प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) क्यों होता है? इसके कुछ प्रमुख लक्षण | Labour Pain kyu hota hai? Delivery Hone Ke Lakshan

हमारे आसपास में बहुत सी महिलाएं जो पहली बार मां बनती हैं उन्हें प्रसब पीड़ा यानी लेबर पेन को लेकर मन में बहुत सी चिंताएं होती रहती हैं जिसकी वजह से महिलाएं प्रेगनेंसी के समय बेवजह की बहुत सी टेंशन लेती रहती हैं जो कि उनकी मानसिक स्थिति के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है क्योंकि इससे मन और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता हैl

इसीलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि जो मैंने पहली बार गर्भधारण करती हैं उन्हें दर्द के बारे में सुनकर बहुत ही ज्यादा बेचैनी हो जाती हैl तो चलिए आज हम आपको प्रसब पीड़ा (Liver pain kyu hota hai?) से जुड़ी समस्त बातों के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं इसीलिए आपको हमारे आर्टिकल को अंत तक करना होगाl

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लेबर पेन कब शुरू होता है? | Labour Pain Kab Hota Hai

प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) क्यों होता है? इसके कुछ प्रमुख लक्षण | Labour Pain kyu hota hai? Delivery Hone Ke Lakshan

जब आप किसी डॉक्टर को दिखाने चाहते हैं तो डॉक्टर बहुत सारी जांच करता है और साथ ही साथ अल्ट्रासाउंड भी करता है जिसके बाद वह आपको बता देता है कि आपकी डिलीवरी की तारीख कौन सी है तो हम आपको बताना चाहते हैं कि लिवर पेन का सीधा संबंध डिलीवरी की तारीख से होता है इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिला का आखिरी पीरियड महीना कौन सा था,जिससे आने वाली 40 सप्ताह के बाद को डिलीवरी की तारीख मान लिया जाता हैl

इसीलिए आपके कंसल्टेंट डॉक्टर आपको 37वें सप्ताह से लेकर 40 में हफ्ते तक किसी भी समय लीवर पिंजरे होने की सलाह देते हैंl क्योंकि अगर आपका बच्चा 37 वे सप्ताह सकते से पहले ही जन्म ले लेता है तो इसे प्रीमेच्योर बेबी (premature baby) कहा जाता है और यदि आपका बच्चा 40 में सप्ताह के बाद  डॉक्टर के द्वारा जन्म लेता है तो इस प्रक्रिया को इंड्यूस्ड लेबर ( Induced labor) कहा जाता है क्योंकि इस फिर बच्चों को कृत्रिम रूप से डिलीवरी कराई जाती हैl इस प्रकार से एक बच्चा भ्रूण से लेकर पैदा होता है चलिए अब हम आपके लवर पेन शुरू होने से संबंधित लक्षणों के बारे में जानकारी देंगेl

लेबर पेन शुरू होने के क्या लक्षण होते हैं? | Delivery Hone Ka Sanket

कभी-कभी महिलाओं को सामान्य दर्द होने की वजह से भी दर्द होने लगता है लेकिन कुछ महिलाएं इस मजदूर पी समझ लेते हैं इसीलिए गर्भवती महिलाओं को सामान्य दर्द और फिर से पीड़ा के बीच होने वाले दर्द में फर्क समझना बहुत जरूरी होता है क्योंकि फिर सब का समय नजदीक आ जाने पर महिलाएं इसे फिर से पीड़ा ही समझते हैं तो चलिए अब हम आपको कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं जिससे आप लेबर पेन को आसानी से पहचान सकती हैं-

1. शिशु का नीचे की ओर आना

जब आपकी डिलीवरी के डेट नजदीक आती जाएगी तब गर्भ काल में उपस्थित शिशु धीरे-धीरे करके मौजूद गर्भ के निचले हिस्से में पहुंचने की कोशिश करता है जिससे आपको सी सीन और पेट में हल्का पन महसूस हो सकता है जिस वजह से भी आपको थोड़ी सी बेचैनी हो सकती है जो की बहुत ही सामान्य बात हैl

2. म्यूकस के साथ खून का आना

जब आप गर्भावस्था की शुरुआती स्टेज पर होते हैं तब आपके पहले महीने से ही म्यूकस के साथ खून आना शुरू हो जाता है इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि यह इस बात का संकेत है कि गर्भाशय गिरी वह फिर सबके लिए तैयार होना शुरू कर दिया है इसीलिए म्यूकस प्लग से बाहर होकर निकलने लगता है जिसके साथ ब्लड भी आने लगता हैl यदि आपको इस बारे में चिंता हो रही है तो तुरंत ही आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैंl

3. तेज संकुचन होना :

जैसे-जैसे आपकी डिलीवरी डेट जल्दी गति जाती है वैसे-वैसे आपके संरक्षण की गति बढ़ जाती है जो कि आपको प्रेशर पीड़ा का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है शुरुआत के समय में संकुचन की गति धीरे होती है लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आता जाता है वैसे-वैसे फंक्शन की गति तेज होती जाती है जिससे महिलाओं में एक बेचैनी महसूस होती है जिसे प्रोडोमल लेबर कहा जाता है वैसे तो आमतौर पर यह बहुत ही कम समय के लिए होता है और धीरे-धीरे यह ठीक भी हो जाता है इसीलिए इसे फॉल्स लेबर पेन भी कहा जाता हैl

4. ग्रीवा में बदलाव :

जैसे-जैसे फिर सबका समय नजदीक आता जाता है वैसे-वैसे पतली होकर फैलने लगती है यह बात वृषभ का संकेत है क्योंकि गर्भवती महिला के गर्भाशय गाने चला हिस्सा जब प्रसव के लिए तैयार हो जाता है तब ऐसी स्थिति किसी भी महिला में उत्पन्न होती हैl इसके साथ ही गर्भवती महिला की गिरी बाद लगभग 10 सेंटीमीटर तक खुला भी जाती है इन दोनों लक्षणों की देखकर ही डॉक्टर आपको लिवर पेन के बारे में आगे कर सकते हैं क्योंकि ग्रीवा की खुलने की पुष्टि सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते हैंl

5. बहुत नींद आना :

जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो उसे मां से ही पोषण प्राप्त होता है जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है उसे और अधिक एनर्जी की आवश्यकता होती है इसी वजह से जब पेशाब का समय नजदीक आता जाता है तो महिलाओं में कमजोरी महसूस होने लगती है इसी वजह से उन्हें बहुत अधिक नींद आ सकती है इसीलिए गर्भवती महिलाओं को बार-बार सोनी की कोशिश करती हैं लेकिन इसके साथ-साथ होने सोने में दिक्कत भी होती है क्योंकि यह लिवर पेन के शुरू होने के लक्षण होते हैंl

6. गर्भ में मौजूद पानी की थैली का फटना

जब आप गर्भवती होती है तो आपके गर्मी पड़ रही सुजुकी रक्षा करने के लिए आपके घर में एक एमनियोटिक द्रव्य से भरी एक थैली पाई जाती है जिसे आम तौर पर बोलचाल की भाषा में हम पानी की थैली भी कह देते हैं इस पानी की थैली के फटने का संकेत है कि आपको लिवर पेन शुरू होने ही वाला है.

इसीलिए पानी की थैली के बढ़ते ही सबसे पहले आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए साथी यह भी ध्यान रखें की थैली के फटने के बाद डॉक्टर अक्सर द्रव के रंग के बारे में आपसे पूछताछ कर सकते हैं क्योंकि इससे यह पता चलता है कि शिशु ने गर्भ के अंदर ही अपना पहला मल त्याग कर दिया है या नहीं अगर कर दिया है तो वह पानी हरे कलर का हो सकता हैl

7. भावनाओं में उतार-चढ़ाव होना :

जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक होता जाता है वैसे-वैसे ही गर्भवती महिलाएं बहुत जल्दी ही भावुक होने लगते हैं उनका मूड लगातार बदलता रहता है और उनके स्वभाव में भी चिड़चिड़ापन आ जाता है यह सारे लक्षण शिशु के जन्म से पहले हार्मोन की वजह से होने वाले बदलाव के कारण होते हैं जब यह लक्षण किसी महिला में नजर आने लगे तो समझ लेना चाहिए कि फिर सब और लिवर पेन का समय बहुत ही नजदीक आ गया हैl

8. बच्चे के आने की तैयारी में जुट जाना :

घर में नन्हे मेहमान के आने की खुशी के चलते लोग पहले से ही तैयारी करना शुरू कर देते हैं और ऐसा आमतौर पर देखा जाता है कि जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता जाता है गर्भवती महिलाएं भी अपने आने वाले बच्चे से जुड़ी तैयारी को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित हो जाती हैं इसके बावजूद भी जानते हुए कि उनकी शारीरिक स्थिति बहुत ही नाजुक है फिर भी वह बच्चों की जरूरत की समान कोई हटा करने में लगी रहती हैंl medical science इस बात को प्रमाणित कर चुका है कि यह सभी संकेत लिवर पेन के नजदीक आने और डिलीवरी का समय पास आने की ओर इशारा करते हैंl

