बच्चे के जन्म के एक साल के बाद तक बच्चे को मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। अधिकतर माय बच्चे को एक साल तक या एक साल के बाद तक मां के दूध का सेवन कर आते हैं। यह बच्चे के लिए लाभकारी होता है परंतु 1 साल के पश्चात भी बच्चों की दूध पीने की आदत नहीं जाती अधिकतर बच्चे रात में दूध पीने (Raat me feeding chudana in kids) के लिए परेशान करते हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चों के रात में दूध पीने की आदत छुड़ाने (Raat me feeding chudane ki needs, tips, in kids) के टिप्स के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस टॉपिक के विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
बच्चों का रात में दूध पीना छुड़ाना क्यों जरूरी है?
शिशु को जब भी भूख लगती है। मां उसे तुरंत दूध पिलाने का प्रयास करती है चाहे दिन हो या रात। मां अपने आराम का ध्यान ना रखते हुए भी अपने शिशु की भूख मिटाने का प्रयास करते हैं।
परंतु यदि बच्चा रात में बार बार दूध पीने की जिद करता है इससे मां को परेशानी हो सकती है। इसलिए बच्चे को रात में दूध पीना छोड़ना जरूरी है। (Raat me feeding chudane ki need in kids) रात में बच्चे को दूध पीना छुड़ाने का कारण के कुछ अन्य टिप्स नीचे पॉइंट के माध्यम से स्पष्ट किए हैं।
1. रात में बोतल का दूध पिलाने से बच्चे के दांत सड़ने का डर रहता है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के माध्यम से बात की पुष्टि हुई है।
2. रात में जिन बच्चों के मुंह में दूध लगाकर में छोड़ दिया जाता है। उन्हें चोकिंग और कान के संक्रमण की समस्या हो सकती है।
3. बच्चे को यदि रात में दूध पीने की आदत है तो वह रात में बार-बार दूध पीने की मांग करता है जिसके कारण बच्चे की नींद प्रभावित होती है। साथ साथ मां की भी नींद प्रभावित होती है और वह ठीक तरीके से आराम नहीं कर पाती।
4. यदि एक उम्र के बाद बच्चे की दूध पीने की आदत नहीं सुनाई जाती इसके पश्चात जब बच्चा बड़ा हो जाता है तब उसकी यह आदत छुड़ा पाना बहुत कठिन है।
5. बच्चों को अपनी भूख का ज्ञान नहीं होता अगर रात में बच्चे के मुंह में बोतल लगाकर छोड़ दी जाती है। और वह जरूरत से अधिक दूध पी लेता है। तो उसको पेट खराब होने की शारीरिक समस्या बन सकती है।
रात में बच्चों का दूध छुड़ाना कब शुरू करें?
रात में बच्चों का दूध छुड़ाना कब शुरू करना चाहिए (Raat me feeding chudane ka sahi time in kids) इसके विषय में नीचे पॉइंट्स में स्पष्ट किया गया है।
- 6 महीने के बाद रात में बच्चों का दूध छुड़ाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि डॉक्टर की सलाह के अनुसार 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
- मां के दूध में एंटीबॉडीज पाई जाती हैं जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है।
- 6 महीने के पश्चात बच्चे को सेमी सॉलि़ड फूड दिया जा सकता है जो उसके शरीर में अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। पोषक तत्व बच्चे के शारीरिक तथा मानसिक विकास में उसकी मदद करते हैं।
- 6 महीने के बाद शिशु अन्य चीजें खाना प्रारंभ कर देता है जिसके कारण उसका पेट अधिकतर रात में भरा रहता है और उसे दूध पिलाने की आवश्यकता नहीं होती।
- इसलिए 6 महीने के पश्चात बच्चे के रात में दूध पिलाने की आदत को छुड़वाना चाहिए।
- ऊपर बताए गए सभी तथ्य वैज्ञानिकों के द्वारा शोध प्रद नहीं है। इसके लिए पहले डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
बच्चा तैयार है, यह कैसे जानें?
