नवजात शिशु को मिलने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्यान (Newborn baby ko milne se pehle savdhani) 

अक्सर हमारे जीवन में ऐसे समय आते हैं जब हम एक न्यूबॉर्न बेबी यानी कि नवजात बच्चे से मिलने जाते हैं। नवजात बच्चे को मिलने की एक अलग ही खुशी है जिसके कारण हम बहुत सारी सावधानियां जो हमें बरतनी चाहिए वह नहीं बदल पाए। परंतु नवजात बच्चे बहुत ही कोमल होते हैं उनके आसपास रहने के लिए बहुत ही सावधानी बरतनी पड़ती है। नवजात शिशु को मिलने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (Newborn baby ko milne se pehle kya savdhani barte) अक्सर हमें इस बात की जानकारी नहीं होती। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको नवजात शिशु को मिलने से पहले क्या टिप्स (Newborn baby ko milne se pehle savdhani)अपनाना चाहिए। इसके विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पड़ें। 

नवजात शिशु को मिलने से पहले सावधानी

नवजात शिशु को मिलने से(Newborn baby ko milne se pehle tips) पहले क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। उसके विषय में जानकारी दी गई है यह सावधानियां इसलिए आवश्यक होती हैं क्योंकि नवजात बच्चा बहुत ही कोमल होता है। 

नवजात शिशु को मिलने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्यान (Newborn baby ko milne se pehle savdhani) 

उसका इम्यून सिस्टम बहुत ही कमजोर होता है यदि वह किसी वाइरस या बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाता है। तो वह तुरंत बीमार पड़ सकता है इसलिए इन सावधानियां को वरना बहुत जरूरी है। जिन्हें भारत कर आप मिलने वाले नवजात बच्चे को बिल्कुल सुरक्षित बनाकर रख सकते हैं। 

1.जाने से पहले कॉल करें :

कई बार ऐसा होता है कि हम नवजात बच्चे से मिलने बिना किसी इनफॉरमेशन को दिए हुए ही चले जाते हैं। और पहुंचकर हमें पता चलता है कि बच्चा बीमार है या किसी ऐसी स्थिति में है। 

जिसके कारण में आपको एंटरटेन नहीं कर सकता इसलिए जाने से पहले ही कॉल करके पूछ लेना चाहिए कि मिलने का सही समय क्या होगा। इस बात की भी जानकारी लेनी चाहिए कि बच्चे की तबीयत बिल्कुल ठीक है या नहीं। और वह गेस्ट के साथ खेल सकता है। 

यदि बच्चा बीमार है तो कभी भी बच्चे से मिलने नहीं जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से बच्चों के माता-पिता को भी समस्या होती है। और बच्चा भी और सहज महसूस करने लगता है। जब बच्चा पूरी तरीके से स्वस्थ हो आपके साथ खेलने की स्थिति में हो तभी आप उससे मिलने जा सकते हैं। 

2.Cleanliness का ध्‍यान रखें :

यदि आप नवजात बच्चे से मिलने जा रहे हैं तो यह सबसे जरूरी बात है। कि आप उसके सामने सफाई का बहुत ध्यान रखें बच्चों को मिलने से पहले अपने हाथों को एंटीबैक्टीरियल सॉप से अवश्य धुलने इसके अलावा सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। 

उसके बाद ही बच्चे को छूना चाहिए ऐसा करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही कमजोर होती है। यदि आपके हाथों के द्वारा बच्चा किसी भी संक्रमण का शिकार हो जाता है तो उसका बीमार पड़ने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। 

इसलिए आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे से बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े कई बार ऐसा होता है। कि कुछ लोग जाते ही बच्चों के चेहरे को या उसके फोटो को छूने लगते हैं। 

ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए ऐसा करने से आपके हाथों पर लगे बैक्टीरिया या गंदगी बच्चों के मुंह में जाकर उसे बीमार कर सकते हैं। बच्चे को सिर्फ गोद में उठाकर खिलाना चाहिए। 

