Inspiration stories in hindi for success with moral
Here is a inspiration story in hindi for success with moral-जागो उठो भागो और तब तक ना रुको जब तक अपने लक्ष्य को हासिल ना कर पाओ।
कबीर जी ने कहा है-
धीरे धीरे रेंगना धीरे सब कुछ होए,
माली सिंचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होए।
मै हूं अभी
samajikyojana.in से और लेकर आया हूँ बहुत ही मजेदार कहानी।
एक बार की बात है एक गाँव में एक बाबाजी रहा करते थे और बाबाजी बड़े चमत्कारी थे,
मतलब पूरे गाँव वाले उनके चमत्कार का लोहा मानते थे।
बाबाजी एक पैर वाले थे उनका एक पैर नहीं था, वो दीव्यंग थे लेकिन फिर भी बाबाजी जब जब नाचते थे तब तब गाँव में बारिश होती थी।
अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इसे पढ़े।
गाँव वालों को तो शुरू में कुछ समझ नहीं आता था, लेकिन धीरे धीरे गाँव वालों का विश्वास बढ़ता गया, और फिर वो बाबाजी को सबकुछ मानने लगे।
गाँव मे लोगों को जब भी लगता था बारिश की जरूरत है वो तुरंत बाबाजी के पास पहुँच जाते थे, और जाके कहते थे कि बाबाजी आज आप नृत्य कर देते तो शायद आज बारिश हो जाती।
और सच में उस शाम में बारिश होती थी।
एक बार शहर से चार लड़के घूमते घूमते गाँव पहुचें, और गाँव वालों ने उन्हे बाबाजी के बारे में बताया कि गाँव में एक बाबाजी है वो नाचते है तो बारिश होती है।
हार गए तो क्या होगा?
लड़के क्यूंकि शहर के थे और उन्हे इनसब पर भरोसा हुआ नहीं उन्होने कहा कि देखो बात ऐसी है कि हम शहर के है और इनसब पर भरोसा नहीं करते और दूसरी बात ऐसा कहीं नहीं होता कि किसी बाबाजी के नाचने पर बारिश हो।
गाँव वालों ने कहा कि चलो तुम्हें दिखाते है, बाबाजी कुटिया में आराम कर रहे थे। गाँव वालों ने बाबाजी को बताया कि ये जो लड़के है बोल रहे है कि ये लड़के भी नाचेंगे तो बारिश होगी।
बाबाजी और लड़को मे शर्त लग गयी।
लड़कों ने कहा कि पहले हम नाचेंगे फिर आप नाचना।
पहले लड़के ने शुरुवात की आधे घंटे तक लड़के ने नाचा लेकिन बारिश नहीं हुई। फिर दूसरा लड़का नाचा, फिर तीसरा, फिर चौथा इन्होने बहुत प्रयास किया लेकिन फिर भी बारिश नहीं हुई।
गौतमबुद्ध की कहानी
अब बाबाजी की बारी आई, बाबाजी ने नाचना शुरू किया लेकिन बारिश नहीं हुई।
एक घंटा बाबाजी नाचे, दो घण्टे तक बाबाजी नाचते रहे लेकिन फिर भी बारिश नहीं हुई।
दोपहर से शाम हो गयी तभी जोड़ से बादलों के गरजने की आवाज आई, अचानक ही बारिश होने लगी।
लड़के इस चमत्कार के आगे घुटने टेक दिए बाबाजी को प्रणाम करने लगे पैर पकडने लगे।
उन्होने बोला ये चमत्कार हुआ तो हुआ कैसे?
हम भी नाचे एक एक करके सबने नाचा बारिश नहीं हुई, आपके नाचने पर बारिश कैसे होने लगी?
बाबाजी ने जो कहा ध्यान से सुनिएगा
बाबाजी ने कहा पहली बात तो ये कि जब भी मैं नाचता हूँ तो मानता हूँ और सोचता हूँ कि बारिश होगी।
दूसरी बात की मै तब तक नाचता हूँ जबतक बारिश नहीं होती।
दूसरो को जज करना बंद करे।