आईपीसी धारा 354 क्या है? कब और क्यों लगती है? | What is IPC 354

|| आईपीसी धारा 354 क्या है? What is IPC 354 | धारा 354 में ज़मानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 354 | धारा 354 में वकील की ज़रूरत क्यों होती है। (Why olis lawyer important in IPC section 354 ||

देश दुनिया की विभिन्न खबर जानने तथा पढ़ने के लिए आज के युग में लोग या तो अखबार पढ़ते हैं या टीवी पर खबरें देखते हैं। अखबारों में बहुत सारे प्रकार की खबरें आती हैं इसमें हत्या चोरी डकैती सरकार की योजनाएं आदि खबरों से अखबार भरा होता है। परंतु अगर सबसे ज्यादा अपराध की घटनाएं देखें तो किसी का रेप अथवा छेड़खानी की खबरें आती हैं।

आज के युग में यह समाज में व्याप्त एक बुराई के समान हो गया है जो हर एक गांव हर एक शहर हर एक जिले में है। रेप जैसे घिनौने अपराध कठोर कानूनों के बावजूद भी कम होने का नाम नहीं ले रहे अपराधी छेड़खानी, रेप जैसी घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं एवं उनके मन में पुलिस या सरकार का किसी भी प्रकार का भय नहीं है। डाटा के अनुसार पिछले वर्षों से आज के वर्ष की तुलना की जाए तो रेप की घटनाएं और बड़ी है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में भारतीय दंड संहिता (Indian penal code) की धारा 354 के विषय में जानकारी प्रदान करेंगे यह नारा छेड़खानी से संबंधित है। इस धारा में यह बताया गया है किसी अपराधी पर अवध छेड़खानी का आरोप है तो उसमें क्या क्या सजा का प्रावधान है। इसमें किस प्रकार से जमानत होती है आदि की जानकारी देंगे यदि आप भी इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

आईपीसी धारा 354 क्या है। ( What is IPC 354 ?)

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार यदि किसी अपराधी ने किसी महिला पर बल का प्रयोग करके छेड़खानी (Haraasment of women) करने का प्रयास किया है तो उसे एक निश्चित समय अंतराल के लिए कारावास की सजा सुनाई जाती है एवं आर्थिक दंड भी देना होता है कारावास का समय अंतराल 1 वर्ष से 5 वर्ष का होता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (INDIAN PENAL CODE  Section 354)के अनुसार छेड़खानी के लिए दंड दिया जाता है।

आईपीसी धारा 354 क्या है? कब और क्यों लगती है? | What is IPC 354

किसी महिला पर उसकी मर्जी के बिना बल का प्रयोग करके उसके साथ जबरदस्ती करना या उसके साथ छेड़खानी करना और उसकी लज्जा को भंग करने या बल का प्रयोग करके उस पर हमला करने का प्रयास करना आईपीसी की धारा 354 के अंतर्गत आता है। छेड़खानी के अपराध में कठोर दंड का प्रावधान है फिर भी छेड़खानी के मामले कम नहीं हो रहे अपराधियों को यह भय ही नहीं है कि उन्हें किस प्रकार से सजा मिल सकती है।

आईपीसी की धारा 354 के अनुसार इसमें 1 से 5 साल की कठोर कारावास की सजा तथा आर्थिक दंड न्यायालय द्वारा निर्धारित किया जाता है। इन कानूनों से सरकार अपराधों को कम करने का प्रयास करती है परंतु छेड़खानी और रेप जैसी घटनाओं में यह दंड काम नहीं आ रहे क्योंकि छेड़खानी की घटनाएं कम नहीं हो रही है।

धारा 354 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 354)

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने किसी महिला या किसी लड़की से बलपूर्वक छेड़खानी करने का अपराध किया है या महिला को किसी भी प्रकार से चोट पहुंचाने का प्रयास किया है तो अपराधी को 1 से 5 साल की सजा तथा आर्थिक दंड भुगतना होता है।

