दोस्तों, बहुत से लोग किशोरावस्था के बारे में जानते हैं, परंतु आज के समय में युवाओं को किशोरावस्था में उत्पन्न होने वाली समस्याओं, उनके प्रकार की जानकारी नहीं होती है। तो यदि आप लोग किशोरावस्था से संबंधित संपूर्ण जानकारी को हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आज आप सभी को हमारे द्वारा किशोरावस्था से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है। हमने आपको इस लेख में Kishoravastha kya hai? Kishoravastha ke prakar? Kishoravastha ki visheshtaye? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
दोस्तों, ऐसा माना जाता है कि किशोरावस्था एक नाजुक काल होता है। जिसमें बच्चों का बहुत ध्यान रखना पड़ता है, ताकि वह किसी गलत रास्ते पर ना जा सके। परंतु जिन लोगों को यही नहीं पता कि किशोरावस्था कौन सी अवस्था होती है? तथा बच्चों के जीवन काल के कौन से चरण में किशोरावस्था आती है? तो वह अपने बच्चों पर ध्यान कैसे दे पाएंगे। इसीलिए हमारे द्वारा आज आप सभी को इस लेख में What is the Adolescence? Types of Adolescence? Features of Adolescence? के बारे में बताया गया है। इससे संबंधित अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
किशोरावस्था किसे कहते हैं? (What is Adolescence?)
जिन लोगों को किशोरावस्था से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं है। उन सभी को हमारे द्वारा इस लेख में सबसे पहले What is Adolescence? के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जा रही है। दोस्तों किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था होती है, जिसमें मानव शरीर की शारीरिक वृद्धि बहुत ही तेज गति से होती है। शारीरिक वृद्धि के साथ-साथ मनुष्य में परिपक्वता भी इसी अवस्था में आती है। किशोरावस्था मानव विकास की सबसे विचित्र तथा जटिल अवस्था होती है। मानव शरीर में इस काल के दौरान बहुत से परिवर्तन दिखाई देते हैं।
दोस्तों, किशोरावस्था शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना होता है। यह दो शब्द किशोर तथा अवस्था होते हैं। किशोरावस्था का अर्थ- परिपक्वता की ओर बढ़ना होता है। किशोरावस्था का काल किसी भी मनुष्य की 12 से 19 वर्ष की अवस्था में आता है। किशोरावस्था का सिद्धांत स्टैनले हॉल मनोवैज्ञानिक के द्वारा दिया गया है। जिसमें उन्होंने किशोरावस्था से संबंधित जानकारी प्रदान की है। यही कारण है कि किशोरावस्था के पिता का नाम स्टैनले हॉल है।
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में किशोरावस्था की यह अवस्था 12 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक ही रहती है। यह काल मनुष्य के अंतर्गत सभी प्रकार की मानसिक शक्तियों के विकास का समय होता है। इस अवस्था में मानव के भाव का भी बहुत अत्यधिक विकास होता है। साथ ही साथ कल्पना का भी विकास होता जाता है। इस अवस्था में होने वाले परिवर्तन किसी भी बालक के व्यक्तित्व के गठन में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है।
किशोरावस्था के अन्य नाम? (Other names of Adolescence?)
दोस्तों, किशोरावस्था प्रत्येक मानव के जीवन का एक विशेष काल होता है क्योंकि इस काल के अंतर्गत ही मनुष्य की सर्वाधिक वृद्धि होती है और इस काल में ही संपूर्ण वृद्धि ग्रंथियां अपनी चरम सीमा पर होती हैं। यह 12 वर्ष से 19 वर्ष तक का समय प्रत्येक मानव के लिए बहुत विशेष होता है।
दोस्तों, किशोरावस्था को हम केवल किशोरावस्था ही नहीं कहते हैं। इसके अन्य भी बहुत से नाम रखे गए हैं। हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Others names of Adolescence? के बारे में बताया जा रहा है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-
- किशोर उम्र (Teen age)
- सुंदरता की आयु (Age of beauty)
- तनाव एवं तूफान की अवस्था (Stress and strom age)
- नए जन्म का काल (period of new birth)
- परिवर्तन का काल (period of change)
- सर्वाधिक शारीरिक परिवर्तन का काल (Period of greatest physical change)
- जीवन का सबसे कठिन काल (The most difficult period of life)
किशोरावस्था के प्रकार? (Types of Adolescence?)
