नवजात शिशु को कैसे नहलाएं? | बच्चे को नहलाने का सही तरीका | New Born Baby Ko Kaise Nahlaye

नवजात बच्चे के जन्म लेने के पश्चात उसका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है। बच्चे की साफ सफाई का ध्यान रखना माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। बच्चे को साफ सुथरा रखने से बच्चे को बीमारियां कम लगती हैं। और वह सभी को पसंद आता है। सब उसे बार-बार खिलाने की कोशिश करते हैं। नवजात शिशु को कब नहलाना चाहिए (Babies ko kab nehlaye)जिससे वह स्वस्थ रहें इसके विषय में अक्सर जानकारी की कमी होती है।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको नवजात शिशु को कैसे नह लाएं (Babies ko kaise nehlaye) इसके विषय में जानकारी प्रदान करेंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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नवजात शिशु को नहलाना क्यों जरूरी है?

नवजात शिशु को नहलाने इसलिए जरूरी है (Babies ko nehlane ki need) क्योंकि नहाने से बच्चे के शरीर की गंदगी साफ होती है। और वह स्वस्थ बना रहता है नवजात शिशु की त्वचा कोमल होती है इसलिए उसे नहलाना थोड़ा जटिल है। नवजात शिशु को नहलाने के कुछ कारण नीचे स्पष्ट किए गए हैं।

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बैक्टीरिया दूर करें :

नवजात शिशु को नहलाने से शरीर पर जितने भी व्यक्ति है और वायरस है। वह दूर हो जाते हैं और शिशु स्वस्थ बना रहता है।

नया एहसास :

नवजात बच्चे को नहलाने से बच्चे को सफाई के साथ एक नया एहसास प्रतीत होता है। इससे बच्चा अपने आपको तरोताजा महसूस करता है।

मधुर संबंध बनाने के लिए :

जब माता-पिता बच्चे को हल्के हल्के हाथों से नहीं लाते हैं। और उससे प्यार करते हैं तो माता पिता और बच्चे के बीच एक बहुत प्रेम भरा मधुर संबंध बन जाता है।

तनाव से राहत :

नहाने के पश्चात बच्चे को तनाव से राहत मिलती है। बच्चा बिल्कुल खुला खुला महसूस करता है।

नींद में सहायक :

नहाने के बाद बच्चा एक अच्छी नींद ले सकता है। एक शोध के माध्यम से भी यह पता चला है कि नहाने के बाद शरीर में नींद की गुणवत्ता बढ़ जाती है। इंसान एक गहरी नींद में सो सकता है।

नवजात शिशु को नहलाना कब शुरू करें? | Navjat Shishu Ko Kab Nahlaye?

नवजात शिशु को नहलाना कब शुरू (Babies ko nehlane ki shuruaat)करना चाहिए। इसके बारे में डॉक्टर ने स्पष्ट जानकारी दी है। नवजात शिशु को जन्म के 12 से 24 घंटे के बाद में लाना चाहिए। क्योंकि 12 से 24 घंटे के बाद बच्चे की गर्भनाल यानी अंबिलिकल कॉर्ड पूरी तरीके से सूख जाती है और सूखकर गिर जाती है।

जब अंबिलिकल कॉर्ड पूरी तरीके से निकल जाए तभी बच्चे को नहलाना चाहिए। यदि बच्चे को जन्म के तुरंत बाद ही नए ला दिया जाता है तो उसे स्तनपान की ललक लगने लगती है। इसलिए बच्चे को जन्म के तुरंत बाद नहीं नहलाना चाहिए। बच्चे को नहलाते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

  • नवजात बच्चे को उस समय में नहलाना चाहिए जब आप बिल्कुल पूरी तरह फ्री हो और बच्चा भी पूरी तरह फ्री हो । ऐसा करने से आप अपना पूरा ध्यान बच्चे पर केंद्रित कर पाएंगे और उसे अच्छे से नहला पाएंगे।
  • यदि सर्दियों के मौसम में आप बच्चे को नहला रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए। कि धूप तेज हो और तापमान सामान्य हो तभी आप बच्चे को नहलाना चाहिए ।

शिशुओं को कितनी बार नहलाना चाहिए?| New Born Baby Ko Kitne Din Me Nahana Chahiye?

