बच्चों में गैजेट्स की लत कैसे छुड़ाएं? How To Break The Children Gadget Addiction

आजकल टेक्नोलॉजी के समय में सभी बच्चों के हाथों में किसी न किसी प्रकार का गैजेट उपस्थित होता है। जिससे वह अपना समय व्यतीत करते  गैजेट बच्चों के लिए अकेलेपन का एक साथी होता है। जिसके साथ रहकर बच्चे कभी भी बोर महसूस नहीं करते परंतु धीरे-धीरे करके बच्चों में गैजेट्स की लत लग जाती है। जिसे छुड़ा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। माता-पिता को यह अक्सर जानकारी नहीं होती कि बच्चों के गैजेट्स की लत कैसे छुड़ाएं।(Bacho me gagets ki lat kaise chudaye) 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके बच्चों की गैजेट की लत छुड़ाने के उपाय (Bacho me gagets ki lat chudane ke upay) के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पड़ें। 

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बच्चे कैसे बन जाते हैं गैजेट एडिक्ट – How children become gadget addicts 

बच्चों की उम्र सीखने की होती है।(Bacche gadgets addict  kaise bante hai)  वह हर समय दूसरों से देख देख कर चीजों को सिखाते रहते हैं। माता-पिता अक्सर यह चाहते हैं कि उनके बच्चे मोबाइल टैबलेट आदि चीजों का ज्यादा इस्तेमाल न करें। 

बच्चों में गैजेट्स की लत कैसे छुड़ाएं How To Break The Children Gadget Addiction

परंतु वह खुद ही अपने बच्चों के सामने फेसबुक इंस्टाग्राम व्हाट्सएप पर लगातार फोन चलाते रहते हैं। अगर आप लगातार बच्चों के सामने अपना फोन इस्तेमाल करते हैं। तो आपके बच्चे की धीरे-धीरे करके वही आदत हो जाती है। और वह भी गैजेट को छोड़ने का नाम नहीं लेता। 

बच्चे आपकी बातों से नहीं बल्कि आपकी आदतों से सीखते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा यह ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी गैजेट का इस्तेमाल बच्चों के सामने अगर जरूरी ना हो तो कम से काम करना चाहिए। जिससे बच्चे भी इस बात से प्रेरित हो और वह भी गैजेट का इस्तेमाल बहुत काम करना पसंद करें। 

गैजेट का इस्तेमाल बच्चों के शरीर पर भी नुकसानदायक प्रभाव डालता है। इसलिए भी बच्चों को गैजेट का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए उनके स्वास्थ्य में हानि होती है। 

गैजेट्स का बच्चों के स्वास्थ्य पर असर – How gadgets are harming your child health

यह जानकारी अक्सर सभी को होती है (Bacho me gagets ke harmful effects) कि गैजेट्स का इस्तेमाल बच्चों की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसीलिए हम बच्चे को ज्यादा से ज्यादा गैजेट चलने से मना करते हैं। सिर्फ काम के समय पर ही गैजेट का इस्तेमाल करना बच्चों को परमिशन के रूप में देना चाहिए। 

गैजेट को एक पार्टिकुलर अवस्था में ही बैठकर चलाया जा सकता है जिसकी वजह से बच्चों की रीड में समस्या आने की दिक्कत रहती है। उनकी रीड टेढ़ी हो सकती है। जिससे उनकी बॉडी का पोस्चर खराब हो सकता है इसके अलावा गैजेट से निकलने वाली हार्मफुल अल्ट्रावायलेट रेस बच्चों की आंखों को नुकसानदायक होती हैं। 

और यह आंखों की रोशनी को खराब करने के लिए उत्तरदाई होती हैं। गैजेट को चलाने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल कर जाता है। लगातार उंगलियों से स्वीप करने से भी उंगलियों की मांसपेशियां खराब हो सकती हैं। 

इसके अलावा लगातार सर को नीचे रखने से सूजन मांसपेशियों में ऐंठन आदि समस्याएं होने लगते हैं इन सब सुविधा के कारण बच्चों की ग्रोथ रुक सकती है। और बच्चे की मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए माता-पिता कोई है सलाह दे जाती है कि अपने बच्चों को वह गैजेट बहुत कम समय के लिए इस्तेमाल करने को दें। 

