|| आईपीसी की धारा 140 क्या है? | IPC Section 140 in Hindi | धारा 140 कब क्यों लगती है? | आईपीसी की धारा 140 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 140 in Hindi | आईपीसी की धारा 140 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 140 in Hindi ||
भारत को एक सभ्य देश बनाने के लिए और लोगों को अपराधों से बचाने के लिए एक कानून बनाया गया है जिस कानून के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति के द्वारा अपराध किए जाते हैं तो उसे सजा दी जाती है। इस कानून को भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाता है लिखित कानून के माध्यम से किसी के भी साथ भेदभाव होने की कोई आशंका नहीं होती। हर व्यक्ति को एक अपराध के लिए एक ही सजा का प्रावधान होता है। पुराने समय में राजा महाराजा अपने विवेक के अनुसार अपराधियों को सजा देते थे परंतु अब ऐसा नहीं है चाहे वह कितना ही अमीर इंसान हो या गरीब हो यदि किसी व्यक्ति ने एक अपराध किया है तो उसे उस अपराध के लिए पूरे भारत में एक ही सजा दी जाएगी।
भारतीय दंड संहिता के माध्यम से व्यक्तियों में अपराध करने का डर रहता है तथा उनके मन में यह भय रहता है कि अगर वह यदि किसी गैर कानूनी कार्य को अंजाम देगा तो उसे सजा मिलना निश्चित है। इससे अपराधों में कमी आती है और समाज सभ्य बनता है।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको आईपीसी की धारा 140 (IPC Section 140 in Hindi) के बारे में बताएंगे हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 140 के अंतर्गत क्या क्या प्रावधान है। इसमें किस प्रकार के अपराधों के लिए सजा दी जाती है तथा इसमें जमानत के क्या प्रावधान है। अगर आप भी कानून के विषय में तथा अपने अधिकारों के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
आईपीसी की धारा 140 क्या है (What is IPC Section 140 in Hindi)
आईपीसी की धारा 140 (IPC Section 140 in Hindi) के अंतर्गत यह प्रावधान है कि यदि किसी व्यक्ति ने थल सेना, वायु सेना या नौसेना की पोशाक का उपयोग किया है अथवा किसी सरकारी प्रतीक चिन्ह का उपयोग किया है। परंतु वह व्यक्ति किसी भी सेना में कार्यरत नहीं है और उसने धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है तब उसे 3 महीने की सजा या ₹500 का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। सरकारी सेवा में ना होते हुए भी सरकारी पोशाक का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करना एक गैर कानूनी अपराध है और इसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है।
आसान भाषा में समझें तो वह व्यक्ति जिसने सरकारी सेना में ना होते हुए भी किसी सरकारी पोशाक का इस्तेमाल किया है। या किसी सरकारी चिन्ह के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है तो इस प्रकार के कृत्य को धारा 140 के अंतर्गत गैरकानूनी माना जाएगा और भारतीय दंड संहिता के अनुसार उसे 3 महीने की सजा या ₹500 का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
आईपीसी की धारा 140 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 140 in Hindi)
आईपीसी की धारा 140 के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति ने सेना में ना होते हुए भी सरकारी सेना की पोशाक का इस्तेमाल किया है या सरकारी प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल किया है और वह किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया गया है तो ऐसा व्यक्ति सजा का पात्र होगा उसे 3 महीने का कारावास तथा ₹500 का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। आईपीसी की धारा 140 के अंतर्गत आने वाले अपराध गैर संगये होते हैं अर्थात इन में किसी भी प्रकार का फैसला होने की कोई अनुमान नहीं होते। आईपीसी की धारा 140 के अंतर्गत आने वाले अपराध मजिस्ट्रेट के द्वारा विचारडीए होते हैं।
आईपीसी की धारा 140 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 140 in Hindi)
