बच्चे का एहसास माता पिता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। बच्चे का जन्म होने के बाद माता-पिता उसका ख्याल रखने में हर प्रयास करते हैं। वह कोशिश करते हैं कि बच्चे के पालन पोषण में कोई भी कमी ना रहे बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए वह हर तरीका अपनाते हैं। बच्चे को माता पिता सुंदर देखना चाहते हैं। परंतु यदि बच्चे का रंग काला हो तो वे उसे सुंदर दिखाने के लिए क्या कर सकते हैं (Babies ki skin fair kaise kare) इसके विषय में अक्सर उन्हें जानकारी नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे की त्वचा का रंग कैसे साफ करें।( Babies ki skin fair karne ke tips) इसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
मेरे बच्चे का रंग काला/सांवला क्यों है?
बच्चे का रंग काला या सामला (Babies ki dark skin ke reason) होना इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे के अंदर मिलानिन नाम का पिगमेंट कितना बन रहा है। यदि शरीर में यह पिगमेंट ज्यादा बनता है। तो शरीर का रंग काला होता है यदि शरीर में यह पिगमेंट कम बनता है तो शरीर का रंग सांवला होता है। यदि शरीर में यह पिगमेंट बहुत कम मात्रा में बनता है तो शरीर का रंग गोरा होता है।
इस पिगमेंट का निर्माण शरीर में मांसपेशियों के अंदर होता है और इस पिगमेंट के निर्माण की निर्भरता व्यक्ति के जीन पर डिपेंड करती है। जैसा बच्चे के माता-पिता के शरीर का रंग होता है वैसा ही बच्चे का रंग होता है।
क्या बच्चे की त्वचा का रंग बदलना संभव है?
बच्चे का रंग बदलना संभव नहीं है (Dark skin ko fair karne possiblility) परंतु कुछ बाहरी उपकरणों के माध्यम से आप बच्चे के शरीर के रंग को गोरा कर सकते हैं। बहुत सारे ऐसी क्रीम एवं उपाय हैं।
जिनके माध्यम से बच्चे के शरीर के रंग को गोरा किया जा सकता है।परंतु बच्चे के दिन में शरीर करा जैसा होता है वैसा ही रहता है। शरीर के रंग का गोरा या काला होना मिलेनिंन पिगमेंट के निर्माण की निर्भरता पर होता है। धूप में यह पिगमेंट शरीर में ज्यादा बनता है और यदि आप धूप के संपर्क में कमाते हैं तो यह पिगमेंट बन्ना कम हो जाता है।
नवजात शिशु के रंग को कैसे साफ करना है। (Babies ka colour fair karne ke tips) इसके विषय में हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं। परंतु यह उपाय बच्चे के शरीर के रंग को पूर्णता साफ नहीं कर सकते यह टेंपरेरी उपाय हैं। जिनसे बच्चे का रंग साफ हो सकता है।
बेसन :
बेसन की मदद से त्वचा की ऊपरी परत जो डेड हो चुकी होती है। उसको साफ करने में मदद मिलती है इस प्रक्रिया को एक्सफोलिएशन कहते हैं। एक्सफोलिएशन के माध्यम से शरीर की ऊपर की मृत्यु त्वचा हट जाती है। और बच्चे की त्वचा साफ हो जाती है इससे बच्चे के शरीर का रंग गोरा नहीं होता परंतु बच्चे के शरीर को स्वस्थ बनाने में बेसन मदद करता है।समय-समय पर बच्चे के शरीर पर एक्सफोलिएशन की प्रक्रिया करनी चाहिए जिससे बच्चे का शरीर साफ रहे।
फलों का जूस :
फलों का जूस त्वचा को गोरा बनाने में मदद करता है। विभिन्न फल जैसे संतरा शहतूत कॉफी आदि का जूस त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा के रंग को गोरा करने में मदद करते हैं।
फलों के जूस में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें anti-inflammatory एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं। यह शरीर की डेड स्किन को भी हटाने में मदद करता है। फलों का जूस सूर्य से आ रहे पराबैगनी किरणों को शरीर को नुकसान पहुंचाने से रोकता है। यह शरीर की प्रोडक्शन का काम करता है। इसलिए फलों के जूस से बच्चे के चेहरे और शरीर को प्रोटेक्ट किया जा सकता है।
हल्के गर्म तेल से मालिश :
बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए हल्के गर्म तेल से मालिश करनी चाहिए। हल्के गर्म तेल से मालिश करने से बच्चा स्वस्थ रहता है और बच्चे के रंग साफ होने में भी मदद मिलती है। मालिश से बच्चे के शरीर के ऊपर की गंदगी साफ हो जाती है और बच्चा गोरा दिखने लगता है। मालिश करने से शरीर में फुर्ती आती है। बच्चे के हाथ पैरों का विकास तेजी से होता है इसलिए रोज बच्चे की मालिश करनी चाहिए।
