नैदानिक मनोविज्ञान क्या होता है? इस क्षेत्र में अपना करियर कैसे बनाएं?

नैदानिक मनोवैज्ञानिक के क्षेत्र में बहुत कम ही लोग अपना भविष्य बनाते हैं क्योंकि बहुत कम लोगों को ही इसके बारे में जानकारी होती है। मनोवैज्ञानिक के द्वारा मानसिक व्यवहार और प्रतिक्रियाओं के सिद्धांतों का अध्ययन करके ही संपूर्ण कार्य किया जाता है, परंतु नैदानिक मनोवैज्ञानिक के द्वारा दुनिया की वास्तविक समस्याओं को दूर किया जाता है। यदि आप लोगों को वैज्ञानिक के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो हम आप सभी को यहां Naidanik Manovaigyanik Kya Hota Hai? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है।

जो छात्र नैदानिक मनोविज्ञान के अंतर्गत अपने कोर्स को करना चाहते हैं। उन सभी को इस क्षेत्र में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। ताकि वह आगे चलकर इस क्षेत्र में भी अपना भविष्य बना सके। ऐसे कोर्स का अनुसरण करने वाले छात्रों को विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रदान की जाती है। जिससे वह अपना भविष्य अच्छे से बना सके। परंतु जिन लोगों को यह जानकारी नहीं है। हमारे द्वारा आप सभी को यहां What is a Clinical Psychology? How to Become a Career in Clinical Psychology? के बारे में बता रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े।

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नैदानिक मनोविज्ञान क्या होता है? (What is Clinical Psychology?)

बहुत से ऐसे छात्र होंगे। जिन्हें नैदानिक मनोविज्ञान के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होगी। इसीलिए हमारे द्वारा यहां सबसे पहले What is Clinical Psychology? इससे संबंधित जानकारी दी गई है। नैदानिक मनोवैज्ञानिक एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक विशेषता होती है। जो व्यक्ति के परिवारों और स्वयं व्यक्ति के लिए सतत एवं कंप्रिहेंसिव मानसिक और व्यावहारिक प्रकार की स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है।

नैदानिक मनोविज्ञान क्या होता है

इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की एजेंसी और समुदायों के लिए परामर्श, प्रशिक्षण, शिक्षा और पर्यवेक्षण जैसे अभ्यास सम्मिलित होते हैं। यदि नैदानिक मनोविज्ञान की बात की जाए, तो यह व्यापक रूप से एक विशेषता ही है। जो की गंभीर मनोचिकित्सा के समावेशी है। साथ ही यह मनोविज्ञान के कौशल एवं एकीकरण से चिन्हित है।

नैदानिक मनोविज्ञान कोर्स क्यों करें? (Why do a Clinical Psychology course?)

बहुत से ऐसे छात्र होंगे। जो नैदानिक मनोवैज्ञानिक कोर्स करने से पहले यह सोचते होंगे कि इस कोर्स को क्यों करें? इससे हमें क्या फायदा है, तो हम आप सभी को Why do a Clinical Psychology Course? के बारे में विस्तार पूर्वक निम्न प्रकार बता रहे हैं-

  • यदि कोई छात्र क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक डिग्री प्राप्त करता है। तो यह डिग्री उसे छात्र को सिद्धांत उपचार के तरीके सीखने में सक्षम होती है। यह शिक्षा उन छात्रों को रोगियों के अनवांटेड साइकोलॉजिकल बिहेवियर को जचने में मदद करती है। साथ ही साथ यह कल्याण आत्मखोज और व्यक्तिगत विकास की स्थिति को भी बढ़ावा देती है।
  • क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के द्वारा मेडिकल, इमोशनल और बेहवर्ल डिसऑर्डर जैसे:- एंजायटी, ईटिंग डिसऑर्डर और डिप्रेशन आदि जैसे विकारों के ट्रीटमेंट और डायग्नोसिस को सीखने की सिफारिश की जा सकती है।
  • क्लिनिकल साइकोलॉजी के अंतर्गत आप सभी को विभिन्न प्रकार के बैचलर और मास्टर डिग्री कोर्स होते हैं। जो विभिन्न प्रकार के डिसऑर्डर से संबंधित विषयों की जानकारी को कवर करते हैं।
  • थियोरेटिकल ओरिएंटेड के आधार पर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट परामर्श और मनोचिकित्सा के अंतर्गत विशेषज्ञ होते हैं।
  • यदि आप लोग क्लिनिकल साइकोलॉजी के कोर्स को करते हैं, तो आपको विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है। हमारे द्वारा आप सभी को इसकी जानकारी ऊपर विस्तार पूर्वक बता दी गई है।

नैदानिक मनोविज्ञान कोर्स करने के लिए जरूरी स्किल्स? (Important skills for a Clinical Psychology Course?)