9.पेट खराब होना :

है और डिलीवरी कैसे मैं नजदीक आता जाता है महिला को पेट खराब होने से संबंधित लगातार शिकायत बनी रहती है या दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि उन्हें कब्ज की दिक्कत होती रहती हैl

10. वजन का घटना या बढ़ना :

जब डिलीवरी का समय नजदीक आता जाता है तो वैसे तो आमतौर पर गर्भवती महिला का वजन बढ़ता जाता है लेकिन कभी-कभी किसी समस्या के चलते बजन अचानक से घट भी सकता हैl ऐसा होना बिल्कुल आम बात है और इस बच्चे के वजन पर कोई फर्क नहीं पड़ता अगर हाथों पैरों में सूजन आदि का सामना करना पड़ता हैl

11. जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव होना :

जब धीरे-धीरे घर में पहले शिशु अपना विकास करता है तो उसमें बजन में भी वृद्धि होती है जिस वजह से गर्भवती महिला की मांसपेशियों और जोड़ों में खिंचाव में महसूस होता है और ऐसा भी माना जाता है कि जैसे-जैसे खिंचाव अपनी चरम सीमा  पर पहुंचता है तो उतना ही डिलीवरी का समय नजदीक आता जा रहा हैl

लोगों के मन में उत्पन्न होने वाली कुछ आम जानकारी :

लेबर पेन के समय डॉक्टर को कब कॉल करना चाहिए?

वैसे तुझे शुरुआत में ही डॉक्टर आमतौर पर अपने patient को इस बात की जानकारी दे देते हैं कि कौन से महीने में कितनी तारीख के बीच आपको फिर से पीड़ा हो सकती है लेकिन जैसे-जैसे डिलीवरी के समय नजदीक आता जाता है गर्भवती महिला को अपने डॉक्टर को समय समय पर लक्षणों की जांच करने के लिए दिखाते रहना चाहिएl जिससे कि डॉक्टर किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अपनी मरीज को पहले से ही सलाह दे देते हैं लेकिन निम्न परिस्थितियों में कुछ भी लक्षण अगर आपको नजर आए तो तुरंत ही आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए-

  • 1- घर में मौजूद पानी की थैली का फट जानाl
  • 2- सर में तेजी से दर्द होना जिसकी वजह से सब कुछ धुंधला धुंधला सा नजर आना पेट के ऊपरी हिस्से में बहुत तेज दर्द होना और साथ ही साथ शरीर में सूजन आ जाने पर तुरंत आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिएl
  • 3- घर में पहले शिशु में हलचल के कम हो जाने परl
  • 4- गर्भवती महिला 37 हफ्ते में ही संकुचन महसूस होने पर प्रीमेच्योर की स्थिति बन जाती है इस स्थिति में आपको तुरंत ही डॉक्टर को संपर्क करना चाहिएl
  • 5- किसी भी प्रकार स्पॉट देखना या समय से पहले लाल रंग का रक्त स्राव होनाl

लेबर पेन के दौरान क्या करना चाहिए?

लेबर पेन शुरू हो जाए तो आपको निम्नलिखित कार्यों को ध्यानपूर्वक करना चाहिए-

  • 1- इस स्थिति में गर्भवती महिला को हाइड्रेट रखना चाहिए अर्थात उन्हें अधिक मात्रा में पानी या जूस पिलाना चाहिए जिससे कि उनके शरीर में प्रसब पीड़ा को सहन करने की लिए एनर्जी बनी रहीl
  • 2- लेबर पेन शुरू हो जाने की स्थिति में गर्भवती महिला को एक करवट से लेट कर धीरे-धीरे सामान्य रूप से सांस लेने की कोशिश करवानी चाहिएl
  • 3- लेबर पेन शुरू हो जाने पर अपने परिजनों को तुरंत ही बता देना चाहिएl
  • 4- लिवर पेन की वजह से महिला को शांत रहना चाहिए उसे तनाव मुक्त रहना चाहिए जिससे कि सामान्य रूप से उसकी डिलीवरी कराई जा सकेl

अगर संकुचन शुरू हुए बिना पानी की थैली फट जाए, तो क्या होता है?

