दोस्तों, राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा अपने आप में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यह एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में हर किसी को संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए क्योंकि आज के समय में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा अथवा राज्य स्तर शिक्षक पात्रता परीक्षा दोनों में ही एनसीएफ के प्रश्न पूछे जाते हैं। परंतु लोगों को इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी नहीं होती है। आप लोगों ने देखा ही होगा कि पुराने एनसीएफ से आज तक शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रश्न आते हैं, परंतु अब 2005 भी उतना ही महत्व रखता है। यही कारण है कि हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में NCF-2005 kya hota hai? के बारे में बता रहे हैं।
यदि आप सब लोग आगामी भविष्य में एक अध्यापक बनना चाहते हैं, तो आप सभी लोगों को NCF से संबंधित जानकारी होनी चाहिए। यह आपके पेपर से संबंधित महत्वपूर्ण टॉपिक तो है। साथ ही साथ यह आपको शिक्षा से संबंधित बहुत ही जानकारी भी प्रदान करेगा। यही कारण है कि NCF-2005 के बारे में आप सभी को जानकारी होना आवश्यक है। हम आप सभी को इस लेख में What is NCF-2005? Aim of NCF 2005? Features of NCF-2005? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इससे संबंधित अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
एनसीएफ की फुल फॉर्म क्या होती है? (What is the full form of NCF?)
दोस्तों, NCF-2005 के बारे में जानकारी हासिल करने से पहले आप सभी को एनसीएस के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी होना बेहद आवश्यक है। एनसीएस एक दस्तावेज होता है, जिसके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव किए जाते हैं। यदि एनसीएफ की फुल फॉर्म की बात की जाए, तो NCF की फुल फॉर्म National curriculum framework होती है। जिसे हिंदी भाषा में “राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा” के नाम से जाना जाता है। यह समय-समय पर बच्चों को नई और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए जारी किया जाता है।
NCF-2005 क्या होता है? (What is the NCF-2005?)
दोस्तों, आइए यहां हम आप सभी को सबसे पहले What is the NCF-2005? के बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे। यह भारतीय विद्यालयी शिक्षा का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है। समय-समय पर शिक्षा की समस्याओं को दूर करने हेतु राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा का निर्माण किया जाता है। इसी प्रकार पुरानी शिक्षा में परिवर्तन कर नई शिक्षा को बेहतरीन बनाने के लिए NCF-2005 का निर्माण किया गया है। ताकि आगामी शिक्षा को एक नए स्तर पर ले जाया जा सके।
सबसे पहले राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा राष्ट्रीय स्तर पर 1988 में बनाई गई थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में सिफारिश की गई कि प्रत्येक 5 वर्षों में एनसीएफ की समीक्षा की जानी चाहिए। जिसके आधार पर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2000 की पुनः समीक्षा करने के बाद NCF-2005 को तैयार किया गया। यदि हम आपको सरल भाषा में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा का मतलब समझाएं, तो इसका मतलब “पाठ्यक्रम की संरचना” होता है।
पाठ्यक्रम की बात की जाए, तो यह एक ऐसी संरचना होती है। जिसके द्वारा ज्ञान के भंडार में निरंतर वृद्धि होती रहती है। जैसे जैसे ही हमारे समाज में परिवर्तन होता रहता है। उसके परिवर्तन पर पड़ने वाला प्रभाव हमारे पाठ्यक्रम में सबसे पहले देखने को मिलता है। यदि पाठ्यक्रम में समय के अनुसार बदलाव किया जाता है। तभी हम अपने शैक्षिक उद्देश्य को प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इसी कारण NCF 2005 का निर्माण किया गया है।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का सिद्धांत? (NCF 2005 principle?)
