Hindi stories – आपके कर्म ही आपके साथ जाएंगे।

Hindi stories 

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ये कोई मायने नहीं रखता है की आप किसे प्यार करते हो, कहा प्यार करते हो, क्यों प्यार करते हो, कब प्यार करते हो और कैसे प्यार करते हो, मायने केवल यही रखता है की आप प्यार करते हो।

Hindi stories का शीर्षक-आपके कर्म ही आपके साथ जाएँगे।

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एक बार की बात है एक गरीब आदमी बहुत मेहनत से पैसे कमाता था, दिन भर मजदूरी करने के बाद वह कुछ पैसे कमाता था जिससे वह अपना घर चलाता था।


एक दिन उसके गांव में एक मेला लगा, सभी लोग उस मेले में गए क्यूंकि यह बहुत गरीब था यह मेले में नहीं जा सकता था लेकिन इसके बच्चों की ज़िद के वजह से इसने किसी तरह से पैसे जुटाए और मेले मे जाने की तैयारी की।

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वह अपने पत्नी और अपने 5 बच्चों के साथ मेला घूमने गए, आज सभी बच्चे बहुत ही खुश थे क्यूंकि परिवार गरीब था और वो लोग बहुत दिनो के बाद कहीं घूमने जा रहा था।

सारा माहौल बच्चों और माता पिता से भरा हुआ था, हर जगह ढेर सारे खिलौने और झूले लगे हुए थे, मेले में बहुत ज्यादा भीड़ लगी थी। पिता ने कहा कि तुम सभी यही रुको मैं टिकट ले कर आता हूँ।

छोटा बच्चा बोला कि पापा मैं भी आपके साथ चलूँगा, तो पिता ने बोला कि ठीक है। पिता अपने बेटे को गोद मे बैठाकर लाइन में लग गए।छोटा बच्चा अपने पिता को बोलने लगा कि मैं अंदर जाकर ढेर सारी चीजें खाऊँगा, और खिलौने भी खरीदूँगा।

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लाइन आगे बढ़ती गयी और अब आया उस व्यक्ति का नंबर। उस व्यक्ति ने अपना बटुवा निकाला, उस बटुवे में उसके पास 300 रुपये रखे हुए थे। उस व्यक्ति ने टिकट वाले से कहा कि भैया 7 लोगों के लिए टिकट दे दीजिए। टिकट वाले ने बोला कि 350 रुपए हो गए।


ये सुनते ही मानों उसके पैरों से जमीन घिसक गयी। क्यूंकि उसके पास 300 रुपये थे और टिकट थी 350 रुपए की। अब एक सेकंड में उसके दिमाग में कई सारे ख्याल आने लगे, वह सोचने लगा कि मैं अपने परिवार को अंदर कैसे ले जाऊँगा क्या खिलाउंगा। इतने दिनो के बाद तो हमलोग घूमने आए थे ये क्या हो गया।

टिकट वाले ने बोला कि भैया पैसे लाइए पीछे और भी लोग खड़े है। इतने देर में ही एक व्यक्ति ने इसकी पीठ थपथपाई और कहा कि भाई साहब आपके 500 रुपये नीचे गिर गए हैं। उन्हे आप उठा लीजिए।

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उसने पीछे मुड़कर देखा तो सच मे वहाँ पर 500 रुपये थे, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था उसने वो 500 रुपये उठाए और टिकट वाले को दिया और आगे बढ़ गया।


लेकिन ये पूरी बात पीछे वाले व्यक्ति का बेटा देख रहा था वह देख रहा था कि किस तरह उसके पापा ने अपने 500 रुपयों को नीचे गिराकर उस गरीब आदमी की मदद की।

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इस hindi stories से सीख-

  • जिन्दगी मे किसी की मदद करने के लिए खरबपति या अरबपति होने की जरूरत नहीं है। हम जहां है जिस स्थिति मे है यदि वहाँ से किसी के लिए कुछ कर पाए तो वही मदद होगी।
  • आदमी को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए क्यूंकि उपर हमें अपने कर्मों को ही ले जाना है, ना सोना जाएगा ना चांदी, ना रुपए ना पैसे। जो है यहीं जलके मिट्टी हो जाएगा।
  • इसीलिए दूसरों की मदद करते चलिए क्यूंकि आपको भी नहीं पता आपको भगवान कब किसी का भगवान बनाकर भेज दे।

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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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