अपराधी को सजा इस अनुसार दी जाती है कि महिला को अपराधी ने कितना नुकसान पहुंचाया है यदि महिला से सिर्फ छेड़खानी की गई है। उसे अधिक नुकसान नहीं हुआ है तो अपराधी को एक से 2 साल की सजा हो सकती है परंतु यदि अपराधी ने महिला से जबरदस्ती संबंध बनाने का प्रयास किया है या उससे अधिक चोट पहुंचाई है तो अपराधी को 5 साल की सजा होती है एवं आर्थिक दंड भी बहुत हो सकता है।

छेड़खानी का अपराध बहुत रंगीन होता है जिस कारण न्यायालय में मजिस्ट्रेट को भी इसके प्रति संज्ञान लेना पड़ता है। भारत में छेड़खानी को एक बहुत ही घृणित अपराध माना जाता है और इसके लिए जेल जाने वाले अपराधियों को बाहर आने पर बहुत बुरी निगाह से देखा जाता है।

धारा 354 में ज़मानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 354 )

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार यदि किसी महिला की इज्जत भंग करने या छेड़खानी करने का जबर्दस्ती प्रयास किया जाता है तो उसे धारा 354 के अनुसार 1 से 5 साल की सजा तथा आर्थिक दंड भुगतना होता है।

क्योंकि छेड़खानी एक बहुत संगीन अपराध है और इस अपराध में बेल या जमानत मिल पाना बहुत ही मुश्किल है। कानून हर एक बात को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। छेड़खानी के अपराधों में यदि अपराधी को रिहा कर दिया जाता है तो वह बाहर निकल कर महिला से बदला लेने की भावना से उसे और नुकसान पहुंचा सकता है.

इस कारण यह एक गैर जमानती अपराध है। मजिस्ट्रेट भी इस प्रकार के अपराधों में जमानत करने से कतराते हैं क्योंकि अगर बाहर निकलकर अपराधी ने किसी जगन ने घटना को अंजाम दिया तो पुलिस भी इसके लिए जिम्मेदार होती है। इस कारण इस तरह के अपराधों में बेल या जमानत मिल पाना बहुत मुश्किल है। यह न्यायालय के ऊपर निर्भर करता है कि वह अपराधी को जमानत देता है या नहीं।

धारा 354 में वकील की ज़रूरत क्यों होती है। (Why olis lawyer important in IPC section 354)

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार यदि व्यक्ति ने किसी महिला से जोर जबरदस्ती करके छेड़खानी करने का प्रयास किया है। अथवा उसकी इज्जत भंग करने का प्रयास किया है तो उसे सजा का प्रावधान है।

इस प्रकार के अपराध बहुत ही ज्यादा जगन्य माने जाते हैं। जिस कारण इनके केस को जीत पाना बहुत मुश्किल होता है इन केसों में वकीलों की आवश्यकता बहुत अधिक होती है। वकील वह व्यक्ति है जो कानून का पूरा जानकार होता है। अब मुझे यह पता होता है कि ऐसे केस को किस प्रकार से मजिस्ट्रेट के सामने रखना है। तथा किन किन परिस्थितियों के द्वारा यह घटना हुई यह मजिस्ट्रेट को समझाना है और वकील की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अभियुक्त को सजा से मुक्त कराएं।

ऐसे केस के लिए वकील जानकार होना चाहिए तथा उसकी जानकारी इस प्रकार से सिद्ध होनी चाहिए कि उसने पहले भी कई केस इसको जीता हो इसे समझ आता है कि उसे अपने क्षेत्र में बहुत अधिक समझ है वह अपने क्षेत्र में निपुण है इस प्रकार का व्यक्ति ही अपराधी को छेड़खानी के केस में जमानत दिलवा सकता है या रिहा करवा सकता है जिसको कानून के विषय में कोई समझ नहीं है उससे इस प्रकार के केस में पढ़ने की आवश्यकता नहीं है।

