Motivational stories in Hindi for success-परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।

Motivational stories in hindi for success 

Motivational stories in hindi for success-परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।
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यदि आप motivational stories in hindi for success की तलाश में है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है कहानी को पूरा पढ़े तभी आपको बातें समझ मे आएंगी। 

दो मिनट की शोहरत के पीछे 8 घंटे की कड़ी मेहनत छुपी होती है।


Motivational stories in hindi for success का शीर्षक:-परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। 

एक बार की बात है एक कमाल का इंसान बहुत मेहनत करता था बहुत अमीर था बहुत बड़ा व्यापारी था।?

लेकिन उसका बेटा जो था वो उतना ही आलसी था, उतना ही ऐयाश था उसके पापा जो कमाकर लाते बेटा मौज मस्ती मे सब उड़ा देता। इस बात से वो व्यापारी जो है बहुत परेशान था।


दो तोतों की कहानी। 

एक दिन उसे एक तरकीब सूझी उसने अपने बेटे को बुलाया और कहा कि आज तुम्हें मै एक काम दे रहा हूँ बाजार जाओ मेहनत करो मजदूरी करो कुछ भी करो लेकिन आज कैसे भी तुम कमाकर लाओ वरना आज से तुम्हारा घर मे रहना बंद।

बेटा डर गया पहली बार बाप ने उसे ऐसी बात कही थी बेटे को कुछ समझ नहीं आया वो उदास होकर अपनी माँ के पास गया और सब बताया उसने बताया कि पापा पीछे ही पड़ गए हैं।

ऊपर वाले पर भरोसा रखो। 

माँ बेचारी ममता से भरी हुई, माँ ने बेटे को सोने का सिक्का निकाल के दे दिया कि जा ये शाम मे पापा को दे देना और कहना कि मैंने ये कमाया।?

शाम मे पापा आए अपने ऑफिस से तो बेटे से पूछा कि बताओ बेटा क्या रहा आज का?

बेटे ने तुरंत वो सोने का सिक्का निकाला और बोला कि लीजिए पापा ये रही आज की कमाई।

ये कहानी आपके जीवन को बदल देगी। 

व्यापारी जो था वो बात समझ गया कि क्या हो रहा है। उसने अपने बेटे को कहा कि बाहर जाओ बगीचे मे और सिक्का जो है इसे कुएँ मे फेक के आ जाओ।

बेटा गया और उसे कुएँ मे फेक के आ जाता है।

अगले दिन फिर से पापा ने बेटे को बुलाया और फिर से वही सब बाते कहने लगा।

इनसब के बीच में बाप जो है वो सब समझ गया था इसीलिए उसने अपनी पत्नी को उसके पिताजी के घर पर भिजवा दिया।

इसे जरूर पढ़े। 

बेटे को समझ नहीं आया कुछ कि अब तो मम्मी चली गयी है अब मैं क्या करूँ।

बेटा फिर से उदास होके अपनी बड़ी दीदी के पास गया उसने सारी बाते दीदी को बतायी और कहा कि उन्होने मम्मी को भी भेज दिया है अब मैं क्या करूँ।

तो उसकी बहन को उस पर तरस आ गया उसने तुरंत उसे 500 रुपये दे दिए। 

शाम में फिर से पापा और बेटे के बीच वही बातें होने लगी, बेटे ने तुरंत 500 का नोट निकालकर अपने पापा को दे दिया और बोला कि लीजिए आज की मेरी कमाई।

दूसरो को जज करना बंद करे। 

फिर से व्यापारी को सब समझ आ गया उसने कहा जाओ ये रुपए उसी बगीचे के कुएँ मे डालके आ जाओ।

लड़के ने फिर से वही किया। इस बार फिर से व्यापारी ने अपने बेटी को ससुराल भेज दिया।

अब उसके बेटे के पास विकल्प खत्म हो गया, तीसरे दिन फिर से पापा ने फिर से वही सब बात दोहराई।


जब लड़के के पास कोई विकल्प नहीं रहा तो अंत मे इसे बाजार जाना पड़ा।  

नौकरी तो इतनी आसानी से मिलती नहीं इसीलिए उसने एक दुकान मे काम ढूँढ लिया जहाँ पर उसका काम सामान ढोना था, ट्रक से सामान उतार कर दुकान मे रखना था।

हार गए तो क्या होगा? 

शाम मे जब वह लड़का काम करके थका हारा अमिर लड़का जिसने आजतक घर मे भी काम नहीं किया था, उसकी हालत खराब थी, दिन भर काम करने के मात्र 100 रुपये मिले थे उसे।

वह घर गया, व्यापारी भी घर आया और अपने बेटे से पूछा बताओ आज कितने रुपये कमाए तुमने तो बेटे ने कहा कि पापा ये लीजिए 100 रुपये, मैंने आज यही कमाया।

जैसे ही उसने 100 रुपये पापा के हाथ मे दिया पापा ने तुरंत उसे वापस कर दिया और कहा कि जाओ इसे कुएँ मे फेक आओ।

बेटे को इस बार गुस्सा आ गया उसने कहा कि क्या पापा क्या कर रहे हैं, हालत खराब है मेरी कमर दर्द से टूट रही है हाथ मे भी दर्द है और आप बोल रहे हैं कि इसे कुएँ मे फेक आओ।

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पापा ने बहुत विनम्रता से बोला यही होता है जब आप मेहनत करके आते है और रुपए इस तरह से बर्बाद होता है तो बुरा लगता है।


Moral stories in hindi for success का निष्कर्ष =

मेहनत करना जरूरी है आज के generation मे लोग फोन या फिर social media मे इतने व्यस्त हो गए हैं कि भूल गए है कि उनके लक्ष्य क्या थे। आप भी यदि अपने लक्ष्य से भटक गए हैं तो मेहनत मे जूट जाइए।याद रखिए परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।

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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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