डॉक्टरों का ऐसा मानना है (Babies ko week me kitni baar nehalye) कि शिशु को रोज नहीं ना लाना चाहिए। जब तक बच्चे घुटनों के बल चलना शुरू नहीं करते तब तक वह ज्यादा गंदे नहीं होते। इसलिए शिशु को रोज नहीं मैं लाना चाहिए।शिशु को सप्ताह में दो से तीन बार ही नहलाना चाहिए। शिशु को नहलाना मौसम पर भी निर्भर करता है। यदि गर्मियां है तो आप शिशु को रोज नहीं ला सकते हैं। परंतु यदि ठंड या बरसात का मौसम है तो शिशु को सकते में सिर्फ दो या तीन बार ही नहलाना चाहिए।

नवजात शिशु को नहलाने से पहले की तैयारी

नवजात बच्चे को नहलाना (Babies ko nehlane se pehle taiyaari)एक बहुत नया कार्य होता है और एक बहुत जिम्मेदारी भरा कार्य होता है। शिशु को नहलाने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए क्योंकि शिशु को पानी के पास अकेले छोड़ना खतरे से खाली नहीं होता। नहलाने से पहले क्या-क्या तैयारी करनी चाहिए इसके विषय में हमने आपको जानकारी प्रदान की है।

1.बेबी शॉप शैंपू और तोलिया बिल्कुल अपने पास में ही लाकर रखनी चाहिए। जिससे आप आसानी से उसे ले सकें।

2. बच्चे की नाजुक अंगों की सफाई के लिए या तो कॉटन का इस्तेमाल करना चाहिए। या वॉशक्लॉथ का इस्तेमाल करना चाहिए।

3. नहाने के बाद काम आने वाले सामानों को भी एक जगह एकत्रित कर लेना चाहिए। जैसे बच्चे के डायपर और सूखे कपड़ों को भी एक जगह रख लेना चाहिए।

4. बच्चे को खिलाने के लिए या उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए आप बच्चे के बाथ टैब में कुछ रंग बिरंगे खिलौने भी रख सकते हैं।

5. यदि आपके बच्चे की आदत में नहाने के बाद तुरंत दूध की मांग करना है। तो आप अपने बच्चे का दूध भी नहाने से पहले ही तैयार करके रख देना चाहिए।

पानी कितना गर्म होना चाहिए?

शिशु को नहलाने से पहले शिशु (Babies ko nehlane ke liye pani ka temeperature) को आप कौन से पानी से नहलाना चाहते हैं। इसके विषय में भी जानकारी प्राप्त कर लें किसी को ना तो ज्यादा गर्म पानी से नहाना चाहिए और ना ही ज्यादा ठंडे पानी से नहाना चाहिए। शिशु को बिल्कुल हल्के गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए। यदि आप गीजर से पानी गर्म कर रहे हैं तो गीजर का तापमान 120 डिग्री फारेनहाइट पर सेट करना चाहिए शिशु को नहलाने से पहले अपने हाथ से पानी कुछ अच्छे से चेक कर लेना चाहिए। क्योंकि शिशु की त्वचा नाजुक होती है और ज्यादा ठंडी या गर्म पानी से उसे नुकसान पहुंच सकता है।

अपने नवजात शिशु को कहां नहलाएं?

अपने नवजात शिशु को आप (Babies ko kha nehlaye) कहां ले ला सकते हैं। उसके लिए नीचे दी गई बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

  • बच्चे को नहलाने के लिए ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जहां पर ज्यादा फिसलं ना हो।
  • यदि आप बच्चे को बाथरूम में नहलाना जा रही है तो बाथरूम को चेक कर लेना चाहिए कि बाथरूम ज्यादा गिला तो नहीं है। यदि बात रंगीला है तो उसे बाय पर से सूखा कर लेना चाहिए।
  • ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आप शिशु को बाथरूम में ही महिलाएं घर में किसी भी स्थान पर आप टब लेकर बच्चे को नहला सकते हैं।
  • इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जहां आप शिशु को नहला रहे हैं। उस कमरे का तापमान बिल्कुल सामान्य रहना चाहिए।
  • शिशु को नहलाने के लिए बिल्कुल समतल स्थान का चुनाव करना चाहिए। नहलाने वाला स्थान ऊंचा नीचा ना हो।

नवजात शिशु को कैसे नहलाएं? | Newborn Baby Ko Kaise Nahlaye

नवजात बच्चे के अंग बिल्कुल नाजुक होते (Babies ko kaise nehlaye) हैं इसलिए उन्हें संभाल पाना बहुत मुश्किल होता है। नह लाते समय हाथ में शैंपू यह साबुन और फिसलन ला देते हैं।

इसलिए माता पिता अपने बच्चे को नहलाने की जगह किसी नरस या अनुभवी व्यक्ति के हाथ में यह काम सौंप देते हैं। परंतु आप अपने बच्चे को खुद भी नहीं ला सकते हैं। इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना आवश्यक है जिन के विषय में नीचे जानकारी दी गई है।