दोस्तों, किशोरावस्था के अंतर्गत इतने सारे कार्य होते हैं कि यह एक चरण में पूरे नहीं हो सकते हैं। इसलिए यह तीन चरणों में विभाजित है, परंतु लोग इसे किशोरावस्था के प्रकार के नाम से भी जानते हैं। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Types of Adolescence? के बारे में बताया जा रहा है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-
- प्रारंभिक किशोरावस्था (Early Adolescence)
- मध्य किशोरावस्था (Middle Adolescence)
- उत्तर किशोरावस्था (Later Adolescence)
1. प्रारंभिक किशोरावस्था (Early Adolescence):-
दोस्तों, सबसे पहले किशोरावस्था में प्रारंभिक किशोरावस्था शुरू होती है। जो 10 वर्ष से लेकर 13 वर्ष तक रहती है। इस काल में किसी भी बच्चे का यौन क्रिया विकसित होता है। यही कारण है कि प्रारंभिक किशोरावस्था को “योवनारंभ का काल” भी कहा जाता है। जिसे इंग्लिश में हम Puberty age के नाम से जानते हैं।
2. मध्य किशोरावस्था (Middle Adolescence):-
दोस्तों, जैसे ही आपका प्रारंभिक किशोरावस्था का काल खत्म होता है। इसके तत्पश्चात मध्य की सुरक्षा का कल शुरू हो जाता है। इस अवस्था का समय 14 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक का होता है। इस अवस्था में बच्चों का आकर्षण विपरीत लिंग की ओर अधिक होता है। इस अवस्था में ही बच्चों के अंतर्गत अपने अभिभावक से अलग पहचान बनाने की इच्छा जागरुक होती है।
3. उत्तर किशोरावस्था (Later Adolescence):-
दोस्तों, उत्तर किशोरावस्था का समय मध्य किशोरावस्था के तत्पश्चात शुरू होता है। इस काल का समय 16 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बीच में होता है। इस उम्र में बच्चे व्यस्क जैसा व्यवहार करने लगते हैं। बच्चों को ऐसा लगा लगता है कि वह बड़ा हो गया है, परंतु इस उम्र पर माता-पिता के द्वारा बच्चों को छोटा बच्चा ही समझा जाता है। इसलिए इस उम्र में बच्चों को अधिक गुस्सा भी आता है।
किशोरावस्था की विशेषताएं? (Features of Adolescence?)
दोस्तों, यदि आप लोग जानकारी हासिल करना चाहते हैं कि किशोरावस्था की क्या विशेषताएं होती हैं? तो हमारे द्वारा आप सभी को इसकी विशेषताओं के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-
1. शारीरिक विकास :-
दोस्तों, किशोरावस्था में बालक के शरीर में बहुत अधिक शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। किशोर के भाव और उनकी लंबाई में बहुत तेजी से वृद्धि होती है। लड़कों के कंधे चौड़े और शरीर पर बाल उगने लगते हैं। वहीं लड़कियां, लड़कियों की भांति वृद्धि करने लगते हैं। अर्थात हम सब कह सकते हैं कि किशोरावस्था के समय किशोर और किशोरियों में क्रमशः पुरुषत्व तथा नारीत्व के गुण दिखने लगते हैं।
2. मानसिक तथा बौद्धिक विकास :-
दोस्तों, इस अवस्था के अंतर्गत मानसिक विकास भी बहुत ही तेजी से बढ़ता है तथा हम कह सकते हैं कि किशोरावस्था में मस्तिष्क के लगभग पूर्ण भाग का विकास हो जाता है। इस काल में व्यक्ति तर्क-वितर्क, सोचने समझने की क्षमता तथा चिंतन एवं समस्या के समाधान हेतु गहरी सोच प्रकट करना शुरू कर देता है। जिससे पता चलता है कि किशोरावस्था में मानसिक तथा बौद्धिक विकास बहुत ही तेजी से होता है।
3. कल्पना की बहुलता :-
दोस्तों, किशोरावस्था के काल में कल्पना की बहुलता देखने को मिलती है। इस अवस्था में किशोर कल्पना प्रधान होता है। इस अवस्था में किशोर अधिकतर समय दिवा-स्वप्न देखने में ही व्यतीत कर देता है। दिवा-स्वप्न के आधार पर ही किशोर रचनात्मक कार्य करते हैं क्योंकि यह स्वप्न उन्हें प्रेरणा देने का कार्य करते हैं। इस अवस्था में ही व्यक्ति की कल्पना शक्ति विकसित होती है। इनके आधार पर ही कोई भी किशोर अपनी आंतरिक शक्तियों का विकास करने में सक्षम होता है।
4. आत्म केंद्रित होना :-
इस अवस्था में किशोर आत्म केंद्रित होता है और अपनी ओर दूसरे सभी लोगों का ध्यान केंद्रित करने की बहुत कोशिश करता है। कोई भी व्यक्ति इस अवस्था में अपने से आगे सोचने में सक्षम नहीं होता है। इस अवस्था में किशोर और किशोरियों को इस बात की अधिक प्रभाव होती है कि लोग उन्हें कैसे देख रहे हैं? क्यों देख रहे हैं? तथा लोग उनके बारे में क्या-क्या सोच रहे हैं?
