देश के हर नागरिक के लिए राशन कार्ड बनाया जाता है। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है। उन लोगों को सरकार की तरफ से बहुत कम कीमत पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं। और एक कोटेदार बनने के लिए क्या करना चाहिए? यह जानने की तलाश कर रहे हैं। तो आज आप सही जगह आए हैं। राशन की दुकान पर राशन वितरण करने हेतु सरकार के द्वारा अलग-अलग कोटेदारों को नियुक्त किया जाता है। यदि आप कोटेदार बनना चाहते हैं तो आज हम आपको कोटेदार कैसे बने? इससे संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेंगे। जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक पड़ना होगा।
जो राशन गरीब रेखा के नीचे आने वाले लोगों को दिया जाता है। उसका चुनाव सरकार द्वारा किया जाता है। साथ ही साथ राशन वितरित करने वाले कोटेदार का चुनाव भी सरकार के द्वारा ही किया जाता है।यदि आप आय का कोई जरिया करना चाहते हैं। या फिर जॉब करने के बाद भी पार्ट टाइम जॉब करने की सोच रहे हैं। तो आप सस्ते गल्ले की दुकान पर कोटेदार बन सकते हैं। कोटेदार वह व्यक्ति होता है जो गरीब लोगों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए शासन को वितरित करता है। यदि आप जानना चाहते है कि कोटेदार का लाइसेंस कैसे बनता है? तो इसकी संपूर्ण जानकारी आपको यहां मिलने वाली है। तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
यदि आप कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करना चाहते हैं और राशन की दुकान पर राशन का वितरण करना चाहते हैं तो आप इसे अतिरिक्त कमाई का जरिया भी बना सकते हैं। भारत सरकार हर एक ग्राम पंचायत में दो से तीन कोटेदार नियुक्त करती है। कोटेदार बनने के लिए गांव का कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है। परंतु उस व्यक्ति के पास कोटेदार बनने की योग्यताएं होनी चाहिए। अब आपके मन में यह सवाल अवश्य होगा। कि कोटेदार क्या होता है। उसका कार्य क्या होता है। कोटेदार बनने के लिए योग्यताएं तथा कौन-कौन से जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। और कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए।
कोटेदार कौन होता है? (Who is the Kotdar?)
हर राज्य की ग्राम पंचायत में खाद्य विभाग के द्वारा एक राशन की दुकान की स्थापना हो रखी है। जिसके लिए राज्य के लोगों को एक राशन कार्ड आवंटित किया जाता है। इस राशन कार्ड के माध्यम से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को बहुत कम मूल्य पर राशन की दुकान से राशन उपलब्ध कराया जाता है। यह राशन की दुकान किसी एक व्यक्ति के नाम पर जारी की जाती है। या यूं कहें कि जो व्यक्ति इस राशन की दुकान को चलाता है। यह दुकान उसकी होती है। परंतु इस पर आने वाला राशन राज्य सरकार द्वारा भेजा जाता है।
![कोटेदार कैसे बने? | योग्यता, पात्रता,दस्तावेज और वेतन](https://samajikyojana.in/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%9C-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%A8.jpg)
जो गरीब लोगों को कम मूल्य पर दिया जाता है। ग्राम पंचायत में उपस्थित राशन की दुकान का संचालन जो व्यक्ति करता है। यदि सरल भाषा में कहा जाए तो जो व्यक्ति राशन की दुकान पर राशन वितरित करता है। उसे कोटेदार कहते हैं। राशन को वितरित करने का सारा भार जिस व्यक्ति पर होता है। उसे हम कोटेदार कहते हैं। कोटेदार राज्य सरकार द्वारा आवंटित किए गए राशन कार्ड को देखकर आपको कम मूल्य पर राशन प्रदान करता है।