यदि आप लोग नैदानिक मनोवैज्ञानिक बनने हेतु नैदानिक मनोविज्ञान के क्षेत्र में कोर्स करना चाहते हैं, तो आप लोगों के अंतर्गत कुछ आवश्यक स्किल का होना बहुत जरूरी है। तभी आप इस क्षेत्र में अपने भविष्य को सफल बना सकेंगे। हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार Important Skills for a Clinical Psychology Courses? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है-

  • समस्या को सुलझाना:- हम सभी जानते हैं कि हर व्यक्ति को अलग प्रकार की बीमारी होती है। इसीलिए हर मरीज अलग प्रकार का होता है। अलग-अलग प्रकार के मरीजों के साथ आपको अलग-अलग प्रकार की चुनौतियां पार करनी होती हैं। इसलिए आपको एक अच्छा समस्या समाधानकर्ता बनने की आवश्यकता है। जैसे:- यदि आपके मरीज घबराए हुए हैं, तो आपको यह पता लगाना होगा कि वह क्यों घबरा रहे हैं?साथ ही उनका उपचार भी करना होगा।
  • ओरल कम्युनिकेशन:- आपकी कम्युनिकेशन स्किल बहुत अच्छी होनी चाहिए क्योंकि मरीज का इलाज करने के लिए आपको उनसे बातचीत करना बेहद जरूरी है। आपको रोगी की संपूर्ण जानकारी लेनी होगी। साथ ही साथ उनसे उनके बारे में उनकी दिनचर्या आदि के बारे में पता करना होगा। परंतु यह सब जानकारी प्राप्त करते समय आपको हिचकिचाना नहीं है। इसलिए आपको अपनी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी करनी होगी।
  • सुनने की क्षमता:- आप लोगों को अपने अंदर बहुत धैर्य रखना होगा क्योंकि आपके सामने विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण वाले लोग होंगे। जिन्हें सुनने हेतु आपको खुद में धैर्य की आवश्यकता पड़ेगी। इस प्रकार आप भावनात्मक स्थिरता रखते हुए मरीज की सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

नैदानिक मनोविज्ञान से संबंधित कोर्सेज? (Courses related to Clinical Psychology?)

नैदानिक मनोविज्ञान, मनोविज्ञान का एक मुख्य भाग है। इसके अंतर्गत व्यक्ति मनोविज्ञान से संबंधित जानकारी हासिल करता है। नैदानिक मनोविज्ञान के अंतर्गत आप सभी प्रकार के डिसऑर्डर के उपचार की जानकारी प्राप्त करते हैं। यदि आप लोग नैदानिक मनोविज्ञान से संबंधित कोर्सेज के बारे में नहीं जानते हैं, तो हम आप सभी को Courses Related To Clinical Psychology? के बारे में निम्न प्रकार बताया जा रहा है-

  • साइकोपैथोलॉजी कोर्स (Psychopathology Course)
  • मनोचिकित्सा कोर्स (Psychotherapy course)
  • रोगी मूल्यांकन कोर्स (Patient Assessment Course)
  • अनुभूति और व्यवहार कोर्स (Cognition and Behavior Course)
  • क्लिनिकल साइकोलॉजी में अनुसंधान और सांख्यिकी (Research and Statistics in Clinical Psychology)
  • क्लीनिकल साइकोलॉजी पर सांस्कृतिक विचार (Culture perspective on Clinical Psychology)

स्नातक स्तर (Graduation level) :- यदि आप लोग ट्वेल्थ करने के बाद स्नातक के स्तर पर कुछ साइकोलॉजी के क्षेत्र में कोई कोर्स करना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें नैदानिक के मनोविज्ञान के क्षेत्र में कोई भी कोर्स 3 से 4 साल की अवधि में होता है। यदि आप लोग बैचलर कोर्सेज के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया है-

  1. बैचलर्स इन एजुकेशन (Bachelors in Education)
  2. पैरामेडिकल कोर्सेज ऑफ़ क्लिनिकल साइकोलॉजी (Paramedical courses of Clinical Psychology)
  3. बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन साइकोलॉजी (Bachelor of arts in Psychology)
  4. बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन सोशियोलॉजी (वBachelor of arts in Sociology)
  5. बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन एंथ्रोपॉलजी(Bachelor of arts in Anthropology)