नवजात शिशु को स्पंज बाथ

नवजात बच्चे को पहले सप्ताह में नहलाने के लिए स्पंज बाथ एक बहुत अच्छा तरीका है। स्पंज बाथ का सही इस्तेमाल करने से बच्चे को आसानी से नहीं लाया जाता है। यह बच्चे के लिए फायदेमंद होता है स्पंज बाद में कॉटन को या गीले कपड़े को पानी में भिगोकर शरीर को अच्छी तरीके से पहुंच दिया जाता है।

 इससे बच्चे की गर्भनाल भी नहीं भीगती और वह आसानी से ठीक होने में मदद करती है। स्पंज बाथ कैसे दी जा सकती है इसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है.

जरूरी सामान –

बिछाने के लिए एक मुलायम कपड़ा, बेबी सोप, पोंछने के लिए एक मुलायम कपड़ा, सूखा तौलिया, गुनगुना पानी, डायपर, शिशु के साफ कपड़े, बेबी लोशन और पाउडर।

इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शिशु के जन्म के पहले हफ्ते में साबुन का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

 स्टेप 1 – शिशु को किसी समतल स्थान पर कोई मुलायम कपड़ा बिछाकर लेटा लेना चाहिए। और अपने पास में आपको गुनगुना पानी रख लेना चाहिए।

स्टेप 2 – अब आपको एक नरम कपड़ा लेना है और उस कपड़े को गुनगुने पानी में भिगोकर उसे अच्छे से निचोड़ लेना है।

 इसी मुलायम कपड़े को बच्चे के पूरे शरीर पर हल्के हाथों से पूछना है जैसे कि उसके टांगो जांघों पर हाथ आदि स्थानों पर अच्छे से सफाई करनी है।

स्टेप 3 – शिशु के जननांग नाक कान और आंखों को ध्यान से साफ करना चाहिए। यह नाजुक अंग होते हैं इनकी साफ-सफाई आवश्यक है।

स्टेप 4 – शिशु के शरीर को साफ और सूखे तौलिए से साफ कर देना चाहिए। तोलिया भी ऐसा इस्तेमाल करना चाहिए जो बिल्कुल मुलायम हो तोलिया से साफ करने के पश्चात शिशु के

पूरे शरीर को मोस्ट चराइजर्ड क्रीम से मस्टराइज करना चाहिए जिससे उसके शरीर पर रूखापन ना रहे।

स्टेप 5 – नवजात शिशु को डायपर और सूखे कपड़े पहनाकर मौसम के अनुसार तापमान को सामान्य करने का प्रयास करना चाहिए।

नवजात शिशु को टब में नहलाना

1 सप्ताह होने के पश्चात शिशु को टर्न मैंने लाया जा सकता है। तब मैंने लाने के लिए क्या-क्या चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए इसके विषय में नीचे बताया गया है।

जरूरी सामान –  नहाने के लिए टब के अतिरिक्त सब कुछ स्पंज बाथ के समान ही रहेगा। गरम पानी स्पंज बाथ के मुकाबले अधिक होना चाहिये।

स्टेप 1 – सबसे पहले एक टब में गुनगुने पानी को भर लेना चाहिए जिसका तापमान बिल्कुल शिशु की त्वचा के अनुसार सामान्य हो अब शिशु के कपड़े निकाल कर उसे टब में उसके सीने तक भिगोना चाहिए।

 शिशु के सिर को पानी मैं नहीं डूब आना चाहिए।

स्टेप 2 – एक हास्य शिशु के शरीर को सहारा देना चाहिए और दूसरे हाथ से शिशु के शरीर पर पानी डालना चाहिए।

स्टेप 3 – शिशु के शरीर पर साबुन लगाना चाहिए और शिशु के शरीर को अच्छे से साफ करना चाहिए।

स्टेप 4- शिशु को साफ पानी से नहाना चाहिए और फिर एक मुलायम तौलिए से उसके शरीर को पूछ कर  लपेट देना चाहिए।

स्टेप 5 – शिशु के शरीर पर अच्छे से साफ करने के बाद पाउडर या लोशन लगा देना चाहिए। और उसे डायपर और साफ कपड़े पहना कर उसके शरीर को तापमान को सामान्य करने का प्रयास करना चाहिए।

शिशु के चेहरे को कब और कैसे धोना चाहिए?

