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Moral stories in Hindi
आज की ये moral stories in Hindi इंसानियत पर आधारित है। जहाँ पर एक ही जगह पर एक ही समय में दो लोगों ने इंसानियत दिखायी।
जिस मनुष्य का व्यवहार मधुर होता है, उसका कोई विरोध नहीं करता,जो किसी से द्वेष नहीं करता, उसे किसी प्रकार का भी दुख नहीं होता। ऐसे मनुष्यों को अनेकों सुख अपने आप मिलते रहते है।
“दूसरों के दुख को देखकर यदि आप दुखी होते हैं तो भगवान ने आपको बनाके कोई गलती नहीं की है”
अपने अंदर झांकीए क्या आपको भी भगवान ने बनाके सही किया है?
Moral stories in Hindi का शीर्षक:इंसानियत का फल।
एक बार की बात है एक व्यक्ति ऑफिस से थका हारा अपने घर को जा रहा था, वह व्यक्ति अकेला ही रहता था। उसके पास इतनी भी ताकत नहीं बची थी कि वह घर जाके खाना बनाकर खा सके।
उसने सोचा कि आज मैं होटल में ही खा लेता हूँ,इसीलिए वह एक होटल मे गया।
उसने अपने लिए कुछ खाने को ऑर्डर दिया,कुछ देर में होटल वालों ने उस व्यक्ति के टेबल पर खाना रखा।
वह व्यक्ति जैसे ही खाने वाला था कि उसने देखा कि खिड़की के बाहर दो बच्चे बेबस भरी आँखों से उस व्यक्ति के लिए आए खाने को बड़े ध्यान से देख रहे थे।
दोनों बच्चों ने फटे पुराने कपड़े पहने थे और उन्हे भूख भी बहुत लगी थी इसीलिए वे बच्चे उस व्यक्ति को बहुत ध्यान से देख रहे थे।
यह देखकर उस व्यक्ति ने उन दोनों बच्चों को अंदर बुलाया और पूछा कि क्या चाहिए? तो उन बच्चों ने टेबल पर पड़े खाने की ओर बड़ी विनम्रता से इशारा किया। उस व्यक्ति ने अपने सामने वाली टेबल पर बैठाकर उनके लिए भी खाने का ऑर्डर दिया।
खाना जैसे ही उनकी टेबल पर आया उन दोनों बच्चों ने तुरंत उस खाने को खत्म कर दिया, भूख इतनी लगी थी कि उन बच्चों ने उस व्यक्ति के हिस्से का भी खाना खा लिया।यह सब वह व्यक्ति बहुत ध्यान से देख रहा था। उस व्यक्ति ने अभी खाना शुरूवात भी नहीं किया था।
जब उस व्यक्ति ने अपनी जेब की तरफ देखा तो उसने पाया कि उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे अब वह डर गया और सोचने लगा कि अब मैं क्या करूँ।
फिर भी उसने हिम्मत करके होटल वालों से बिल मंगवाया।
होटल वाले बिल को लेकर उसके पास पहुँचे,उस व्यक्ति ने जैसे ही बिल को देखा वह दंग रह गया। उस बिल मे रुपए के जगह एक टिप्पणी लिखी थी जिसमे लिखा था कि हमारे पास ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इंसानियत का बिल बताती हो।
Moral stories in Hindi से सीख
इस कहानी से हमें बहुत सारी चीजें सीखने को मिलती है।
- पहली बात ये की कर भला तो हो भला। जी हां इस कहानी से पता चलता है कि यदि आप दूसरों की भलाई के बारे में सोचते है या दूसरो की भलाई करते है तो उसके बदले मे आपका भला होगा।
- दूसरी बात ये कि यदि आपके अंदर इंसानियत है तो समझ लीजिए कि भगवान आपसे कभी दूर नहीं है, क्यूँकि भगवान भी उन्ही का साथ देता है जो खुद दूसरों के भगवान बनते है।
- इसीलिए मैं बोलता हूँ कि हमेशा भलाई किजिये, भलाई के कार्यों में ही अपना जीवन व्यतीत किजिये, क्यूंकि आपको भी नहीं पता कि कब भगवान आपको किसी का भगवान बनाकर भेज दे।
व्यवहार व्यक्ति के दैनिक जीवन का एक हिस्सा है, इसका अच्छा होना बहुत ही जरूरी हैं. व्यवहार कुशलता अपने आप में एक गुण हैं जो इंसान को सफ़ल बनाने में मदत करती हैं।
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