अगर संकुचन में शुरू होने से पहले ही किसी भी कारण बस या फिर अपने आप ही पानी की फट सकती है यह कोई बड़ी बात नहीं है एक आम बात है लेकिन इस स्थिति में आपको घबराना नहीं है साथ ही साथ आपको तुरंत ही डॉक्टर को यह बताना है ऐसा होने पर डॉक्टर आपको तुरंत ही कृत्रिम लिवर यानी सिंधु लेबर के जरिए डिलीवरी करवा सकते हैं क्योंकि इस स्थिति में baby को safe रखने वाले द्रव निकल जाता है जिससे उसमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है इसी वजह से बच्चे और माता को बचाने के लिए डॉक्टर कृत्रिम डिलीवरी का सहारा लेते हैंl

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Ques: असली और नकली लेबर पेन में क्या अंतर होता है?

Ans: असली और नकली लेबर पेन पहचान से संबंधित कुछ तथ्य-
1- असली लेबर पेन अक्सर महिला के 37 में सप्ताह से शुरू होता है उससे पहले जैसे दूसरी और तीसरी तिमाही में आते आते अन्य प्रकार के दर्द होते हैंl
2- असली लीवर फिर क्यों दौरान पानी की थैली फट सकती है लेकिन नकली लेबर करने ऐसा कुछ नहीं होताl
3- प्रीमेच्योर बेबी होने की स्थिति में 37 बे सप्तहे लिवर पेन शुरू हो जाता हैl

Ques: लेबर पेन से पहले तनाव का सामना कैसे करें?

Ans: किसी भी महिला को लेबर पेन शुरू होने से पूर्व बहुत सी मानसिक स्थितियों से गुजरना पड़ता है इसके लिए उसे खुद को मानसिक तौर पर मजबूत बनाकर तनाव मुक्त रहने कि सलाह डॉक्टर के द्वारा दी जाती है इसके लिए महिला को मेडिटेशन करना चाहिए,  खुद को शांत रखकर प्राणायाम अनुलोम विलोम आदि करनी चाहिए, साथ ही साथ किसी भी प्रकार की समस्या को अपने पार्टनर के साथ शेयर करना चाहिए, स्पेशल एक दर्द भरी प्रक्रिया है यह आपको मां बनने के सुख से जोड़ देता है और आपका नजरिया भी बदल देती है इसी भावना को गर्भवती महिला को अपने मन में बना कर रखना चाहिएl

Ques: क्या भूख न लगना लेबर पेन शुरू होने का संकेत होता है?

Ans: जी हां ऐसा हो सकता है क्योंकि यह कुछ मनोदशाएं हैं जो लीवर बिन शुरू होने की संकेत आपको देता है क्योंकि इससे आपकी ऊर्जा खत्म हो जाती है और आपको भूख भी कम लगती है इसीलिए आपको हल्की चीज खाने की सलाह दी जाती है जो आसानी से पच  जाएl

Ques: क्या सिर दर्द और जी मिचलाना लेबर पेन शुरू होने का संकेत है?

Ans: फिर सब से कुछ दिन पहले यदि आपके सिर दर्द और जिम चलता है तो यह सामान्य बात है क्योंकि इससे पहले महिला खुद को अस्वस्थ महसूस करने लगती है साथ ही साथ उसके सिर दर्द के साथ-साथ रक्तचाप में भी बढ़ोतरी हो जाती हैl

Ques: क्या लेबर पेन से पहले शरीर का तापमान बढ़ जाता है?

Ans: जी हां बिल्कुल जब आपकी लिवर पेन शुरू हो जाता है तो आपका तापमान बढ़ता स्वाभाविक प्रक्रिया हैl

Ques: क्या योनि पर दबाव पड़ना लेबर पेन शुरू होने का लक्षण है?

Ans: जी हां बिल्कुल आप सही समझ रहे हैं जब योनि पर दबाव पड़ता है तो यह लेबर पेन शुरू होने के लक्षण है क्योंकि इससे शिशु खिसक कर योनि के पास चला जाता है जिस कारण गर्भवती महिला को योनि के ऊपर एक दबाव महसूस होने लगता हैl

निष्कर्ष

आज हमने अपने इस आर्टिकल में आपको Labour Pain kyu hota hai? Delivery Hone Ke Lakshan  के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गई संपूर्ण एवं व्यवस्थित जानकारी पसंद आई होगीl तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अपना अनुभव जरूर बताएं साथ ही हमारे इस आर्टिकल को जरूरतमंदों दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलेl धन्यवाद!

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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