5. विद्रोह की प्रवृत्ति :-
जो बालक किशोरावस्था के काल में होते हैं। उनके विचारों में मतभेद मानसिक स्वतंत्रता एवं विद्रोह की प्रवृत्ति देखी जाती है। इस काल में किशोर समाज में प्रचलित विभिन्न प्रकार की परंपराओं, अंधविश्वासों के जाल में ना फंसकर स्वेच्छा से जीवन जीना पसंद करते हैं। यदि उनके इस फैसले में कोई भी अपनी राय देता है, तो उन्हें यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती है। यही कारण है कि किशोरावस्था में विद्रोह की प्रवृत्ति देखने को मिलती है।
6. संवेगात्मक विकास :-
दोस्तों, इस अवस्था में किशोर बहुत अधिक भावुक होते हैं। इसी में सुखात्मक संवेग से शक्ति का स्रोत फूट पड़ता है। जिस उत्साह में वृद्धि होती है, इसके अंतर्गत आत्म सम्मान और आत्म प्रबल की भावना बहुत अधिक प्रबल होती है। यही कारण है कि किशोरावस्था के समय पर व्यक्ति का संवेगात्मक विकास भी बहुत तेजी से होता है। इसीलिए किशोरावस्था का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है।
7. अस्थिरता :-
दोस्तों, अस्थिरता का मतलब होता है – निर्णय में चंचलता। किशोरावस्था के समय लिए गए निर्णय बहुत ही अस्थिर होते हैं। इन निर्णय में बहुत अत्यधिक चंचलता देखने को मिलती है। इस अवस्था में किशोर शारीरिक रूप से वशीभूत होकर निर्णय ले लेता है। इस अवस्था में लिए गए निर्णय व्यक्ति के लिए लाभदायक काम और हानिकारक ज्यादा होते हैं।
इस उम्र में किशोर के जीवन में बहुत ही ज्यादा लापरवाही को भी देखा जाता है। जिस कारण वह जल्दबाजी में अपनी विशिष्ट को खो बैठते हैं। इस कारण वह विभिन्न प्रकार के क्षेत्र में अपनी अस्थिरता को दर्शाते हैं। इस बात की पूर्ण रूप से पुष्टि ई.बे. स्ट्रांग के अध्ययनों से भी होती है। यही कारण है कि किशोरावस्था को अस्थिरता की अवस्था भी कहा जाता है।
8. अपराध वृत्ति :-
दोस्तों, जैसे कि हमने आपको बताया कि किशोरावस्था में आपको अस्थिरता देखने को मिलती है। जिस कारण मानसिक वृद्धि नाजुक स्थिति से होकर गुजरती है। इस अवस्था में किशोर और किशोरियों को भौतिक जगत के बनावटी आकर्षण दिखाकर बहुत से चालक अपराधी अपराध वृद्धि की ओर आकर्षित करने में सक्षम हो जाते हैं।
जिस कारण बाद में धीरे-धीरे इनका जीवन अपराध के अलावा कुछ नहीं रह जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चों की बहुत देखभाल करनी होती है क्योंकि यदि बच्चे गलत रास्ते पर निकल जाते हैं, तो वह समझ में कभी भी सम्मान प्राप्त करने के योग्य नहीं रहते हैं।
9. रुचि एवं अभिरुचियों का विकास :-
दोस्तों, जैसे कि आप सभी जानते हैं कि किशोरावस्था को विकास का काल कहा जाता है। इसीलिए इस अवस्था में किशोर और किशोरियों में रुचि का विकास बहुत ही तेजी से होता है और किशोर की रुचि विशिष्ट रुचियां की ओर विकसित हो जाती है। इस अवस्था में लड़की और लड़कों की रुचिया भिन्न-भिन्न हो जाती हैं। लड़के सामूहिक खेल खेलने में रुचि रखते हैं, परंतु लड़कियां नाच, ड्रामा और संगीत आदि में अभिरुचि रखती है।
10. काम भावना :-
दोस्तों, इस अवस्था में किशोर और किशोरियों के अंतर्गत योन परिपक्वता आने लगती है। साथ ही साथ प्रजनन अंग भी परिपक्व होने लगते हैं। इस दौरान शरीर में विभिन्न प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। इस काल में युवाओं की कर्मेंद्रियों का पूर्ण रूप से विकास हो जाता है। अर्थात युवाओं में काम भावनाओं को बहुत अत्यधिक विकास हो जाता है। यही कारण है कि इस अवस्था में किशोर – किशोरी अपने से विपरीत लिंग की और अधिक आकर्षित होते हैं।
किशोरावस्था क्या होता है? प्रकार, विशेषताएं। इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):-
Q:- 1. किशोरावस्था क्या होती है?