परा स्नातक स्तर (Post graduation level):- यदि आप लोग बैचलर डिग्री कर चुके हैं और उसके पश्चात मनोविज्ञान के क्षेत्र में कोई बेहतरीन कोर्स करना चाहते हैं। तो उन सभी के लिए हमारे द्वारा निम्न प्रकार लोकप्रिय मास्टर डिग्री कोर्स की जानकारी दी गई है। यह मास्टर डिग्री कोर्स 1 से 2 वर्ष की अवधि तक चल सकते हैं। जोकि निम्न प्रकार है-

  • मास्टर इन क्लिनिकल एंड हेल्थ साइकोलॉजी (Master in clinical and health psychology)
  • मास्टर इन क्लिनिकल एंड डेवलपमेंटल साइकोपैथोलॉजी (Master in clinical and development psychopathology)
  • मास्टर ऑफ़ साइंस इन क्लिनिकल साइकोलॉजी (Master of science in clinical psychology)
  • मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन क्लिनिकल साइकोलॉजी (Master of Arts in clinical psychology)
  • मास्टर इन क्लिनिकल न्यूरोसाइकोलॉजी (Master in clinical Neuropsychology)
  • मास्टर इन क्लीनिकल साइकोलॉजी फ़ॉर इंडिविजुअल, फैमिलीज एंड ऑर्गेनाइजेशन (Master in clinical psychology for individual, families and organizations)
  • मास्टर डिग्री इन चाइल्ड एंड एडोलिसेंट क्लीनिकल साइकोलॉजी (Master degree in child and Adolescent clinical psychology)

नैदानिक मनोविज्ञान कोर्स के लिए भारतीय इंस्टीट्यूट? (Indian institute for a Clinical Psychology course?)

यदि आप लोग नादानिक मनोवैज्ञानिक कोर्स करने के इच्छुक हैं, तो आप लोगों को यह कोर्स भारत की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी से करना चाहिए। जहां से आपको अधिक जानकारी और एक अच्छी फ्यूचर की उम्मीद हो। यदि आप लोगों को भारतीय यूनिवर्सिटी के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, तो हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार Indian University For a Clinical Psychology Course? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है-

  • सीएमसी, बेल्लोर (CMS, Ballor)
  • केएमसी, मैंगलोर (KMC, Manglor)
  • बी जे मेडिकल कॉलेज (Bj medical college)
  • सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइकियट्री (central institute of psikiyatri)
  • आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatt knowledge university)
  • जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Jawaharlal institute of postgraduate education and research)
  • एसआरएम इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (SRM institute of science and technology)
  • डॉ. एमजीआर एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (Dr. MGR educational and research institute)
  • डेक्कन कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (deccan college of medical sciences)
  • AIIMS, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (AIIMS, Christian medical college)
  • मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad medical college)
  • रांची इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरो साइकियट्री एंड एलाइड साइंसेज (Ranchi institute of neuropsikiatri and Allied sciences )
  • महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट महाराष्ट्र (Mahatma Gandhi medical college and research institute Maharashtra) 

नैदानिक मनोविज्ञान कोर्स के लिए योग्यता? (Eligibility for a Clinical Psychology?)

यदि आप लोग नैदानिक मनोवैज्ञानिक कोर्स करना चाहते हैं, तो आपके पास कुछ योग्यताएं होनी चाहिए। ताकि आप भारतीय या फिर विदेशी किसी भी यूनिवर्सिटी में इससे संबंधित कोर्स के अंतर्गत एडमिशन लेने हेतु सक्षम हो सके। हमारे द्वारा आप सभी को सभी योग्यताओं की जानकारी निम्न प्रकार दी गई है-

  • किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में मान्यता प्राप्त बोर्ड से आपको साइंस स्ट्रीम से जीव विज्ञान लेकर 12वीं कक्षा पास करनी होगी।
  • इसके बाद आवेदक को एमबीबीएस और उसके बाद एमडी पूरा करना होगा या तो इसकी क्वालिटी पूरी करनी होगी।
  • जैसा कि हम आपको बता दे, की कुछ विश्वविद्यालय या इंस्टीट्यूट प्रवेश परीक्षा का आयोजन भी करते हैं। विदेश में खास तौर पर बैचलर्स के लिए SAT या ACT स्कोर की मांग बहुत ज्यादा है।
  • यदि आप मास्टर्स कोर्स करते हैं, तो उसके लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम से बैचलर्स डिग्री प्राप्त करना अनिवार्य है।
  • यदि आप मास्टर्स कोर्सेज में एडमिशन करवाना चाहते हैं तो उसमें भी कई सारे प्रवेश परीक्षा आयोजित कराए जाते हैं। यदि आप इन प्रवेश परीक्षा को क्लियर कर लेते हैं, तो आप इसमें एडमिशन लेने में सक्षम हो जाते हैं। विदेशों में कुछ यूनिवर्सिटी में GRE स्कोर की जरूरत होती है।
  • इसके साथ-साथ आपको ऊपर दिए गए स्कोर की तो आवश्यकता ही होती ही होती है बल्कि TOEFL या IELTS स्कोर की भी जरूरत होती है।
  • यदि आप विदेश में विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना चाहते हैं तो उसके लिए COP, LOR, CV/ resume और पोर्टफोलियो भी सबमिट करने पड़ते हैं।