और साथ ही आप के हस्ताक्षर कराता है। ताकि आपके नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति राशन ना ले जाए। साथ ही साथ कोटेदार की जिम्मेदारी होती है। कि हर व्यक्ति को कम मूल्य पर बराबर का राशन प्राप्त हो। कोटेदार को हर महीने गरीबों में राशन वितरित करना होता है। साथ ही कितने लोगों ने राशन लिया है। इसका सारा डाटा राज्य सरकार को प्रदान करना होता है। यदि आप भी कोटेदार बनना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको आवेदन करना होता है। आपको आवेदन कैसे कैसे करना है। इसकी संपूर्ण जानकारी नीचे इस लेख में दी गई है।
कोटेदार कैसे बने? How to become a kotedar
आज के दौर में महंगाई बेहद बढ़ चुकी है। और हर आदमी अपनी आय का कोई दूसरा साधन तलाश रहा है। यदि आप भी आय का कोई अतिरिक्त साधन ढूंढ रहे हैं। तो आप कोटेदार बनके अतिरिक्त आय पा सकते हैं। हर गांव में राशन की दुकान हो इसकी सारी जिम्मेदारी खाद्य विभाग की होती है। कम से कम एक राशन की दुकान तो हर गांव में खाद्य विभाग के द्वारा स्थापित कराई जाती है। यदि किसी गांव की आबादी ज्यादा होती है। तो वहां तो वहां 2 या 3 राशन की दुकान खोलना मजबूरी होता है। तो खाद्य विभाग वहां दो से तीन राशन की दुकान खोलता है। दुकान खोलने के बाद वहाँ राशन वितरण करने के लिए एक व्यक्ति की आवश्यकता होती है।
जिसे हम कोटेदार कहते हैं। यदि आप कोटेदार बनना चाहते हैं। और अपनी आय का कोई अतिरिक्त साधन कोटेदार बनकर पूरा करना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको आवेदन करना होगा। गांव के हर नागरिक को बिना किसी परेशानी के राशन के राशन मिल सकें। इसके लिए अधिक आबादी वाले गांव में खाघ विभाग द्वारा दो से तीन राशन की दुकानों को खोला जाता है। खाघ विभाग के द्वारा राशन वितरण करने के लिए कोटेदार को नियुक्त किया जाता है।
कोटेदार पूरी राशन की दुकान का संचालन करता है। परंतु कोटेदार बनने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। लाइसेंस लेने के लिए आपको कुछ पात्रताओ को पूरा करना होता है। यदि आप भी कोटेदार बनना चाहते हैं। और कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करना चाहते हैं। तो कोटेदार के लाइसेंस के लिए खाद्य विभाग द्वारा जो पात्रता दी गई हैं। उनकी जानकारी हमने नीचे दी है। इन पात्रताओं को पूरा करके आप कोटेदार के लाइसेंस को प्राप्त कर सकते हैं।
कोटेदार बनने के लिए पात्रता Eligibility to become kotedar
यदि आप कोटेदार बनने के इच्छुक हैं। और कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करना चाहते हैं। तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। कोटेदार बनने के लिए खाद्य विभाग द्वारा कुछ पात्रता निर्धारित की गई है। यदि आप कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपको इन पात्रताओं के अंतर्गत आना होगा। खाद्य विभाग द्वारा रखी गई पात्रताओं की जानकारी नीचे दी गई है।
- कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। ( परंतु यह
- आयु हर राज्य में अलग-अलग होती है।)
- आवेदक ने अपनी शैक्षणिक पढ़ाई में न्यूनतम 10th क्लास पास की हो। (यह योग्यता भी हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है।)
- जिन व्यक्तियों को कंप्यूटर चलाना आता है। उन्हें आवेदन करने पर लाभ प्राप्त होगा।
- जो व्यक्ति कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करना चाहता है। उसके खिलाफ न्यायालय में कोई भी अपराध पंजीकृत ना हो।
- आवेदक के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत न्यायालय में कोई भी केस दर्ज नहीं होना चाहिए।
- जो व्यक्ति कोटेदार बनने के लिए आवेदक का रहा है। वह गांव के प्रधान के परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए।
- आवेदक को आवेदन से पहले ही राशन की दुकान आवंटित नहीं होनी चाहिए।
- कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करने हेतु आवेदक के अकाउंट में न्यूनतम ₹10000 होने चाहिए।
कोटेदार बनने के लिए जरूरी दस्तावेज Document required to become a Kotedar
जैसा कि अब तक की जानकारी में आप जान चुके होंगे। कि कोटेदार बनने के लिए आपको कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करना होता है। जिस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए आप आवेदन फॉर्म भरते हैं। आवेदन फॉर्म में कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। तो आइए जानते हैं कि कोटेदार बनने के लिए कौन-कौन से जरूरी दस्तावेज आवेदन फॉर्म में Attach होते हैं। इन जरूरी दस्तावेजों की सूची नीचे दी गयी है।
- जो व्यक्ति आवेदन करना चाहता है। उस व्यक्ति का आधार कार्ड।
- आवेदन करने वाले व्यक्ति का निवास प्रमाण पत्र।
- आवेदक का आरक्षण वर्ग का प्रमाण पत्र।
- कोटेदार का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक को शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र चाहिए होता है।
- आवेदन करने वाले व्यक्ति की न्यूनतम आयु 21 वर्ष हो इस प्रमाण पत्र चाहिए होता है।
- आवेदक के साथ-साथ उसके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में अभियोग दर्ज ना होने के प्रति शपथ प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
- जो व्यक्ति लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहा है। वह ग्राम प्रधान का पारिवारिक सदस्य ना हो इससे संबंधित शपथ पत्र।
- आवेदक करने वाले व्यक्ति के परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम कोई राशन दुकान आवंटित ना हो इससे संबंधित शपथ प्रमाण पत्र।
- आवेदक के खाते में कम से कम ₹40000 होना आवश्यक है।
- आवेदक का पुलिस अधिक्षक द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र।
- आवेदक का जिला अधिकारी द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र।
कोटेदार बनने के लिए आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया
जब कोई व्यक्ति अतिरिक्त आय का साधन प्राप्त करना चाहता हो। तो वह कोटेदार बन सकता है। कोटेदार बनने के लिए गांव का कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है। साथ ही कोटेदार बनना कोई भी मुश्किल काम नहीं होता है। हमारे द्वारा बताई गई सारे दस्तावेज और सारी पात्रताये अगर आपके पास उपस्थित हैं।
तो आप कोटेदार बन सकते हैं। सरल शब्दों में कहें तो आप कोटेदार का लाइसेंस आवेदन करके प्राप्त कर सकते हैं। परंतु इसके बाद आपके मन में एक सवाल अवश्य उठा होगा। कि आखिर हम आवेदन कैसे करें? तो आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी स्टेप बाय स्टेप नीचे दी गई है। इन स्टेप्स को आप फॉलो करके आवेदन कर सकते है। और कोटेदार बनके अतिरिक्त आय के मार्ग को खोल सकते है।
- कोटेदार बनने के लिए आपको आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा यह आवेदन पत्र खाद विभाग की ऑफिशियल आईडी पर उपलब्ध होता है अन्यथा आप इस आवेदन पत्र को खाद विभाग से जाकर भी प्राप्त कर सकते हैं और खाद विभाग से संबंधित अन्य वेबसाइट पर जी आप को आवेदन पत्र प्रदान किया जाता है।
- आवेदक के द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त करने के बाद उसे fill करना होगा। और उसने पूछी गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक बिना गलती के भरना होगा।
- सबसे पहले आवेदन कर्ता को उस फॉर्म में अपना नाम, माता का नाम, पिता का नाम तथा अपना पूरा पता साफ-साफ अक्षरों में लिखना होगा।