सौम्य बाॅडी पैक :
नवजात बच्चे के शरीर पर लेप किया उबटन लगाने से भी शरीर की त्वचा साफ होती है और बच्चे का रंग गोरा होता है। पुराने जमाने में भी यदि शरीर को गोरा करना होता था तो लेते ऑप्शन का इस्तेमाल किया जाता था। यह सौम्य पैक बहुत सारे माध्यमों से बनाया जाता है जिसमें त्वचा को गोरा करने के गुड बाय जाते हैं। शरीर में पैक को हल्दी केसर और दूध से मिलाकर बनाया जा सकता है। इन तीनों चीजों का मिश्रण शरीर में गोरापन लाने में मदद करता है। और त्वचा को जरूरी पोषण प्रदान करने में मदद करता है जिससे त्वचा स्वस्थ दिखती है।
स्नान के पानी का सही तापमान :
यदि आप अपने बच्चे का रंग गोरा करना चाहते हैं तो आप अपने बच्चे को गर्म पानी को ठंडा करके नहला सकते हैं। यदि गर्म पानी को ठंडा करके आप बच्चे को नया लाएंगे तो उसमें उपस्थित हाइड्रोजन सक्रिय हो जाती है। और यह त्वचा को गोरा करने में बच्चे की मदद करती है इसलिए आप गरम पानी को ठंडा करके बच्चे को सामान्य तापमान के पानी के साथ नहला सकते हैं। और अपने बच्चे को स्वस्थ और सुंदर बना सकते हैं।
मॉइस्चराइजर :
मास्टर आएगा एक बहुत महत्वपूर्ण चीज है जो त्वचा पर रोज लगाने चाहिए। त्वचा को रूखापन से बचाने के लिए मोशुराइजर का उपयोग करना चाहिए। शरीर में पाया जाने वाला प्रोटीन होता है जो शरीर को मास्टर आइस करने में मदद करता है। यदि इलास्टिन को बेबी की नाजुक त्वचा पर रोजाना इस्तेमाल किया जाता है तो यह शरीर को मोस्ट राइस करने में मदद करता है। और शरीर को गोरा प्रदान करता है इसलिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल रोजाना बच्चे के शरीर पर करना चाहिए।
बेबी स्क्रब :
बेबी स्क्रब करना भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। जिसके माध्यम से शिशु की त्वचा को गोरा किया जा सकता है। ब्राउन शुगर एक बहुत अच्छा बेबी स्क्रब होता है। ब्राउन शुगर में एक्सफोलिएशन के गुण पाए जाते हैं। जो शरीर की डेड स्किन को हटाने के साथ-साथ त्वचा के मुहांसों को साफ करने और त्वचा के दाग धब्बों को साफ करने में मदद करते हैं। बच्चे हों या बड़े सभी को बेबी स्क्रब करना चाहिए। बेबी स्क्रब ब्राउन शुगर के अलावा जैतून का तेल मिलाकर या हनी मिलाकर भी किया जा सकता है। बच्चे को हर 15 दिन के बाद या 1 महीने के बाद बेबी स्क्रब देना चाहिए।
सन बाथ :
सन बाथ का मतलब होता है सूर्य की रोशनी में नहाना। सूर्य में बैठने से शरीर को विटामिन डी प्राप्त होती है। जो शरीर में कैल्शियम को अपलोड करने में मदद करती है। और हड्डियों को मजबूत बनाती है। सूर्य के प्रकाश से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और यह संक्रमण और विभिन्न रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करती है। शरीर को गोरा करने के लिए सूर्य में बैठने के कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। बच्चे के जन्म के पश्चात उसे बहुत समय तक डायरेक्ट सूर्य के प्रकाश में नहीं ले जाना चाहिए। बच्चे को सुबह के प्रकाश में ही ले जाना चाहिए जिससे उसके शरीर को विटामिन डी प्राप्त हो सके। बच्चे को ज्यादा देर तक सूर्य के प्रकाश में नहीं रखना चाहिए वरना उसके शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है।
बेबी वाइप्स :
बच्चे की त्वचा को साफ करने के लिए बेबी वाइप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेबी शरीर में कीटाणुओं और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। बेबी वाइप्स पॉलिस्टर, कॉटन या रेयॉन फाइबर से बने होते हैं।
इनका इस्तेमाल पानी के साथ किया जाता है। पानी के साथ भिगोकर बेबी की त्वचा को हल्के हाथों से साफ किया जाता है जिसके माध्यम से बेबी की त्वचा के अच्छे से सफाई होती माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। जिस भी चीज का इस्तेमाल आप शिशु की त्वचा पर कर रहे हैं उसका मेडिकल द्वारा प्रमाणित होना चाहिए और वह बहुत ही कोमल होना चाहिए जिससे वह शिशु की नाजुक त्वचा को कोई नुकसान ना पहुंचाएं।
केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल न करें :
शिशु की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। बच्चे के शरीर को गोरा करने के लिए ऐसे किसी भी केमिकल युक्त पदार्थ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जो शिशु की त्वचा को टॉक्सिक बना दें।