3.धीरे बात करें :

कई बार नवजात शिशु से मिलने की खुशी में कुछ लोग भूल जाते हैं कि शिशु को सुलाना कितना मुश्किल होता है। जिसके कारण उसकी मां भी कितनी परेशानी का सामना करती है। इसलिए शिशु से मिलते ही आप सीखने चलाने या ताली बजाने लगते हैं। 

ऐसा नहीं करना चाहिए यदि आप नवजात बच्चे के पास जा रहे हैं तो बिल्कुल धीमी आवाज में बात करनी चाहिए ऐसा हो सकता है कि बच्चा तुरंत ही सोया हो या फिर उसकी मां भी तुरंत ही अपने बच्चों को सुला कर सोई हो। 

यदि आप तेज तेज बात करते हैं तो आप मां और बच्चे दोनों को अनकंफरटेबल महसूस कर सकते हैं। इसलिए नवजात शिशु से मिलने पर हमेशा धीरे बात करनी चाहिए। 

एक छोटे बच्चों को पालना एक मां के लिए बिल्कुल नया एक्सपीरियंस होता है और वह ऐसा करने में थोड़ी परेशानी का सामना करती है। इसलिए मेहमान को जाकर उनकी परेशानी और नहीं बढ़ानी चाहिए। 

4.उपयोगी उपहार लेकर जाएं :

कुछ लोग नवजात बच्चे से पहली बार मिलने जाते हैं तो उन्हें फूल लेकर जाते हैं। बल्कि ऐसा नहीं करना चाहिए हमेशा बच्चों को गिफ्ट के रूप में देने के लिए किसी ऐसे सामान का इस्तेमाल करना चाहिए। जो माता के लिए और उनके बच्चे के लिए उपयोगी हो यदि आप फूल लेकर जाएंगे। 

तो वह माता और बच्चे के लिए बिल्कुल अन उपयोगी साबित होंगे फूलों के स्थान पर आप बच्चों के लिए पाउडर बेड बाईपास या डायपर्स ले जा सकते हैं। जिसका इस्तेमाल माता अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए कर सकती है। 

इसके अलावा आप माता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके लिए किसी स्वास्थ्यवर्धक चीजों को उपहार में दे सकते हैं। जैसे कि उन्हें ड्राई फ्रूट्स उपहार में देख सकते हैं क्योंकि एक बच्चे को जन्म देने के बाद माता के शरीर में बहुत कमजोरी महसूस होती है। और उन्हें बहुत सारे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है ऐसा करने से उपयोग में ले सकते हैं। 

5.हेल्प के लिए बोले :

जब कोई औरत पहली बार मां बनती है तब उसे ना तो बच्चे पालने का अंदाज होता है और ना ही उन्हें यह ज्ञान होता है। कि वह अपने बच्चों की देखभाल कैसे कर सकते हैं। किसी नवजात बच्चे की जन्म के पश्चात उसे बच्चों की मां के हाथ हमेशा अपने बच्चों की देखभाल में लगे रहते हैं। 

यह एक मन ही समझ सकती है कि उसे अपने बच्चों की देखभाल के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है। आप ऐसी महिला की हेल्प कर सकती हैं। आप उनके बच्चे को गोद में उठाकर खिला सकते हैं या उनके डायपर बदल सकते हैं। 

आप उनके लिए किसी और हेल्प के लिए भी पूछ सकते हैं यदि आप ऐसा करते हैं। तो यह महिला के अंदर एक अच्छा जेस्चर माना जाता है और उसे खुशी महसूस होती है कि कोई आपके विषय में भी सोचता है। 

6.गर्दन या सिर को सहारा दें :

जब भी आप नवजात बच्चे को गोद में ले तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए। कि नवजात शिशु अपनी गर्दन या सर को संभाल नहीं पाते हैं। इसलिए गोद में लेते समय हमेशा उनके सिर के नीचे हाथ रख कर ही उन्हें गोद में उठाना चाहिए। 

