जनसंख्या विस्फोट का अर्थ क्या है? | जनसंख्या विस्फोट के कारण, परिणाम व इसे रोकने के उपाय | Jansankhya Visfot ka kya arth hai

|| जनसंख्या विस्फोट का अर्थ क्या है? | Jansankhya Visfot ka kya arth hai | jansankhaya visfot ke kya karan hai | जनसंख्या विस्फोट रोकने के उपाय क्या हैं? | जनसंख्या विस्फोट के करण क्या है? | जनसंख्या विस्फोट के परिणाम क्या है? | जनसंख्या विस्फोट को रोकने की क्या उपाय हो सकते हैं? ||

हम सब लोग काफी समय से अनुभव कर रहे हैं की पहले के समय में लोगों का जीवन में इतनी ज्यादा समस्याएं नहीं थी जितनी कि आज की समय में हो गई है। पहले के समय में व्यक्ति ज्यादा बीमार नहीं होता था और आज के समय में ज्यादातर परिवार का कोई ना कोई व्यक्ति बीमार ही रहता है इन सब का कारण कहीं ना कहीं हमारे आसपास हो रहे बदलाव के कारण है और यह बदलाव का कारण कई समस्याएं हो सकती है।

जैसे कि पर्यावरण का संतुलन जनसंख्या विस्फोट ऐसे ही कई बड़ी समस्याएं हैं। तो चलिए आज किस आर्टिकल के माध्यम से जनसंख्या विस्फोट पर बात करते हैं जनसंख्या विस्फोट क्या होता है? (Jansanmhya visfot kya hai?) जनसंख्या विस्फोट के क्या कारण है? ( jansankhaya visfot ke kya karan hai? जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए क्या कार्य किया जा सकते हैं? ऐसे ही कई तथ्यों के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे। 

जनसंख्या विस्फोट का अर्थ क्या है? (Jansankhya Visfot ka kya arth hai?) 

जनसंख्या विस्फोट से तात्पर्य है कि किसी भी देश में जनसंख्या की वृद्धि की दर वहां पर उत्पन्न संसाधनों की तुलना में अधिक होती है जिससे किसी समाज में काफी समस्याएं उत्पन्न होती है जैसे – गरीबी, अशिक्षा, लोगों को जीवन जीने का तरीका तथा वहां के पर्यावरण में अशुद्धि। 

Jansankhya Visfot ka kya arth hai

आज के समय में जनसंख्या विस्फोट का अंदाजा इस प्रकार लगा सकते हैं कि सिर्फ चार देश जिसमें – चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस की जनसंख्या इतनी अधिक है जिसमें टोटल जनसंख्या का आधा भाग सिर्फ इन चार देशों में निवास करता है। जिसमें भारत देश की जनसंख्या अभी दूसरे नंबर पर है।

लेकिन जिस तरह से हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि हो रही है अगर इसको ध्यान में रखा जाए तो अब से 4 या 5 वर्ष पश्चात हमारे देश की जनसंख्या पहले नंबर पर आ जाएगी यह कहीं ना कहीं हमारे देश के लिए काफी बड़ा समस्या बन रही है जिस पर ध्यान देना हमारे देश के लिए सरकार के लिए बहुत जरूरी है। 

हम सभी जानते हैं जैसे-जैसे जनसंख्या वृद्धि हो रही है तो हमारे आस – पास के संसाधनों में भी कमी आ रही है और हमारे यहां के पर्यावरण पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है। क्योंकि जैसे-जैसे लोगों की जनसंख्या बढ़ रही है तो उनको रहने के लिए अधिक जगह की आवश्यकता हो रही है जिसके वजह से वह अपने रहने के लिए घर बना रहे हैं। ऐसे में यह लोग पेड़ों को काटकर अपने घर बना रहे हैं जिससे पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ रहा है और इससे काफी बीमारियों भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। 

भारत में ही कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें जनसंख्या वृद्धि की दर काफी ज्यादा है जैसे- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान यह चार राज्य ऐसे हैं जहां पर जनसंख्या वृद्धि काफी तेजी से हो रही है जो कि हमारे समाज में भविष्य में परेशानी का कारण बन सकती है जिस पर हमारे यहां की सरकारों को ध्यान देना चाहिए। 

कई बार जनसंख्या वृद्धि का कारण वहां की जलवायु तथा पर्यावरण में परिवर्तन भी होता है जैसे- भारत की जल जलवायु को थोड़ा गर्म माना जाता है यह भी जनसंख्या बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण है। 

जनसंख्या विस्फोट के करण क्या है? (Jansankhya visfot ka kya karan hai?)