- इसके पश्चात पूछे गए स्थान पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में सही जानकारी ध्यानपूर्वक भरनी होगी।
- अब आप सहायता समूह के ब्योरे को ध्यानपूर्वक बिना किसी गलती के भरे।
- इस प्रकार सारी जानकारी भरने के बाद आपको मांगे गए सभी दस्तावेजों को इस आवेदन फॉर्म के साथ अटैच कर देना है।
- इसके पश्चात आपको आवेदन फॉर्म दोबारा से चेक करना है। ताकि कोई भी गलती ना हो। क्योंकि अगर इस आवेदन फॉर्म में कोई भी गलती मिलती है। तो आपको कोटेदार का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। तथा आपके फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया जाता है।
- जैसे ही आप अपने आवेदन पत्र को पूर्ण रूप से भर लेते हैं। और उसकी जांच कर लेते हैं। तो अनुमंडल / पदाधिकारी खंड विकास अधिकारी के पास जाकर जमा कर देना है।
- इस तरह से आप आवेदन पत्र को भर के जमा कर सकते है। यदि आपके सारे दस्तावेज और पात्रता ही सही होती हैं। तो आपके नाम पर एक राशन की दुकान जारी कर दी जाएगी।
कोटेदार की सैलरी kotedar’s salary
यदि आपने कोटेदार बनने का फैसला कर लिया है। और अपना आवेदन पत्र भी जमा कर दिया है। तो आपके मन में एक सवाल अवश्य आएगा। कि आखिर कोटेदार बनने के बाद कोटेदार की सैलरी कितनी होती है। हर व्यक्ति आय के अतिरिक्त साधन के लिए कोटेदार बनना चाहता है। इसका मतलब वह एक अच्छी सैलरी भी चाहता होगा। तो आइए आज हम बात करते हैं। कि कोटेदार की सैलरी कितनी होती है?
तो हम आपको बता दें कि कोटेदार को वेतन नहीं मिलता है। अगर सरल भाषा में बताया जाए तो सरकार की तरफ से कोटेदार के नाम पर कोई भी वेतन निर्धारित नहीं किया जाता है। हालांकि ऐसा नहीं है। कि कोटेदार को कोई पैसे नहीं मिलते कमीशन के तौर पर कोटेदार को पैसे दिए जाते हैं। जानकारी के अनुसार बताएं 70 से 80 पैसे कोटेदार को प्रति किलो के अनुसार दिए जाते हैं। यह कमीशन राशि हर राज्य में अलग-अलग होती है।
कोटेदार कैसे बने इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)
Q:- कोटेदार कौन होता है?
Ans:- खाद्य विभाग के द्वारा हर राज्य में देवरिया राशन वितरित करने के लिए राशन की दुकान को स्थापित किया गया है इस दुकान का संचालन और राशन वितरण करने की जिम्मेदारी एक जिम्मेदार व्यक्ति को दी जाती है। जिस व्यक्ति को कोटेदार कहते हैं।
Q:- कोटेदार की सैलरी कितनी होती है?
Ans:- कोटेदार को सरकार की तरफ से कोई भी सैलरी नहीं दी जाती है। परंतु हर महीने कमीशन के तौर पर कुछ पैसे दिए जाते हैं।
Q:- कोटेदार करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
Ans:- कोटेदार बनने के लिए कौन-कौन सी योग्यता, पात्रता तथा जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसकी संपूर्ण जानकारी हमने ऊपर अपनी इस आर्टिकल ने दी है।
Q:- कोटेदार बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
Ans:- कोटेदार बनने के लिए आपको खाद्य विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भरना होता है।
Q:- कोटेदार बनने के लिए आवेदन फॉर्म कहां जमा होता है
Ans:- कोटेदार बनने के लिए भरे गए आवेदन फॉर्म को अनुमंडल पदाधिकारी / खंड विकास अधिकारी के पास जमा करना होता है।
निष्कर्ष:- आज हमने आपको अपने इस आर्टिकल में कोटेदार कैसे बने?, कोटेदार क्या होता है, कोटेदार की सैलरी कितनी होती है, पात्रता और योग्यता इन सब से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि यदि आप अतिरिक्त आय का कोई मार्ग ढूंढ रहे थे। तो यह आपको अपनी समस्या को हल अवश्य मिल गया होगा। यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी हो तो हमे कमेंट बॉक्स में लिखकर बताइए और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।