इसलिए मेडिकल के द्वारा प्रमाणित बच्चों के लिए बनाई गई चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।शिशु की कोमल त्वचा में कोई भी केमिकल टॉक्सिक बनकर त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाता है इसलिए केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल बच्चे के शरीर पर बिल्कुल ना करें।
बच्चे के शरीर के रंग को गोरा करने के लिए आप केमिकल के उत्पादों का इस्तेमाल करने की वजह घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं।जिसके माध्यम से आप विभिन्न तरीकों से बच्चे के शरीर पर स्क्रब करके या फेशियल कर के बच्चे के शरीर को गोरा कर सकते है।
नोट:
ऊपर बताई नहीं सारी चीजों का इस्तेमाल बच्चे के त्वचा को स्वस्थ बनाने में और साफ करने में मदद कर सकता है। परंतु यह उत्पाद बच्चे की त्वचा को गोरा कर दे इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होता। इसलिए बच्चे के शरीर का रंग उसके शरीर के भीतर उपस्थित पिगमेंट पर निर्भर करता है।
शिशु की त्वचा का वास्तविक रंग आने या दिखने में कितना समय लगता है?
शिशु की त्वचा का वास्तविक रंग (Babies ka sahi colour aane ka time) तब पता चलता है। जब बच्चा 2 साल का हो जाता है। बच्चे का जन्म होने के पश्चात बच्चे के वास्तविक रंग का पता नहीं चलता। उसके शरीर का रंग बदलता रहता है इसलिए पहले से बच्चे का रंग गोरा करने के लिए किसी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बच्चे के शरीर का पाठ्यक्रम होने का इंतजार करना चाहिए। 2 साल के पश्चात बच्चे के शरीर पर उसका वास्तविक रंग आ जाता है इसलिए बच्चे के वास्तविक रंग देखने का इंतजार करना चाहिए।
क्या शिशु के लिए टैल्कम पाउडर और फेयरनेस क्रीम का उपयोग करना सुरक्षित है?
शिशु के शरीर पर टेलकम पाउडर या फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल (Cream aur talkam ki suraksha in babies) करना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं होता। शिशु के शरीर पर टेलकम पाउडर इस्तेमाल करना चाहिए जो विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाया गया हो और जिसमें किसी भी तरीके की टॉक्सिक पदार्थ उपस्थित ना हो शरीर पर फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। फेयरनेस क्रीम में बहुत सारी केमिकल्स पाए जाते हैं। यह त्वचा को साफ करने की वजह से आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं इसलिए बच्चे के शरीर पर टेलकम पाउडर या फेयरनेस क्रीम का उपयोग नहीं करना चाहिए।
क्या बच्चे की त्वचा का रंग साफ करने के लिए धूप से दूर रखना चाहिए?
बच्चे की त्वचा का रंग साफ(Fairness ke liye dhoop se sampark) करने के लिए तेज धूप से बच्चे को दूर रखना चाहिए। सुबह सुबह के समय जब धूप बिल्कुल निकली हो तब आप बच्चे को ले जाकर आप धूप में बैठा हो सकते हैं।
परंतु जब धूप तेज हो जाती है तब बच्चे को तेज धूप में नहीं ले जाना चाहिए क्योंकि तेज धूप में शरीर के अंदर मिलाने नाम का पिगमेंट बन्ना तेज हो जाता है। इसलिए यदि आप अपने बच्चे को गोरा करना चाहते हैं तो बिल्कुल धूप में बच्चे को ना ले जाए।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. बच्चे के शरीर का रंग किस बात पर निर्भर करता है?
बच्चे के शरीर का रंग शरीर में उपस्थित मिलानिन नाम के पिगमेंट के कारण होता है।
Q. बच्चे के शरीर का वास्तविक रंग कब दिखाई देता है?
बच्चे के शरीर का वास्तविक रंग जब बच्चा 2 साल का हो जाता है तब दिखाई देता है।
Q. क्या बच्चे के शरीर पर टेलकम पाउडर या फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए?
बच्चे के शरीर पर टेलकम पाउडर या फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
Q. क्या बच्चे का रंग बदलना संभव है?
कुछ बाहर ही उपयोगी के माध्यम से बच्चे का रंग बदला जा सकता है।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चे की त्वचा का रंग साफ कैसे करें (How To Make Baby Skin Fair) इसके विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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