प्रक्रिया को फॉलो करके अपने गांव की ग्राम प्रधान के कार्यों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ग्राम प्रधान का वेतन? (Salary of Gram Pradhan?)

हर व्यक्ति इस पद पर इसीलिए जाना जाता है। ताकि उसकी सैलरी अच्छी हो। और वह अपने जीवन को अच्छे से यापन कर सकें। यदि आप gram pradhan की सैलरी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें। उत्तर प्रदेश राज्य में ग्राम प्रधान का वेतन ₹3500 प्रतिमाह है। इसके अलावा उन्हें यात्रा भत्ता एवं अन्य खर्चों के लिए ₹15000 प्रति माह प्रदान किए जाते हैं।

यदि आप अपने राज्य के ग्राम प्रधान के वेतन से संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप अपने राज्य के ग्राम पंचायत की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि यह वेतन हर राज्य में अलग अलग हो सकता है। परंतु प्रत्येक राज्य में यात्रा और अन्य खर्चों के लिए ग्राम प्रधान को अलग से धन राशि प्रदान की जाती है। जिस कारण ग्राम प्रधान को किसी बात की परेशानी नहीं होती है।

ग्राम प्रधान कैसे बने? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):-

Q:- ग्राम प्रधान कौन होता है?

Ans:- ग्राम पंचायत के मुखिया को ग्राम प्रधान कहते हैं। यह ग्राम पंचायत के कार्यों का नियंत्रण करता है। तथा गांव में विकास कार्य कराता है।

Q:- ग्राम प्रधान का मुख्य कार्य क्या होता है?

Ans:- ग्राम प्रधान का सार्वधिक मुख्य कार्य गांव का चतुर्मुखी विकास करना होता है।

Q:- ग्राम प्रधान की शिकायत कहां कर सकते हैं?

Ans:- यदि आप ग्राम प्रधान की शिकायत करना चाहते हैं। तो इसके लिए आप जिला पंचायत राज अधिकारी के पास जा सकते हैं।

Q:- ग्राम प्रधान कैसे बने?

Ans:- ग्राम प्रधान बनने के लिए आपको चुनाव लड़ना होता है। साथ ही निर्धारित अवधि में आवेदन पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।

Q:- एक ग्राम पंचायत कितनी जनसंख्या के आधार पर बनती है?

Ans:- एक ग्राम पंचायत 1000 ग्रामीण जनसंख्या के आधार पर बनाई जाती है।

Q:- ग्राम प्रधान का कार्यकाल कितना होता है?

Ans:- ग्राम प्रधान का कार्यकाल 05 वर्ष का होता है।

Q:- ग्राम प्रधान और उप प्रधान को उनके पद से कमी के कारण मुक्त किया जा सकता है

Ans:- यदि ग्राम प्रधान और उपप्रधान गांव में विकास कार्य नहीं कर रहे हैं। तथा अपनी शक्तियों और अधिकारों का गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं। तो उन्हें समय से पहले उनके पद से मुक्त कर दिया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion):- आज हमने अपने इस लेख में आपको Gram Pradhan Kya Hai? Gram Pradhan Kaise Bane? इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। यदि आप गांव में रहते है। तो आपको अवश्य तौर पर यह जानकारी पता होनी चाहिए। ग्राम प्रधान का चुनाव किस प्रकार होता है? इसके बारे में भी हमने आपको विस्तारपूर्वक अपने एक लेख में बताया है। हमें उम्मीद है कि आप को हमारी द्वारा दी गयी यह

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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