Ans:- 1. दोस्तों, किशोरावस्था वह अवस्था होती है, जिसमें किशोर और किशोरियों की मानसिक और शारीरिक वृद्धि बहुत ही तेजी से होती है। यह अवस्था 12 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के किशोर किशोरियों का समय होता है। इस समय पर बालकों का बहुत अत्यधिक ध्यान रखना होता है क्योंकि इस अवस्था में वह अपने आप को बहुत बड़ा समझने लगते हैं।
Q:- 2. किशोरावस्था का अर्थ क्या होता है?
Ans:- 2. दोस्तों, किशोरावस्था शब्द दो शब्दों जैसे किशोर और अवस्था से मिलकर बना है। जिस कारण किशोरावस्था का अर्थ होता है- परिपक्वता की ओर बढ़ना। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में किशोरावस्था की यह व्यवस्था 12 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक की रहती है। इसके अंतर्गत सभी प्रकार की मानसिक शक्तियों का विकास होता है।
Q:- 3. किशोरावस्था के अन्य नाम क्या है?
Ans:- 3. दोस्तों, किशोरावस्था के दौरान बहुत सारे कार्य होते हैं। यही कारण है कि किशोरावस्था के काल को अन्य विभिन्न नाम जैसे:- किशोर उम्र, सुंदरता की आयु, तनाव एवं तूफान की अवस्था, नए जन्म का काल, परिवर्तन का काल, सर्वाधिक शारीरिक परिवर्तन का काल और जीवन का सबसे कठिन काल आदि के नाम से जाना जाता है।
Q:- 4. किशोरावस्था के पिता किसे कहा जाता है?
Ans:- 4. दोस्तों, किशोरावस्था का सिद्धांत स्टैनले हॉल मनोवैज्ञानिक के द्वारा दिया गया था। जिसमें उनके द्वारा किशोरावस्था की संपूर्ण जानकारी दी गई थी। यही कारण है कि तब से ही स्टैनले हॉल को ही “किशोरावस्था के पिता” के नाम से जाना जाता है। उनके द्वारा किशोरावस्था को बहुत ही विस्तार पूर्वक पढ़ा गया था।
Q:- 5. किशोरावस्था के कितने चरण होते हैं?
Ans:- 5. दोस्तों, किशोरावस्था के मुख्य तीन चरण होते हैं। इन तीन चरणों में सबसे पहले चरण प्रारंभिक किशोरावस्था का होता है, द्वितीय चरण मध्य किशोर अवस्था का होता है तथा तृतीय चरण उत्तर किशोरावस्था का होता है। यह तीनों चरण पूर्ण रूप से किशोरावस्था को ही कहते हैं। उनके अंतर्गत होने वाले संपूर्ण कार्य बहुत तेजी से होते हैं।
Q:- 6. उत्तर किशोरावस्था क्या होता है?
Ans:- 6. दोस्तों, उत्तर किशोरावस्था, किशोरावस्था का तीसरा चरण होता है। इस कल का समय 16 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक का होता है। इस उम्र में बच्चे जैसा व्यवहार करते हैं। बच्चों को ऐसा लगता है कि वह अपने निर्णय खुद ले सकते हैं, परंतु इस उम्र में अस्थिरता होती है। जिस कारण वह गलत निर्णय लेते हैं। यह यह स्थिति पूर्ण रूप से उत्तर किशोरावस्था में ही होती है।
Q:- 7. किशोरावस्था की विशेषताएं क्या है?
Ans:- 7. दोस्तों, किशोरावस्था की विभिन्न प्रकार की विशेषताएं होती है, परंतु उनके बारे में यदि आप लोग संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर लेख में Features of Adolescence? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यह संपूर्ण जानकारी ऊपर लेख में विस्तार पूर्वक दी गई है।
निष्कर्ष (Conclusion):- दोस्तों, हमने आप सभी को इस लेख के अंतर्गत किशोरावस्था से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी है। हमने आपको इस लेख में What is the Adolescence? Types of Adolescence? Features of Adolescence? के बारे में आपको विस्तार पूर्वक बताया हैम जो माता-पिता किशोरावस्था के बारे में कोई भी जानकारी नहीं रखते हैं। उन सभी के लिए यह लेख बेहद लाभकारी साबित होगा क्योंकि हमारे द्वारा आप सभी को बारीकी से इस लेख में सब कुछ बताया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप सभी को बेहद पसंद आई होगी। यदि आपको यह संपूर्ण जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस जानकारी को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।