नया साल कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? | नया साल का महत्व | happy new year 2024

नए साल के बारे में हर एक व्यक्ति जानता है। परंतु नया साल क्यों मनाया जाता है? इससे संबंधित जानकारी हर व्यक्ति को नहीं होती है। नए साल को बनाने के पीछे की वजह बहुत कम ही लोगों को पता होती है। नए साल पर हम लोग बहुत खुशियां मनाते हैं। साथ ही अपनी खुशियों को प्रकट करने के लिए बहुत सारे कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। यदि आपको नहीं पता कि नया साल इतनी धूमधाम से क्यों मनाया जाता है? तो आज हम आपको अपने इस लेख में नया साल कब, क्यों मनाया जाता है? इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी के बारे में बताएंगे।

नए साल को हर वर्ष बहुत ही धूमधाम के साथ पूरे देश मे  मनाया जाता है। साथ ही इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे मिटा कर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करते हैं। परंतु नए साल वाले दिन ही हम ऐसा क्यों करते हैं? यह सवाल बहुत से लोगों के मन में रहता होगा। यदि आप भी उन लोगों में से हैं, जो यह जानना चाहते हैं, कि नए साल मनाने के पीछे क्या महत्व है? तो आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। क्योंकि हम अपने इस लेख में नया साल क्या होता है? नए साल का महत्व, नए साल का इतिहास आदि की संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक देने वाले हैं।

नया साल क्या है? (What is New Year?)

नया साल हम सभी लोग मनाते हैं। परंतु हमें नहीं पता कि नया साल क्या होता है? यह तो सब जानते हैं, कि नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है। तथा उस दिन बहुत ही धूमधाम के साथ हम पार्टी और अपनी पसंदीदा चीजों को करते हैं। परंतु नया साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। यह सवाल बहुत लोगों के मन में आता होगा। नया साल वह दिन या समय होता है, जिस दिन वर्तमान समय में एक नया वर्ष या फिर नया साल आरंभ होता है। साथ ही कैलेंडर का 1 वर्ष भी बढ़ जाता है। नया साल पूरे देश में मनाया जाता है। परंतु इस को मनाने के पीछे की मान्यताएं सभी की भिन्न-भिन्न होती है।

नया साल कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? | नया साल का महत्व | happy new year 2024

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर बहुत ही व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। जिसके अनुसार 1 जनवरी को पूरे विश्व में नया साल मनाया जाता है। परंतु नया साल अलग-अलग धर्म में अपने धार्मिक, सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार ही मनाया जाता है। जिसके पीछे उनके कुछ महत्व और आस्थाएं छुपी होती है। अन्य विभिन्न देश भी अपने अपने कलैंडर के आधार पर नए साल का जश्न बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। साथ ही नए साल की मान्यता यह भी है। कि इस दिन सभी लोगों को अपने दिल की बुराई मिटा कर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करनी होती है। नया साल सभी के जीवन में नई खुशियां लेकर आता है।

नया साल कब मनाया जाता है? (When is New Year Celebrated?)

वैसे तो इस बात की जानकारी हर व्यक्ति को होती है। यदि आप किसी छोटे बच्चे से भी पूछेंगे। कि नया साल कब मनाया जाता है? तो उसका जवाब 1 जनवरी ही होगा। परंतु 1 जनवरी के अलावा भारत में कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के आधार पर अलग-अलग तिथियों पर भी नया साल मनाया जाता है। पूरी दुनिया के साथ साथ भारत में भी नया साल एक जनवरी को बहुत धूमधाम से जश्नों के साथ मनाया जाता है। परंतु भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जिसमें हर धर्म के लोग निवास करते हैं। इसलिए यहां पर विभिन्न तिथियों पर भी नए साल को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही साथ अलग-अलग क्षेत्र के लोग भी अलग-अलग तिथि पर नए साल के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

हिंदू नव वर्ष

हिंदू धर्म की बात की जाए तो हिंदू धर्म के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत चैत्र मास की शुल्क प्रतिपदा से मानी जाती है। क्योंकि हिंदू धर्म में माना जाता है। कि भगवान विष्णु के द्वारा इसी दिन पूरी सृष्टि की रचना की गई थी। जिसके आधार पर हिंदू धर्म के लोग नवरात्रि के पहले दिन नव वर्ष को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। विक्रम संवत के अनुसार भी इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत होती है। परंतु यदि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार इस दिन को देखा जाए। तो यह तिथि मार्च माह के आखिर या फिर अप्रैल माह के शुरुआत में आती है। इसीलिए कहा जाता है, की अप्रैल महा में हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है।

हिंदू नव वर्ष के साथ साथ ही विभिन्न धर्मों के द्वारा नववर्ष अलग-अलग तिथि पर बनाया जाता है। पारसी नववर्ष की शुरुआत 19 अगस्त को नवरोज त्योहार के जश्न से होती है। साथ ही अलग-अलग राज्यों में नव वर्ष पर अलग-अलग प्रकार के जश्न को मनाया जाता है। और नए साल की शुरुआत की जाती है। इसलिए कहा जाता है। कि भारत में विविध रूप से नव वर्ष को मनाया जाता है। क्योंकि यहां रहने वाले लोग अपनी-अपनी धार्मिक तथा सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की तिथि 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत रूम से हुई वहां के एक राजा के द्वारा को ध्यान में रखते हुए नववर्ष को मनाते हैं। जैन नववर्ष दिवाली के अगले दिन से शुरू होता है। इसी प्रकार अपनी अपनी तिथियों के अनुसार लोगों के वर्ष बदलते रहते हैं।

नए साल का इतिहास? (History of New Year?)

नया साल कुछ समय पहले तक हर देश में अलग-अलग तिथि पर मनाया जाता था। कोई देश नव वर्ष 21 मार्च को बनाता था। तो कोई 25 दिसंबर को मनाता था। परंतु अब अधिकतर देश में नया साल 1 जनवरी को ही मनाया जाता है। परंतु बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आया होगा। कि आखिर 1 जनवरी को ही नववर्ष क्यों बनाया जाता है? और किसी तिथि पर नए साल की शुरुआत क्यों नहीं की जाती है? तो इसके पीछे भी नए साल का पूरा इतिहास है। 1 जनवरी को नए साल मनाने की शुरुआत रोम से हुई। जब रोम के एक राजा नूपा पोम्पिल्स के द्वारा रोम कैलेंडर में बदलाव किया गया था। जब से यह कैलेंडर आया तब से ही 1 जनवरी को नव वर्ष बहुत धूमधाम से मनाया जाने लगा।

जनवरी को पहले जानूस के नाम से जाना जाता था। क्योंकि रोम के देवता का नाम जानूस था। जिसके नाम पर महीने का नाम डाला गया। और बाद में जानूस को ही जनवरी माह में तब्दील कर दिया गया। पहले 1 वर्ष में केवल 10 महा ही हुआ करते थे। परंतु धीरे-धीरे समय व्यतीत होता गया। वैसे वैसे ही 1 वर्ष में 12 महीने शामिल हो गए। अब अधिकतर देशों में में 1 जनवरी को ही बहुत धूमधाम से नव वर्ष को मनाया जाता है। 31 दिसंबर की रात को ही प्रत्येक देश का कलैंडर बदल जाता है। हमारे भारत देश में ग्रेगोरियन कैलेंडर  के अनुसार ही नववर्ष की शुरुआत की जाती है। परंतु धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के तौर पर भी प्रत्येक वर्ष नव वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है।

नया साल क्यों मनाया जाता है? (Why is New Year Celebrated?)

नया साल इसलिए बनाया जाता है। जिससे मनुष्य जीवन में आगे की ओर बढ़ सके। तथा अपनी पिछली सभी बुराइयों को भुलाकर अपने नए जीवन की शुरुआत कर सके। हर वर्ष मनुष्य अपनी जिंदगी के नए पड़ाव पर कदम रखता है। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को नए साल की खुशी में बहुत से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही साथ लोग अपने घरों पर पार्टी आदि का आयोजन भी करते हैं। नव वर्ष मनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यही है। कि व्यक्ति अपनी बुराइयों और अपनों के बीच हुए गिले-शिकवे को दूर करके उनके साथ आगे की जिंदगी खुशनुमा तौर पर बिता सकें। नया साल पूरे देश का त्यौहार होता है। जिसे पूरा देश बहुत ही खुशियों के साथ मनाता है।

