Heart touching stories in Hindi-एक पिता और पुत्र की दिल छू लेने वाली कहानी।

Heart touching stories in hindi 

Heart touching stories in hindi-एक पिता और पुत्र की दिल छू लेने वाली कहानी।

पिता वो हैं जो आपको गिरने से पहले थाम लेता हैं, लेकिन आपको उपर उठाने की बजाय आपके कपड़ो से मिट्टी हटाता हैं और आपको फिर से कोशिश करने के लिए कहता है।


आज की कहानी एक पिता और उसके बेटे की है, एक बाप अपने बेटे के लिए क्या क्या कर सकता है वह इस कहानी से स्पष्ट हो जाएगा।

Heart touching stories in hindi का शीर्षक-एक पिता के द्वारा किया हुआ बलिदान।

एक बार एक बेटा अपने पिता से लड़ाई करके गुस्से मे घर से बङबङाता हुआ निकला और बस स्टैंड के तरफ जाने लगा वह मन ही मन में बोल रहा था कि पता नहीं कितने पैसे छुपा के रखे हैं लेकिन मेरे लिए एक बाइक नहीं ले सकते।
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मैं यहाँ से चला जाऊँगा और तबतक नहीं आऊँगा जबतक अपने पैसो से बाइक नहीं खरीद लेता

उसे पैरों मे कुछ चुभने का अहसास हुआ नीचे देखा तो उसने पाया कि जल्दीबाजी मे उसने अपने पापा के जूते पहने हुए हैं। उस जूते मे किल उभरी हुई थी जो बार बार उसके पैरों में घाव किए जा रही थी। लेकिन उस समय गुस्सा ज्यादा था इसीलिए वह आगे बढ़ता चला गया। 
 
फ़िर उसे याद आया कि वह पापा का पर्स भी साथ लेकर आ गया है तो उसके दिमाग में आया कि क्यूँ ना आज अपने पापा का पर्स चेक किया जाए। जिसे आज तक उसके पिता ने किसी को हाथ तक लगाने नहीं दियाा।
जब उसने अपने पापा के पुराने पर्स को खोला तो उसमे पैसे तो नहीं निकले लेकिन पैसों की जगह एक डायरी रखी हुई थी, उसने सोचा कि यहाँ पर खजाना छुपा रखा है जरूर इस डायरी मे लिखा होगा कि किससे कितने पैसे लेने है या फिर किसको कितने पैसे पिताजी ने दिए है।
 
भगवान पर भरोसा रखो।

 
लेकिन वह गलत था जब उसने उस डायरी को खोला तो पहले पन्ने पर वहा पर जो लिखा था वह थोड़ा अजीब था। डायरी के पहले पन्ने पर जो लिखा था उसे पढ़ने के बाद उसके चेहरे पर जो हाव भाव थे वह गायब हो चुके थे
ा।


क्यूंकि डायरी में वैसा कुछ नहीं लिखा था जिसकी उसने उम्मीद की थी या फिर वो जो भी सोच रहा था। उस डायरी मे पैसो का हिसाब लिखा हुआ था जो अलग अलग कामों के लिए अलग अलग लोगों से उधार लिए गए थेा।
उस सूची मे कंप्यूटर के लिए पैसे लिए हुए थे जो कि इस प्रकार लिखा हुआ था – 50000 बेटे के कंप्यूटर के लिए, वो वही कंप्यूटर था जिसे वह आज तक इस्तेमाल करता आ रहा है, लेकिन उस बेटे को ये नहीं पता था कि उस कंप्यूटर को खरीदने के लिए पैसे कहा से आए थेा।
एक अपाहिज लड़की की दर्द भरी कहानीा।
उस डायरी मे कैमरे का भी हिसाब था। उस बेटे को याद था जब उसने पहली बार कैमरे के लिए ज़िद की थी तब उसके पिता ने ठीक दो हफ्ते बाद उसके जन्मदिन पर दिया था जिससे देख कर वह बहुत खुश हुआ और उसे खुश देखकर उससे ज्यादा खुश कोई था तो वह थे उसके पापाा।
अब उसके बेटे से गुस्सा एकदम गायब हो गया था। जब उसके बेटे ने दूसरा पन्ना पलटा तो उसमे कुछ इच्छा लिखी हुई थी।

पहली इच्छा जो थी वह थी अच्छे जूते पहनना, ये बात उसके बेटे को कुछ समझ नहीं आई तभी उसके पैर सड़क पर एक गड्ढे में जा पड़ा जिसमे पानी भरा था, जिससे  बेटे के पैर गीले हो गए, उसने जूते को पलट कर देखा तो उसने देखा कि जूता जो है नीचे से फटा हुआ था, ये देखकर उसे डायरी मे लिखी हुई बात समझ में आ गई

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किसान के खेत में फसल क्यूँ नहीं हुई।
 
तभी उसे उसके माँ बाप की बात याद आई, माँ हमेशा यह बोलती थी कि अब तो नए जूते ले लो लेकिन पिता हमेशा बोलते थे कि नहीं अभी कुछ दिन और चलेगा ये जूता, कुछ दिन पहले ही तो लिए थे। उसे आज समझ आ रहा था कि कितने दिन और चलेंगे। साथ ही साथ उसे यह भी समझ आ रहा था कि उसके पिता पर्स को क्यूँ छुपाए रखते थे
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तभी उस डायरी को पढ़ते पढ़ते वह बस स्टैंड पहुँचा और एक बैंच पर आकर बैठ गया और अब उस डायरी का आखिरी पन्ना उसने पलटा तो वहाँ कल की तारीख लिखी हुई थी और नीचे लिखा था 50000 रुपये बाइक के लिएा।
उस बेटे बस इतना पढ़ा और उसका दिमाग एकदम सुन सा हो गया, अब उसके मन में कोई गिला शिकवा नहीं बचा था, आँखों से आँसू आ गए उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह रो क्यूँ रहा है, अब वह जल्दी से घर जा रहा था, जूते मे लगी किल अब तक उसके पैरों में घाव कर चुकी थी।
 
आपको सफलता क्यूँ नहीं मिलती


उसने तुरंत उस जूते को खोला और फेंक दिया, अब वह नंगे पैर ही दौड़े जा रहा था और घर पहुँचा लेकिन उसके पिता उसे घर पर नहीं मिलेा।
उसे समझ आ गया था कि उसके पिता कहाँ गए होंगे, वह सीधा बाज़ार की ओर भागा और पता नहीं उसमे इतनी ताकत कहाँ से आ गयी थी कि वह भागते हुए थक नहीं रहा था, वह उस बाइक वाले की दुकान पर पहुँचा।
उसके पिता वहीं थे, उसने अपने पिता को दौड़कर गले लगा लिया, उसके आँखों से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, उसके पिता समझ नहीं पा रहे थे कि हो क्या है। उसने पिता से कहा कि पापा मुझे मोटर बाइक नहीं चाहिए, आप अपने लिए जूते ले लीजिएा।
अब आज से मैं जो कुछ भी करूँगा वो अपने दम पर करूँगा, अपने मेहनत से करूँगाा।
क्या आप सफलता पाना चाहते है?

इस heart touching stories in hindi से सीख-

  • दोस्तों हमेशा अपने माता पिता का आदर करे और वो भी यदि किसी चीज के लिए मना करे तो आप उनकी मजबूरी को समझिए।
फूल कभी दो बार नहीं खिलते, जन्म कभी दो बार नहीं मिलते। मिलने को तो हज़ार लोग मिलते हैं लेकिन हज़ारों गलती माफ करने वाले माँ बाप नहीं मिलते।
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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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