शिशु के चेहरे को धोना (Babies ke face ko kaise dhulen) एक सबसे जटिल काम होता है। शिशु के चेहरे को आप साफ पानी से हल्के हाथों से धो सकते हैं.  यदि शिशु के चेहरे पर कोई सूखी चीज लगी है तो आप उसे रगड़ कर साफ़ ना करें क्योंकि शिशु की त्वचा मुलायम होती है इससे उसे नुकसान पहुंच सकता है। आप शिशु के कान या आंखों को भी कभी हाथों से साफ नहीं करना चाहिए। कान या आंख को साफ करने के लिए हमेशा कॉटन का इस्तेमाल करना चाहिए।

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1. नहलाने के पश्चात शिशु को हमेशा ऐसे स्थान पर लेट आना चाहिए। जहां से वह गिर ना सके और बिल्कुल आराम से लेटा रहे हैं।

2. शिशु के शरीर को पहुंचने के लिए मुलायम तौलिया का इस्तेमाल करना चाहिए। शिशु की त्वचा को रगड़ना नहीं चाहिए। इससे उसकी त्वचा पर मैसेज पढ़ सकते हैं क्योंकि शिशु की त्वचा बहुत मुलायम होती है।

3. शिशु के जनन अंगों के आसपास यह चेक करते रहना चाहिए कि कहीं बच्चे को एलर्जी तो नहीं हो रही डायपर की वजह से अक्सर बच्चे को इस स्थान पर एलर्जी होने लगती है।

4. डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी तरीके की एंटीफंगल या एंटीबैक्टीरियल क्रीम का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

5. बगल कान के पीछे या कमर के हिस्सों को रोज अच्छी तरीके से साफ करना चाहिए। इन स्थानों पर मेल जगह जमा होने की संभावना ज्यादा रहती है।

6. शिशु की मुट्ठी को आराम से खोलकर साफ करते रहना चाहिए।

बच्चे को नहलाते समय इन बातों को ध्यान में रखें

  • शिशु को टब मैं  नहलाते समय यह बात सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। किताब कहीं से भी टूटा फूटा या उसके अंदर से कोई भी नुकीली चीज नहीं निकल रही है।
  • इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि टब समतल सदा पर रखा होना चाहिए। जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना ना हो।
  • पानी में कभी भी बच्चे को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। पानी से बच्चे को बहुत अधिक खतरा होता है और इससे दुर्घटनाएं भी बहुत ज्यादा होती हैं।
  • फिसलने से बचने के लिए नहाने वाले स्थान पर मैट बिछा लेनी चाहिए।
  • नवजात शिशु के सिर से कभी पानी नहीं डालना चाहिए या उसे नल के नीचे कभी नहीं नहलाना चाहिए।
  • पहले शिशु के शरीर को मग से गिला करना चाहिए एक साथ पानी डालने से सांस के माध्यम से उसके शरीर में पानी घुसने की आशंका रहती है।
  • नवजात बच्चे को नहलाने का काम कभी भी बच्चों को नहीं सौपना चाहिए।
  • नह लाते  समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का पेट बिल्कुल खाली ना हो और ना ही ज्यादा भरा हो। क्योंकि यदि बच्चा भूखा होता है तो वह ज्यादा रोता है।
  • यदि नहीं लाते समय आपके घर की घंटी बजे या किसी का कॉल आ जाए तो आप उसे बाथरूम में छोड़कर ना जाएं। बल्कि शिशु को तौलिए में लपेटकर अपने साथ ही लेकर जाएं।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. नहाने से शिशु को क्या-क्या फायदे होते हैं?

नहाने से नवजात शिशु के शरीर की गंदगी साफ होती है। उसे एक नया एहसास होता है और बच्चे को अच्छी नींद आती है।

Q. जन्म के पहले हफ्ते में बच्चे को कौन सी बाथ देनी चाहिए?

जन्म के पहले हफ्ते में बच्चे को स्पंज बाथ देनी चाहिए इससे बच्चे की अंबिलिकल कॉर्ड ठीक होने में मदद मिलती हैं।

Q. बच्चे को हमेशा कैसे पानी से नहलाना चाहिए?

बच्चे को हमेशा गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए। गुनगुना पानी नहाते समय चेक करते रहना चाहिए कि यह बच्चे की त्वचा के लिए सूटेबल है या नहीं।

Q. नवजात शिशु को सप्ताह में कितनी बार नहलाना चाहिए?

नवजात शिशु को सप्ताह में दो से तीन बार ही नहलाना चाहिए।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको नवजात शिशु को कैसे नहलाएं (New Born Baby Ko Kaise Nahlaye) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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