दोस्तों, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की दक्षता ने देश में चुने गए विभिन्न विद्वानों ने शिक्षा को एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में देखा तथा उस चुनौती का सामना करने हेतु समाधान भी प्रस्तुत किया। परंतु इस चुनौती पर इन विद्वानों के द्वारा बहुत से सिद्धांत दिए गए। जिन्हें राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के सिद्धांत कहते हैं। जिसकी जानकारी आप सभी को निम्न प्रकार दी जा रही है-
1. ज्ञान को बच्चों के बाहरी जीवन से जोड़ा जाएं:- ज्ञान एक ऐसा समुंदर है, जिसे हर जगह से प्राप्त किया जा सकता है। इसीलिए बताया गया है कि ज्ञान को केवल स्कूली शिक्षा तक नहीं रखा जा सकता है। वरन स्कूल की शिक्षा को बाहरी वातावरण से जोड़कर बच्चों को प्रदान किया जाना चाहिए। ताकि बच्चे व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकें।
2. पढ़ाई को रटन प्रणाली से मुक्त रखा जाए:- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अंतर्गत शामिल किया गया है। बच्चों की शिक्षा में किसी भी प्रकार की रटन प्रणाली का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों को रटने हेतु प्रोत्साहित ना करके, समझकर ज्ञान अर्जित करने पर जोर देना चाहिए और ऐसा तभी हो सकता है, जब बच्चों के अंतर्गत रुचि, उत्सुकता को उत्पन्न किया जाएगा। इसके लिए बच्चों को प्रोजेक्ट कार्य, ग्रुप डिस्कशन आदि में भी भाग लेना होगा।
3. पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम केंद्रित ना हो:- कोई भी पाठ्यचर्या कभी भी पाठ्यक्रम केंद्रित तथा शिक्षक केंद्रित नहीं होनी चाहिए। इससे प्रत्येक शिक्षा में बच्चा पिछड़ जाता है। पाठ्यचर्या हमेशा छात्र केंद्रित होनी चाहिए। इससे बच्चे पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाएगा और बच्चे जिस चीज को पढ़ने में रुचि रखेंगे। उन्हें उसी के अनुसार पढ़ाया जाएगा।
4. कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए:- NCF-2005 के तहत स्कूल में होने वाली संपूर्ण शिक्षा को गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए। जैसे यदि आप कक्षा के अंतर्गत वन संरक्षण से संबंधित विषय को पढ़ाते हैं, तो आप बच्चों से अपने घर पर पेड़ लगाने के लिए कहेंगे। जिससे बच्चा खुद पेड़ लगाएगा, उसकी देखभाल करेगा, जिससे बच्चे को वन संरक्षण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होगी।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार किया जाए :- संपूर्ण शिक्षा को व्यवहारिक जीवन से जोड़कर बच्चों में सामाजिक तत्वों का समावेशन भी किया जाना चाहिए। ताकि बच्चे नैतिक बातों का ज्ञान ग्रहण कर सकें और उनमें नैतिकता का विकास हो। बच्चों को सामाजिक, नैतिक तथा राष्ट्रीय मूल्यों के बारे में बताया जाना बेहद आवश्यक है।
एनसीएस 2005 की विशेषता? (Features of NCF-2005?)
दोस्तों, NCF-2005 को शिक्षा में सुधार करने के लिए बनाया गया है। ताकि पुरानी शिक्षा को बदला जाए और समय के परिवर्तन के साथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए, यदि आप सभी लोग NCF-2005 की विशेषता के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे NCF-2005 ki visheshta? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यह जानकारी निम्न प्रकार है-
- NCF-2005 कहता है कि प्रारंभिक शिक्षा के दौरान बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अनुसार अभिभावकों को समझाना चाहिए कि बच्चा कम उम्र में निपुण नहीं हो सकता है। बच्चों में निपुणता समय के साथ ही आती है।
- मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली को बिगाड़ती है। यही शिक्षा प्रणाली की असफलता का प्रतीक भी है क्योंकि अधिकतर बच्चे मोटी किताबों को देखकर ही पढ़ाई से डरना शुरू कर देते हैं।
- NCF-2005 के तहत बच्चों को जो शिक्षा दी जानी चाहिए। उसमें शिक्षण सूत्र जैसे:- ज्ञात से अज्ञात, मूर्ति से अमूर्त आदि का प्रयोग किया जाना बेहद आवश्यक होता है।
- बच्चों को पुस्तकालय में स्वयं अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद की पुस्तक चुनने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
- शिक्षण कार्य के दौरान बच्चों में सज़ा व पुरस्कार की भावना को सीमित रूप से प्रयोग में लाना चाहिए।
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के तहत बिना बोझ की शिक्षा पर जोर दिया गया है।
- विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम के स्थान पर सौंदर्य बौद्ध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- शिक्षण अधिगम के लिए मातृभाषा का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।
- किसी भी प्रकार की सूचना को ज्ञान के साथ सम्मिलित ना करें क्योंकि सूचना ज्ञान नहीं होती है।
- विद्यालय में सह शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए तथा उनके अंतर्गत छात्रों के अभिभावकों को सम्मिलित किया जाए। ऐसे अभिभावक अपने बच्चे के ज्ञान का आकलन करने में सक्षम हो सकेंगे।
- कक्षा कक्ष पूर्ण रूप से बाल केंद्रित होना चाहिए। साथ ही साथ पाठ्यक्रम बालकों के चहुमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए।
- NCF-2005 के तहत समावेशी शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए।
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के तहत विशिष्ट बालक और सामान्य बालक को एक ही कक्षा कक्ष में शिक्षा देनी चाहिए। ताकि बच्चों में भेदभाव और समानता की भावना उत्पन्न ना हो।
- इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एनसीएस 2005 के द्वारा बच्चों के संपूर्ण विकास पर ध्यान दिया गया है।
NCF-2005 का uddeshy? (Aim of NCF-2005?)