बच्चों में गैजेट्स की लत कैसे छुडाएं – Bachho ko gadgets se kaise door rakhe

बच्चों में गैजेट्स की लत छुड़ाना बहुत(Bacho me gagets ki lat kaise chudaye)  ही मुश्किल हो गया है। आजकल बच्चे इतने ज्यादा गैजेट्स में सुन लिप्त हो जा रहे हैं कि उनसे गैजेट्स की लॉक छुड़ाना बहुत ही मुश्किल हो गया है। 

दिन रात वह गैजेट के अंदर ही अपने दुनिया ढूंढते हैं। इसलिए आजकल गैजेट का इस्तेमाल अपने बच्चों को बहुत कम से कम ही करने देना चाहिए। जिससे बच्चों को गैजेट की आदत ना पड़े। 

गैजेट के स्टोर मार्केट में इतनी आसानी से उपलब्ध है कि बच्चे गैजेट प्रेमी हो गए हैं। और उन्हें मोबाइल फोन से लैपटॉप्स के बिना अपनी दुनिया अधूरी लगती है। इसलिए बच्चों को जितना हो सके इन सारे गैजेट से दूर रखना चाहिए। 

बच्चों को इसकी लॉक छुड़ाने के लिए यदि उन्हें किसी जानकारी की आवश्यकता है तो आप उन्हें वह जानकारी ढूंढ कर दे सकते हैं। इससे भी बच्चों की धीरे-धीरे करके गैजेट्स की लत छूट जाएगी। 

गैजेट्स की लत छुड़ाने के लिए उदाहरण – example to break gadget addiction of children

बच्चों की गैजेट्स की लत छुड़ाने के लिए (Bacho me gadgets chudane ke example) आप बच्चों के गैजेट का इस्तेमाल करने वाले समय को योगा क्लासेस में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

या बच्चे की हॉबीज की क्लासेस में भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा अगर आप बच्चे को किसी भी क्लास में नहीं भेज सकते। तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि जो वक्त बच्चों का गैजेट इस्तेमाल करने का है।

उसे वक्त में आप उसे परिवार के साथ समय बिताने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बच्चों को अकेलापन महसूस नहीं होता है। और वह धीरे-धीरे करके अपनी गैजेट्स की लत से छुटकारा पा लेता है। 

आप बच्चे को समझा भी सकते हैं कि गैजेट का इस्तेमाल करने से उसके दिमाग एवं शरीर पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। नवंबर कैसे अपने परिवार से दूर हो रहा है। यदि बच्चे को आपकी सारी बातें ठीक प्रकार से समझ में आ जाती हैं तो आप अपने बच्चों को गैजेट की लट छुटकारा दिला सकते हैं । 

बच्चों में गैजेट्स एडिक्शन को रोकने के लिए रूटीन बदलें – Bachho ki gadget ki lat ko door karne ke liye routine badle in

बच्चों में गैजेट एडिक्शन को रोकने के लिए उनके रिटर्न में बदलाव करना बहुत आवश्यक है। बच्चे जिस समय पर गैजेट का इस्तेमाल करते हैं। आप उन्हें किसी और काम में उलझा कर रख सकते हैं। 

या आप उनसे कोई ऐसा प्रोडक्ट काम करवा सकते हैं जिससे उन्हें फायदा हो सकता है। इसके पश्चात आप बच्चों को समझाइए कि गैजेट का कम इस्तेमाल करने से उनका समय कितना बचता है। 

और वह इस समय को कितनी आसानी से और उपयोगिता पूर्वक इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए गैजेट को इस्तेमाल करना कितना हानिकारक है यह बच्चे को अवश्य बताना चाहिए। 

गैजेट्स को बच्चों की पहुंच से दूर रखें – Gadgets ko bacho se door rakhe

जो बच्चे गैजेट के शौकीन होते हैं। वह कैसे भी करके अपने गैजेट को ढूंढ ही लेते हैं इसलिए आप अपने बच्चों की पहुंच से अपने गैजेट को बहुत दूर रखिए। आप गैजेट को ऐसे स्थान पर रखिए जिससे उन्हें अंदाजा भी ना लगे कि गैजेट कहां पर रखा है। 

और वह कभी भी उसे प्रार्थना कर पाए बच्चों में गैजेट की लत इतनी बुरी होती है कि यदि उन्हें गैजेट का इस्तेमाल करने को नहीं मिलता तो वह परेशान हो जाते हैं। और पूरे घर में उसे ढूंढते पढ़ते हैं। 

यदि बच्चे की पहचानी हुए स्थान पर आप गैजेट को रख देंगे तो वह उसे अवश्य ढूंढ लेगा इसलिए गैजेट को हमेशा ऐसे स्थान पर रखें। जहां पर बच्चा उसे बिल्कुल ढूंढ ही ना पाए जो बच्चे की पहुंच से बिल्कुल दूर हो इससे धीरे-धीरे करके बच्चों के अंदर गैजेट को इस्तेमाल करने की लत छूट जाएगी। 

बच्चों को गैजेट्स का लालच न दें – Bachho ko mobile ka lalach na de

बच्चों से किसी भी काम को करवाने के लिए कभी भी गैजेट का लालच नहीं देना चाहिए। यदि गैजेट के लालच में बच्चा वह काम कर देता है और उसके बाद आप उसे गैजेट का इस्तेमाल नहीं करने देते तो यह बच्चे के अंदर एक चिड़चिड़ापन भर देता है। 

और वह आपका आगे काम करने के लिए भी आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया देता है। यदि आपके बच्चे को चुप करना है तो आप उसे घूम कर खिला कर चुप कर सकते हैं परंतु फोन देकर चुप करने से बच्चों के अंदर गैजेट को इस्तेमाल करने की लत बढ़ती है। 

इसलिए कभी भी अपने बात को मनवाने के लिए गैजेट का लालच बच्चों को नहीं देना चाहिए।  यदि आप एक बार ऐसा कर देंगे तो बच्चा बार-बार ऐसा करने की मांग करेगा जिससे आपके लिए और आपके बच्चे के लिए परेशानी हो सकती है। 

घरेलू कामों में बच्चों की हेल्प लें – Take help of children in domestic work

बच्चों की गैजेट की लत छुड़वाने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा बच्चे को बिजी रखें। ज्यादा से ज्यादा बिजी रहने से बच्चे को अपने फोन या टीवी का ध्यान नहीं रहता है। और वह लगातार कार्यकर्ता रहता है। 

इसलिए आप बच्चों को बिजी रखने के लिए आप उसे घरेलू कामों में उलझ सकते हैं। यदि आप घरेलू कामों में बच्चों की मदद लेंगे तो उसे गैजेट चलाने का टाइम नहीं मिलेगा। 

और वैसे बड़ी आसानी से आप उसके गैजेट को इस्तेमाल करने की लत को छुड़ा भी सकते हैं। और अपने घरेलू कामों में बच्चों की मदद लेकर अपने काम को आसान बना सकते हैं। 

गैजेट्स को लेकर स्ट्रिक्ट हो जाएं – Gadgets ko lekar strict ho jaye

यदि आपके बच्चे को गैजेट खिल है और वह बार-बार गैजेट को लेने की जिद कर रहा है। तो आपको उसके सामने थोड़ा स्ट्रिक्ट होना पड़ेगा। आपको यह समझना पड़ेगा कि यदि आप किसी चीज को बच्चों को मना करती हैं। 

तो इसका मतलब है कि वह चीज बच्चों को दोबारा नहीं  मांगनी चाहिए आपको नो मिंस नो की पॉलिसी अपनानी होगी। यदि आप बार-बार बच्चों की जीत को मान लेंगे तो बच्चे को यह समझ में आ जाएगा कि उसकी जिद करने से उसे उसका गैजेट मिल जाता है। इसलिए आप धीरे-धीरे करके यदि स्ट्रिक्ट हो जाते हैं तो आप बच्चे की गैजेट को लत को आसानी से छुड़ा सकते हैं। 

बच्चे को गैजेट्स की जगह पालतू जानवर लाकर दें – Child ko mobile ki jagah pet lakar de

बच्चों को हमेशा बिजी रखने के लिए और गैजेट्स पर उनका ध्यान हटाने के लिए उन्हें एक पालतू जानवर लाकर देना चाहिए। पालतू जानवर परिवार का एक वह हिस्सा बन जाता है जिसके माध्यम से बच्चा दिन भर उसे खिलाने में बिजी रहता है। 

और उसे अपने गैजेट का ध्यान नहीं रहता इसलिए बच्चों को एक पलटी जानवर लाकर देना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह बच्चे की गैजेट की लत छुड़ाने में बहुत मदद करता है। इसलिए यदि आपके बच्चे की गैजेट की लत आपका लाख प्रयासों के बाद भी नहीं छूट रही है। 