नैदानिक मनोविज्ञान की प्रवेश परीक्षाएं? (Entrance exam of Clinical Psychology?)

नैदानिक मनोवैज्ञानिक से संबंधित कोर्स को यदि आप किसी अच्छे विश्वविद्यालय से करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ प्रवेश परीक्षाओं को पास करना होता है। यदि आप लोगों को प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित कोई जानकारी नहीं है, तो हमारे द्वारा आप सभी को निम्न प्रकार बैचलर स्तर और परा स्नातक स्तर के आधार पर कुछ प्रवेश परीक्षाओं की जानकारी दी गई है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

1. बैचलर्स स्तर (Bachelor Level):- यदि आप लोग बैचलर स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को इसकी जानकारी निम्न प्रकार दी गई है-

  • जीएसटी (GSAT)
  • एसएएटी (SAAT)
  • बीएचयू यूईटी (BHU UET)

2. मास्टर्स स्तर (Master Level):- यदि आप लोग बैचलर करने के बाद मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में कोई कोर्स करना चाहते हैं, तो इन कोर्सेस की जानकारी हमारे द्वारा आप सभी को नीचे दी गई है-

  • एमआरएनएटी (MRNAT)
  • सीयूसीएटी (CUCET)
  • टीआईएसएसएनएटी (TISSNET)
  • जेएमआई एंटरेंस एक्जाम (JMI Entrance Exam)

नैदानिक मनोविज्ञान को उसके बाद टॉप रिक्रूटर? (Top recruiters after Clinical Psychology?)

यदि आप लोग नैदानिक मनोविज्ञान कोर्स करने के बाद किसी अच्छी सी कंपनी में जॉब करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे टॉप रिक्रूटर के बारे में बताया जा रहा है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

  1. सीएसआई एग्जीक्यूटिव सर्च (CSI Executive search)
  2.  ऐम्स (AIIMS)
  3. अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo hospitals)
  4.  एमिटी यूनिवर्सिटी (AMITY university)
  5. स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी (Swami Vivekanand Subharti University)
  6. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (National university of science and technology)
  7. लोकम टेनेंट्स यूएसए (Locum tenens USA)
  8. क्लेरिटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Claritics india private limited)
  9. मेड सोर्स कंसल्टेंट्स (Medsource consultants)

नैदानिक मनोविज्ञान के क्षेत्र में सैलरी? (Salary of Clinical Psychology?)

यदि आप लोग यह जानना चाहते हैं कि नैदानिक मनोवैज्ञानिक के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के बाद आपकी सैलरी कितनी होगी? तो हम आपको सबसे पहले यहां इसकी जानकारी दे रहे हैं। दोस्तों, नैदानिक मनोवैज्ञानिक के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के बाद इन सभी उम्मीदवारों के पास रोजगार के बेहतरीन अवसर होते हैं। 

अलग-अलग पदों के अनुसार इन सब का वेतन अलग-अलग होता है, परंतु यदि औसतन वेतन की बात की जाए, तो इस क्षेत्र में आपको लगभग ₹500000 से लेकर 12 लाख रुपए तक मिल जाता है। यह सैलरी अनुभव के आधार पर बढ़ती जाती है। इसलिए आपको इस क्षेत्र में सैलरी की चिंता करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है। यह क्षेत्र आपके लिए काफी बेहतरीन साबित होगा।

नैदानिक मनोविज्ञान क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):- 

Q:- 1. नैदानिक मनोवैज्ञानिक क्या होता है?