समानयता आपने देखा होगा की जनसंख्या वृद्धि की दर विकसित देशों में कम होती है। लेकिन विकासशील देशों में, वहां पर जनसंख्या की वृद्धि दर काफी अधिक है तो चलिए जानते हैं की जनसंख्या विस्फोट बिस्कुट के कारण क्या है? ( jansankhya visfot ke kya karan hai?) 

अशिक्षा :- अशिक्षा भी जनसंख्या वृद्धि का एक बहुत बड़ा कारण है जैसा कि भारत की लगभग 77% जनसंख्या अशिक्षित है। और यदि हम भारत के गांव के तरफ देखें तो यहां पर तो यह और भी काम है क्योंकि गांव की तरफ गरीबी ज्यादा है। ऐसे में गांव के लोग कभी-कभी गरीबों को दूर करने के लिए बड़ा परिवार को कमाई का एक एक्स्ट्रा स्रोत मान लेते हैं।कुछ जगह तो आपको धार्मिक कर्म को भी देखने को मिलेंगे जिसमें लोग कहते हैं कि संतान ईश्वर की देन होती है। 

मनोरंजन के साधनों में कमी :- गांव के लोगों के पास आज भी मनोरंजन के साधनों की बहुत कमी है और ऐसे में गांव के लोग जब भी फ्री होते हैं तो उनके पास मनोरंजन के लिए ना तो सिनेमाघर होता है और ना ही टीवी जैसा कोई स्रोत ज्यादा उपलब्ध होते हैं। तो इसके कारण यहां के लोग संभोग की क्रिया को ही मनोरंजन मानते हैं और इससे गांव में जनसंख्या वृद्धि अधिक देखने को मिलती है। 

सरकार की गलत नीतियां :- कई बार आपने देखा होगा कि सरकार कुछ ऐसी नीतियां बनती है जो कि बच्चों के जन्म पर कुछ पैसे बच्चे के पालन पोषण को देते हैं लेकिन कुछ अशिक्षित तथा गरीब परिवार इसको कमाई का एक साधन समझ लेते हैं जिससे लोग लालच में जनसंख्या वृद्धि का कारण बन जाते हैं। 

जनसंख्या विस्फोट के परिणाम क्या है? (Jansankhya visfot ke parinam kya hai?) 

भारत में बढ़ती आबादी लगातार समस्याओं का संकेत दे रही है जैसा कि आज के समय पर जनसंख्या इतनी अधिक बढ़ गई है कि हमारे देश के ज्यादा तर लोगों को रोजगार भी नहीं मिल पाता है जिस देश में बेरोजगारी, बीमारी और भुखमरी जैसे कई बड़ी समस्या है धीरे-धीरे उत्पन्न होती आ रही है जो एक समय बाद काफी बड़ा कारण बन सकती है तो चलिए जानते हैं जनसंख्या वृद्धि के कारक क्या है? (Jansankhya vriddhi ke kya karak hai?) 

संसाधनों पर दबाव :- जैसे-जैसे हमारे देश भारत में जनसंख्या वृद्धि हो रही है वैसे ही हमारे जीवन में संसाधनों का जवाब बढ़ता जा रहा है जो कि देश के विकास स्तर को प्रभावित कर रहा है। और इससे हमारा देश धीरे-धीरे गरीबों की तरफ बढ़ता जा रहा है इन सबसे बचने के लिए जनसंख्या नियंत्रण एक महत्वपूर्ण कदम बन गया है जिस पर हमारे शहर की सरकार को उचित पॉलिसी बनानी चाहिए। 

