मानसिक स्वास्थ्य व शारीरिक स्वास्थ्य क्या होता है?

दोस्तों, जैसे कि आप सभी जानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से परस्पर संबंध होते हैं। इन दोनों स्वास्थ्य को एक दूसरे से भिन्न मनाना बहुत ही गलत होगा। शारीरिक स्वास्थ्य प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की अच्छी सेहत को संबोधित करता है। जबकि मानसिक स्वास्थ्य के द्वारा मस्तिष्क के स्वास्थ्य को संबोधित किया जाता है। यदि आप लोग मानसिक स्वास्थ्य व शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में Mansik swasthya kya hota hai? Sharirik swasthya kya hota hai? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।

दोस्तों, यह बात तो आप सब जानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य का व्यक्ति की दिनचर्या पर बहुत असर होता है। जब व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है, तो उस व्यक्ति का प्रत्येक कार्य बहुत ही आसानी से हो जाता है, परंतु यदि आप मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य की विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में What is the mental health? What is the physical health? आदि के बारे में बताया गया है। इससे संबंधित अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए यह लेख अंत तक आवश्यक तौर पर पढ़ना होगा।

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मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है? (What is Mental health?)

दोस्तों, यदि आप लोग जानना चाहते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है? तो हम आपको बता दें, मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति की भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति से पूर्णतः जुड़ा होता है। मानसिक स्वास्थ्य से व्यक्ति के सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की संपूर्ण क्षमता प्रभावित होती है। मानसिक स्वास्थ्य से व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत अधिक परेशान होता है।

मानसिक स्वास्थ्य व शारीरिक स्वास्थ्य क्या होता है

मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के तनाव को भी प्रभावित करता है, मानसिक स्वास्थ्य हमारे व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक चरण अर्थात बचपन, किशोरावस्था, वयस्कता और बुढ़ापे के अंतर्गत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देखा जाए, तो मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति होती है। जिसके अंतर्गत व्यक्ति अपनी क्षमताओं का एहसास करता है। मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने से लोगों की जिंदगी बहुत अधिक प्रभावित होती है।

इस स्थिति में ही व्यक्ति दूसरों के साथ सकारात्मक तरीके से बातचीत कर सकता है। साथ ही साथ तनाव से निपटने की क्षमता भी रखता है। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग होता है। मानसिक स्वास्थ्य को व्यक्तियों की भलाई और कामकाज की नींव कहा जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करने में सक्षम होता है। इसलिए यदि मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, तो व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करता है।

शारीरिक स्वास्थ्य क्या होता है? (What is the mental health?)

दोस्तों, जिस प्रकार मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है। ठीक उसी प्रकार शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में भी जानना आप सभी के लिए बेहतर आवश्यक है। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को यहां What is the mental health? के बारे में जानकारी दी जा रही है। दोस्तों, शारीरिक स्वास्थ्य से हमारा अर्थ है कि शरीर के संपूर्ण अंग एवं तंतु पूर्ण सामंजस्य से अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य कर रहे हैं अथवा नहीं।

यदि कार्य बिना किसी परेशानी के होता है, तो व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है। यदि स्वस्थ शरीर के बारे में बात की जाए तो स्वस्थ शरीर की पहचान साफ़ सुथरी त्वचा, चमकदार आंखें, कांतिमय बाल, संतुलित सुगठित शरीर, मलाशय तथा मूत्राशय का नियमित रूप से कार्य तथा ज्ञान ज्ञानेंद्रिय के द्वारा अपने संपूर्ण कार्य सुचारू रूप से करना। यदि प्रत्येक व्यक्ति का शरीर इस प्रकार कार्य करता है, तो वह शारीरिक रूप से स्वस्थ समझा जाता है।

दोस्तों, आज के समय में व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ही कमजोर रहने लगा है। शारीरिक रूप से कमजोर रहने का सबसे बड़ा कारण आज के समय का खान-पान हो गया है। साथ ही साथ व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी शारीरिक स्वास्थ्य के कारण ही होती है। शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए लोगों को अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा। ताकि वह विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता को उत्पन्न करने में सक्षम हो सके।

बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण? (Symptoms of worsening mental health?)