नया साल 31 दिसंबर की रात को ही शुरू हो जाता है। जिसके लिए हर घर में कोई ना कोई तैयारी अवश्य ही हो रही होती है। सब लोग नए साल को बहुत ही धूमधाम से मनाने के लिए एक जगह एकत्रित होते हैं। तथा अपने नए जीवन की शुरुआत हर वर्ष करते हैं। हर वर्ष 31 दिसंबर की रात को 1 वर्ष आगे का कलैंडर बदल जाता है। तथा मनुष्य 1 वर्ष आगे की पीढ़ी में पहुंच जाता है। इसी खुशी में नए साल को मनाया जाता है। जबकि हिंदू नव वर्ष के अनुसार चैत्र माह में नववर्ष की शुरुआत होती है। जिसे भारत देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। परंतु नव वर्ष का उद्देश्य यही होता है। कि हम अपनी जिंदगी में आगे बढ़े।

नया साल कैसे मनाया जाता है? (How is New Year Celebrated?)

नया साल कैसे मनाया जाता है? इस बात की जानकारी हर व्यक्ति को होती है। परंतु आप अच्छी तरह से नए साल को कैसे बना सकते हैं? इसके बारे में हमने नीचे आपको कुछ टिप्स दी है। इनको फॉलो करके आप नया साल बहुत ही बेहतरीन ढंग से बना सकते हैं। यह जानकारी निम्न प्रकार है-

  • आप हर साल जब भी नववर्ष को धूमधाम से मनाते होंगे। तब अपने रिश्तेदार अपने करीबी दोस्तों को ही शामिल करते होंगे। परंतु यदि आप कोई अच्छा कार्य करना चाहते हैं। तो ऐसे लोगों को भी नववर्ष के जश्न में शामिल कीजिए। जिन लोगों ने आज तक कभी नववर्ष नहीं मनाया है। ऐसा करके आपको बहुत अच्छा महसूस होगा। साथ ही नववर्ष के नाम आपका एक अच्छा काम भी हो जाएगा। और आपके नववर्ष की शुरुआत एक अच्छे कार्य से होगी।
  • यदि आप अपने नववर्ष को अच्छा बनाना चाहते हैं। तो 1 दिन जश्न बनाने से कुछ नहीं होगा। आपको अपनी जिंदगी की स्थाई खुशी को ढूंढना होगा। इसके लिए आप बहुत से अच्छे कार्य कर सकते हैं।
  • आप नव वर्ष वाले दिन दूसरे ऐसे लोगों को खुशियां बांट सकते हैं। जिन्होंने कभी भी नववर्ष को धूमधाम से नहीं बनाया है। आप अनाथ आश्रम में जाकर कुछ गिफ्ट दे सकते हैं। आसपास गरीब लोगों में तोहफे बांट सकते हैं। जिससे उन्हें भी नववर्ष की खुशी का पता चल सके।
  • यदि आप बाहर जाकर ऐसा नहीं कर सकते हैं। तो आप अपने घर पर ही रह कर नए पेड़ पौधे लगा सकते हैं। जो आज तो आपको फल नहीं दे सकते है। परंतु आने वाले वर्षों में आपके बेहद काम आएंगे।
  • ऊपर बताए गए सभी अच्छे कार्य को करके आप अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं। इससे आपके दिल को बहुत ही शांति मिलेगी। साथ ही ऐसे लोगों को भी नए साल की खुशी मिलेगी। जिन्होंने आज तक नए साल का केवल नाम ही सुना है।

अन्य देशों में नया साल? (New Year in another Country?)

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अधिकतर देशों में 1 जनवरी को ही नया साल मनाया जाता है। परंतु बहुत से ऐसे देश हैं। जिनमें उनके कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाया जाता है। 21 मार्च,13 मार्च आदि तारीख पर श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि देशों में नववर्ष की शुरुआत की जाती है। जिस प्रकार हमारे देश में नववर्ष बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। उसी प्रकार अन्य देशों में भी नव वर्ष को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। क्योंकि नव वर्ष प्रत्येक देश के लिए नए जीवन की शुरुआत होती है। प्रत्येक व्यक्ति नव वर्ष पर अपने जीवन की नई शुरुवात करता है। तथा सभी बुराइयों को भूल कर अपने आने वाले जिंदगी की खुशियों की कामना करता है।

अन्य देशों में भी नव वर्ष को मनाने के लिए सभी लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। तथा बहुत सारे कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। जिससे वह अपनी खुशी को प्रकट करते हैं। साथ ही एक दूसरे के गले मिलकर एक दूसरे के प्रति होने वाले गिले-शिकवे को दूर करते हैं। नव वर्ष मनाने का यही उद्देश्य प्रत्येक देश का होता है। परंतु प्रत्येक देश में नववर्ष मनाने की तिथि अलग-अलग हो सकती है। अधिकतर देशों में 1 जनवरी को ही नववर्ष मनाया जाता है। क्योंकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को ही नववर्ष की शुरुआत होती है।

नए साल का महत्व? (Importance of New Year?)