आईपीसी की धारा 140 के अंतर्गत वह अपराध आते हैं जिनमें एक व्यक्ति धोखाधड़ी से जल सेना, वायु सेना, थल सेना की पोशाक या किसी प्रतीक चिन्ह को ग्रहण करके किसी के साथ धोखाधड़ी करता है। यह कृत्य गैरकानूनी है एवं ऐसे व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सजा का प्रावधान है आईपीसी की धारा 140 में यदि कोई व्यक्ति ऐसे धोखाधड़ी करते हुए पाया गया तो उससे 3 महीने की सजा तथा ₹500 के जुर्माने का प्रावधान है।
अन्य धाराओं के मुकाबले धारा 140 में जमानत आसानी से मिल जाती है। इसमें किसी भी प्रकार के फैसले की कोई गुंजाइश नहीं होती परंतु यदि मजिस्ट्रेट के सामने बैल के लिए एप्लीकेशन दी जाती है तो मजिस्ट्रेट आसानी से अपराधी को बेल दे देता है। धारा 140 में मजिस्ट्रेट द्वारा ज्यादा सोच विचार नहीं किया जाता और जब अपराधी उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका दाखिल करता है तब उसे बेल दे दी जाती है और रिहा कर दिया जाता है।
वकील की जरूरत कब लगती है।
आईपीसी की धारा 140 के अंतर्गत 3 महीने की सजा तथा ₹500 के जुर्माने का प्रावधान है। यह मुकदमा मजिस्ट्रेट के सामने अदालत में जाता है और मजिस्ट्रेट को पूरे मुकदमे को शालीनता के साथ समझाने की जरूरत होती है जिसमें कानून के भी पक्ष रखे जाएं वकील वह व्यक्ति होता है। जिसे कानून के विषय में संपूर्ण जानकारी होती है तथा अपने केस को मजिस्ट्रेट के सामने किस प्रकार प्रस्तुत करना है। इस विषय में उसे पूरा ज्ञान होता है वह अपने कार्य में संपूर्ण जानकारी रखता है तथा इस प्रकार के केस को कैसे लड़ना है तथा जीतना है इसके विषय में भी जानकारी होती है।
इसलिए आईपीसी की धारा 140 के अंतर्गत आने वाले केस में वकील की आवश्यकता जरूर होती है। एक अच्छा ज्ञानी वकील ही मजिस्ट्रेट के द्वारा दी जाने वाली सजा से अपराधी को बरी करा सकता है इसलिए किसी भी मुकदमे में फसने पर वकील की सहायता अवश्य लेनी चाहिए।
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भारतीय दण्ड संहिता की धारा 140 क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के अंतर्गत वह अपराध आते हैं जिनमें थल सेना जल सेना, वायु सेना मैं ना होते हुए भी उसकी पोशाक का इस्तेमाल करना अथवा किसी सरकारी चिन्ह का इस्तेमाल करना और किसी के भी साथ धोखाधड़ी करना इस धारा के अंतर्गत आता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 में सजा का क्या प्रावधान है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने भारतीय सेनाओं की पोशाक का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है। तो उसे 3 महीने की सजा तथा ₹500 का जुर्माना भुगतना होगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 में जमानत का क्या प्रावधान है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति ने भारतीय सेनाओं की पोशाक का इस्तेमाल करके या किसी प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है। तब जमानत याचिका दायर करने पर कोर्ट द्वारा अपराधी को जमानत मिल जाती है इस धारा के अंतर्गत मजिस्ट्रेट द्वारा यह अधिक विचारणीय नहीं होता।
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 में जमानत कैसे मंजूर की जाती हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के अंतर्गत जमानत पाने के लिए कोर्ट में जमानत के लिए अप्लाई करना होता है। जमानत पाने के लिए एक वकील को हायर करना होता है जो अपने विषय में बहुत ज्ञाता हो तथा उसने पहले भी ऐसे कई सारे प्रकार के केस जीते हो ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 संज्ञेय अपराध है या गैर – संज्ञेय अपराध?
भारतीय दंड संहिता धारा 140 एक संज्ञेय अपराध है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको धारा 140 के विषय में जानकारी प्रदान की है । भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के अंतर्गत भारतीय सेना में ना होते हुए भी भारतीय सेना की पोशाक या किसी प्रतीक चिन्ह के इस्तेमाल करने को धोखाधड़ी माना गया है तथा इसमें सजा का प्रावधान है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के अंतर्गत मिलने वाली सारी जानकारी को हमने आपको आर्टिकल के माध्यम से प्रदान करने का प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए वह कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।