दोस्तों, जब किसी व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी होने लगती है। तो उसके लक्षण शरीर में पहले ही दिखने लगते हैं। यदि आप लोग भी बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे बिंदुओं के माध्यम से Symptoms of worsening mental health? के बारे में बताया गया है। यह संपूर्ण बिंदु प्रकार दिए गए हैं-

  • खाने और सोने की आदतों में बदलाव होने पर।
  • पसंदीदा लोगों और गतिविधियों से दूरी बनाना।
  • ऊर्जा हीन या फिर लो एनर्जी का एहसास होना।
  • बेवजह खोए रहना और सुन्न महसूस करना।
  • अजीब से दर्द का एहसास होना।
  • असहाय या निराश महसूस करना।
  • धूम्रपान, शराब और ड्रग का अधिक उपयोग करना।
  • चीजों को भूल जाना, गुस्सा आना और कन्फ्यूजन का क्रिएट होना।
  • चिंतित, परेशान और डरा हुआ महसूस करना।
  • मूड स्विंग के कारण लोगों को परेशान करना।
  • दिमाग में बार-बार बेकार बातों का आना।
  • ऐसी आवाजों का सुनाई देना और बातों को समझना जो सच ना हो।
  • खुद को या दूसरों को नुकसान पहुँचाने का सोचना।
  • दैनिक कार्य को ठीक से ना कर पाना।
  • इस प्रकार के यदि लक्षण किसी व्यक्ति के अंतर्गत दिखाई देते हैं, तो वह उसके बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण होते हैं। उसे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

बिगड़ते शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण? (Symptoms of worsening physical health?)

दोस्तों, जिस प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ते लक्षण के बारे में हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर बताया गया है। उसी प्रकार शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण भी होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, तो उसका कैसे पता लगाया जाता है, इसके बारे में हमारे द्वारा आप सभी को Symptoms of worseing physical health? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

  • यदि किसी व्यक्ति का शरीर का ताप अधिक है, तो आवश्यक है, तो अवश्य ही उसके स्वास्थ्य में कोई परेशानी है।
  • अधिक वजन का बढ़ना।
  • किसी व्यक्ति का पूरी नींद ना ले पाना।
  • मन में प्रसन्नता का भाव ना आना।
  • पूरे दिन शरीर में आलस्य का बना रहना।
  • पेट ठीक से साफ ना होना।
  • व्यक्ति के सर में अत्यधिक दर्द होना।
  • किसी भी काम को करने में मन ना लगना।
  • कमजोरी महसूस होना।
  • चलते पर अत्यधिक सांस का फूलना।
  • अच्छे से भूख न लगना।
  • ऊपर दिए गए संपूर्ण लक्षण बिगड़ते शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण होते हैं। यदि किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार का महसूस होता है, तो उसे आवश्यकता पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाएं? (How to improve mental health and physical health?)

दोस्तों, यदि आप लोग मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो आप लोगों को अपने दिनचर्या में बहुत से कार्य करने होंगे। यदि आप लोग मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा नीचे आपको How to improve mental health and physical health? के बारे में जानकारी दी जा रही है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

1. व्यायाम (Exercise):-

दोस्तों, यदि आप लोग अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सही रखना चाहते हैं, तो आपको लगातार व्यायाम करने की आवश्यकता है। दरअसल, लगातार होने वाली व्यायाम के कारण शारीरिक गतिविधियां होती हैं। जिसके तहत आपका मानसिक तनाव और अवसाद बहुत कम होता है।

साथ ही साथ आपका शरीर भी स्वस्थ रहता है। इसके अलावा व्यायाम करके आपका मूड में भी काफी अच्छा रहता है। यही कारण है कि शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को सही करने के लिए व्यायाम करना आवश्यक है।

2. मेडिटेशन (Meditation):-

दोस्तों, मेडिटेशन आप में से बहुत से लोग करते भी होंगे क्योंकि यह मन और शरीर का अभ्यास होता है। मेडिटेशन को ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाता है।

मेडिटेशन के आप सभी को बहुत से तरीके देखने को मिलते हैं। मेडिटेशन को आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। मेडिटेशन ध्यान करने की एक तकनीक है, जिसके माध्यम से मान को शांत रखा जा सकता है।

3. रिलैक्सेशन टेक्निक (Relaxation technique):-

रिलैक्सेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है। जिसके माध्यम से पूरे शरीर को आराम दिया जा सकता है। इस तकनीक की सहायता से रक्तचाप और मांसपेशियों में तनाव व मानसिक तनाव को कम करने में सहायता मिलती है। इससे हमारा शारीरिक स्वास्थ्य बेहतरीन होता है, साथ ही साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बहुत रिलैक्सेशन प्राप्त होता है।

4. लिखना (Writing):-

कई बार लोगों का मानसिक स्वास्थ्य इस वजह से बिगड़ जाता है क्योंकि वह बहुत सारी चिंता को अपने दिमाग में रख लेते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ने लगता है। साथ ही साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।

