Hindi story-ये वक़्त भी कट जाएगा।

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Hindi story-ये वक़्त भी कट जाएगा।
  • अगर खुशी किसी दुकान मे मिलती तो इस दुनिया में कोई इंसान दुखी ना होता।लेकिन खुशी आपके अंदर है ढूंढने से आपको नहीं मिलेगी,महसूस करने से मिलेगी। 

इस Hindi story का शीर्षक-ये वक़्त भी कट जाएगा।

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एक बार एक सेठ जी के दुकान पर एक आदमी नौकरी किया करता था बहुत मेहनती था बहुत मेहनत और लगन से काम करता था।इस वजह से वह सेठ बहुत खुश था सब अच्छा चल रहा था।


एक दिन उस आदमी ने बिना बताए छुट्टि कर ली वो गायब हो गया।

प्रेरणादायक कहानी।

सेठ जी ने सोचा कि बात क्या है वह क्यूँ नहीं आया, सेठ जी को लगा कि शायद पैसो की कमी होगी तो उसने पैसे बढ़ाने की बात सोची।

अगले दिन जब वो आया तो सेठ जी ने बोला कि मैंने आपकी तनख्वाह बढ़ा दी है अगले महीने की पहली तारीख को तुम्हें बढ़ा हुआ पैसा मिलेगा।

लेकिन उस व्यक्ति ने कोई प्रतीक्रिया नहीं दी,ना सेठ जी को धन्यवाद कहा ना खुश हुआ बस अपना काम करता रहा।

सेठ जी ने सोचा कि मैंने तनख्वाह बढ़ा दी है अब ये पूरी मेहनत और लगन से काम करेगा।

कुछ महीनो के बाद से उस आदमी ने फिर से बिना बताए छुट्टी ले ली।

जिन्दगी से जुड़ी कुछ कहानियाँ। 

सेठ जी को बहुत गुस्सा आया उसने सोचा कि वह अजीब आदमी है एक तो मैंने पैसे बढ़ा दिए इसके बाद भी ना उसने मुझे धन्यवाद कहा ना मुझे कुछ बताया ना अपनी कोई जिम्मेवारी समझी,फिर से आज छुट्टी कर ली।

अगले दिन जब वह आदमी वापस आया तो सेठ जी ने उसे बुलाके बोला कि तुम्हारी तनख्वाह मैंने घटा दी है,जो वेतन तुम्हें पहले मिला करती थी तुम्हें वही तनख्वाह मिलेगी।

अगले महीने की जब एक तारीख आई तो सेठ जी ने उसे घटी हुई तनख्वाह दी।

इस बार भी उस आदमी ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी,ना वो खुश हुआ ना दुख हुआ।

उस आदमी को बुलाके सेठ जी ने पूछा कि एक बात बताओ जब मैंने तुम्हारी तनख्वाह बढ़ाई तो तुम खुश नहीं हुए अब जब मैंने तुम्हारी तनख्वाह घटायी तो तुम दुखी नहीं हुए।

उस आदमी ने जो कहा वो ध्यान से सुनिएगा।

उसने कहा कि सेठ जी जब पहली बार नहीं आया था उस दिन मेरे घर मे मेरा बच्चा पैदा हुया था और आपने मेरी तनख्वाह बढ़ायी तो मुझे लगा कि उपरवाले ने मुझे मेरे बच्चे का हिस्सा दिया है तो मैं ज्यादा खुश नहीं हुआ। 

दूसरी बार जब मैं नहीं आया था उस दिन मेरी माँ का देहांत हो गया था और तब मुझे लगा कि आपने जो मेरी तनख्वाह घटा दी है तो मुझे लगा कि मेरी माँ अपने हिस्से का ले गयी है तो मैं उस घटे हुए पैसे के लिए परेशान क्यूँ हूँ।

ये बात सुनने के बाद सेठ जी ने उस व्यक्ति को गले लगा लिया।

इसे पढ़ना ना भूले। 

इस Hindi story की सीख-

ये छोटी सी कहानी हमें बताती हैं कि हमारे जिन्दगी मे उतार चढ़ाव आते हैं।

  • कई बार बहुत अच्छा समय आता है तो कभी बहुत बुरा वक़्त आता है उस आदमी को देखिए जब उस व्यक्ति को बढ़े हुए पैसे मिले तो वह उछला नहीं ना ही ज्यादा खुश हुआ और जब बुरा वक़्त आया तो भी दुख नहीं हुआ।

कहने का मतलब बहुत सरल है सिकंदर वही होता है जो हर वक़्त को पार करके आगे बढ़ जाए।जिन्दगी के दबाव में आना बंद किजिये।

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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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