गरीबी :- बढ़ती जनसंख्या के कारण आजकल लोगों की कमाई में वृद्धि नहीं हो रही है लेकिन उनका बढ़ता परिवार उनको गरीबों की ओर धीरे-धीरे खींच रहा है। क्योंकि जो व्यक्ति पहले ₹10000 की कमाता था तब उसके परिवार में दो लोग थे और यदि अभी वह ₹15000 कम रहा है और इस समय पर उसके परिवार में 6 या 7 लोग हैं तो ऐसे में उसके बच्चों के देखभाल तथा पढ़ाई तथा उनके और खर्चों के चक्कर में पर धीरे-धीरे गरीबों की तरह बढ़ता जा रहा है। 

बेरोजगारी :- हम सभी जानते हैं कि आज के समय बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि हमारे देश में जनसंख्या की वृद्धि दर तो बढ़ रही है लेकिन यहां रोजगार में लगातार कभी होती जा रही है ऐसे में हमारे देश के बहुत सारे युवा आजकल अच्छी शिक्षा लेने के पश्चात भी एक अच्छा रोजगार नहीं ले पा रहे हैं। 2020 के मुताबिक बेरोजगारी 22.70% के उच्चतम स्तर पर थी जो की लगातार धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। 

जीवन स्तर में गिरावट :- आप सभी ने अक्सर देखा होगा की कई बार लोगों के परिवार में वृद्धि होती चली जा रही है लेकिन उनके परिवार में कमाने वाला एक ही व्यक्ति है और खाने वाले कई व्यक्ति हैं तो ऐसे में ज्यादा खर्च होने की वजह से परिवार का पालन पोषण उतने अच्छे से नहीं हो पता है जिससे उनका स्वास्थ्य ज्यादा बढ़िया नहीं रहता और उनका जीवन स्तर में गिरावट का एक बड़ा कारण बनता है।

जनसंख्या विस्फोट रोकने के उपाय क्या हैं? (Jansankhya visfot rokne ke upay Kya hai?) 

हम सभी जानते हैं कि जिस तरह से हमारे देश भारत की जनसंख्या वृद्धि हो रही है उस तरह से आने वाले कुछ समय के पास साथ हमारे देश की जनसंख्या चीन की जनसंख्या से भी अधिक हो जाएगी। जो कि हमारे देश के लिए कहीं ना एक बड़ी समस्या हो सकती है इसलिए हमारे देश में सरकारों को चाहिए कि वह एक ऐसी पॉलिसी बनाएं जिससे जनसंख्या विस्फोट को रोका जाए तो चलिए जानते हैं जनसंख्या विस्फोट के रोकने के उपाय क्या है? (Jansankhya vriddhi ko rokne ke upay) 

शिक्षा का विस्तार :- हमारे देश की सरकारों को चाहिए कि हमारे यहां लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूकता लिए तथा खासकर गांव के क्षेत्र में लोगों को शिक्षा के प्रति ज्यादा जागरूक करें। क्योंकि यदि कोई व्यक्ति शिक्षित हो रहा है तो उसे जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याओं के बारे में पता होगा और भविष्य में अपने परिवार के नियोजन पर अवश्य ध्यान देगा। हम सभी जानते हैं की एक शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन जीने में हर छोटी वाली चीज पर ध्यान देता है। 

विवाह की आयु में वृद्धि :- यदि भारत में विवाह की आयु सीमा को एक-दो साल और बढ़ा दिया जाए तो इससे जनसंख्या वृद्धि पर कुछ ना कुछ नियंत्रण आवश्यक होगा क्योंकि मनुष्य की प्रजनन दर एक समय पर अधिक होती है इसे नियंत्रित मिलने के लिए विवाह की आयु की वृद्धि दर पर ध्यान देना जरूरी है। 

आर्थिक विकास :- आप सब ने कई आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों को देखा होगा कि वह छोटा परिवार को ही प्रेफर करते हैं ऐसे में यदि देश के लोगों की आर्थिक स्थिति का विकास हो तथा उनका आर्थिक जीवन मजबूत हो तो ऐसे में यहां भी लोग छोटे परिवार पर ज्यादा ध्यान देंगे और इससे जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण देखने को मिलेगा। यदि देश के लोगों को आर्थिक विकास में वृद्धि होती है तो ऐसे में यह उनके लिए बेहतर हो सकता है। 