तो आप बच्चे को एक पालतू जानवर लाकर दे सकते हैं पालतू जानवर प्रकार बच्चा उसकी सेवा करता रहता है और उसे अपने गैजेट का ध्यान नहीं रहता। 

स्क्रीन क्रेक्ड एप छुड़ाएगा बच्चे की मोबाईल की लत – Screen cracked pranked app chudaega mobile ki lat

यह एक प्रकार का ऐप है जिसे आपके माध्यम से आप अपने बच्चों की मोबाइल को चलाने की या गैजेट को इस्तेमाल करने की लत छुड़ा सकते हैं। इसके लिए यदि आपका बच्चा गैजेट से दूर होने के लिए तैयार नहीं है। 

तो आप गूगल प्ले स्टोर से स्क्रीन क्रैक्ड अप का इस्तेमाल करके उसको फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। स्क्रीन करेक्ट अप में एक टाइमर सेट होता है। उसे टाइमर तक बच्चे की स्क्रीन क्रैक नजर आने लगती है। 

और बच्चा बीच में ही अपने फोन को चलाना छोड़ देता है यदि आप अपने बच्चों को गैजेट से दूर नहीं रख पा रहे हैं तो यह ऐप आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना होता सिर्फ इसे फोन में डाउनलोड कर कर इसमें टाइमर सेट करना होता है। 

जिस टाइम को अपने फोन में सेट किया है उसे टाइम पर आपका फोन की स्क्रीन क्रैक नजर आने लगती है और बच्चा फोन चलाना छोड़ देता है। 

अचानक से बच्चों के हाथ से मोबाइल न छीने Achanak se mobile na cheene

कई बार ऐसा होता है कि बच्चों की गैजेट एडिक्शन को खत्म करने के लिए या बच्चे पर गुस्सा आने के कारण माता-पिता अचानक से ही बच्चों के हाथ से मोबाइल छीन लेते हैं। माता-पिता को अचानक से बच्चों के हाथ से मोबाइल नहीं छीनना चाहिए। 

ऐसी हरकत करने से बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है बल्कि आपको यह समझना चाहिए कि जब बच्चे की यह वीडियो खत्म हो जाती है। उसके पश्चात बच्चों को अपने आप ही फोन रख देना चाहिए। 

इससे बच्चों के अंदर चार-चार अपन पैदा नहीं होता इसके अलावा उसे यह समझ में आ जाता है कि उसे कितने समय तक यह फोन चलाना है। 

बच्चों के गैजेट एडिक्शन को खत्म करने के लिए नियम बनाएं (Gaget chudane ke Niyam banayen) 

यदि आप अपने बच्चों की गैजेट एडिक्शन को खत्म करना चाहती हैं। तो उसे समझा कर यह नियम बना दें कि आप अपने बच्चों को गैजेट सिर्फ एक या दो घंटे के लिए शनिवार और रविवार को इस्तेमाल करने देंगे। 

यदि आप गैजेट का इस्तेमाल का कोई भी नियम नहीं बनती है तो यह आपके बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। वह अधिक से हम अधिक समय तक गैजेट का इस्तेमाल करेगा जिससे के कारण उसकी गैजेट की लत लग सकती है। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ) 

Q. गैजेट्स की लत बच्चों को क्यों लग जाती है? 

अधिक से अधिक समय गैजेट का इस्तेमाल करने से बच्चों को इसकी लत लग जाती है। 

Q. गैजेट्स के बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ते हैं? 

गैजेट बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक पर विकास पर प्रभाव डालता है। बच्चों की आंखों को भी नुकसान पहुंचता है। 

Q. गैजेट की लत को कैसे छुड़वाया जा सकता है? 

गैजेट के इस्तेमाल का एक पार्टिकुलर टाइम रूटीन बच्चों को गैजेट का इस्तेमाल काम करने देने से इसकी लत को छुड़वाया जा सकता है। 

Q. गैजेट्स की लत छुड़वाने का सबसे अच्छा उपाय कौन सा है? 

गैजेट्स की लत छुड़वाने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप अपने बच्चों को एक पालतू जानवर लाकर दे सकते हैं। 

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों में गैजेट्स की लत कैसे छुड़ाएं – (How To Break The Children Gadget Addiction) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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