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार देखा जाए तो नया साल सबसे अधिक लोकप्रिय उत्सवों में से एक उत्सव है। जो भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह उत्सव बहुत ही धूमधाम से लोग अपने परिवार के साथ मनाते हैं। ग्रेगोरियन कलैंडर के अनुसार 1 जनवरी को नए साल का उत्सव मनाया जाता है। और यह हर धर्म के लोगों के लिए एक ही त्यौहार होता है। हालांकि धार्मिक तौर पर भी नववर्ष अलग-अलग तिथियों पर पड़ता है। परंतु कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को ही प्रत्येक धर्म के व्यक्ति उसको बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। नव वर्ष वाले दिन सभी लोग पार्टियां करते हैं। तथा अपने घर को भी बहुत ही शानदार तरीके से सजाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि नए साल की शुरुआत 4000 साल वर्ष पहले प्राचीन बेबीलॉन में हुई थी। वहां पर रहने वाले लोगों ने इसे 11 दिवसीय उत्सव के रूप में मनाया था। नए साल की शुरुआत करना सकारात्मक बदलाव करने का एक उत्कृष्ट समय माना जाता है। पश्चिमी गोलार्ध में नए साल पर संकल्प लेना बहुत अधिक लोकप्रिय है। नव वर्ष पर पश्चिमी गोलार्ध में प्रत्येक व्यक्ति कोई लक्ष्य निर्धारित करता है या फिर अपनी अवाँछनीय आदत या व्यवहार को त्याग करने का संकल्प लेता है। दुनियाभर में नए साल की शुरुआत बहुत ही धूमधाम से की जाती है। तथा आने वाले जीवन को खुशियों के साथ दिया जाए इसकी कामना की जाती है। और अपने आसपास के सभी लोगों को बधाइयां भी दी जाती है।

नया साल कब और कैसे बनाया जाता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर:- (FAQs)

Q:-1. नया साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?

Ans:-1. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है। जिस दिन अधिकतर देशों में बहुत अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Q:-2. हिंदू नव वर्ष कब मनाया जाता है?

Ans:-2. भारत देश में धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर भी अलग-अलग तिथियों पर नववर्ष मनाया जाता है। इसीलिए  चैत्र मास की शुल्क प्रतिपदा को हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है।

Q:-3. नव वर्ष को कैसे मनाना चाहिए?

Ans:-3. नववर्ष की शुरुआत अच्छे कार्य से करनी चाहिए। साथ ही उन लोगों को नववर्ष की खुशी देनी चाहिए। जिन्होंने आज तक नववर्ष कभी नहीं मनाया हो।

Q:-4. नव वर्ष मनाने की शुरुआत कब हुई थी?

Ans:- 4. ऐसा माना चाहता है, कि 4000 वर्ष पूर्व प्राचीन बेबीलोन से नव वर्ष की मानने की शुरुआत की गई थी।

Qअन्य देशों में नव वर्ष कब मनाया जाता है?

अन्य देशों में भी नववर्ष मनाया जाता है। अन्य देशों में उस देश के कलैंडर के आधार पर नववर्ष बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

नववर्ष का क्या महत्व होता है?

नव वर्ष खुशियों का उत्सव होता है। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी ऊपर हमने अपने इस लेख में दी है।

निष्कर्ष (Conclusion):-

आज हमने अपने इस लेख में आपको what is new year?, नया साल क्यों मनाया जाता है? इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। हम सब नया साल बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। परंतु हमें नहीं पता होता कि इसके पीछे का महत्व तथा इतिहास क्या है? तो आज हमने अपने इस लेख के माध्यम से यह जानकारी आप तक पहुचाने का कार्य किया है।

हमें उम्मीद है कि आपको आज अपने सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई है। तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताइए और यदि आपके मन में हमारी इस जानकारी से संबंधित कोई भी सवाल रहता है। तो भी आप हमें बता सकते हैं। साथ ही हमारे इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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