जागरूकता :- हम सभी जानते हैं कि भारत में अनाथ बच्चों की जनसंख्या काफी अधिक है तो ऐसे में हमें अपने समाज के लोगों को अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए जागरूक करना चाहिए। जिससे यदि वह अनाथ बच्चों को ही गोद ले लेंगे तो ऐसे में बह अपने स्वयं के बच्चे को प्लान करने की नहीं सोचेंगे ऐसे में जनसंख्या पर भी एक अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा। 

सरकारी नीतियां :- जनसंख्या नियंत्रण पर सरकारी नीतियां बहुत अधिक प्रभाव दे सकती हैं यदि हमारे देश की सरकार कुछ ऐसी नीतियां बनाईं जो की लोगों को लाभ देने के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण पर अधिक फोकस करें तो ऐसे में कहीं ना कहीं जो लोग अशिक्षित हैं वह इससे ज्यादा प्रभावित होंगे पर शायद वह जनसंख्या नियंत्रण की तरफ एक कदम बढ़ाए। 

Jansankhya Visfot ka kya arth hai Related FAQ :-

जनसंख्या विस्फोट क्या है? 

जनसंख्या विस्फोट से तात्पर्य है कि जनसंख्या वृद्धि की तुलना में मानवीय संसाधनों मे कमी होना जनसंख्या विस्फोट है जिससे हमारे आसपास कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है जिन पर नियंत्रण लाना हमें बहुत जरूरी है। 

जनसंख्या विस्फोट के प्रमुख कारण क्या है? 

जनसंख्या विस्फोट के प्रमुख कारण अशिक्षा, अंधविश्वास, सरकार की गलत नीतियां, परिवार नियोजन के प्रति उदासीनता जैसे कई कारण है जिसे जनसंख्या विस्फोट हो रहा है। 

जनसंख्या विस्फोट को रोकने की क्या उपाय हो सकते हैं? 

जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए हम कई उपाय कर सकते हैं जैसे – विवाह की आयु में वृद्धि, आर्थिक विकास, शिक्षा का विस्तार, जागरूकता, रूढ़िवादी विचारों में कमी, परिवार नियोजन, सरकारी नीतियों में बदलाव। इस प्रकार के कृतों को कर हम जनसंख्या विस्फोट पर कमी ला सकते हैं। 

जनसंख्या विस्फोट से कौन सी समस्याएं उत्पन्न हो रही है? 

जनसंख्या विस्फोट से निम्न समस्या उत्पन्न हो रही है जैसे – कुपोषण, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, अपराध, पर्यावरण में प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, बेरोजगारी। 

भारत में जनसंख्या पहली जनगणना कब हुई थी? 

यदि आधुनिक भारत की ओर से बात की जाए तो 1872 में पहली जनगणना की गई थी लेकिन यदि स्वतंत्रता के पक्ष की बात की जाए तो भारत में 1951 में पहली जनगणना की गई थी। 

जनगणना के जनक किसे माना जाता है? 

जनगणना का जनक हेनरी वॉटर को भारतीय जनगणना के पिता के रूप में माना जाता है।

भारत में अंतिम निर्णय कब हुई थी?

भारत में अंतिम जनगणना 2011 में हुई थी। 

निष्कर्ष (Nishkarsh) :-

आज के आर्टिकल में हमने है जनसंख्या विस्फोट के बारे में जाना कि यह बढ़ती जनसंख्या हमारे देश को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है तथा इतनी ज्यादा बढ़ती जनसंख्या के क्या-क्या कारण है तथा जनसंख्या वृद्धि तथा जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के विषय में भी हमने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना है। हम सभी जानते हैं की बढ़ती जनसंख्या हमारे लिए काफी हानिकारक है जिसको ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। इसी से संबंधित कई तथ्यों के बारे में हमने आपको बताया। आशा करते हैं इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी आपको पसंद आई होगी और यदि पसंद आई हो तो उसे अपने दोस्तों में जरूर से करें।

Mukesh Chandra

मुकेश चंद्रा ने बीटेक आईटी से 2020 में इंजीनियरिंग की है। वह पिछले 5 साल से सामाजिक.इन पर मुख्य एडिटर के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें लेखन के क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव है। अपने अनुभव के अनुसार वह सामाजिक.इन पर प्रकाशित किये जानें वाले सभी लेखों का निरिक्षण और विषयों का विश्लेषण करने का कार्य करते है।

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