छोटे बच्चों के अंदर कुछ आदतें पाए जाते हैं जिनसे यह समझ में आने लगता है कि बच्चा अब रात में दूध छोड़ने के लिए तैयार हो गया (Feeding chodne ke signs in kids) है।कुछ ऐसी ही आदतों को नीचे पॉइंट के माध्यम से स्पष्ट किया गया है जिन को पहचान कर आप बच्चे की रात में दूध पीने की आदत को छुड़ाना शुरू कर सकते हैं।
1. बच्चा दिन में ठीक से खाता है :
यदि बच्चा देने में semi-solid पदार्थों का सेवन ठीक से कर लेता है तो उसका पेट भरा रहता है। उसे भूख कम लगती है उसे अधिक दूध पिलाने की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में यह समझ लेना चाहिए कि बच्चा रात में दूध छोड़ने के लिए तैयार है।
2. दूध पीने के समय खेलने लगे :
यदि रात में आप बच्चे को दूध पिला रहे हैं और बच्चा दूध पीने पर ध्यान नहीं देकर इधर-उधर खेल रहा है। उसकी यह प्रतिक्रिया यह संकेत देती है कि बच्चा भूखा नहीं है। उसका पेट भरा हुआ है शिशु की रात में दूध पीने की आदत छोड़ने का यह एक अच्छा मौका है।
3. यदि बच्चा सॉलि़ड फूड का सेवन करने लगे :
यदि बच्चा अपने मन से ही सही तरीके से सॉलि़ड फूड का सेवन कर रहा है तो हमेशा बच्चे का पेट भरा रहेगा। और उसे अधिक दूध पिलाने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे में यह मान लेना चाहिए कि बच्चा रात में दूध छोड़ने के लिए तैयार है।
4. स्वास्थ्य विकास :
यदि बच्चा धीरे-धीरे अपने उम्र की बच्चों की तरह स्वस्थ रूप से विकास कर रहा है तो यह समझ जाना चाहिए कि बच्चा रात में दूध पीना छोड़ने के लिए तैयार है। बच्चे का सही विकास उसकी सही परवरिश की पहचान होती है।
रात में बच्चे का दूध छुड़ाने के तरीके
इन पॉइंट के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि रात में बच्चे का दूध छुड़ाने के क्या तरीके हो सकते हैं। इनको फॉलो करके आप भी अपने बच्चे का दूध छुड़ा सकते हैं।
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बच्चे को खुद से दूर सुलाए :
रात को सोते समय अपनी और बच्चे के बीच में थोड़ी दूरी बना कर सोना चाहिए। दूरी बनाने से बच्चा मां की आहट को महसूस कम कर पाएगा। यह तरीका बच्चे का दूध छुड़ाने का एक कारगर तरीका हो सकता है।
एक स्तन खाली होने तक दूध पिलाना :
कई बार माताएं एक स्तन खाली ना होने के बाद भी बच्चे को दूसरे स्तन से दूध पिलाना शुरू कर देती हैं परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए। शिशु को हींड मिल्क की बहुत आवश्यकता होती है। हिंड मिल्क में भारी मात्रा में फैट और विटामिन पाया जाता है जो शिशु के पेट को अधिक देर तक भरने में मदद करता है।
यदि एक स्तन को पूरा खाली किया जाए तब अंत में निकलने वाला दूध ही हिड मिल्क कहलाता है। इसलिए शिशु को एक स्थान काले होने तक दूध पिलाना चाहिए जिससे उसका पेट भरा रहे।
शाम को दूध पिलाएं :
शिशु को हमेशा शाम को दूध पिला कर सुलाना चाहिए शाम को दूध पिलाने से शिशु का पेट भरा रहेगा और वह रात में बार-बार दूध की मांग नहीं करेगा। इसलिए शाम को ही शिशु को पेट भर कर दूध पिलाना चाहिए।
रात में जगने के पैटर्न में बदलाव करें :
रात में बच्चा जिस समय बार-बार जागता है। उस समय को नोट कर ले रोजाना उस समय से पहले उठकर ही बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चे कि रात में उठकर दूध मांगने की मानसिकता में बदलाव होगा और रात में दूध पीने की आदत छूटेगी।
दूध पिलाने की अवधि को कम करें :
सामान्यता शिशु को जब भी भूख लगती है माताएं तुरंत उन्हें दूध पिलाने लगती हैं। दिन में कम से कम एक घंटे तक माताएं शिशु को दूध पिलाती हैं। दूध पिलाने की इसी अवधि को कम करना चाहिए। यदि एक दिन में एक घंटा दूध पी रहा है तो माता को धीरे धीरे दूध पिलाने की अवधि कम करनी चाहिए और उसे ठोस पदार्थों का सेवन कराना चाहिए। जिससे शिशु का पेट भरा रहे और वह बार-बार दूध की मांग ना करें।
दूध पीते समय बच्चे का ध्यान ना भटकने दे :
दूध पीते समय बच्चे का ध्यान नहीं भटकने देना चाहिए। यदि बच्चा खेल-खेल में दूध पीता है तो वह भूखा रह जाता है और बाद में माता को परेशान करता है। इसलिए बच्चे का ध्यान केंद्रित करके पेट भर कर बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। जिससे रात में दूध की मांग ना करें और उसके रात में दूध पीने की आदत छूट जाए।
बोतल से दूध पीने वाले बच्चों के लिए
रात में दूध देना कम करें :