Ans:- 1. दोस्तों, नैदानिक मनोवैज्ञानिक एक प्रकार की विशेषज्ञता होती है। यदि कोई व्यक्ति इस क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहता है, तो उसे साइकोलॉजी से संबंधित क्षेत्र में पढ़ाई करनी होती है। जो कंप्रिहेंसिव तौर पर परिवार और व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक देखभाल प्रदान करता है। इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति एक अच्छा करियर बनाने में सक्षम होता है।

Q:- 2. नैदानिक मनोवैज्ञानिक क्यों करना चाहिए?

Ans:- 2. नैदानिक मनोवैज्ञानिक कोर्स करने के विभिन्न फायदे आप सभी को मिल सकते हैं। सबसे पहले की आप मानसिक विकारों से संबंधित उपचार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही साथ विभिन्न प्रकार के डिसऑर्डर से संबंधित ट्रेनिंग भी ले सकते हैं और इस क्षेत्र में एक अच्छा भविष्य बनाने में सक्षम हो सकते हैं।

Q:- 3. साइकोलॉजिस्ट और साइकैटरिस्ट के बीच का अंतर क्या है?

Ans:- 3. साइकैटरिस्ट एक प्रकार के डॉक्टर होते हैं। जबकि साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं होते हैं। साइकैटरिस्ट के द्वारा दवाइयां लिखी जाती है। जबकि साइकोलॉजिस्ट बीमारी के उपचार हेतु टॉक थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं। इन दोनों में काफी अंतर होता है। साइकैटरिस्ट के द्वारा गंभीर बीमारियों के लिए कई प्रकार के उपचार प्रदान किए जाते हैं। जबकि साइकोलॉजिस्ट केवल टॉक थेरेपी पर ही ध्यान केंद्रित रखते हैं।

Q:- 4. क्या अन्य डॉक्टर भी मानसिक विकारों से संबंधित इलाज कर सकते हैं?

Ans:- 4. अन्य डॉक्टर जो एमबीबीएस कर होते हैं। वह भी हर प्रकार के मरीज को देख सकते हैं, परंतु एक साइकैटरिस्ट के द्वारा दिमागी मरीज को अच्छे से डील किया जाता है। इसलिए मानसिक विकारों से संबंधित इलाज के लिए साइकैटरिस्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए क्योंकि वह ऐसे लोगों को अच्छे से समझने में सक्षम होता है।

Q:- 5. क्लीनिकल साइकोलॉजी का प्रतिपादन किसने किया?

Ans:- 5. दोस्तों, क्लिनिकल साइकोलॉजी पद का प्रतिपादन सबसे पहले लाइटनर विटमर ने 1896 में किया था। तब से लेकर आज तक क्लिनिकल साइकोलॉजी का क्षेत्र काफी बड़ा हो चुका है। जिसमें आज के समय में काफी लोग दिलचस्पी ले रहे हैं। साथ ही साथ इस क्षेत्र की डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि लोग इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।

Q:- 6. क्लिनिकल साइकोलॉजी के क्षेत्र में कितनी सैलरी होती है?

Ans:- 6. यदि आप लोग क्लिनिकल साइकोलॉजी के क्षेत्र में एक अच्छे पद पर होते हैं, तो आपको इस क्षेत्र में 4 लाख से लेकर 12 लाख रुपए तक का वेतन आसानी से प्राप्त हो जाता है। यह पद समय के साथ-साथ बढ़ता जाता है। यदि आप इस क्षेत्र में पैसे की चिंता कर रहे हैं, तो आपको यह फिक्र करने की जरूरत नहीं है।

Q:- 7. क्लिनिकल साइकोलॉजी के क्षेत्र में प्रवेश परीक्षाएं कौन-कौन सी हैं?

Ans:- 7. यदि आप लोग क्लिनिकल साइकोलॉजी के क्षेत्र में एक अच्छी यूनिवर्सिटी से कोर्स करना चाहते हैं, तो आप लोगों को विभिन्न प्रकार की प्रवेश परीक्षाओं में से किसी एक परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है। हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर लेख में प्रवेश परीक्षा से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी है। यह जानकारी आप लेख को पढ़कर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):- दोस्तों, हमारे द्वारा आज आप सभी को इस लेख में नैदानिक मनोवैज्ञानिक से संबंधित संपूर्ण जानकारी के बारे में बताया गया है। यदि आप लोग इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमने आपको इस लेख में What is a Clinical Psychology? How to become a Career in Clinical Psychology? आदि के बारे में बताया गया है। जो लोग इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने हेतु इच्छुक हैं। वह इस जानकारी को प्राप्त करके आगे अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही साथ यदि आप सभी को यह जानकारी पसंद आई हो। तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए तथा इस जानकारी को अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों के साथ शेयर करना ना भूले।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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