कई बार इस बार का ध्यान नहीं रख पाने के कारण यदि बच्चे को ऐसे ही गोद में उठा लिया जाता है तो उन्हें बहुत सारी परेशानी हो सकती है या बच्चे की गर्दन अकड़ भी सकती है। इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को गोद में उठाएंगे। 

समय हर सावधानी बरतनी चाहिए यदि आप थोड़ी सी भी रखते हैं तो यह बच्चे के लिए बहुत बड़ा खामियाजा हो सकता है इसलिए मिलने वाले व्यक्ति को हर सावधानी का ध्यान रखना चाहिए। 

7.लंबे समय तक ना रुकें :

यदि आप किसी नवजात बच्चे से मिलने जा रहे हैं। तो थोड़े समय के लिए ही जाएं ऐसा नहीं करना चाहिए कि आप बच्चे से पूरे दिन बैठकर बातें कर रहे हैं। ऐसा करने से नवजात को तो दिक्कत होती ही है। 

नवजात शिशु की मां को भी बहुत सारी परेशानी झेलनी पड़ती है। चाहे आपका कितना भी मन करे बच्चों के साथ रहने का परंतु 1 घंटे से ज्यादा आप बच्चों के साथ नहीं रहे यही एक अच्छा जेस्चर माना जाता है। 

बच्चों को भी और उसकी मां को भी आराम की आवश्यकता होती है। इसलिए हमेशा थोड़े समय के लिए बच्चों से मिलने जाए और एक घंटा या डेढ़ घंटा होने के बाद वहां से वापस चले आए। 

8.अवांछित सलाह देने से बचें :

यदि नवजात शिशु की मां आपको ब्रेस्टफीडिंग या बच्चे को पालने के किसी भी तरीके से सवाल आपसे पूछता है तो आपको हमेशा अपने अनुभवों के आधार पर माता को सही उत्तर ही बताने चाहिए। 

क्योंकि यदि आप नवजात शिशु की मां को गलत उत्तर बताते हैं या उन्हें कुछ भी बता देते हैं और वह उसे फॉलो करने लगती है तो माता को और उनके बच्चे को दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

इसलिए हमेशा अपने एक्सपीरियंस इसके बेस पर ही माता को कुछ सलाह देनी चाहिए। यदि आपको उसे विषय में कोई भी जानकारी नहीं है तो आप उनसे साफ मना कर सकते हैं। कि आपको उसे विषय में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। 

परंतु किसी भी व्यक्ति को गलत उत्तर देना उसके लिए बहुत परेशानी में डाल सकता है। आप उन्हें यह सलाह दे सकती हैं कि वह किसी अच्छी किताब पढ़ कर इन सारे सवालों के उत्तर जान सकती हैं। 

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर(FAQ) 

Q. नवजात शिशु के पास जाते समय सावधानियां क्यों बरतनी चाहिए? 

नवजात शिशु का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है और वह जल्दी बीमारियों का शिकार होते हैं इसलिए सावधानियां बरतनी चाहिए। 

Q. नवजात बच्चे के पास धीरे-धीरे बात क्यों करनी चाहिए? 

नवजात बच्चे के पास धीरे-धीरे बात इसलिए करनी चाहिए क्योंकि यदि वह नींद में है तो वह जाग सकता है। 

Q. नवजात बच्चे को आप गिफ्ट के रूप में क्या दे सकते हैं? 

नवजात बच्चे को आप गिफ्ट के रूप में कपड़े डायपर आदि चीज दे सकते हैं जो इस्तेमाल में लाई जा सके। 

Q. नवजात बच्चे से मिनिमम कितने समय में मिलकर आ जाना चाहिए? 

नवजात बच्चे से मिनिमम 1 घंटे में मिलकर आ जाना चाहिए। 

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको नवजात शिशु को मिलने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्यान देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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