ऐसे में आप लेखन की मदद से अपनी बातों को अपने दिमाग से बाहर निकलने में सक्षम हो सकते हैं। इससे आपका मन हल्का होगा। साथ ही साथ आपका शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। लेखन की प्रक्रिया से आपका मूड स्विंग भी अच्छा होता है।

5. टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटजी (Time managing strategy):- 

नेशनल सेंटर फ़ॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन की वेबसाइट पर वैज्ञानिक परीक्षण से प्रकाशित टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटजी को मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रभावी बताया गया है। टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटजी के द्वारा चिंता, अवसाद, नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ ही नकारात्मक भावनाओं से बचने का संपूर्ण कार्य करता है।

इस ट्रेनिंग के दौरान खासतौर पर इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि व्यक्ति का ध्यान नकारात्मक बातों पर न जाए तथा उसका दिमाग किसी भी नकारात्मक कार्य में व्यस्त न रहे।

6. अरोमा थेरेपी (Aroma theraphy):-

अरोमाथेरेपी की मदद से विशेष तौर पर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसी के तहत कई वैज्ञानिकों की रिसर्च के आधार पर बात की पुष्टि की गई है कि लैवेंडर का तेल कई प्रकार के न्यूरोलॉजिकल विकारों के उपचारों में प्रभावी औषधि का कार्य करने हेतु सक्षम होता है। इस थेरेपी से चिंता अवसाद और तमाव को काम किया जा सकता है।

7. हर्बल टी (Herbal tea):- 

दोस्तों, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य को मद्देनजर देखते हुए हर्बल टी पर विभिन्न प्रकार के शोध किए गए हैं। जिससे यह पता चलता है कि कैमोमाइल टी में एंटीडिप्रेसेंट और एंटी एंजायटी प्रभाव देखने को मिलते हैं। इन दोनों के कारण ही अवसाद और चिंता की समस्या दूर रहती है। जिससे शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य कम हो जाता है।

8. पेट्स के साथ समय बिताना (Time spending with pets):- 

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतरीन करने के लिए पेट्स स्थिरेपी को भी अपनाया जाता है। एक रिसर्च के अनुसार पेट्स के द्वारा मूड को अच्छा करने का काम किया जा सकता है। इससे व्यक्ति को सकारात्मक सोचने पर भी मदद मिलती है। इसलिए जो लोग अपने घर में पेट्स को पलता है, उसे ज्यादा से ज्यादा अपना समय पेट्स के साथ बताना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में सक्षम होता है।

9. घर वालों के और दोस्तों के साथ समय बिताना (Spending time with family and friends):- 

यदि आप अपने परिवार के किसी सदस्य का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करना चाहते हैं, तो इसमें परिवार और दोस्तों की अहम भूमिका होती है। सोशल सपोर्ट और अपने परिवार से एक मजबूत रिश्ता होने पर व्यक्ति अपने मन की सारी बातें एक दूसरे से करने में सक्षम होता है। जिस व्यक्ति को तनाव, अवसाद और चिंता जैसी परेशानियां नहीं होती हैं।

साथ ही साथ उसका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और उसे विभिन्न प्रकार के मानसिक विकारों से दूर रखता है। इसलिए व्यक्ति को अपने घर वालों और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए। जिस व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। वह शारीरिक रूप से भी अच्छा महसूस करता है।

10. अच्छी नींद लेना (Take deep sleep):- 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक अच्छी नींद लेनी होगी। एक अच्छी नींद एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान होती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छी नींद पर पूर्ण रूप से निर्भर होता है।

मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक?  (Factors affecting mental health and physical health?)

दोस्तों, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से परस्पर जुड़े हुए होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, तो वह शारीरिक तौर पर भी कमजोर होता है। यही कारण होता है कि मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ाव रखते हैं। यदि आप लोग जाना चाहते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है-

1. अनुवांशिकी (Genetics):-

दोस्तों, अनुवांशिकी एक ऐसा कारक है, जो शारीरिक शास्त्र मानसिक स्वास्थ्य को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। शारीरिक वृद्धि और मानसिक वृद्धि पर पूर्ण रूप से अनुवांशिकी का असर होता है। कभी-कभी व्यक्ति शारीरिक और मानसिक तौर पर अनुवांशिकी के कारण भी बहुत सी समस्याओं का सामना करता है। इसीलिए अनुवांशिकी को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला कारक कहा जाता है।