Note: समाज में महिला एवं लड़की की इज्जत करनी चाहिए लड़की समाज को रोशन करती है तथा वह अपने परिवार की इज्जत होती है। किसी महिला या लड़की के साथ जबरदस्ती करना एवं लड़की की इज्जत को बंद करना एक बहुत ही घिनौना अपराध है। हमें समाज के माहौल को ऐसा बनाना चाहिए जिससे लड़कियां और महिलाएं अपने आप को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करें एवं किसी भी समय अपने घर से बाहर निकलने से ना करें। उन्हें कभी भी समाज के किसी भी व्यक्ति से डर ना हो तभी एक समाज सभ्य समाज बन सकता है जब सभी व्यक्ति बिना डरे आपस में मिलजुल कर रहे।

आईपीसी धारा 354 से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर

भारतीय दंड संहिता क्या है?

भारतीय दंड संहिता कानून की वह किताब है जिसमें हर प्रकार के अपराधों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। इस किताब के द्वारा पक्षपात या किसी के साथ भी नाइंसाफी जैसी घटनाएं नहीं होंगे एक जैसे अपराध के लिए चाहे वह अमीर हो या गरीब सभी को एक जैसी सजा दी जाएगी इसमें किसी के भी साथ भेदभाव पूर्ण रवैया नहीं अपनाया जाएगा।

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अंतर्गत किस प्रकार के अपराध के लिए सजा है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति ने जबरदस्ती किसी महिला के साथ छेड़खानी करने या उसकी इज्जत को भंग करने का प्रयास किया है। अथवा उसके साथ जबरदस्ती उसे चोट पहुंचाने का प्रयास किया है तो वह धारा 354 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।

धारा 354 के अंतर्गत किए गए अपराध के लिए क्या सजा है?

धारा 354 के अंतर्गत किए गए अपराध के लिए महिला को किस प्रकार का नुकसान हुआ है। उसके हिसाब से सजा दी जाती है यदि महिला को नुकसान कम हुआ है तो 1 साल की सजा दी जाती है। यदि महिला को नुकसान बहुत अधिक हुआ है तो अपराधी को 5 साल तक की सजा दी जा सकती है एवं उसे आर्थिक जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है।

Q. धारा 354 के अंतर्गत जमानत का कोई प्रावधान है?

धारा 354 के अंतर्गत किया गया अपराध एक बहुत ही जघन्य अपराध होता है। मजिस्ट्रेट भी इस तरीके के अपराधों में जमानत देने से होता है। किसी जमानत मिलने पर मुख्यता अपराधी बदले की भावना से महिला को नुकसान पहुंचा सकते हैं इस कारण ऐसे अपराधों में जमानत मिलना मुश्किल है।

क्या ऐसे केस को लड़ने के लिए वकील की आवश्यकता होती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अंतर्गत किया गया अपराध बहुत ही घृणित एवं जगन अपराध होता है। इसमें किसी भी अपराधी कार्य हो पाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए कानून के क्षेत्र में पारंगत व्यक्ति हुए इस प्रकार के केस लड़ सकता है तथा जीत सकता है। इसलिए इस तरीके के केस लड़ने के लिए वकील की आवश्यकता बहुत अधिक होती है।

निष्कर्ष

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार किस प्रकार का अपराध है। इसमें क्या क्या सजा दी जा सकती है सजा के प्रावधान क्या-क्या है। इस में वकील की आवश्यकता होती है या नहीं इस विषय में हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्रदान की है। यदि आप भी कानून के विषय में जानकारी लेना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ सकते हैं।

आर्टिकल से संबंधित यदि किसी प्रकार का प्रश्न आपके मन में है। तो आप बेझिझक नीचे  दिए हुए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। हमें आपका उत्तर देने में हर्ष होगा हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

Mukesh Chandra

मुकेश चंद्रा ने बीटेक आईटी से 2020 में इंजीनियरिंग की है। वह पिछले 5 साल से सामाजिक.इन पर मुख्य एडिटर के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें लेखन के क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव है। अपने अनुभव के अनुसार वह सामाजिक.इन पर प्रकाशित किये जानें वाले सभी लेखों का निरिक्षण और विषयों का विश्लेषण करने का कार्य करते है।

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