यदि आपका बच्चा बोतल से दूध पीता है और वह बार-बार दूध की मांग करता है तो धीरे-धीरे उसकी दूध पीने की अवधि को कम करना चाहिए। इससे धीरे-धीरे करके बच्चे की आदत सुधर जाएगी। यदि बच्चा रात में आधा घंटा दूध पीता है तो माता को धीरे धीरे उसकी इस अवधि को घटाना चाहिए। इससे बच्चे को दूध छोड़ने में दिक्कत नहीं होती।
दूध की जगह बोतल में पानी डालकर दें :
यदि बच्चे की उम्र 6 माह से अधिक है तो उसे दूध की जगह बोतल में पानी डाल कर देना चाहिए। 6 माह से अधिक के बच्चे ठोस पदार्थों का सेवन करना शुरू कर देते हैं। उनके शरीर में पानी की पूर्ति भी करने में से मदद मिलती है और धीरे-धीरे बच्चे की रात में दूध पीने की आदत भी छूट जाती है। इसलिए रात को बच्चे को कभी-कभी पानी डालकर बोतल देनी चाहिए।
समय पर ध्यान दें :
बच्चे के दूध पीने वाले समय पर ध्यान देना चाहिए यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा दिन में कितनी बार दूध पी रहा है। कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे को सुबह और शाम में ही बोतल से पेट भर कर दूध पिलाया जाए। इससे बच्चा बार-बार दूध की मांग नहीं करेगा और शाम में दूध पिलाने से बच्चा रात भर दूध के लिए परेशान नहीं करेगा।
बच्चे को दिन में ठोस आहार दें :
बच्चे को दिन में ठोस आहार का सेवन कराना चाहिए ठोस आहार अधिक देर में पता है जिसके कारण बच्चे को बार बार दूध देने की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए माता को यह ध्यान देना चाहिए कि शाम के समय बच्चे को ठोस आहार जरुर खिलाना चाहिए। इससे बच्चा रात में दूध की मांग नहीं करेगा और धीरे-धीरे उसके रात में दूध पीने की आदत छूट जाएगी।
बच्चे का ध्यान भटकाये :
यदि थोड़ी देर पहले बच्चे ने दूध पिया है और वह फिर से दूध की मांग कर रहा है तो बच्चे का ध्यान भटकाने का प्रयास करना चाहिए बच्चे को लोरी सुना कर, बाहर टहल कर, खेल खिलाकर उसका ध्यान दूध से भटकाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे धीरे-धीरे करके उसकी आदत छूटे।
परिवार के दूसरे सदस्यों को शामिल करें :
अगर बच्चे को ठीक प्रकार से ठोस पदार्थों का सेवन कराया गया है परंतु फिर भी वह रात में दूध पीने की मांग कर रहा है। तो परिवार के अन्य सदस्यों जैसे पिता को बच्चे का ध्यान भटकाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे धीरे-धीरे करके बच्चे की रात में दूध पीने की आदत छोड़ जाए।
बच्चे को सुरक्षित महसूस कराएं :
बच्चा 6 महीने तक सिर्फ तरल पदार्थ का सेवन करता है 6 महीने के बाद जब उसे ठोस पदार्थ खिलाए जाते हैं तो वह असहज महसूस कर सकता है। ऐसे में संयम से काम लेना चाहिए और बच्चे को यह समझाना चाहिए कि उसे खिलाए जाने वाले सभी पदार्थ के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।
डॉक्टर से कब सलाह ले
डॉक्टर से कब सलाह लेनी चाहिए (Feeding related doctor salah for kids) इसके सिम्टम्स नीचे पॉइंट्स में स्पष्ट किए गए हैं
- अगर बच्चा रातभर दूध पीने की मांग करता है।
- अगर स्तनपान न करवाने पर बच्चा देर तक रोता रहे।
- स्तनपान किए बिना बच्चे को नींद न आना।
- 6 महीने के बाद अन्य आहार के प्रति रुचि न दिखाने पर और बार-बार दूध की मांग करने पर।
- इसके अलावा, 6 महीने के बाद भी लगभग एक से दो साल तक स्तनपान करने की सलाह दी जाती है।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. शिशु को रात में दूध पीने से रोकना क्यों जरूरी है?
रात में दूध पीने से चोकिंग और कान में संक्रमण की समस्या रहती है। शिशु के दांत सड़ने का डर रहता है और माता की नींद खराब होती है।
Q. बच्चों को रात में दूध छोड़ने की शुरुआत कब करनी चाहिए?
जब शिशु 6 महीने का हो जाए तो उसे रात में दूध छुड़वाने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि 6 महीने के पश्चात शिशु अन्य पदार्थों का भी सेवन करने लगता है।
Q. वह क्या संकेत है जिनसे मान लेना चाहिए कि शिशु रात में दूध छोड़ने के लिए तैयार है?
यदि बच्चा ठीक प्रकार से अन्य पदार्थों का सेवन करता है और उसका पेट भरा रहता है तो यह दूध छोड़ने के संकेत हैं।
Q. डॉक्टर से कब सलाह लेनी चाहिए?
6 महीने के पश्चात भी यदि बच्चा रात भर दूध पीने की मांग करता है। यदि बच्चे को स्तनपान के बिना नींद नहीं आती तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों की रात में दूध पीने की आदत छुड़ाने के टिप्स (How To Stop Baby Feeding In Night) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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