2. रहन-सहन का तरीका (way of living):-

रहन-सहन का तरीका भी व्यक्ति के मानसिक और स्वास्थ्य पर पूर्ण रूप से प्रभावित होता है। विभिन्न प्रकार की बुरी आदतों के माहौल में रहने से व्यक्ति शराब, सिगरेट आदि का सेवन करना शुरू कर देता है। जिससे उसका शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। साथ ही साथ अधिक मानसिक तनाव और थकान से हृदय जैसे रोग होने की संभावना रहती है और मानसिक स्वास्थ्य बहुत बुरी तरह प्रभावित होता है।

3. सामाजिक आर्थिक परिप्रेक्ष्य (Socio-economics perspectives):-

जो परिवार पूर्ण रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से सुदृढ़ होता है। वह अपने परिवार के सदस्यों का उतनी ही अच्छे से ध्यान रख पाता है और उस परिवार के सदस्य उतने ही शारीरिक और मानसिक तौर पर अच्छे होते हैं। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक परिप्रेक्ष्य की एक अच्छी भूमिका होती है।

4. बाहरी वातावरण (External environment):-

दोस्तों, व्यक्ति के शरीर के बाहर की प्रत्येक चीज बाहरी वातावरण कहलाती है। बाहरी वातावरण को मुख्य तौर पर तीन भागों में बांटा गया है। बाहरी वातावरण के अंतर्गत सामाजिक वातावरण बहुत ही वातावरण अजैविक वातावरण आते हैं। यह पूर्ण रूप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):- 

Q:- 1. मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है?

Ans:- 1. दोस्तों, मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के भावात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति से पूर्ण रूप से जुड़ा होता है। मानसिक स्वास्थ्य का ठीक रहना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक होता है क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहे बिना आप अपनी जिंदगी को साधारण तौर पर गुजारने में सक्षम नहीं हो सकते है।

Q:- 2. शारीरिक स्वास्थ्य क्या होता है?

Ans:- 2. दोस्तों, शारीरिक स्वास्थ्य शरीर की उस स्थिति को कहा जाता है। जिसके अंतर्गत शरीर के संपूर्ण अंग एवं तंतुओं के साथ मिलकर समांज्य के साथ ठीक ढंग से कार्य करते हैं। जिस व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है। वह अपने कार्य को फुर्तीलेपन से करने में सक्षम होता है। अच्छे जीवन के लिए शारीरिक स्वास्थ्य को अच्छा होना बेहद आवश्यक है।

Q:- 3. मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को किस प्रकार बेहतर बनाया जा सकता है?

Ans:- 3. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को यदि आप बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में व्यायाम, मेडिटेशन, भरपूर नींद आदि को जोड़ना होगा। यदि आप अपने जीवन की दिनचर्या को फुर्तीला बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको रिलैक्सेशन तकनीक, लिखना, टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटजी आदि का सहारा लेना होगा।

Q:- 4. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

Ans:- 4. मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के विभिन्न प्रकार के कारक जैसे:- अनुवांशिकी, रहन-सहन का तरीका, सामाजिक आर्थिक परिप्रेक्ष्य और बाहरी वातावरण आदि होते हैं। यह संपूर्ण कारक मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को पूर्ण रूप से प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति अपने दैनिक जीवन को भी प्रभावित करता है।

Q:- 5. मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण क्या होते हैं?

दोस्तों, यदि आप लोग मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण की जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा ऊपर लेख में आपको Syptoms of woresining of mental health? इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। आप यह संपूर्ण जानकारी हमारे इस लेख को पूर्ण रूप से पढ़कर प्राप्त कर सकते हैं।

शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण क्या होते हैं?

शारीरिक स्वास्थ्य के खराब होने के विभिन्न लक्षण होते हैं। जिसमें कमजोरी आना, किसी कार्य में मन ना लगना, शरीर में आलस आना और जी घबराता आदि महत्वपूर्ण होते हैं। यदि आप इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके बारे में हमारे द्वारा ऊपर लेख में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।

रिलैक्सेशन थेरेपी क्या होती है?

दोस्तों, रिलैक्सेशन थेरेपी के माध्यम से पूरे शरीर को आराम दिया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से रक्तचाप एवं मांसपेशियों में तनाव व मानसिक तनाव को कम करने में सहायता मिल सकती है। इससे मानसिक स्वास्थ्य तो बेहतर होता ही है, साथ ही साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):- दोस्तों, हमारे द्वारा आप सभी को इस आर्टिकल के अंतर्गत शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी दी है। हमने आपको इस लेख में What is the mental health? What is physical health? Factors affecting mental health and physical health? के बारे में जानकारी दी गई है।

यह संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक हमारे द्वारा आप सभी को बताई गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई यह संपूर्ण जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको यह संपूर्ण जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस जानकारी को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूलें।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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