यदि किसी भी शैक्षिक कार्यक्रम को सफल बनाना है। तो उसके सिद्धांतों के आधार पर कुछ उद्देश्य आवश्यक तौर पर निर्धारित करने होंगे। ताकि उन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संपूर्ण कार्य सुगमता से किया जा सके। इसी प्रकार NCF-2005 को पूरी तरीके से लागू करने के लिए उसके सिद्धांत के आधार पर उद्देश्य निर्धारित किए गए। यदि आप इन उद्देश्यों के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा नीचे आपको इसके बारे में बताया गया है-
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक छात्र के अंदर राष्ट्रीय एकता का विकास करना है।
- NCF-2005 के तहत मातृभाषा को उचित स्थान दिया गया है। ताकि भाषाई समस्या का समाधान किया जा सके।
- एनसीएफ 2005 के उद्देश्यों में एक उद्देश्य “छात्रों की अध्ययन के प्रति रुचि उत्पन्न करना भी है।”
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बनाया गया है।
- इसके जरिए बच्चों में सामाजिक एकता के विकास पर भी बल दिया गया है।
- NCF-2005 के द्वारा शिक्षण विधियों जैसे:- खेल विधि, व्याख्यान विधि और कथन विधि आदि का भी विकास किया गया है।
- इन सबके अलावा NCF-2005 का उद्देश्य बच्चों में प्रेम, सहयोग, दान और परोपकार जैसे मानवीय मूल्य का विकास करना होता है।
- ऊपर दिए गए संपूर्ण उद्देश्य का निर्धारण करने के बाद ही इनकी पूर्ति के लिए NCF-2005 को लागू किया गया।
NCF-2005 क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर? (FAQs)
Q:- 1. NCF-2005 क्या होता है?
Ans:- 1. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 विद्यालय शिक्षा का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज होता है। यह संपूर्ण शिक्षा को बेहतरीन बनाने तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सहायक होता है।
Q:- 2. एनसीएस की फुल फॉर्म क्या होती है?
Ans:- 1. NCF की फुल फॉर्म National curriculum framework होती है जिसे हिंदी भाषा में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के नाम से जाना जाता है।
Q:- 3. एनसीएफ – 2005 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans:-3. NCF-2005 का मुख्य उद्देश्य बच्चों में सर्वांगीण विकास व राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना होता है।
Q:- 4. NCF-2005 की विशेषता क्या है?
Ans:- 4. NCF-2005 की विभिन्न विशेषता है। NCf-2005 मुख्य तौर पर बिना बिना की शिक्षा पर बल देता है। यदि आप यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हमारे द्वारा लेख में आपको इसकी संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक बताई गई है।
Q:- 5. NCF-2005 के तहत शिक्षा कैसी होनी चाहिए?
Ans:- 5. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के तहत शिक्षा पाठ्यक्रम व शिक्षक केंद्रित ना होकर छात्र केंद्रित होनी चाहिए। ताकि छात्रों पर अधिक ध्यान दिया जा सके और छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
Q:- 6. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के तहत प्रारंभिक शिक्षा किस प्रकार दी जानी चाहिए?
Ans:- 6. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के तहत प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए। ताकि भाषाई समस्या का समाधान हो सके और बच्चे बिना किसी परेशानी के पढ़ाई में रुचि लें सकें।
Q:- 7. NCF-2005 की आवश्यकता क्यों पड़ी?
Ans:-7. NCF-2005 की आवश्यकता मुख्य तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में उपस्थित समस्या का समाधान करने हेतु पड़ती है क्योंकि शिक्षा में समय-समय पर बदलाव होना बेहद आवश्यक है। ताकि बच्चों को नई दिशा में नई शिक्षा प्राप्त हो सके।
निष्कर्ष (Conclusion):- हमारे द्वारा आप सभी को अपनी इस ब्लॉग पोस्ट की सहायता से NCF-2005 kya hota hai? NCF-2005 ka uddeshya? आदि के बारे में बताया गया है यदि आप सब लोग इस विषय से संबंधित जानकारी को हासिल करते हैं तो यह है आपको इससे संबंधित बहुत ही जानकारी प्रदान करता है साथ ही साथ इस विषय से शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी बहुत से प्रश्न पूछे जाते हैं हम उम्मीद करते हैं कि इस जानकारी को प्राप्त करने के बाद आप अपनी परीक्षाओं में बहुत अच्छा योगदान दे सकेंगे यदि आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइए साथ ही इस लेख को सभी जरूरतमंद दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें